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 भारत को पंचायती राज सिस्टम पर गर्व', महिलाओं की भूमिका पर UN में रुचिरा कंबोज ने की जमकर तारीफ

भारत को पंचायती राज सिस्टम पर गर्व', महिलाओं की भूमिका पर UN में रुचिरा कंबोज ने की जमकर तारीफ

May 04, 2024 Add Comment

 भारत को पंचायती राज सिस्टम पर गर्व', महिलाओं की भूमिका पर UN में रुचिरा कंबोज ने की जमकर तारीफ


संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के नेतृत्व में हुई उल्लेखनीय प्रगति की जमकर तारीफ की।कंबोज ने जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण के परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो ग्राम सभा के माध्यम से पंचायत के सभी निवासियों की सक्रिय भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।



 संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के नेतृत्व में हुई उल्लेखनीय प्रगति की जमकर तारीफ की। यूएन में भारत के सीपीडी57 साइड इवेंट में कंबोज ने कहा कि भारत ग्रामीण शासन की एक अनूठी प्रणाली पर गर्व करता है जिसे पंचायती राज के नाम से जाना जाता है- जो जमीनी स्तर पर विकेंद्रीकृत शक्ति का प्रतीक है।

पंचायती राज में महिला सशक्तिकरण

कंबोज ने जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण के परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी जोर दिया। इसके अलावा पंचायती राज व्यवस्था की विकेन्द्रीकृत शक्ति संरचना पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो ग्राम सभा के माध्यम से पंचायत के सभी निवासियों की सक्रिय भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।

लैंगिक समानता

लैंगिक समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, कंबोज ने कहा, '1992 में संवैधानिक संशोधन के साथ ही स्थानीय शासन में सभी निर्वाचित भूमिकाओं में से कम से कम एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होना अनिवार्य था। यह संवैधानिक प्रावधान जमीनी स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था।
21 राज्यों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत

कंबोज ने भारत के 21 राज्यों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत तक बढ़ने का भी जश्न मनाया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आज, 3.1 मिलियन से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 1.4 मिलियन से अधिक महिलाएं हैं। महिलाओं की भागीदारी में यह वृद्धि शासन और सामुदायिक विकास में महिलाओं के योगदान को पहचानने और महत्व देने की दिशा में व्यापक सामाजिक बदलाव को दर्शाती है।
महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर क्या बोली कंबोज?

महिला नेताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए, कंबोज ने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता और आजीविका को बढ़ाकर समुदायों में क्रांति लाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। पंचायती राज संस्थानों में महिला नेताओं ने गंभीर सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और अनुभवों का लाभ उठाते हुए, जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, कंबोज ने लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के लिए सहायक कानूनी ढांचे, मजबूत क्षमता निर्माण पहल और सहयोगी भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।
 आतंकी निज्जर के कातिलों का है लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन, कनाडा पुलिस ने जारी की आरोपियों की तस्वीर

आतंकी निज्जर के कातिलों का है लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन, कनाडा पुलिस ने जारी की आरोपियों की तस्वीर

May 04, 2024 Add Comment

 आतंकी निज्जर के कातिलों का है लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन, कनाडा पुलिस ने जारी की आरोपियों की तस्वीर


Hardeep Singh Nijjar killing खालिस्तानी समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में तीन लोगों को कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन तीन हत्यारों को लेकर कनाडा पुलिस ने अहम जानकारी दी है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान करनप्रीत सिंह कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ के रूप में हुई है। ये पंजाब और हरियाणा के नागरिक बताए जा रहे हैं।

Hardeep Singh Nijjar killing। खालिस्तानी समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में तीन लोगों को कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कनाडा पुलिस ने तीन आरोपियों की तस्वीर साझा की है। इसके अलावा पुलिस ने उस कार की तस्वीर भी साझा की है, जिसका इस्तेमाल इन आरोपियों ने निज्जर की हत्या करने से ठीक पहले की थी।
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। हरदीप सिंह निज्जर की जून, 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के निकट हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने निज्जर की हत्या के लिए भारत की एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडा के दावों को बेबुनियाद बताया था।


कनाडा पुलिस ने आरोपियो से जुड़े 5 बड़े खुलासे किए।


1- गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान करनप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ के रूप में हुई है। ये पंजाब और हरियाणा के नागरिक बताए जा रहे हैं।

2- सभी वर्ष 2021 में टेंपरेरी और स्टूडेंट वीजा पर कनाडा आए थे लेकिन इनमें से किसी ने भी वहां पढ़ाई के लिए दाखिला नहीं लिया था।

3- ये सभी आरोपितों का संबंध लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से बताया जा रहा है। तीनों को अलबर्टा के एडमोंटन में गिरफ्तार किया गया।

4- कनाडा के एक अखबार ने कनाडाई पुलिस के हवाले से दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपी लॉरेंश बिश्नोई गिरोह के संपर्क में थे।

5- कनाडा पुलिस ने हत्या के पीछे के मकसद को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों ने भारत से किसी भी संबंध का कोई सबूत नहीं दिया है। तीनों संदिग्ध गैर-स्थायी निवासी परमिट पर कनाडा में रह रहे थे
पिछले साल हुई थी हत्या

बता दें कि भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। हरदीप सिंह निज्जर की जून, 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के निकट हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने निज्जर की हत्या के लिए भारत की एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडा के दावों को बेबुनियाद बताया था।
निज्जर पर 10 लाख का था ईनाम

जुलाई, 2022 में भारतीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने जालंधर में एक हिन्दू पुजारी की हत्या के केस में हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया था। वहीं, निज्जर पर साल 2007 में पंजाब के एक सिनेमाघर में हुए बम विस्फोट का भी आरोप था।
 UN में पाकिस्‍तान ने फिर मुंह की खाई, भारत ने दिया करारा जवाब; पड़ोसी देश ने की थी यह टिप्पणी

UN में पाकिस्‍तान ने फिर मुंह की खाई, भारत ने दिया करारा जवाब; पड़ोसी देश ने की थी यह टिप्पणी

May 03, 2024 Add Comment

 UN में पाकिस्‍तान ने फिर मुंह की खाई, भारत ने दिया करारा जवाब; पड़ोसी देश ने की थी यह टिप्पणी


संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए भारत ने कहा कि इस्लामाबाद सभी पहलुओं में सबसे संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड रखता है। इसके पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने भारत को लेकर टिप्पणी की थी। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कश्मीर भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय मुसलमानों का जिक्र किया था।


संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए भारत ने कहा कि इस्लामाबाद सभी पहलुओं में सबसे संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड रखता है। इसके पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने भारत को लेकर टिप्पणी की थी।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कश्मीर, भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय मुसलमानों का जिक्र किया था, जिसके बाद भारत की यह टिप्‍प्‍णी प्रतिक्र‍िया स्‍वरूप आई।

शांति की संस्कृति पर हुई चर्चा

यूएन जनरल असेम्‍बली की मीटि‍ंग में एजेंडा आइटम 'शांति की संस्कृति' पर अपने संबोधन में रुचिरा कंबोज ने कहा कि शांति की संस्कृति भारत के समृद्ध इतिहास, विविध परंपराओं और गहन दार्शनिक सिद्धांतों में गहराई से समाहित है। उन्होंने अहिंसा के सिद्धांत को शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का आधार बताया।

रुचि‍रा कंबोज ने कहा,

इस सभा में जैसा कि हम इस चुनौतीपूर्ण समय के बीच शांति की संस्कृति विकसित करने का प्रयास करते हैं, हमारा ध्यान रचनात्मक बातचीत पर स्थिर रहता है।

