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बांग्लादेश में बीएनपी-एनसीपी समर्थकों में झड़प, 35 घायल; अवामी लीग ने की यूनुस सरकार की आलोचना

बांग्लादेश में बीएनपी-एनसीपी समर्थकों में झड़प, 35 घायल; अवामी लीग ने की यूनुस सरकार की आलोचना

 बांग्लादेश में बीएनपी-एनसीपी समर्थकों में झड़प, 35 घायल; अवामी लीग ने की यूनुस सरकार की आलोचना


बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खलिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक विरोध रैली के दौरान झड़प हो गई। इसमें पांच पत्रकारों समेत 35 लोग घायल हो गए। स्थानीय मीडिया के अनुसार यह घटना बुधवार शाम उस समय हुई जब कोमिला में एनसीपी की तरफ से एक रैली आयोजित की गई थी।


बांग्लादेश में बीएनपी-एनसीपी समर्थकों में झड़प, 35 घायल (फोटो- रॉयटर)


 बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खलिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक विरोध रैली के दौरान झड़प हो गई। इसमें पांच पत्रकारों समेत 35 लोग घायल हो गए।


एनसीपी और बीएनपी के समर्थक भिड़ गए

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह घटना बुधवार शाम उस समय हुई जब कोमिला में एनसीपी की तरफ से एक रैली आयोजित की गई थी। यह रैली अंतरिम सरकार में शामिल स्थानीय सलाहकार आसिफ महमूद के खिलाफ कथित दुष्प्रचार के विरोध में की गई थी। इसी दौरान एनसीपी और बीएनपी के समर्थक भिड़ गए और दोनों ओर से ईंट और पत्थर फेंके गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई।


अवामी लीग ने की यूनुस सरकार की आलोचना

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शासन में देश की जेलों में कैदियों को यातना देने और हत्या की घटनाओं की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि यूनुस शासन सरकारी मशीनरी का पूरा इस्तेमाल करके जेलों में पूर्व नियोजित हत्याएं करा रहा है।
ट्रंप की मनमानी पर अमेरिका में ही चल रहा हंगामा, टैरिफ पावर पर आज फैसला दे सकती है कोर्ट

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 ट्रंप की मनमानी पर अमेरिका में ही चल रहा हंगामा, टैरिफ पावर पर आज फैसला दे सकती है कोर्ट


अमेरिकी अपील अदालत के जजों ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की वैधता पर सवाल उठाए। निचली अदालत ने कहा था कि ट्रंप ने आयातित वस्तुओं पर अत्यधिक टैरिफ लगाकर अपने अधिकार का अतिक्रमण किया। जजों ने सरकार से पूछा कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत ट्रंप को टैरिफ लगाने का अधिकार कैसे मिला। IEEPA का उपयोग दुश्मनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए होता है।

ट्रंप की मनमानी पर अमेरिका में ही चल रहा हंगामा। (फाइल फोटो)


अमेरिकी अपील अदालत के जजों ने गुरुवार को यह सवाल उठाया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों के अनुसार उचित थे। एक निचली अदालत ने कहा कि उन्होंने आयातित वस्तुओं पर अत्यधिक टैरिफ लगाकर अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है।

वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट के लिए अमेरिकी अपील अदालत अप्रैल में ट्रंप द्वारा कई अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ और फरवरी में चीन, कनाडा तथा मेक्सिको पर लगाए गए टैरिफ की वैधता पर विचार कर रही है।


जानिए क्या है पूरा मामला

पांच छोटे व्यवसायों और डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले 12 अमेरिकी राज्यों द्वारा लाए गए दो मामलों में दलीलें सुनते हुए जजों ने सरकारी वकील ब्रेट शुमेट से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आइईईपीए) ने ट्रंप को शुल्क लगाने की शक्ति कैसे प्रदान की।

क्या है अमेरिका का IEEPA कानून?

आइईईपीए 1977 का एक कानून है जिसका ऐतिहासिक रूप से दुश्मनों पर प्रतिबंध लगाने या उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। ट्रंप शुल्क लगाने के लिए आइईईपीए का उपयोग करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं। जजों ने शूमेट को बार-बार टोका और उनके तर्कों पर चुनौतियों की झड़ी लगा दी।


एक जज ने कहा, ''आइईईपीए टैरिफ का जिक्र तक नहीं करता।'' शूमेट ने कहा कि यह कानून आपात स्थिति में ''असाधारण'' अधिकार देता है, जिसमें आयात को पूरी तरह से रोकने की क्षमता भी शामिल है।
मामले में जज ने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि आइईईपीए टैरिफ को अधिकृत करता है क्योंकि यह राष्ट्रपति को संकट की स्थिति में आयात को ''विनियमित'' करने की अनुमति देता है। टैरिफ को चुनौती देने वाले राज्यों और व्यवसायों ने तर्क दिया कि ये टैरिफ आइईईपीए के तहत स्वीकार्य नहीं हैं और अमेरिकी संविधान टैरिफ और अन्य करों पर अधिकार कांग्रेस को देता है, राष्ट्रपति को नहीं।
10 से 41% तक टैरिफ के आदेश पर ट्रंप ने किया हस्ताक्षर, ब्राजील और सीरिया सबसे अधिक प्रभावित; भारत पर भी होगा असर

10 से 41% तक टैरिफ के आदेश पर ट्रंप ने किया हस्ताक्षर, ब्राजील और सीरिया सबसे अधिक प्रभावित; भारत पर भी होगा असर

 10 से 41% तक टैरिफ के आदेश पर ट्रंप ने किया हस्ताक्षर, ब्राजील और सीरिया सबसे अधिक प्रभावित; भारत पर भी होगा असर


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया है। उन्होंने दर्जनों देशों पर 10% से 41% तक के नए टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो 7 दिनों में लागू होंगे। भारत से आयात पर 25% टैरिफ और ताइवान दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों पर भी भारी टैरिफ लगाया गया है।

10 से 41% तक टैरिफ के आदेश पर ट्रंप ने किया हस्ताक्षर। (फोटो- रॉयटर्स)


 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया है। अब राष्ट्रपति ट्रंप ने दर्जनों देशों पर 10 प्रतिशत से लेकर 41 प्रतिशत तक के नए रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है।

बताया जा रहा है कि आने वाले 7 दिनों में ये नए टैरिफ सभी देशों पर लागू हो जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस एलान के बाद भारत पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है। हालांकि, भारत ने साफ कहा है कि राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

