मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम ही नहीं, CM पद के ये दावेदार बचा पाएंगे साख? पढ़िए 10 विधानसभा सीटों का सियासी समीकरण

November 24, 2023

 मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम ही नहीं, CM पद के ये दावेदार बचा पाएंगे साख? पढ़िए 10 विधानसभा सीटों का सियासी समीकरण





Rajasthan assembly election 2023 voting राजस्‍थान में आज यानी 25 नवंबर को विधानसभा की 199 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और सचिन पायलट समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है। यहां पढ़िए राजस्थान विधानसभा चुनाव की वो हॉट सीट जिन पर कांटे का मुकाबला है...

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्‍थान में आज यानी 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। करणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी की मौत के बाद अब 199 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिसमें 1,863 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और सचिन पायलट समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है।

यहां पढ़िए, राजस्थान विधानसभा चुनाव की वो हॉट सीट, जिन पर कांटे का मुकाबला है...

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, 25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर पांच करोड़ 25 लाख 38 हजार 105 मतदाता 1,863 उम्‍मीदवारों की किस्‍मत का फैसला करेंगे।
सरदारपुर: गहलोत के सामने हैं BJP के राठौड़

सरदारपुर विधानसभा सीट राजस्थान की राजनीति में 'जादूगर' कहे जाने वाले कांग्रेसी नेता और मौजूदा सीएम अशोक गहलोत गढ़ माना जाता है। गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं और पांचवी फिर से इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं। वह तीन बार इस सीट से जीतकर मुख्यमंत्री बने हैं।



सीएम अशोक गहलोत को टक्‍कर देने के लिए भाजपा ने अपने दिग्गज नेता डॉ. महेंद्र राठौड़ को चुनावी जंग में उतारा है। बता दें कि राठौड़ जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस सरकार बनने के बाद उन्होंने रिजाइन कर दिया था।
झालरापाटन: वसुंधरा राजे के गढ़ में हैं राम लाल

राजस्‍थान की झालरापाटन विधानसभा एक बेहद चर्चित सीट है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की यह पारंपरिक सीट है। वसुंधरा इस बार भी झालरापाटन से ही चुनाव लड़ रहीं हैं। कांग्रेस ने उनके सामने राम लाल चौहान को मैदान में उतारा है।


टोंक: पायलट VS मेहता

टोंक विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता सचिन पायलट मैदान में हैं। पिछले चुनाव में भी सचिन पायलट इस सीट से बड़े अंतर से जीते थे। भाजपा ने सचिन पायलट के सामने तीन बार विधायक रह चुके अजीत मेहता को मैदान में उतारा है। अजीत साल 2013 में पहली बार विधायक बने।


झोटवाड़ा: मोदी के मंत्री के सामने छात्र नेता

राजधानी जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा की ओर से झोटवाड़ा से दो बार के सांसद और मोदी के मंत्री रह चुके राज्यवर्धन सिंह राठौड़ चुनावी मैदान में हैं तो उनके खिलाफ कांग्रेस ने राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेता रहे अभिषेक चौधरी को टिकट दिया है।

वहीं निर्दलीय प्रत्याशी आशु सिंह सुरपुरा भी मैदान में हैं, जो इस पर सीट पर खासा लोकप्रिय हैं। बताया जा रहा है कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मुख्‍यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं।


विद्याधर नगर: दीया कुमारी के सामने हैं कांग्रेस के सीताराम

जयपुर की विद्याधर नगर सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। इस सीट से भाजपा ने जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा है। दीया राजसमंद से सांसद हैं और सवाई माधोपुर से विधायक रह चुकी हैं। राजकुमारी दीया महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं।

कांग्रेस ने दीया के सामने सीताराम अग्रवाल को टिकट दिया है। सीताराम पिछले चुनाव में महज 31 वोटों से हार गए थे। दीया कुमारी के बारे में कहा जा रहा है कि अगर भाजपा चुनाव जीती तो जयपुर की यह राजकुमारी राजस्‍थान की रानी बन सकती है।


नाथद्वारा: कांग्रेस के गढ़ में महाराणा के वंशज

नाथद्वारा सीट कांग्रेसी नेता डॉ. सीपी जोशी का गढ़ माना जाता है। जोशी यहां से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। वह केंद्र और राज्‍य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार भी डॉ. सीपी जोशी इसी सीट से मैदान में हैं।

कांग्रेस का किला ढहाने के लिए इस सीट पर भाजपा ने विश्वराज सिंह को मैदान में उतारा है। विश्वराज सिंह महाराणा प्रताप के वंशज और पूर्व राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे हैं।


तारानगर: कांग्रेसी 'सरपंच' VS विधानसभा में विपक्ष के नेता

तारानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पांच बार सांसद और दो बार के विधायक रहे नरेंद्र बुडानिया को मैदान में उतारा है। नरेंद्र सरपंच भी रह चुके हैं। पिछली बार उन्होंने भाजपा के राकेश जांगिड़ को हराया था।

इस साल इस सीट से नरेंद्र बुडानिया को टक्‍कर देने के लिए भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को चुनावी मैदान में उतारा है। राजेंद्र राठौड़ ने छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखा था।1990 में पहला चुनाव जीते थे, तब अब तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं।



लक्ष्मणगढ़: कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष VS भाजपा सांसद

लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चुनाव लड़ रहे हैं। वह लगातार दो बार यहां से विधायक रह चुके हैं। ग्राम प्रधान से राजनीतिक करियर की शुरुआत करके कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के पद तक पहुंचे हैं।

गोविंद सिंह डोटासरा के सामने भाजपा ने सुभाष महरिया को चुनावी मैदान में उतारा है। सुभाष महरिया सीकर से तीन बार सांसद रह चुके हैं।




कोटा उत्तर: गहलोत और वसुंधरा के करीबी आमने-सामने

कोटा उत्तर विधानसभा सीट इस बार खासा चर्चा में है। दरअसल, इस सीट से राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भरोसेमंद माने जाने दो नेता एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं।

कांग्रेस ने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल को ही फिर से मैदान में उतारा है तो भाजपा ने वसुंधरा राजे के करीबी प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है। बता दें कि इस सीट पर साल 1993 से भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से जीतती आ रही है।


शिव: इस सीट पर है त्रिकोणीय मुकाबला

बाड़मेर जिले के तहत आने वाले शिव विधानसभा सीट पर भी इस बार मुकाबला बेहद रोचक है। इस सीट पर भाजपा ने पार्टी के जिलाध्‍यक्ष स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अमीन खान को टिकट दिया है।

छात्र नेता व नौ दिन बाद ही भाजपा से बगावत करने वाले रविंद्र सिंह भाटी भी शिव विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।



देखना है कि अब जनता कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं को चुनेगी या फिर राजनीति में कदम रखने वाले युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी को।

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