इस प्रकार हमने एक निश्चित प्रतिनिधिमंडल की टिप्पणियों को अलग रखने का फैसला किया है, जिसमें न केवल शिष्टाचार की कमी है, बल्कि उनकी विनाशकारी और हानिकारक प्रकृति के कारण हमारे सामूहिक प्रयासों में भी बाधा आती है।
बिना नाम लिए पाकिस्‍तान को घेरा; कहा,

हम उस प्रतिनिधिमंडल को सम्मान और कूटनीति के आवश्यक सिद्धांतों के साथ जुड़ने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करेंगे, जिन्हें हमेशा हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए या यह उस देश से पूछने के लिए बहुत ज्‍यादा है, जो अपने आप में सभी पहलुओं पर सबसे संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड रखता है।

कंबोज ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत चर्चों, मठों, गुरुद्वारों, मस्जिदों, मंदिरों और सभास्थलों पर बढ़ते हमलों से चिंतित है और कहा कि इन कृत्यों के लिए वैश्विक समुदाय से तेज और एकजुट प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर रखा पक्ष

इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारी चर्चाएं राजनीतिक जरूरतों का विरोध करते हुए इन मुद्दों पर स्पष्टता से विचार करें। हमें इन चुनौतियों से सीधे निपटना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका समाधान हो। हमारी नीति, संवाद और अंतर्राष्ट्रीय संलग्नताओं का केंद्र है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत ने कहा कि आतंकवाद शांति की संस्कृति के सीधे विरोध में है और कलह पैदा करता है तथा शत्रुता को जन्म देता है। उन्होंने सदस्य देशों के लिए शांति की वास्तविक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना आवश्यक बताया।

उन्होंने कहा,

मैं यह भी कहूंगी कि आतंकवाद शांति की संस्कृति और सभी धर्मों की मूल शिक्षाओं के सीधे विरोध में है, जो करुणा, समझ और सह-अस्तित्व की वकालत करते हैं।

यह कलह, शत्रुता पैदा करता है और सम्मान और सद्भाव के सार्वभौमिक मूल्यों को कमजोर करता है, जो दुनिया भर में सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को रेखांकित करते हैं।

सदस्य देशों के लिए शांति की वास्तविक संस्कृति को बढ़ावा देने और दुनिया को एक एकजुट परिवार के रूप में देखने के लिए सक्रिय रूप से मिलकर काम करना आवश्यक है, जैसा कि मेरा देश दृढ़ता से मानता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के वैश्विक परिदृश्य में शांति का महत्व सर्वोपरि है। उन्होंने आगे कहा,

यह कलह पर बातचीत का समर्थन करता है, राष्ट्रों से टकराव या युद्ध से ऊपर कूटनीति और संचार को बढ़ावा देने का आग्रह करता है। यह विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि हम दुनिया भर में चल रहे संघर्षों से निपट रहे हैं जो स्थायी शांति स्थापित करने के लिए खुले संचार संवाद और आपसी सम्मान की मांग करते हैं।

इस बात पर जोर देते हुए कि प्राचीन भारतीय ग्रंथ सद्भाव और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, रुचिरा कंबोज ने कहा,

जहां तक मेरे देश भारत का सवाल है, शांति की संस्कृति इसके समृद्ध इतिहास विविध परंपराओं और गहन दार्शनिक सिद्धांतों में गहराई से समाई हुई है।

वेद और उपनिषद जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथ सद्भाव, करुणा और अहिंसा के मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, जिन सिद्धांतों ने मेरे देश के लोकाचार को आकार दिया है।

कंबोज ने कहा कि अपने सभ्यतागत मूल्यों को ध्यान में रखते हुए भारत मानवता, लोकतंत्र और अहिंसा के आदर्शों को बनाए रखने के लिए समर्पित है। संबोधन के अंत में रुच‍िरा कंबोज ने पवित्र भगवद गीता के एक गहन उद्धरण के साथ अपनी बात समाप्त की, जो एक शांति संस्कृति के सार को समाहित करता है।

मैं उद्धृत करता हूं, 'जब कोई व्यक्ति दूसरों के सुख और दुखों पर इस तरह प्रतिक्रिया करता है जैसे कि वे उसके अपने हों, तो वह आध्यात्मिक मिलन की उच्चतम स्थिति प्राप्त कर लेता है।
 हर साल 25 लड़कियों को चुनता है Kim Jong Un; 'प्लेजर स्क्वाड' में शामिल एक लड़की ने किया सनसनीखेज खुलासा

हर साल 25 लड़कियों को चुनता है Kim Jong Un; 'प्लेजर स्क्वाड' में शामिल एक लड़की ने किया सनसनीखेज खुलासा

May 03, 2024 Add Comment

 हर साल 25 लड़कियों को चुनता है Kim Jong Un; 'प्लेजर स्क्वाड' में शामिल एक लड़की ने किया सनसनीखेज खुलासा


उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को लेकर एक सनसनीखोज खुलासा हुआ है। उत्तर कोरिया से भागी एक लड़की ने खुलासा किया है कि तानाशाह किम हर साल 25 कुवांरी लड़कियों को हर साल इस प्लेजर स्क्वाड के लिए चुनता है। ये लड़कियों खूबसूरती और वफादारी के अनुसार चुनी जाती हैं। आइए जानते हैं कि तानाशाह के अधिकारी किस प्रकार लड़कियों को किम के अधिकारी चुनते हैं।


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Kim Jong Un Pleasure Squad Report। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को लेकर समय-समय पर चौंकाने वाले खुलासे होते रहते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि तानाशाह किम के शासन में उत्तर कोरिया की जनता त्रासदी भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। वहां की जनता को दो-जून की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती। वहीं, तानाशाह और उसका पूरा परिवार ऐश-ओ-आराम भरी जिंदगी जीता है।

तानाशाह के लिए चुनी जाती है 25 लड़कियां

तानाशाह की क्रूरता की एक और जानकारी सामने आई है। द मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार तानाशाह किम का एक 'प्लेजर स्क्वाड' है। तानाशाह हर साल 25 कुवांरी लड़कियों को इस प्लेजर स्क्वाड के लिए चुनता है। ये लड़कियों खूबसूरती और वफादारी के तर्ज पर चुनी जाती हैं।

प्लेजर स्क्वाड से भागी एक लड़की ने किया खुलासा

बता दें कि यह जानकारी उत्तर कोरिया से छिपकर भागी एक लड़की येओनमी पार्क (Yeonmi Park) ने दी है। उसने दावा किया कि वो भी इस प्लेजर स्क्वाड की कभी हिस्सा रह चुकी है। उसने आगे खुलासा किया कि वो दो बार तानाशाह किम के प्लेजर स्क्वाड के सामने पेश की गई, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से वो चुनी नहीं गई।
कैसे चुनी जाती है लड़कियां?

लड़की ने आगे जानकारी दी कि तानाशाह किम के अधिकारी स्कूलों के क्लासरूम और स्कूल कैंपस में घूमकर लड़कियों को चुनते हैं। इसके के बाद अगर चुनी गई लड़कियों के परिवार का कोई सदस्य उत्तर कोरिया से फरार हो हुआ होगा या उसका कोई परिवार का सदस्य दक्षिण कोरिया में रहता है तो उसे इस स्क्वाड से बाहर निकाल दिया जाता है।

लड़की ने जानकारी दी कि इसके बाद लड़कियों की वर्जिनिटी टेस्ट होती है। इन लड़कियों का एक ही उद्देश्य होता है कि वो तानाशाह किम और उनके अधिकारियों को खुश रखें।
तीन ग्रुप में बांटी जाती हैं लड़कियां

इस स्क्वाड को तीन ग्रुप में बांटा जाता है। एक ग्रुप को बॉडी मसाज की ट्रेनिंग दी जाती है। दूसरे ग्रुप को गाना-डांस की ट्रेनिंग दी जाती है।