ट्रंप ने भारत पर लगाया 25 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। वहीं, 69 अन्य देशों पर भी ट्रंप ने भारी टैरिफ थोपा है। ताइवान पर 20 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप का ये फैसला वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

आज से लागू होंगी नई दरें

बता दें कि ट्रंप द्वारा लगाई गई टैरिफ की नई दरें आज यानी 1 अगस्त से लागू हो जाएंगी। जिस आदेश पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए हैं, उसमें कहा गया है कि इस आदेश के बाद 7 दिनों के भीतर नई टैरिफ की दरें लागू हो जाएंगी। इसके अलावा बताया गया कि इस टैरिफ वाले आदेश में जिन देशों के नाम शामिल नहीं है, उन सभी पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लिया गया है।

ट्रंप ने कनाडा को दी धमकी

इस बीच खबर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को धमकी दे दी है। इसके अलावा ट्रंप ने कनाडा पर 35 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। इससे पहले कनडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने आरोप लगाया है कि कनाडा अवैध नशीली दवाओं के संकट को रोकने में असफल रहा है इसके साथ ही अमेरिका की नीतियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की कर रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका द्वारा कनाडा पर लगाया गया ये टैरिफ आज से ही लागू हो जाएगा
भारत पर 25% टैरिफ फाइनल नहीं... अभी बातचीत जारी', ट्रंप का नया बयान; भारत का भी आया रिएक्शन

भारत पर 25% टैरिफ फाइनल नहीं... अभी बातचीत जारी', ट्रंप का नया बयान; भारत का भी आया रिएक्शन

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीदने पर सज़ा का ऐलान करके दुनिया को चौंका दिया है। ट्रंप ने भारत को सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाने वाला देश बताया जिससे अमेरिका को व्यापारिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने भारत को ब्रिक्स का हिस्सा बताकर अमेरिका विरोधी गठबंधन कहा। ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदता है


ट्रंप ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने की वजह से पेनल्टी का ऐलान कर दुनिया को चौंका दिया है।

यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, जिसके चलते अमेरिका को भारी व्यापारिक नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने भारत को ब्रिक्स (BRICS) देशों का हिस्सा बताते हुए इसे "अमेरिका विरोधी" गठबंधन करार दिया।


ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम भारत से बात कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है। भारत के टैरिफ 100-150 फीसदी तक हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत रूस से सबसे ज्यादा सैन्य उपकरण और तेल खरीदता है। ये यूक्रेन युद्ध के समय में ठीक नहीं है।


ट्रंप ने कहा है कि भारत पर 25 फीसदी टैरिफ की बात अभी फाइनल नहीं है, इस हफ्ते के अंत तक देखते हैं क्या होता है।




'भारत हमारा दोस्त लेकिन...'

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "भारत हमारा दोस्त है, लेकिन उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। वे हमारे साथ कम व्यापार करते हैं क्योंकि उनके गैर-मौद्रिक व्यापार नियम बहुत सख्त हैं।"



उन्होंने भारत को चेतावनी दी कि 1 अगस्त से 25% टैरिफ के साथ-साथ रूस से तेल खरीदने की पेनल्टी भी लागू होगी। ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया, लेकिन साथ ही कहा कि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है।


उन्होंने कहा, "मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन भारत हमें बहुत कुछ बेचता है, जबकि हम उनसे कम खरीदते हैं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।"



ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत अब टैरिफ कम करने को तैयार है और इस हफ्ते के अंत तक कोई फैसला हो सकता है।
भारत सरकार ने टैरिफ को लेकर क्या कहा?

भारत सरकार ने ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने कहा कि वह इस बयान के असर का अध्ययन कर रही है। भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष और दोनों के लिए फायदेमंद व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। भारत ने साफ किया कि वह इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है।






सरकार ने यह भी कहा कि वह अपने किसानों, उद्यमियों और छोटे-मध्यम उद्योगों (MSMEs) के हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। भारत ने हाल ही में यूके के साथ व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता किया था और उसी तरह राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
'दोस्त' ऐसा तो दुश्मन की क्या जरूरत! ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ की बड़ी ऑयल डील, बोले- एक दिन भारत को तेल बेचेगा पाक

'दोस्त' ऐसा तो दुश्मन की क्या जरूरत! ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ की बड़ी ऑयल डील, बोले- एक दिन भारत को तेल बेचेगा पाक

 'दोस्त' ऐसा तो दुश्मन की क्या जरूरत! ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ की बड़ी ऑयल डील, बोले- एक दिन भारत को तेल बेचेगा पाक


US Pakistan Oil Deal अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ एक बड़े व्यापारिक करार की घोषणा की है जिसके तहत दोनों देश मिलकर पाकिस्तान में विशाल तेल भंडार विकसित करेंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर तेल भंडारों को विकसित करेंगे। उन्होंने मजाक में यह भी कहा कि शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे।

अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ा व्यापारिक करार किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ा व्यापारिक करार किया है। इसके तहत दोनों देश मिलकर पाकिस्तान में 'विशाल तेल भंडार' विकसित करेंगे।


इससे पहले ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर कहा था कि भारत मित्र देश हैं। हालांकि उन्होंने टैरिफ में किसी राहत से इनकार कर दिया था।

अब ट्रंप पाकिस्तान के साथ ऑयल डील की बात कह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि ट्रंप किन तेल भंडारों की बात कर रहे हैं।


'पाक के साथ मिलकर विशाल तेल भंडार विकसित करेंगे'

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हमने पाकिस्तान के साथ एक करार किया है। इसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका मिलकर उनके विशाल तेल भंडारों को विकसित करेंगे।"


उन्होंने यह भी कहा कि अभी यह तय हो रहा है कि कौन सी तेल कंपनी इस साझेदारी को लीड करेगी। पाकिस्तान अभी मध्य पूर्व से तेल आयात करता है ताकि उसकी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी हों।

लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पास समुद्र में विशाल तेल भंडार हैं। ये तकनीकी कमी और पैसों की कमी की वजह से अभी तक इस्तेमाल नहीं हो सके। पाकिस्तान इन भंडारों को विकसित करने के लिए निवेश जुटाने की कोशिश में है। ट्रंप ने मजाक में कहा, "कौन जानता है, शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे।"


पाकिस्तान की तरफ से इस करार पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दोस्ती की बात कहकर ट्रंप ने मोड़ा मुंह

ट्रंप का यह ऐलान ऐसे वक्त में आया है जब उन्होंने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ भारत से आने वाली सभी चीजों पर लागू होगा। इसके साथ ही, रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगेगा। ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों को "सबसे सख्त और आपत्तिजनक" बताया।


ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम भारत से अभी बात कर रहे हैं। भारत का टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा है।"

ट्रंप ने यह भी बताया कि व्हाइट हाउस व्यापारिक करारों पर बहुत व्यस्त है और वह दक्षिण कोरिया की व्यापारिक टीम से भी मुलाकात करेंगे। भारत ने ट्रंप के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि वह इस बयान पर गौर कर रहा है।


भारत ने कहा, "हम पिछले कुछ महीनों से अमेरिका के साथ एक निष्पक्ष, संतुलित और दोनों के लिए फायदेमंद व्यापारिक करार के लिए बातचीत कर रहे हैं। हम इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
अमेरिका में F-35 लड़ाकू विमान क्रैश, नेवल एअर स्टेशन लेमूर में हुआ हादसा

अमेरिका में F-35 लड़ाकू विमान क्रैश, नेवल एअर स्टेशन लेमूर में हुआ हादसा

 अमेरिका में F-35 लड़ाकू विमान क्रैश, नेवल एअर स्टेशन लेमूर में हुआ हादसा


अमेरिका के कैलिफोर्निया में नेवल एअर स्टेशन लेमूर के पास एक F-35 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राहत की बात यह रही कि पायलट सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकलने में सफल रहा। अमेरिकी नौसेना के अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है। NAS लेमूर ने कहा कि पायलट सुरक्षित है और कोई अन्य कर्मचारी प्रभावित नहीं हुआ है।

नेवल एअर स्टेशन लेमूर में F-35 लड़ाकू विमान क्रैश। (फोटो- स्क्रीनग्रैब)


 अमेरिका से एक विमान हादसे की खबर सामने आई है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित नेवल एअर स्टेशन लेमूर के पास एक F-35 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। गनीमत बस इस बात की रही कि पायलट विमान से बाहर निकलने में सफल रहा।


घटना की जानकारी अमेरिकी नौसेना के अधिकारियों ने दी। इस घटना को लेकर NAS लेमूर की ओर से एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पायलट सफलतापूर्वक विमान से बाहर निकल गया और सुरक्षित है। कोई और कर्मचारी प्रभावित नहीं हुआ है।


हादसे के कारणों की जांच जारी

जानकारी दें कि ये हादसे के बार में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।

वहीं, F-35 लड़ाकू विमानों के निर्माता, अमेरिकी रक्षा ठेकेदार लॉकहीड मार्टिन ने इस हादसे के संबंध में अभी कर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।
रूस में आया 8.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी; डरा देगा वीडियो

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रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.0 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया और जापान के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। इसकी जानकारी जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बुधवार को दी। एजेंसी ने बताया कि भूकंप सुबह 825 बजे (स्थानीय समयानुसार) आया और इसकी प्रारंभिक तीव्रता 8.0 दर्ज की गई। अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

रूस में आया 8.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप (सांकेतिक तस्वीर)


रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.0 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया और जापान के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। इसकी जानकारी जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बुधवार को दी।

एजेंसी ने बताया कि भूकंप सुबह 8:25 बजे (स्थानीय समयानुसार) आया और इसकी प्रारंभिक तीव्रता 8.0 दर्ज की गई। एजेंसी ने जापान के प्रशांत तट पर 1 मीटर तक की सुनामी की चेतावनी जारी की। अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है।
हिलने लगी इमारतें, कांपने लगी जमीन... देखें रूस में भूंकप का खौफनाक मंजर

हिलने लगी इमारतें, कांपने लगी जमीन... देखें रूस में भूंकप का खौफनाक मंजर

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Russia Earthquake भूकंप की गहराई सिर्फ 19.3 किलोमीटर (12 मील) थी और इसका केंद्र कामचटका के पेट्रोपावलोव्स्क शहर से 125 किलोमीटर (80 मील) दूर अवाचा खाड़ी के तट पर था। USGS ने पहले इसकी तीव्रता 8.0 बताई थी लेकिन बाद में इसे 8.8 कर दिया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में भूकंप की भयावहता साफ देखी जा सकती है।

भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। (फोटो सोर्स- रायटर्स)


रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार को 8.8 तीव्रता का एक जबरदस्त भूकंप आया। इस भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है।


यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, अगले तीन घंटों में रूस और जापान के तटों पर खतरनाक सुनामी लहरें पहुंच सकती हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इमारतों के भीतर जबरदस्त झटके और नुकसान की तस्वीरें सामने आई हैं।

भूकंप की गहराई सिर्फ 19.3 किलोमीटर (12 मील) थी और इसका केंद्र कामचटका के पेट्रोपावलोव्स्क शहर से 125 किलोमीटर (80 मील) दूर अवाचा खाड़ी के तट पर था। USGS ने पहले इसकी तीव्रता 8.0 बताई थी, लेकिन बाद में इसे 8.8 कर दिया।

वीडियो में दिखा खौफनाक मंजर

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में भूकंप की भयावहता साफ दिख रही है। एक वीडियो में एक रिहायशी अपार्टमेंट के भीतर फर्नीचर और सामान जोर-जोर से हिलते नजर आ रहे हैं।

एक अन्य वीडियो में रूस के सिस्मिक सेंटर में भूकंप का पता लगते ही अलार्म बजने की तस्वीरें सामने आई हैं। एक और फुटेज में इमारतें बुरी तरह हिलती दिख रही हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फिर भी, इलाके में कई जगहों पर नुकसान की खबरें हैं।


किसी के हताहत की खबर नहीं

कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "आज का भूकंप बेहद गंभीर था और दशकों में सबसे ताकतवर झटकों में से एक था।" उन्होंने बताया कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन एक किंडरगार्टन को नुकसान पहुंचा है।

सखालिन के गवर्नर वेलेरी लिमारेंको ने बताया कि सुनामी के खतरे को देखते हुए प्रायद्वीप के दक्षिण में बसे छोटे से कस्बे सेवेरो-कुरिल्स्क को खाली करने का आदेश दिया गया है। रूस के आपातकालीन मंत्रालय की कामचटका शाखा ने टेलीग्राम पर कहा कि 32 सेंटीमीटर (1 फीट) तक ऊंची सुनामी लहरें तट तक पहुंच सकती हैं


जापान और अमेरिका में भी अलर्ट

जापान की मौसम एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी को और सख्त कर दिया और कहा कि 3 मीटर (9.8 फीट) तक ऊंची लहरें सुबह 10:00 से 11:30 बजे (0100-0230 GMT) के बीच जापान के प्रशांत तट पर पहुंच सकती हैं। जापान मौसम एजेंसी ने तटीय इलाकों में 1 मीटर (3.3 फीट) तक की सुनामी की आशंका जताई है।


अमेरिका ने अलास्का सहित कुछ इलाकों के लिए सुनामी सलाह जारी की है। यूएस सुनामी चेतावनी सिस्टम ने रूस और जापान के कुछ तटों पर अगले तीन घंटों में खतरनाक सुनामी लहरों की चेतावनी दी है। इसके अलावा, अमेरिका के गुआम और माइक्रोनेशिया के अन्य द्वीपों के लिए भी सुनामी निगरानी लागू की गई है।

रिंग ऑफ फायर क्यों इस इस इलाके के लिए खतरा?