वहीं, तीसरे ग्रुप को किम और उनके अधिकारियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार किया जाता है। सबसे खूबसूरत लड़कियों को किम की सेवा के लिए चुना जाता है। वहीं, कम खूबसूरत लड़कियों को दूसरे अधिकारियों के लिए चुना जाता है।

बता दें कि किम जोंग उन के पिता किम जोंग उन--II के शासन में यानी 1070 के दशक से इस 'प्लेजर स्क्वाड' की रूपरेखा रखी गई थी।

 रुसी मिसाइल का शिकार हुआ 'हैरी पॉटर महल', पांच लोगों की मौत; 30 घायल

रुसी मिसाइल का शिकार हुआ 'हैरी पॉटर महल', पांच लोगों की मौत; 30 घायल

May 02, 2024 Add Comment

 रुसी मिसाइल का शिकार हुआ 'हैरी पॉटर महल', पांच लोगों की मौत; 30 घायल


Harry Potter castle सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बार फिर रूस ने यूक्रेन को निशाना बनाया है। इस बार रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी बंदरगाह शहर ओडेसा को निशाना बनाया जहां हैरी पॉटर कैसल के नाम से मशहूर यूक्रेनी इमारत पर एक रूसी मिसाइल के हमले में पांच लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा इस हवाई हमले में 30 लोग घायल हो गए हैं।

रूसी हवाई हमले के बाद यूक्रेन के 'हैरी पॉटर महल' में लगी आग
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से युद्ध लगातार जारी है। इस युद्ध में अब तक हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। हर दूसरे दिन दोनों देश एक दूसरे पर हमला करते रहते हैं। हाल-ही में दक्षिणी बंदरगाह शहर ओडेसा से एक हमला सामने आया है, जहां 'हैरी पॉटर कैसल' के नाम से मशहूर यूक्रेनी इमारत पर एक रूसी मिसाइल के हमले में कम से पांच लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा इस हवाई हमले में 30 लोग घायल हो गए हैं।

यूक्रेन के अभियोजक जनरल एंड्री कोस्टिन ने हमले को लेकर बताया कि हमले स्थल से 1.5 किमी (लगभग 1 मील) के दायरे में धातु के टुकड़े और मिसाइल का मलबा बरामद किया गया। जांच में इस बात पर पुष्टि करने का आधार है कि रूसी सेना ने बड़ी संख्या में लोगों को हताहत करने के इरादे से क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया था।

दो बच्चे और एक गर्भवती महिला सहित 30 लोग हुए घायल

इस हवाई हमले में घायल हुए 30 लोगों में दो बच्चे और एक गर्भवती महिला शामिल हैं। हमले से लगभग 20 आवासीय इमारतें और बुनियादी सुविधाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
 ब्राजील में बारिश ने बरपाया कहर, देश के दक्षिणी राज्य में 10 लोगों की मौत; गवर्नर ने आपदा की दी चेतावनी

ब्राजील में बारिश ने बरपाया कहर, देश के दक्षिणी राज्य में 10 लोगों की मौत; गवर्नर ने आपदा की दी चेतावनी

May 02, 2024 Add Comment

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Heavy Rainfall in Brazil ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में भारी बारिश के चपेट में कई लोग आ गए। रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में भारी बारिश की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई है और करीब 21 लोग लापता हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार तूफान से हुए नुकसान के कारण 3300 से अधिक लोगों अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए है।

दक्षिणी ब्राजील में भारी बारिश से दस लोगों की मौत (फोटो- Reuters)

 दक्षिणी ब्राजील में बारिश कहर ढहा रही है। ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में इस सप्ताह भारी बारिश के कारण दस लोगों की मौत हो गई और 21 लोग लापता हैं। स्थानीय सरकार ने चेतावनी दी है कि स्थिति गंभीर है और यह कुछ दिनों में और भी खराब हो सकती है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तूफान से हुए नुकसान के कारण 3,300 से अधिक लोगों अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए है।

बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, राज्य के गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा से बात की थी और हर संभव संघीय सहायता की मांग की थी। लूला गुरुवार को राज्य की यात्रा पर आने वाले हैं।

हाल के वर्षों में राज्य में सबसे व्यापक स्तर पर तबाही

गवर्नर के अनुसार, तूफान ने हाल के वर्षों में राज्य में सबसे व्यापक तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन के बीच पुलों के ढहने और सड़कों के नष्ट होने के कारण कई शहर अलग-थलग पड़ गए हैं। लेइट ने इस सप्ताह के शेष दिनों के लिए राज्यव्यापी कक्षाओं को निलंबित करने की घोषणा की और इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों से पूर्ण समर्थन मिला है।
 भारतीय सरकार से जवाबदेही की उम्मीद', भारत के दावे पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया

भारतीय सरकार से जवाबदेही की उम्मीद', भारत के दावे पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया

May 01, 2024 Add Comment

 भारतीय सरकार से जवाबदेही की उम्मीद', भारत के दावे पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया


Gurpatwant Pannu Case अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ नियमित रूप से काम कर रहा है। इससे पहले भारत ने कल सभी दावों को खारिच कर इस मामले पर कहा कि ये एक गंभीर मामला है और सभी आरोप निराधार हैं।
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू 

अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ 'नियमित रूप से काम' कर रहा है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल की टिप्पणी वाशिंगटन पोस्ट द्वारा अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पिछले साल अमेरिकी धरती पर पन्नून को मारने की कथित साजिश के संबंध में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी का नाम लेने के बाद आई है।
भारत ने सभी दोवों को किया खारिज

भारत ने मंगलवार को वाशिंगटन पोस्ट के आरपों को दावों को दृढ़ता से खारिज कर दिया और कहा कि रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर 'अनुचित और निराधार' आरोप लगाए गए हैं और मामले की जांच चल रही है।
 लंबिया यूनिवर्सिटी के फलिस्तीन समर्थक छात्रों पर बड़ा एक्शन, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लिया हिरासत में

लंबिया यूनिवर्सिटी के फलिस्तीन समर्थक छात्रों पर बड़ा एक्शन, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लिया हिरासत में

May 01, 2024 Add Comment

 लंबिया यूनिवर्सिटी के फलिस्तीन समर्थक छात्रों पर बड़ा एक्शन, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लिया हिरासत में


America News न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा फलिस्तीनी समर्थक (जो विश्वविद्यालय में कई दिनों से डेरा डाल कर अपना विरोध जता रहे हैं) को हटाने के लिए पुलिस को बुलाया। पुलिस अधिकारियों ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। यह मामला रात 9 बजे के बाद सामने आया है। प्रदर्शनकारियों ने 12 घंटे से भी अधिक समय पहले हैमिल्टन हॉल पर भी कब्जा किया।

 फलीस्तीनी समर्थक छात्र अमेरिका भर के कॉलेजों में प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के कैंपस में तंबू लगाकार कई दिनों से छात्र विरोध प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं। पुलिस बार बार छात्रों से अपील कर रही है कि वे तत्काल कैंपस से हट जाएं। वहीं, कोलंबिया विश्वविद्यालय ने कहा है कि वह छात्रों को निलंबित करना शुरू कर रहा है। इसके अलावा पुलिस ने टेक्सास विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने यह एक्शन रात 9 बजे के बाद लिया। वहीं, पुलिस ने हेलमेट पहने हुए और जिप टाई और दंगा ढाल लेकर, आइवी लीग विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर पुलिस अधिकारी एकत्र हुए। अधिकारियों ने कैंपस को खाली करने के लिए कई कड़े कदम उठाए। छात्रों द्वारा प्रदर्शन कर रहे बने तंबुओं को भी उखाड़ दिया।

छात्रों का बढ़ रहा है प्रदर्शन

इस महीने की शुरुआत में कोलंबिया में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई जो अब कैलिफोर्निया से लेकर मैसाचुसेट्स तक फैल चुका है। जैसे-जैसे मई के शुरुआत में होने वाले समारोह नजदीक आ रहे हैं, प्रशासकों को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
 हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी

हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी

April 30, 2024 Add Comment

 हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी


पाकिस्तान के विपक्षी नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की है। नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान उन्होंने कहा किभारत एक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है जबकि हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने आगे पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।

जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की।

महंगाई, बुरी अर्थव्यवस्था, आतंकवाद सहित अन्य कई गंभीर संकट से निपटना शहबाज सरकार के आगे सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, पाकिस्तान की नवनिर्वाचित शहबाज सरकार कई बार कश्मीर राग अलाप चुकी है।
वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार की कोशिश है कि वो भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाएं। इसी बीच पाकिस्तान के विपक्षी नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की है।

नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि,"भारत एक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है, जबकि हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?"
सांसदों को बाहरी ताकत चुनती है:मौलाना फजलुर रहमान

उन्होंने आगे पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि ये कौन है उन लोगों का नाम उन्होंने नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने निर्वाचित अधिकारियों को महज कठपुतली बना दिया है। उन्होंने कहा कि दीवारों के पीछे कुछ शक्तियां हैं जो हमें नियंत्रित कर रही हैं और वे निर्णय लेती हैं जबकि हम सिर्फ कठपुतली हैं।

मौलाना फजलुर रहमान ने आगे आरोप लगाया,"सरकारें महलों में बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा।"

मौलाना फजल ने सवाल किया, "कब तक हम समझौता करते रहेंगे? कब तक हम सांसदों को चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे।
हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं: जेयूआई-एफ प्रमुख

उन्होंने 2018 और 2024 दोनों चुनावों में चुनावी धांधली की निंदा की। उन्होंने सवाल किया, ''इस सभा (संसद) में बैठते समय हमारी अंतरात्मा कैसे साफ हो सकती है, क्योंकि हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं हैं।''

इसके अलावा, रहमान ने लोकतांत्रिक अधिकारों के महत्व को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति देने की वकालत की।

वहीं उन्होंने 2 मई और 9 मई को कराची और पेशावर में 'मिलियन मार्च' की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लोगों की बाढ़ को रोका नहीं जा सकता और जो लोग कोशिश करेंगे उन्हें परिणाम भुगतना होगा।
 हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर हिंद महासागर और लाल सागर में मचाया कोहराम, ड्रोन से चार जहाजों को बनाया निशाना

हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर हिंद महासागर और लाल सागर में मचाया कोहराम, ड्रोन से चार जहाजों को बनाया निशाना

April 30, 2024 Add Comment

 हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर हिंद महासागर और लाल सागर में मचाया कोहराम, ड्रोन से चार जहाजों को बनाया निशाना


यमन के हूती विद्रोही फलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। हूती विद्रोही इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इजरायल की गाजा पट्टी में कार्रवाई के खिलाफ भड़के हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर जहाज पर हमला किया है। इस बार उन्होंने हमला हिंद महासागर और लाल सागर में किया।
यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में जहाजों को बना रहे हैं निशाना

यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इजरायल और हमास युद्ध के बाद से सभी हूती विद्रोही हिंसक रूप से जहाजों पर हमला कर रहे हैं। वहीं, एक बार फिर हूती विद्रोहियों ने हिंद महासागर में जहाजों पर हमले बढ़ा दिए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा कि उन्होंने इजरायल के विरोध में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत हिंद महासागर में एक ड्रोन हमले में एमएससी ओरियन कंटेनर जहाज को निशाना बनाया है।
एलएसईजी डेटा के मुताबिक पुर्तगाल के झंडे वाला एमएससी ओरियन पुर्तगाल और ओमान के बीच चल रहा था। इस जहाज का मालिक जोडियाक मैरीटाइम है। जोडियाक का स्वामित्व आंशिक रूप से इजरायली व्यवसायी इयाल ओफर के पास है। कंपनी ने अभी तक इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है।

हूती विद्रोहियों के कारण खींच सकता हैं इजरायल-हमास युद्ध

ईरान के समर्थन वाले हूती आतंकियों ने नवंबर के बाद से लाल सागर, बाब अल-मंडब सट्रेट और अदन की खाड़ी में बार-बार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, जिससे जहाजों को दक्षिणी अफ्रीका के आसपास लंबी और अधिक महंगी यात्राओं पर माल भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इससे यह डर भी फैल गया है कि इजरायल हमास युद्ध और भी खींच सकता है, जिससे मध्य पूर्व अस्थिर हो सकता है।
 फिर विवादों में घिरे जस्टिन ट्रूडो, Canadian PM के सामने लगे खालिस्‍तान सम‍र्थक नारे; खालसा दिवस पर दे रहे थे भाषण

फिर विवादों में घिरे जस्टिन ट्रूडो, Canadian PM के सामने लगे खालिस्‍तान सम‍र्थक नारे; खालसा दिवस पर दे रहे थे भाषण

April 29, 2024 Add Comment

 फिर विवादों में घिरे जस्टिन ट्रूडो, Canadian PM के सामने लगे खालिस्‍तान सम‍र्थक नारे; खालसा दिवस पर दे रहे थे भाषण


भारत-कनाडा के संंबंधों में बीते दिनों पहले बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर वहां से निराश करने वाली खबर सामने आई है जिसमें पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्‍तान समर्थक नारे लगे। इसका एक वीडियो साेशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उनके सामने भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं और वे मु‍स्‍कुरा रहे हैं। हालांकि जागरण वायरल वीडियाे की पुष्टि नहीं करता है।





खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो। फोटो- CPAC

 भारत-कनाडा के संंबंधों में बीते दिनों पहले बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर वहां से निराश करने वाली खबर सामने आई है, जिसमें पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्‍तान समर्थक नारे लगे। इसका एक वीडियो साेशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनके सामने भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं और वे मु‍स्‍कुरा रहे हैं। हालांकि, जागरण उस वायरल वीडियाे की पुष्टि नहीं करता है।

दरअसल, जैसे ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जब टोरंटो में सिख समुदाय को संबोधित करने के लिए आगे बढ़े तो भीड़ में से खालिस्तान के समर्थन में जोरदार नारे लगाए गए।

इस दौरान ट्रूडो ने देश में सिख समुदाय को आश्वासन देते हुए कहा है कि सरकार हर कीमत पर उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद है।

उन्होंने कहा कि विविधता कनाडा की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है और देश मतभेदों के बावजूद नहीं, बल्कि उन मतभेदों के कारण मजबूत है।
ट्रूडो ने सिख मूल्‍यों पर की बात

ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस समारोह के दौरान कहा,

कनाडा की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक इसकी विविधता है। हम अपने मतभेदों के बावजूद नहीं, बल्कि अपने मतभेदों के कारण मजबूत हैं; लेकिन जब हम इन मतभेदों को देखते हैं, तो हमें याद रखना होगा और इस तरह के दिनों में ही नहीं हर दिन याद दिलाना होगा सिखों के मूल्य कनाडा के मूल्य हैं।

उन्होंने कहा,


इस देश भर में सिख विरासत के लगभग 800,000 कनाडाई लोगों के लिए हम आपके अधिकारों और आपकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे और हम हमेशा नफरत और भेदभाव के खिलाफ आपके समुदाय की रक्षा करेंगे।
सिख धर्मस्‍थलों पर सुरक्षा बढ़ाएगा कनाडा

कनाडाई पीएम ने यह भी कहा कि देश सामुदायिक केंद्रों और गुरुद्वारों सहित पूजा स्थलों पर अधिक सुरक्षा जोड़कर सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के कार्यक्रमों को बढ़ा रहा है।