कामचटका और रूस का सुदूर पूर्वी इलाका पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर बसा है, जो भूगर्भीय रूप से बेहद सक्रिय क्षेत्र है। यहां बड़े भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट आम हैं। अभी तक स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और प्रशासन लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।
जापान पर 2011 में बरपा था कुदरत का कहर, 40 मीटर ऊंची लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में मचाइ थी तबाही

जापान पर 2011 में बरपा था कुदरत का कहर, 40 मीटर ऊंची लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में मचाइ थी तबाही

 जापान पर 2011 में बरपा था कुदरत का कहर, 40 मीटर ऊंची लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में मचाइ थी तबाही


रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया जिसके बाद सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। कुरील द्वीपों में लहरें चार मीटर तक ऊंची उठीं। जापान में 30 सेंटीमीटर की लहर रिकॉर्ड की गई। अलास्का हवाई और चिली जैसे देशों के लिए चेतावनी जारी की गई है। 2011 में जापान में आए भूकंप और सुनामी ने भारी तबाही मचाई थी जिससे फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट भी प्रभावित हुआ।

अलास्का, हवाई, चिली, न्यूजीलैंड, सोलोमन द्वीप और इक्वाडोर तक के लिए चेतावनी जारी की गई है।

 रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार तड़के 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद कई देशों में सुनामी का खतरा मंडराने लगा है। कई तटीय इलाकों में तेज लहरे भी देखी गईं।


सुनामी की लहरें कुरील द्वीपों के सेवेरो-कुरील्स्क तक पहुंचीं। लहरों से समुद्र का पानी चार मीटर तक ऊंचा उठ गया। जापान की मौसम एजेंसी ने होक्काइडो के नेमुरो में 30 सेंटीमीटर की लहर रिकॉर्ड की।

अलास्का, हवाई, चिली, न्यूजीलैंड, सोलोमन द्वीप और इक्वाडोर तक के लिए चेतावनी जारी की गई, जहां तीन मीटर तक की लहरों का खतरा था। भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की शहर से 119 किलोमीटर दूर था, जहां 1,80,000 लोग रहते हैं।
2011 की जापान सुनामी त्रासदी

11 मार्च 2011 को जापान के होन्शू द्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर समुद्र के नीचे 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके आधे घंटे के भीतर एक विशाल सुनामी ने शहर में खूब तबाही मचाई। यह भूकंप जापान ट्रेंच के पास आया था। इस जगह प्रशांत प्लेट ओखोत्स्क माइक्रोप्लेट के नीचे धंस रही थी।

यह टूटन करीब 300 किलोमीटर लंबी और 150 किलोमीटर चौड़ी थी। इस वजह से समुद्र तल करीब 50 मीटर तक ऊपर उठ गया था। यह जापान का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था और 1900 के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भूकंप था।


इसके झटके पूरे जापान में महसूस हुए और रूस, ताइवान और चीन तक इसका असर पहुंचा। सैकड़ों आफ्टरशॉक आए, जिनमें से कुछ 7.0 तीव्रता से ज्यादा के थे। आधे घंटे बाद, 40 मीटर ऊंची सुनामी लहरें जापान के उत्तर-पूर्वी तट से टकराईं।

तटीय सुरक्षा दीवारें ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सेंडाई और इवाते जैसे इलाकों में पानी 10 किलोमीटर तक अंदर घुस गया था। शहर, हवाई अड्डे, बंदरगाह और बस्तियां तबाह हो गईं थी।
फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में मची थी तबाही

2011 की सुनामी की वजह से फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर प्लांट के कूलिंग सिस्टम को ठप कर दिया था। तीन रिएक्टरों में ओवरहीटिंग हुई और अगले कुछ दिनों में कोर मेल्टडाउन हो गया। विस्फोट और रेडिएशन लीक की वजह से 20 किलोमीटर के दायरे में लोगों को खाली करना पड़ा था। इससे हजारों लोग प्रभावित हुए थे। यह हादसा चर्नोबिल के बराबर लेवल 7 न्यूक्लियर आपदा के रूप में दर्ज हुआ था।

2021 तक, इस त्रासदी में 15,899 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, 2,526 लोग लापता रहे और 6,000 से ज्यादा घायल हुए। ज्यादातर मरने वाले बुजुर्ग थे, जो सुनामी की चपेट में आ गए। मियागी प्रांत में सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान हुआ। 1,23,000 घर पूरी तरह तबाह हुए और 10 लाख से ज्यादा को नुकसान पहुंचा। 98 फीसदी नुकसान सुनामी की वजह से हुआ।
पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस में हुआ ब्लास्ट, तीन डिब्बे पटरी से उतरे; एक शख्स जख्मी

पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस में हुआ ब्लास्ट, तीन डिब्बे पटरी से उतरे; एक शख्स जख्मी

 पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस में हुआ ब्लास्ट, तीन डिब्बे पटरी से उतरे; एक शख्स जख्मी


Pakistan Jafar Express Blast पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे धमाके से पटरी से उतर गए जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। पेशावर से क्वेटा जा रही ट्रेन शिकारपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई। रेलवे और स्थानीय प्रशासन जांच कर रहे हैं। पहले भी जाफर एक्सप्रेस पर हमले हो चुके हैं जिससे यात्रियों में डर है। सिंध प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे एक धमाके की वजह से पटरी से उतर गए। (फोटो सोर्स- X)


 पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्वी सूबे सिंध में सोमवार को एक भयानक हादसा हुआ, जब क्वेटा जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे एक धमाके की वजह से पटरी से उतर गए। इस हादसे में एक शख्स जख्मी हो गया।

पाक रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है, ताकि हादसे की असल वजह सामने आ सके।