ट्रूडो ने अपने खालसा दिवस संबोधन में सिख समुदाय को आश्वासन दिया,


स्वतंत्र रूप से और बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन करने का आपका अधिकार बिल्कुल यही है। अधिकारों और स्वतंत्रता के कनाडाई चार्टर में गारंटीकृत एक मौलिक अधिकार है जिसके लिए हम हमेशा खड़े रहेंगे और आपकी रक्षा करेंगे।

हालाँकि, जब ट्रूडो बोल रहे थे तो बैकग्राउंड में खालिस्तान समर्थक कई नारे भी सुनाई दे रहे थे।

ट्रूडो ने अपना संबोधन जारी रखते हुए कहा,

मुझे पता है कि आप में से कई लोगों के पास ऐसे प्रियजन हैं जिन्हें आप अक्सर देखना चाहते हैं, यही कारण है कि हमारी सरकार ने हमारे देशों के बीच अधिक उड़ानें और अधिक मार्ग जोड़ने के लिए भारत के साथ एक नए समझौते पर बातचीत की है और हम अमृतसर सहित और भी अधिक उड़ानें जोड़ने के लिए अपने समकक्षों के साथ काम करना जारी रखेंगे।

शहर के सबसे बड़े वार्षिक समारोहों में से एक के लिए रविवार को हजारों लोग टोरंटो शहर में उमड़ पड़े।ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा काउंसिल (ओएसजीसी) का कहना है कि वैसाखी, जिसे खालसा दिवस भी कहा जाता है, 1699 में सिख समुदाय की स्थापना के साथ-साथ सिख नव वर्ष की याद दिलाता है। मूह कई वर्षों से लेक शोर बुलेवार्ड के नीचे एक वार्षिक परेड का आयोजन करता रहा है।

सीबीसी न्यूज के अनुसार, परिषद का दावा है कि यह देश की तीसरी सबसे बड़ी परेड है और इसमें नियमित रूप से हजारों दर्शक आते हैं। ट्रूडो की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
 बाइडन और नेतन्‍याहू के बीच फोन पर हुई लंबी बातचीत, क्या गाजा में लगेगा युद्ध विराम?

बाइडन और नेतन्‍याहू के बीच फोन पर हुई लंबी बातचीत, क्या गाजा में लगेगा युद्ध विराम?

April 29, 2024 Add Comment

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Israel-Hamas War व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फिर से फोन पर बात की है क्योंकि इजरायल और हमास पर एक समझौते पर पहुंचने का दबाव बढ़ रहा है जो कुछ इजरायली बंधकों को मुक्त करेगा और गाजा में लगभग सात महीने से चल रहे युद्ध पर संघर्ष विराम लगाएगा।

Israel-Hamas War: जो बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर की बात। 

एपी, तेल अवीव। व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फिर से फोन पर बात की है, क्योंकि इजरायल और हमास पर एक समझौते पर पहुंचने का दबाव बढ़ रहा है, जो कुछ इजरायली बंधकों को मुक्त करेगा और गाजा में लगभग सात महीने से चल रहे युद्ध पर संघर्ष विराम लगाएगा।

व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन ने अपना साफ रुख दोहराया है, क्योंकि वैश्विक चिंता के बावजूद इजरायल ने गाजा के सबसे दक्षिणी शहर रफा पर वहां शरण लिए हुए 1 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनियों के मौजूद होने पर भी आक्रमण करने की योजना बनाई है।

गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाई जाएगी

अमेरिका मानवीय आधार पर आक्रमण का विरोध करता है, जिससे सहयोगियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सोमवार को मध्य पूर्व लौटते समय जिन देशों का दौरा करेंगे उनमें इजरायल भी शामिल है। बयान के अनुसार, बाइडन ने इस बात पर भी जोर दिया कि गाजा को मानवीय सहायता निरंतर और बढ़ाई जाएगी।

कॉल एक घंटे से भी कम समय तक चला और वे इस बात पर सहमत हुए कि बातचीत में नवीनतम प्रस्ताव को स्वीकार करने की जिम्मेदारी हमास पर बनी हुई है, एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नेतन्याहू के कार्यालय से कोई टिप्पणी नहीं आई।

इस बीच, प्रमुख मध्यस्थ कतर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इजरायल और हमास से बातचीत में अधिक प्रतिबद्धता और अधिक गंभीरता दिखाने का आग्रह किया।
कतर ने दिए हताशा के संकेत

दोहा में हमास के मुख्यालय की मेजबानी करने वाले कतर ने नवंबर में युद्ध को कुछ समय रोकने के लिए बातचीत में मदद करने में अमेरिका और मिस्र के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके बाद दर्जनों बंधकों को रिहा किया गया था, लेकिन हताशा का संकेत देते हुए कतर ने इस महीने कहा कि वह अपनी भूमिका का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है।

बातचीत में नवीनतम प्रस्तावों पर चर्चा के लिए आने वाले दिनों में एक इजरायली प्रतिनिधिमंडल के मिस्र में आने की उम्मीद है और हमास के वरिष्ठ अधिकारी बसेम नईम ने एसोसिएटेड प्रेस को एक संदेश में कहा कि उग्रवादी समूह का एक प्रतिनिधिमंडल भी काहिरा जाएगा। मिस्र के सरकारी स्वामित्व वाले अल काहेरा न्यूज सैटेलाइट टीवी चैनल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल सोमवार को आएगा।
कतर विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने की टिप्‍पणी

लिबरल डेली हारेत्‍ज और इजरायली सार्वजनिक प्रसारक कान के साथ साक्षात्कार में कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी की टिप्पणियां शनिवार शाम को प्रकाशित और प्रसारित की गईं थी।

अल-अंसारी ने हमास और इजरायल पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक पक्ष ने राजनीतिक हितों के आधार पर निर्णय लिए हैं, न कि नागरिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति पर कायम हैं। इसके अलावा कोई विवरण नहीं दिया।

अल-अंसारी की टिप्पणी तब आई जब मिस्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने इजरायली अधिकारियों के साथ गाजा में लंबे समय तक संघर्ष विराम के लिए नए दृष्टिकोण पर चर्चा की।
'इजरायल का हमास को हराने तक युद्ध रोकने करने से इनकार'

मिस्र के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर घटनाक्रम पर स्वतंत्र रूप से बात की। मिस्र के अधिकारी ने कहा कि इजरायली अधिकारी समझौते के दूसरे चरण के हिस्से के रूप में गाजा में स्थायी संघर्ष विराम स्थापित करने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। इजरायल ने हमास को हराने तक युद्ध रोकने से इनकार कर दिया है।

अधिकारी ने बताया कि दूसरा चरण नागरिकों और बीमार बंधकों की रिहाई के बाद शुरू होगा और इसमें सैनिकों की रिहाई पर बातचीत भी शामिल होगी। वरिष्ठ फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा और पुनर्निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस महीने की शुरुआत में बातचीत छह सप्ताह के संघर्ष विराम प्रस्ताव और इजरायली जेलों में सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को मुक्त करने के बदले में हमास द्वारा रखे गए 40 नागरिकों और बीमार बंधकों की रिहाई पर केंद्रित थी।

बाइडन और 17 अन्य विश्व नेताओं द्वारा लिखे गए एक पत्र में हमास से अपने नागरिकों को तुरंत रिहा करने का आग्रह किया गया। हाल के दिनों में हमास ने तीन बंधकों के नए वीडियो जारी किए हैं, जो स्पष्ट रूप से इजरायल पर रियायतें देने का दबाव है।

हमास और इजरायल पर संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के लिए बढ़ते दबाव का मतलब मिस्र की सीमा पर स्थित शहर रफा पर इजरायली हमले को रोकना भी है, जहां गाजा की 2.3 मिलियन आबादी में से आधे से अधिक लोग आश्रय मांग रहे हैं। इजरायल ने दर्जनों टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां तैनात कर दी हैं। नियोजित घुसपैठ ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है।
फलस्तीनी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने सऊदी अरब में विश्व आर्थिक मंच के उद्घाटन सत्र में कहा,