सुक्कुर रेलवे डिवीजनल सुपरिंटेंडेंट जमशैद आलम ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस पेशावर से क्वेटा जा रही थी, जब शिकारपुर के पास एक धमाके की वजह से ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए।



धमाके के बाद ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई और यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सुक्कुर से रेस्क्यू टीमें फौरन रवाना की गईं।
पहले भी हो चुके हैं हमले

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक को ठीक करने में अभी कम से कम पांच घंटे और लग सकते हैं। इस दौरान ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रहेगी। यह पहला मौका नहीं है जब जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया हो।


इससे पहले जून में जैकोबाबाद के पास एक रिमोट-नियंत्रित बम धमाके में ट्रेन के चार डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस हमले में कोई जख्मी नहीं हुआ था, लेकिन बलोच रिपब्लिकन गार्ड्स ने उसकी जिम्मेदारी ली थी।

11 मार्च को भी जाफर एक्सप्रेस के साथ एक और खौफनाक घटना हुआ था, जब आतंकियों ने ट्रेन पर गोलीबारी की और 400 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया था।

इस तरह के बार-बार होने वाले हादसों ने रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिंध प्रशासन ने इस ताजा हादसे की तहकीकात का हुक्म दिया है, ताकि यह पता चल सके कि धमाका किसने और क्यों किया।



स्थानीय लोगों में रोष

रेलवे और स्थानीय पुलिस मिलकर इस मामले की छानबीन कर रही है। हादसे के बाद स्थानीय लोग और यात्री डर और गुस्से में हैं। उनका कहना है कि बार-बार होने वाले ऐसे हमले उनकी जान को खतरे में डाल रहे हैं। रेलवे प्रशासन ने यकीन दिलाया है कि ट्रैक जल्द ठीक कर लिया जाएगा और ट्रेन की आवाजाही बहाल हो जाएगी।
कौन है शेन तामुरा? जिसने न्यूयॉर्क को फायरिंग से दहलाया, चार लोगों की हत्या कर खुद भी दी जान

कौन है शेन तामुरा? जिसने न्यूयॉर्क को फायरिंग से दहलाया, चार लोगों की हत्या कर खुद भी दी जान

 कौन है शेन तामुरा? जिसने न्यूयॉर्क को फायरिंग से दहलाया, चार लोगों की हत्या कर खुद भी दी जान


न्यूयॉर्क के मिडटाउन मैनहट्टन में शेन तामुरा नामक एक 27 वर्षीय व्यक्ति ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें चार लोगों की जान चली गई। आरोपी ने इमारत की 33वीं मंजिल पर खुद को भी गोली मार ली। शेन लॉस वेगास का रहने वाला था और पूर्व फुटबॉलर था। माना जा रहा है कि उसने NFL के मुख्यालय में हमला किया। इस घटना पर अमेरिकी सांसद ने दुख जताया है।

मिडटाउन मैनहट्टन में फायरिंग करने वाला शख्स। फोटो- सोशल मीडिया

 बीते दिन न्यूयॉर्क के मिडटाउन मैनहट्टन में एक शख्स ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए 4 लोगों की जान ले ली। वहीं, इमारत के 33वीं मंजिल पर पहुंच कर आरोपी ने खुद को भी गोली मार ली। वहीं, अब हमलावर की शिनाख्त हो चुकी है।


मैनहट्टन में फायरिंग करने वाले शख्स का नाम शेन तामुरा है। शेन अमेरिका के लॉस वेगास से ताल्लुक रखा है। उसकी उम्र 27 साल है और पूर्व फुटबॉलर रह चुका है।


क्या है पूरा मामला?

मैनहट्टन हमले के बाद से ही शेन की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोमवार की शाम लगभग 6:30 बजे शेन 345 पार्क एवेन्यू स्थित मिडटाउन मैनहट्टन पहुंचा और धुआंधार फायरिंग शुरू कर दी। शेन ने एक पुलिस अधिकारी समेत 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। बिल्डिंग के 33वें फ्लोर पर शेन का शव पड़ा मिला।


फुटबॉलर था शेन

बता दें कि शेन ने जिस मिडटाउन मैनहट्टन इमारत में हमला किया, वास्तव में वहां ब्लैक स्टोन और NFL समेत KPMG का मुख्यालय मौजूद है। 2016 में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद शेन फुटबॉल खेलने लगा।



शूटिंग की वजह पर बना सस्पेंस

अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार, शेन NFL (National Football League) का फुटबॉल मैच हार गया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उसी हार का बदला लेने के लिए शेन NFL के मुख्यालय पहुंचा था। हालांकि, यह दावे किस हद तक सच हैं? यह कोई नहीं जानता।

अमेरिकी सांसद ने जताया दुख

मैनहट्टन में हुआ यह जानलेवा हमला अमेरिका की संसद तक पहुंच गया है। डेमोक्रेट पार्टी से अमेरिकी सांसद हकीम जेफ्रीज के अनुसार, "मिडटाउन मैनहट्टन में हुए इस डरावने हादसे से अंदर तक हिल गया हूं। पीड़ितों के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि ईश्वर इस बुरे समय में हमारे शहर की रक्षा करेगा।"
 हजारों की भीड़ पर क्रैश होने वाला था EF-18 लड़ाकू विमान, जानें कैसे टला बड़ा हादसा?

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Spain fighter jet EF-18 Viral Video स्पेन के गिजोन शहर में एक स्पेनिश एअरफोर्स का हॉर्नेट फाइटर जेट ईएफ-18 बेकाबू होकर भीड़ पर गिरने लगा जिससे भगदड़ मच गई। पायलट ने विमान पर काबू पाया। विमान से एक पक्षी टकराने के कारण संतुलन खो गया था। पायलट की समझदारी से एक बड़ा हादसा टल गया जिसमें कई लोगों की जान जा सकती थी।

स्पेन में फाइटर जेट का वीडियो वायरल। फोटो- सोशल मीडिया


 यूरोपीय देश स्पेन के खूबसूरत शहर गिजोन से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। स्पेनिश एअरफोर्स का हॉर्नेट फाइटर जेट ईएफ-18 अचानक बेकाबू होकर भीड़ पर गिरने लगा। इस घटना से लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि, पायलट किसी तरह से विमान पर काबू पाने में कामयाब रहा।



गिजोन के बीच पर हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। स्पेनिश एअरफोर्स ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है।


विमान से निकला धुआं

यह घटना रविवार की है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि फाइटर प्लेन क्रैश होने से बाल-बाल बचा। आखिरी समय पर पायलट ने किसी तरह विमान को क्रैश होने से बचा लिया और जमीन छूने से पहले फिर से उड़ान भरने में कामयाब रहा। इस वीडियो से इंटरनेट पर भी सनसनी फैल गई है।


हवा में क्यों लड़खड़ाया विमान?

स्पेनिश एअरफोर्स ने एक्स पर घटना की जानकारी देते हुए बताया कि विमान के रास्ते में एक पक्षी आ गया था, जिसके कारण विमान का संतुलन खो गया। गिजोन में उड़ान के दौरान एक पक्षी अचानक विमान से टकरा गया, जिसके कारण विमान नीचे गिरने लगा।

स्पेनिश एअरफोर्स के अनुसार,


हम आपको बताते हैं कि गिजोन एअर फेस्टिवल में क्या हुआ था? जैसा आपने देखा एफ-18 फाइटर एअर शो दिखा रहा था, तभी एक पक्षी रास्ते में आ गया। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए विमान पर काबू पाया, जिससे न सिर्फ पायलट सुरक्षित बच गए बल्कि लोग भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

बड़ा हादसा टला

दरअसल हादसे के दौरान गिजोन के बीच पर भारी भीड़ मौजूद थी। स्पेनिश फाइटर जेट भी एअर शो दिखा रहा था। ऐसे में अगर फाइटर जेट सचमुच क्रैश हो जाता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था, जिसमें कई लोगों की जान भी जा सकती थी। हालांकि, पायलट की समझदारी से यह हादसा टल गया।
भारत का दिल से शुक्रिया...', बदले-बदले से दिख रहे मोहम्मद यूनुस; किस बात के लिए कहा थैंक्यू?

भारत का दिल से शुक्रिया...', बदले-बदले से दिख रहे मोहम्मद यूनुस; किस बात के लिए कहा थैंक्यू?

 भारत का दिल से शुक्रिया...', बदले-बदले से दिख रहे मोहम्मद यूनुस; किस बात के लिए कहा थैंक्यू?


बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने ढाका विमान हादसे के पीड़ितों के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सकों नर्सों और अन्य देशों के मेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने स्वास्थ्य पेशेवरों की त्वरित सेवाओं और प्रतिक्रिया की सराहना की। यूनुस ने चिकित्सा शिक्षा आदान-प्रदान और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में दीर्घकालिक संबंध बनाए रखने का आग्रह किया। नासिर उद्दीन ने कहा कि डॉक्टरों की कोई सीमा नहीं होती।

बांग्लादेश सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भारतीय डॉक्टरों को शुक्रिया कहा है। (फाइल फोटो)

HIGHLIGHTSढाका विमान हादसे में पीड़ितों की मदद के लिए यूनुस ने खास अंदाज में कहा शुक्रिया।
12 चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल से रविवार को यूनुस ने की मुलाकात।

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने भारतीय चिकित्सकों और नर्सों को खास तरीके से शुक्रिया अदा किया है। दरअसल, मोहम्मद यूनुस ने पिछले दिनों ढाका में हुए विमान हादसे के पीड़ितों के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सकों को शुक्रिया कहा है।


इतना ही नहीं उन्होंने भारत के अलावा चीन और सिंगापुर के मेडिकल स्टाफ के प्रति भी अपना आभार व्यक्त किया है। मोहम्मद यूनुन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बहुत दिल से घायलों की सेवा की है। दरअसल, ढाका में पिछले हफ्ते एक विमान हादसा हो गया था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।

प्रतिनिधिमंडल से यूनुस ने की मुलाकात

जानकारी दें कि गत दिनों बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने सिंगापुर, चीन और भारत के 21 चिकित्सकों और नर्सों के एक प्रतिनिधिमंडल से रविवार को मुलाकात की।

इस दौरान मोहम्मद यूनुस ने स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा दी गई त्वरित सेवाओं और प्रतिक्रिया तथा मदद के लिए आभार व्यक्त किया। इसके साथ मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में इस राष्ट्रीय संकट के समय उनके समर्पण के लिए एकजुटता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये टीमें न केवल अपने कौशल के साथ बल्कि अपने दिल के साथ आई हैं।



घायलों के उपचार में लगी है कई देशों से पहुंची टीम

जानकारी दें कि ढाका में हुए विमान हादसे में कई लोग बुरी तरीके से घायल हो गए। इन सभी का उपचार अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सा दल स्थानीय स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ मिलकर घायलों का उपचार एवं देखभाल कर रहे हैं।

आगे भी जुड़े रहने का किया आग्रह

जानकारी दें कि मोहम्मद यूनुस ने इस मुलाकात के दौरान चिकित्सकों से संस्थागत सहयोग, चिकित्सा शिक्षा आदान-प्रदान और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्षमता निर्माण एवं नवाचार में निंतर भागीदारी कि लिए बांग्लादेश के साथ एक दीर्घकालिक संबंध बनाए रखने का भी आग्रह किया।




इसके अलावा यूनुस ने इस बात पर विशेष बल दिया कि इस प्रकार की साझेदारियां जन स्वास्थ्य और आपातकालीन तैयारियों में स्थाई सहयोग की नींव रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।
सीमा के बंधन में नहीं रहते डॉक्टर

इस बैठक में बांग्लादेश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिर सर्जरी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद नासिर उद्दीन ने कहा कि यह एक बार फिर साबित हो गया है कि डॉक्टरों की कोई सीमा नहीं होती। ज्ञात हो कि बैठक में सिंगापुर से दस, चीन से आठ और भारत से चार सदस्य शामिल हुए।
यूरोपीयन यूनियन के साथ US की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेड डील, व्यापार समझौते पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

यूरोपीयन यूनियन के साथ US की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेड डील, व्यापार समझौते पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

 यूरोपीयन यूनियन के साथ US की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेड डील, व्यापार समझौते पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?