हर किसी को फिलिस्तीन छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए केवल एक छोटी सी स्‍ट्राइक ही काफी है।

महमूद अब्बास ने कहा कि उनका मानना है कि कुछ ही दिनों में आक्रमण हो जाएगा, लेकिन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एबीसी को बताया कि इजरायल ने हमें आश्वासन दिया है कि वे रफा में तब तक नहीं जाएंगे जब तक हमें वास्तव में उनके साथ अपने दृष्टिकोण और चिंताओं को साझा करने का मौका नहीं मिलता। इसलिए हम देखेंगे कि यह कहां जाता है।

बातचीत में इज़रायली सेना का जमावड़ा हमास पर दबाव की रणनीति भी हो सकती है। इजरायल रफा को हमास के आखिरी प्रमुख गढ़ के रूप में देखता है। यह समूह की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट करने की कसम खाता है।

सहायता समूहों ने चेतावनी दी है कि रफा पर आक्रमण से गाजा में पहले से ही निराशाजनक मानवीय स्थिति और खराब हो जाएगी, जहां भूख एक व्यापक समस्‍या है।

संयुक्त अरब अमीरात के अनुसार, रविवार को लगभग 400 टन सहायता राशि अशदोद के इजरायली बंदरगाह पर पहुंची, जो साइप्रस के रास्ते समुद्र के रास्ते अब तक की सबसे बड़ी खेप है।

इसके अलावा रविवार को वर्ल्ड सेंट्रल किचन ने कहा कि वह सोमवार को गाजा में सेवा फिर से शुरू करेगा, जिससे इजरायली सैन्य ड्रोन द्वारा उसके सात सहायता कर्मियों को मारने के बाद चार सप्ताह का निलंबन समाप्त हो जाएगा।

एक बयान में कहा गया है कि संगठन के पास रफा क्रॉसिंग के माध्यम से प्रवेश करने के लिए 276 ट्रक तैयार हैं और वह जॉर्डन से गाजा में ट्रक भी भेजेगा। यह भी जांच कर रहा है कि क्या एशडोड बंदरगाह का उपयोग आपूर्ति उतारने के लिए किया जा सकता है।
 भारत की यात्रा टालकर अचानक चीन पहुंचे Elon Musk, जानिए Tesla CEO ने ऐसा क्‍यों किया

भारत की यात्रा टालकर अचानक चीन पहुंचे Elon Musk, जानिए Tesla CEO ने ऐसा क्‍यों किया

April 28, 2024 Add Comment

 भारत की यात्रा टालकर अचानक चीन पहुंचे Elon Musk, जानिए Tesla CEO ने ऐसा क्‍यों किया


Elon Musk China Visit टेस्ला के सीईओ एलन मस्क रविवार को अचानक चीन के दौरे पर पहुंच गए। चीन इलेक्ट्रिक वाहन के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। समाचार एजेंसी रॉयटर ने मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के हवाले से टेस्‍ला सीईओ के दौरे की बात कही। एलन मस्‍क की भारत यात्रा के स्थगित होने के एक सप्ताह बाद उनकी चीन की यह यात्रा है।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क रविवार को अचानक चीन के दौरे पर पहुंच गए। 

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क रविवार को अचानक चीन के दौरे पर पहुंच गए। चीन इलेक्ट्रिक वाहन के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। समाचार एजेंसी रॉयटर ने मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के हवाले से टेस्‍ला सीईओ के दौरे की बात कही।

एलन मस्‍क की भारत यात्रा के स्थगित होने के एक सप्ताह बाद उनकी चीन की यह यात्रा है। भारत में उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना की घोषणा करने का कार्यक्रम था।

बीज‍िंंग में चीनी अधिकारियों से मिलना चाह रहे मस्‍क

रॉयटर ने मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों में से एक के हवाले से कहा कि अब तक एलन मस्क चीन में फुल-सेल्फ ड्राइविंग (एफएसडी) सॉफ्टवेयर के रोलआउट पर चर्चा करने और अपनी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेक्‍नोलॉजी के लिए एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए देश में एकत्र किए गए डेटा को विदेशों में स्थानांतरित करने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए बीजिंग में वरिष्ठ चीनी अधिकारियों से मिलना चाह रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सवाल के जवाब में मस्क ने कहा कि टेस्ला चीन में ग्राहकों के लिए बहुत जल्द एफएसडी उपलब्ध करा सकता है।

विशेष रूप से मस्क की चीन यात्रा को लोगों की नजरों में प्रमुखता से नहीं दिखाया गया। रॉयटर के अनुसार, टेस्ला ने 2021 से अपने चीनी सहयोगी द्वारा एकत्र किए गए सभी डेटा को चीनी नियामकों की आवश्यकता के अनुसार शंघाई में संग्रहि‍त किया है और अमेरिका में वापस स्थानांतरित नहीं किया है।

यूएस ईवी निर्माता ने चार साल पहले अपने ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर का सबसे स्वायत्त संस्करण एफएसडी लॉन्च किया था, लेकिन ग्राहकों के आग्रह के बावजूद अभी तक इसे चीन में उपलब्ध नहीं कराया गया है।
 इजरायल-ईरान में टेंशन के बीच इराक के गैस फील्ड पर ड्रोन हमला, चार की मौत

इजरायल-ईरान में टेंशन के बीच इराक के गैस फील्ड पर ड्रोन हमला, चार की मौत

April 28, 2024 Add Comment

 इजरायल-ईरान में टेंशन के बीच इराक के गैस फील्ड पर ड्रोन हमला, चार की मौत


इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में स्थित खोर मोर गैस फील्ड पर हुए ड्रोन हमले में चार प्रवासी कर्मचारी मारे गए हैं। हमले के चलते कुंए से गैस निकालने का काम रोक दिया गया है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। अभी इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। हमले में मारे गए लोग मूल रूप से यमन के नागरिक थे।

राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ राशिद ने हमले की निंदा की।

इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में स्थित खोर मोर गैस फील्ड पर हुए ड्रोन हमले में चार प्रवासी कर्मचारी मारे गए हैं। हमले के चलते कुंए से गैस निकालने का काम रोक दिया गया है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। अभी इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है।

क्षेत्र की कुर्द सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हमले में मारे गए लोग मूल रूप से यमन के नागरिक थे और वे गैस फील्ड में काम करने के लिए इराक आए थे।

राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ राशिद ने हमले की निंदा की

इराक के राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ राशिद ने इस हमले की निंदा की है। कहा है कि हमले में कई लोग मारे गए और घायल हुए हैं। साथ ही बिजलीघरों की गैस आपूर्ति बाधित होने से क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति में बाधा आई है।
 रूस से भारत के लिए निकले तेल टैंकर जहाज पर मिसाइल से हमला, हूती विद्रो‍हियों ने ली जिम्‍मेदारी

रूस से भारत के लिए निकले तेल टैंकर जहाज पर मिसाइल से हमला, हूती विद्रो‍हियों ने ली जिम्‍मेदारी

April 27, 2024 Add Comment

 रूस से भारत के लिए निकले तेल टैंकर जहाज पर मिसाइल से हमला, हूती विद्रो‍हियों ने ली जिम्‍मेदारी


रूस से भारत के लिए निकले एक तेल टैंकर जहाज पर लाल सागर में यमन के हूती विद्राहियों ने मिसाइल्स लॉन्च कर हमला कर दिया। ईरान समर्थित उग्रवादी संगठन ने शनिवार को इसकी जिम्‍मेदारी ली।एंड्रोमेडा स्टार तेल टैंकर के मालिक ने जहाज के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी है। उक्‍त जहाज रूसी व्यापार में शामिल है जो रूस के प्रिमोर्स्क से भारत के वाडिनार के लिए निकला था।