US-EU Trade Deal अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीयन यूनियन के साथ एक बड़ी ट्रेड डील की है। इस डील के अनुसार अमेरिका यूरोप से आने वाली वस्तुओं पर 15% टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने यूरोपीयन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की। इस ट्रेड डील से अमेरिका और ईयू के बीच 157.7 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीयन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन। फोटो- सोशल मीडिया

 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूरोप के दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने अमेरिका और यूरोपीयन यूनियन की ट्रेड डील को अब तक की "सबसे बड़ी" डील करार दिया है। इस डील के बाद यूरोप से अमेरिका जाने वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा।


डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीयन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ उनके स्कॉटलैंड स्थित गोल्फ रिसॉर्ट में ट्रंप ने हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद ट्रंप ने अमेरिका में यूरोपीयन यूनियन (ईयू) के निर्यात पर 15 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का एलान किया है।

1 अगस्त को थी डेडलाइन

बता दें कि अमेरिका ने यूरोपीयन यूनियन के साथ ट्रेड डील फाइनल करने की आखिरी तारीख 1 अगस्त निर्धारित की थी। इसके बाद अमेरिका ईयू के सामान पर 30 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने वाला था। हालांकि, 1 अगस्त से पहले ही दोनों देशों के बीच डील हो गई है, जिससे ईयू भारी टैरिफ से भी बच गया है।

ट्रेड डील पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा-


हमने डील कर ली है। यह सभी के लिए फायदेमंद है। शायद यह अब तक की सबसे बड़ी डील साबित होगी।

ट्रेड डील में क्या-क्या खास?यूरोप के ऑटोमोबाइल सेक्टर, फार्मास्यूटिकल और सेमिकंडक्टर समेत सभी चीजों पर अमेरिका 15 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा।
यूरोपीयन यूनियन में शामिल यूरोप के 27 देशों पर इस डील के प्रावधान लागू होंगे।
ईयू अमेरिका से 750 अरब डॉलर (62.25 लाख करोड़ रुपये) की ऊर्जा खरीदेगा।
ईयू ने अमेरिका में 600 अरब डॉलर (49.8 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करने पर सहमति दर्ज की है।
157.7 लाख करोड़ का होगा व्यापार

ईयू की अध्यक्ष उर्सुला का कहना है कि आने वाले तीन सालों में ईयू ऊर्जा के लिए अमेरिका से नेचुरल गैस, तेल और परमाणु ईंधन खरीदेगा। इससे हमारी रूस पर भी निर्भरता कम होगी। इस डील के बाद अमेरिका और ईयू के बीच सालाना 1.9 ट्रिलियन डॉलर (157.7 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार होने की संभावना है।
भारत में जल्द दौड़ेगी हाइड्रोजन ट्रेन! रेलवे ने किया सफल परीक्षण; कैसे करता है ये काम?

भारत में जल्द दौड़ेगी हाइड्रोजन ट्रेन! रेलवे ने किया सफल परीक्षण; कैसे करता है ये काम?

 भारत में जल्द दौड़ेगी हाइड्रोजन ट्रेन! रेलवे ने किया सफल परीक्षण; कैसे करता है ये काम?


भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन से चलने वाली पहली ट्रेन कोच का सफल परीक्षण किया जो हरियाणा के जींद में हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को सोशल मीडिया पर साझा किया। यह तकनीक हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम पर आधारित है जिससे प्रदूषण नहीं होता। इस पहल से भारत हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगा और 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

First Hydrogen Train Coach: देश में हाइड्रोजन ट्रेन कोच का सफल परीक्षण हुआ।(फोटो सोर्स: अश्विणी वैष्णव)


भारतीय रेलवे ने एक अहम उपलब्धि हासिल की है। देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन कोच (First Hydrogen Powered Train Coach) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण हरियाणा के जींद में रेलवे की वर्कशॉप में किया गया।


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सफल परीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "भारत वर्तमान में 1,200 एचपी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन विकसित कर रहा है, जो देश को हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक में वैश्विक अग्रणी देशों में शामिल कर देगा। यह भारत को रेल परिवहन के लिए हाइड्रोजन का उपयोग करने वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल करता है।"

बता दें कि हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें न तो डीजल और न ही बिजली की सप्लाई लाइन पर निर्भर रहती है। सवाल ये है कि आखिर ये ट्रेन चलेगी कैसे?


दरअसल, ट्रेन यह तकनीक हाईड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम पर काम करती है। ट्रेन इंजन में लगे टैंक में हाइड्रोजन गैस भरी रहती है। वहीं, ऑक्सीजन को हवा के माध्यम से ली जाती है। जब दोनों आपस में मिलते हैं तो एक रासायनिक क्रिया की शुरुआत होती है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने के बाद बिजली का संचार होता है जो, मोटर को पावर देती है।

जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में बैटरी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यानी तेज स्पीड या चढ़ाई वाले रास्ते पर बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। ‘
ग्रीन फ्यूचर’ की दिशा में बड़ा कदम

इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को है। हाइड्रोजन ट्रेन से कार्बन डाइऑक्साइड या जहरीली गैस नहीं निकलती, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। हाइड्रोजन ट्रेन भारत के ‘ग्रीन फ्यूचर’ की दिशा में बड़ा कदम है।

फ्रांस और जर्मनी में पहले से ही हाइड्रोजन प्रणाली से ट्रेनें चल रही हैं।भारतीय रेलवे के इस कदम से एक तो हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का जो लक्ष्य को हासिल करने में यह एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
कमला हैरिस पर चले मुकदमा...', पूर्व उपराष्ट्रपति पर क्यों भड़के ट्रंप? वजह जानकर सभी हैरान

कमला हैरिस पर चले मुकदमा...', पूर्व उपराष्ट्रपति पर क्यों भड़के ट्रंप? वजह जानकर सभी हैरान

 कमला हैरिस पर चले मुकदमा...', पूर्व उपराष्ट्रपति पर क्यों भड़के ट्रंप? वजह जानकर सभी हैरान


डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर मुकदमा चलाने की मांग की है। ट्रंप का आरोप है कि हैरिस और अन्य सेलेब्स ने 2024 के चुनाव अभियान में पैसे लिए जो आर्थिक कानूनों का उल्लंघन है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हैरिस ने बियॉन्से और ओपरा विन्फ्रे जैसे सितारों के समर्थन के बदले लाखों डॉलर खर्च किए।

अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति पर भड़क उठे ट्रंप। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में कई दिग्गजों पर नाराजगी जता चुके हैं। हाल के दिनों में वह टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पर भड़के थे। अब खबर है कि ट्रंप अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर भड़क उठे हैं।


केवल इतना ही नहीं ट्रंप ने तो कमला हैरिस पर मुकदमा चलाने की मांग तक कर डाली। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि कमला हैरिस और कुछ अन्य वरिष्ठ अमेरिकी सेलेब्स ने साल 2024 में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पैसे लिए।