रूस से भारत के लिए निकले तेल टैंकर जहाज पर मिसाइल से हमला। 

 रूस से भारत के लिए निकले एक तेल टैंकर जहाज पर लाल सागर में यमन के हूती विद्राहियों ने मिसाइल्स लॉन्च कर हमला कर दिया। ईरान समर्थित उग्रवादी संगठन ने शनिवार को इसकी जिम्‍मेदारी ली।

एंड्रोमेडा स्टार तेल टैंकर के मालिक ने जहाज के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी है। उक्‍त जहाज रूसी व्यापार में शामिल है, जो रूस के प्रिमोर्स्क से भारत के वाडिनार के लिए निकला था।

शिप को हल्‍की-सी क्षति हुई: अमेरिका

यूएस सेंट्रल कमांड ने एक्स हैंडल के माध्‍यम से जानकारी देते हुए बताया कि एक मिसाइल दूसरे जहाज एमवी मैशा के पास गिरी, लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। बताया कि हूती विद्राहियों ने यमन से लाल सागर में तीन एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थी, जिससे एंड्रोमेडा स्टार को हल्‍का नुकसान हुआ।


हूती प्रवक्ता याह्या सारेया ने कहा कि पनामा झंडा लगा एंड्रोमेडा स्टार ब्रिटिश स्वामित्व वाला था, लेकिन एलएसईजी डेटा और एंब्रे के अनुसार, शिपिंग डेटा से पता चलता है कि इसे हाल ही में बेचा गया था। इसका वर्तमान मालिक सेशेल्स-पंजीकृत है।

जहाज पर हमला इजराइल, यूएस और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाने के हूती विद्रोहियों के अभियान में रुकावट के बाद हुआ है।
नवंबर से कई जहाजों पर हमला कर चुके हैं हूती

फलस्तीन को अपना समर्थन दिखाते हुए, हूती विद्रोहियों ने पिछले साल नवंबर से लाल सागर, बाब अल-मंदब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी में कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को अंजाम दिया है।

यूएसएस ड्वाइट डी आइजनहावर विमानवाहक पोत वाणिज्यिक जहाजों की रक्षा के लिए अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन की सहायता करने के बाद शुक्रवार को स्वेज नहर के माध्यम से लाल सागर से रवाना हुआ। शुक्रवार को हूती विद्रोहियों ने यमन के सादा प्रांत में एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया था।
 अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी दखल के सबूत मिले', US के विदेश मंत्री बोले- चिनफिंग को उनका संदेश सुनाने आया था

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी दखल के सबूत मिले', US के विदेश मंत्री बोले- चिनफिंग को उनका संदेश सुनाने आया था

April 27, 2024 Add Comment

 अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी दखल के सबूत मिले', US के विदेश मंत्री बोले- चिनफिंग को उनका संदेश सुनाने आया था


अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन की तीन दिवसीय यात्रा को समाप्त करते हुए सीएनएन को बताया कि आगामी अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने और तर्कसंगत रूप से हस्तक्षेप करने के चीनी प्रयासों के सबूत देखे हैं। उन्‍होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंंग के पूर्व में किए गए कमिटमेंट के बावजूद ऐसा होने की बात कही।

चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग (बाएं), अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (दाएं)। फाइल फाेटो
 अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन की तीन दिवसीय यात्रा को समाप्त करते हुए सीएनएन को बताया कि आगामी अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने और तर्कसंगत रूप से हस्तक्षेप करने के चीनी प्रयासों के सबूत देखे हैं। उन्‍होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पूर्व में किए गए कमिटमेंट के बावजूद ऐसा होने की बात कही।

ब्लिंकन ने शुक्रवार को चीन की अपनी यात्रा समाप्त करते हुए सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की, जहां शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने चिनफिंग सहित शीर्ष चीनी अधिकारियों के साथ घंटों बैठक की। दोनों देशों ने अमेरिकी तकनीकी नियंत्रण से लेकर मॉस्को को बीजिंग के समर्थन समेत कई विवादास्पद मुद्दों पर बातचीत की।

'हम चाहते हैं इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाए'

सीएनएन के अनुसार, ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के संदेश को दोहराया, जो उन्होंने पिछले नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में अपने शिखर सम्मेलन के दौरान शी चिनफिंग को 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए दिया था। जिसके बाद शी ने वादा किया था कि चीन ऐसा नहीं करेगा।

जब ब्लिंकन से पूछा गया कि क्या चीन अब तक बाइडन के प्रति शी की प्रतिबद्धता का उल्लंघन कर रहा है तो इसपर ब्लिंकन ने कहा,


हमने आम तौर पर प्रभावित करने और कथित रूप से हस्तक्षेप करने के प्रयासों के सबूत देखे हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाए।

हमारे चुनाव में चीन का कोई भी हस्तक्षेप ऐसी चीज है, जिसे हम बहुत ध्यान से देख रहे हैं और यह हमारे लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है, इसलिए मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि वे उस संदेश को दोबारा सुनें।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार,

ब्लिंकन ने आगे कहा कि प्रभाव अभियानों में चीन और अन्य देशों द्वारा अमेरिका में मौजूदा सामाजिक विभाजनों को लेकर चिंताएं थीं।

बीजिंग ने बार-बार कहा है कि वह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के अपने सिद्धांत के आधार पर अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप नहीं करता है।
सालभर में दूसरी बार चीन आए ब्लिंकन

हालांकि, चीन या अन्य राष्ट्र जो बीजिंग से जुड़े माने जाते हैं, उन पर कनाडा जैसे अन्य देशों में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है। एक वर्ष से भी कम समय में ब्लिंकन ने दूसरी बार चीन की यात्रा की है।

ब्लिंकन ने कहा,


हम अब उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां हम सहयोग करने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन साथ ही हम अपने मतभेदों के बारे में भी बहुत स्पष्ट हैं और यह महत्वपूर्ण है कि अगर हम प्रतिस्पर्धा से बचते हैं तो हम संघर्ष में बदल जाएंगे।
 अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हिंसक हुआ फलस्तीन समर्थकों का प्रदर्शन, कई लोगों को किया गया गिरफ्तार

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April 26, 2024 Add Comment

 अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हिंसक हुआ फलस्तीन समर्थकों का प्रदर्शन, कई लोगों को किया गया गिरफ्तार


इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ अमेरिका के विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया है। कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़पे हुई हैं। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लॉस एंजिल्स पुलिस ने कहा कि दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के बाद पुलिस ने बुधवार रात 93 लोगों को गिरफ्तार किया।

इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ अमेरिका के विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया है। कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़पे हुई हैं। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लॉस एंजिल्स पुलिस ने कहा कि दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के बाद पुलिस ने बुधवार रात 93 लोगों को गिरफ्तार किया। रॉयटर्स के अनुसार, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने अपने परिसर को बंद करने की घोषणा की है।
बुधवार को ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। बोस्टन के इमर्सन कॉलेज में 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। झड़प में चार पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं। कैलिफोर्निया स्टेट पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी, हम्बोल्ट में प्रदर्शनकारियों को एक इमारत के अंदर रोक दिया गया है। कुछ यहूदी छात्रों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन यहूदी विरोधी भावना में बदल गया है।




हालांकि, कोलंबिया विश्वविद्यालय में बुधवार को तनाव कम होता दिखाई दिया, जब विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए इजरायल के विरोध में बनाए गए शिविर को हटाने की समयसीमा मंगलवार को 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया। रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी, मिशिगन यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हम्बोल्ट में सहित अन्य परिसरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में नागरिकों पर इजरायली हमलों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाने की मांग की है।


प्रतिनिधि सभा के स्पीकर से धक्का-मुक्की

रॉयटर्स के अनुसार कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन के साथ उस समय धक्का-मुक्की और हूटिंग की जब वह फलस्तीन समर्थक प्रदर्शन के कारण भयभीत यहूदी छात्रों का समर्थन करने मैनहट्टन परिसर में गए थे। छात्रों के मुताबिक, जॉनसन ने कैंपस में लगभग 40 यहूदी छात्रों से मुलाकात की।
 बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप, वाशिंगटन में SC ने शुरू की प्रेसिडेंसियल इम्यूनिटी मामले की सुनवाई

बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप, वाशिंगटन में SC ने शुरू की प्रेसिडेंसियल इम्यूनिटी मामले की सुनवाई

April 26, 2024 Add Comment

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुरे फंस गए हैं। पॉर्न स्टार को धन देने के मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए वह न्यूयार्क में हैं। ट्रंप ने कहा कि आज एक बड़ा मामला सुनवाई के लिए था लेकिन न्यायाधीश ने मुझे जाने के लिए छूट नहीं दी। उनके अनुरोध को न्यूयार्क के राज्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जुआन मर्चन ने अस्वीकार कर दिया।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) बुरे फंस गए हैं। पॉर्न स्टार को धन देने के मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए वह न्यूयार्क में हैं। इस बीच, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट वाशिंगटन में इस बात पर बहस सुन रहा है कि राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों के लिए उन्हें अभियोजन से छूट दी जानी चाहिए या नहीं।

उन्होंने उस दिन के लिए अपने आपराधिक मुकदमे की सुनवाई से बाहर रहने के लिए अपील की थी, ताकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में शामिल हो सकें, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कुछ कहा?

ट्रंप ने कहा कि आज एक बड़ा मामला सुनवाई के लिए था, लेकिन न्यायाधीश ने मुझे जाने के लिए छूट नहीं दी। उनके अनुरोध को न्यूयार्क के राज्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जुआन मर्चन ने अस्वीकार कर दिया। वह गुप्त धन मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

न्यायाधीश मर्चन ने ट्रंप के वकील टाड ब्लैंच से पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के सामने बहस करना बड़ी बात है। मैं निश्चित रूप से इसकी सराहना कर सकता हूं कि आपका मुवक्किल वहां क्यों रहना चाहेगा, लेकिन न्यूयार्क राज्य के सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी बड़ी बात है।

दोनों ही मामलों से ट्रंप खुद को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह चुनावी दौड़ में एक बार फिर से मजबूती से सामने हैं, लेकिन देश के सुप्रीम कोर्ट के सामने आए मामले के नतीजे भविष्य के राष्ट्रपतियों पर भी प्रभाव डालेंगे। न्यायाधीश पहले कभी नहीं पूछे गए सवाल का जवाब देंगे कि क्या और यदि हां, तो किस हद तक एक पूर्व राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान आधिकारिक कृत्यों से जुड़े कथित आचरण के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने से प्रेसिडेंसियल इम्यूनिटी प्राप्त है।
 हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने लेबनान पर दागे कई रॉकेट, 40 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने लेबनान पर दागे कई रॉकेट, 40 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

April 25, 2024 Add Comment

 हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने लेबनान पर दागे कई रॉकेट, 40 आतंकी ठिकानों को किया तबाह


Israel Iran News हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने तोपखानों से दक्षिणी लेबनान के एक क्षेत्र पर बमबारी की है। वहीं रॉकेट अटैक से कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसमें कितना नुकसान हुआ ये सामने नहीं आया। इजरायल की सेना आईडीएफ ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह के लगभग 40 ठिकानों पर हमला कर तबाह कर दिया है।
हिजबुल्लाह के आतंकी ठिकानों पर इजरायल का हमला।
ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने उसपर कई रॉकेट अटैक किए हैं। तोपखानों से दक्षिणी लेबनान के एक क्षेत्र पर बमबारी की जा रही है। इन रॉकेटों ने कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें कितना नुकसान हुआ ये सामने नहीं आया।

40 आतंकी ठिकानों पर हमला

इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने बताया कि बुधवार दोपहर को उसने लेबनान में आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के लगभग 40 ठिकानों पर हमला कर तबाह कर दिया। हमले दक्षिणी लेबनान के आयता राख शब क्षेत्र में किए गए थे और इसमें इजराइल वायु सेना के लड़ाकू जेट और आईडीएफ तोपखाने दोनों का इस्तेमाल किया गया था।


इन्हें बनाया गया निशाना


आईडीएफ के अनुसार, उन्होंने हिजबुल्लाह के भंडारण सुविधाएं, हथियार और आतंकवादी बुनियादी ढांचे और क्षेत्र में संगठन द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य क्षेत्रों पर ये हमले किए हैं। यह सीमा क्षेत्र में हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का प्रयास था।
इजरायल पर अंधाधुंध रॉकेट लॉन्च कर रहा हिजबुल्लाह

बता दें हिजबुल्लाह आतंकवादी कार्यों के लिए आयता राख शब क्षेत्र का व्यापक उपयोग करता है और उसने इस क्षेत्र में संगठन के दर्जनों आतंकवादी साधन और बुनियादी ढांचे बना रखे हैं, जिनका लक्ष्य इजरायल है। गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह इजरायल में नागरिक ठिकानों पर अंधाधुंध रॉकेट लॉन्च कर रहा है।
कई इजरायलियों ने घर छोड़ा

उधर, इजराइल को चिंता है कि ईरान युद्ध के दौरान किसी भी मुद्रदे पर व्यापक संघर्ष पैदा करने और इजराइल की सेना को विभाजित करने के लिए एक अधिक व्यापक हमला शुरू कर सकता है। युद्ध की शुरुआत के बाद से उत्तरी सीमा क्षेत्र में जारी खतरे के कारण इजराइल के उत्तरी शहरों के हजारों निवासियों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
 भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा, NSA अजीत डोभाल ने कहा-आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंड न अपनाए जाएं

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा, NSA अजीत डोभाल ने कहा-आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंड न अपनाए जाएं

April 25, 2024 Add Comment

 भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा, NSA अजीत डोभाल ने कहा-आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंड न अपनाए जाएं


रूस पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के साथ द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। डोभाल और पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है। दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पात्रुशेव रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के सचिव भी हैं।


एनएसए अजीत डोभाल और रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है।

रूस पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के साथ द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। डोभाल और पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है। दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

पात्रुशेव रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के सचिव भी हैं। सेंट पीटर्सबर्ग शहर में उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक से इतर हुई दोनों शीर्ष अधिकारियों की यह मुलाकात हुई है। यह जानकारी भारत के मास्को स्थित दूतावास ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स के जरिये दी है। मुलाकात के दौरान भारतीय एनएसए ने मास्को के नजदीक स्थित क्राकस सिटी हाल में 22 मार्च को हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा की।

उन्होंने कहा, आतंक के राक्षस से लड़ने में दोहरे मानदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए। आतंक के साथ मजबूती से लड़कर उसे परास्त किया जाना चाहिए। इससे पहले कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में डोभाल ने सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर साजिशकर्ताओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता जताई थी।

बुधवार को पात्रुशेव ने ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक की मेजबानी की और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बैठक में आतंकवाद से लड़ने में सहयोग को बढ़ाने और सीमा क्षेत्र में आतंकी वारदातों की रोकथाम के लिए समन्वित योजना बनाने पर बल दिया गया।

इस बैठक में पाकिस्तान के भी शीर्ष अधिकारी शामिल थे। इसके अतिरिक्त डोभाल ने म्यांमार के एनएसए एडमिरल मोए आंग से उनके देश की स्थिति पर बात की और वहां पर भारत के सहयोग से चलाए जा रहे बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। इसके अतिरिक्त दोनों अधिकारियों ने म्यांमार से लगने वाली भारतीय सीमा की स्थितियों और शरणार्थियों के आवागमन पर भी बात की।