आर्थिक कानूनों के उल्लंघन का दिया हवाला

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ऐसा करना पूरी तरीके से गैरकानूनी है। ट्रंप का दावा है कि ऐसा करने से अमेरिका के चुनावी अभियान के आर्थिक कानूनों का उल्लंघन हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर इस बारे में विस्तार से लिखा है। हालांकि, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान में खुद ट्रंप भी एप्सटीन केस को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं।

ट्रंप ने हैरिस पर लगाए ये आरोप

अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने (हैरिस) गायिका बियॉन्से, टीवी होस्ट ओपरा विन्फ्रे और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट अल शार्पटन जैसे सितारों के समर्थन के बदले लाखों डॉलर खर्च किए।

ट्रंप का कहना है कि यह समर्थन अभियान असली नहीं था। ये पैसे लेकर हासिल किया गया समर्थन अभियान था। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर ट्रंप ने इस संबंध में लिखा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या होगा यदि नेता सभी समर्थन करने वालों को पैसे देना शुरू कर दें? आगे ट्रंप ने लिखा कि कमला और उन सभी ने जिन्होंने पैसे लिए उन्होंने कानून तोड़ा है। इन सभी पर मुकदमा चलना चाहिए।

खुद भी विवादों में घिरे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह हमला ऐसे समय पर किया है, जब वह खुद ही जेफ्री एप्सटीन केस फाइल विवाद से घिरे हुए हैं। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने एप्सटीन केस को राजनीति से प्रेरित करार दिया था।

एप्सटीन केस पर क्या बोले ट्रंप?

जानकारी दें कि ट्रंप ने एप्सटीन केस को लेकर अपने विचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर शेयर किया था। उन्होंने इस दौरान लिखा था कि कट्टरपंथी वामपंथी डेमोक्रेट्स अमेरिका के लिए हमारी छह महीने की शानदार सेवा से ध्यान भटकाने और उसे छिपाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जिसके परिणामों को कई लोग राष्ट्रपति के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ छह महीने कह रहे हैं।

आगे ट्रंप ने लिखा था कि वे बिल्कुल पागल हो गए हैं और एक और रूस, रूस, रूस का झूठा खेल रहे हैं, लेकिन इस बार, जेफरी एपस्टीन घोटाले की आड़ में। उम्मीद है कि ग्रैंड जूरी फाइलें इस झूठ का अंत कर देंगी।
 पाकिस्तान ने चली नई चाल; अमेरिकी जनरल को दिया 'निशान-ए-इम्तियाज', क्या है पड़ोसी मुल्क का मकसद?

पाकिस्तान ने चली नई चाल; अमेरिकी जनरल को दिया 'निशान-ए-इम्तियाज', क्या है पड़ोसी मुल्क का मकसद?

 


पाकिस्तान ने चली नई चाल; अमेरिकी जनरल को दिया 'निशान-ए-इम्तियाज', क्या है पड़ोसी मुल्क का मकसद?

पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला की पाकिस्तान यात्रा और उन्हें निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया जाना इसी कड़ी का हिस्सा है। पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बचने और अमेरिका से रक्षा क्षेत्र में मदद पाने के लिए ऐसा कर रहा है। पाकिस्तान अमेरिका को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

पाकिस्तान दौरे पर अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला। फोटो- सोशल मीडिया

HIGHLIGHTSअमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला पाकिस्तान दौरे पर।
पाकिस्तान ने जनरल कुरिल्ला को दिया सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज'।
FATF से बचने के लिए अमेरिका को खुश करने में जुटा पड़ोसी मुल्क।


अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। IMF से कर्ज हासिल करने और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर के व्हाइट हाउस दौरे के बाद इस्लामाबाद से एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला पाकिस्तान पहुंच गए हैं।


पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में जनरल कुरिल्ला का भव्य स्वागत किया गया। यही नहीं, पड़ोसी मुल्क ने उन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' से भी नवाजा है। जाहिर है, पाकिस्तान बिना किसी मकसद के यह सब नहीं करेगा। इस खातिरदारी के पीछे भी पड़ोसी मुल्क का बड़ा मकसद छिपा है।


इस्लामाबाद से तस्वीरें वायरल

पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में जनरल कुरिल्ला के लिए हाई प्रोफाइल सेरेमनी रखी गई और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' दिया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। वहीं, बाद में जनरल कुरिल्ला पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर के साथ सैल्यूट करते भी नजर आए।


पाकिस्तान का मकसद?

दरअसल जरनल कुरिल्ला को यह सम्मान देकर पाकिस्तान, अमेरिका के प्रति अपनी वफादारी साबित करना चाहता है। वो रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका से मदद चाहता है। हालांकि, इससे भी बड़ा एक मकसद है FATF (Financial Action Task Force)
पाक पर लटक रही FATF की तलवार

जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में था। FATF आतंकवाद के खिलाफ बनाया गया एक वैश्विक संगठन है, जो आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर शिकंजा कसता है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में पनप रहा आतंकवाद एक बार फिर उजागर हो गया है। ऐसे में पाकिस्तान पर FATF की लिस्ट में शामिल होने की तलवार लटक रही है।

क्या होगा असर?

वहीं, पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान IMF समेत अलग-अलग कर्जों पर निर्भर है। अगर FATF ने पाक का नाम लिस्ट में डाल दिया, तो उसके लिए कर्ज लेना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि पाकिस्तान अमेरिका को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
अमेरिका जाने वाले सावधान! इस मामूली गलती पर चुकाना पड़ सकता है भारी जुर्माना; CBP ने दी चेतावनी

अमेरिका जाने वाले सावधान! इस मामूली गलती पर चुकाना पड़ सकता है भारी जुर्माना; CBP ने दी चेतावनी

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कस्टम एंड बॉर्डर पुलिस (CBP) ने अमेरिका जाने वाले यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है जिसके अनुसार यात्रियों को अपने सामान में मौजूद सभी वस्तुओं जैसे कि मांस फल सब्जियां पौधे और बीज की जानकारी देनी होगी। जानकारी छिपाने पर जुर्माना या जेल भी हो सकती है। नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में 1000 डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है।

कस्टम एंड बॉर्डर पुलिस (CBP) ने अमेरिका जाने वाले यात्रियों को दी चेतावनी। फोटो- X/@CBP

 कस्टम एंड बॉर्डर पुलिस (CBP) ने अमेरिका जाने वाले यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अमेरिका जाने वाले लोगों को अपने सामान की हर एक जानकारी देना आवश्यक होगा। मसलन मीट से लेकर फल, सब्जियां या अन्य चीजें ले जाने पर इसकी लिस्ट CBP को देनी होगी। यह जानकारी छिपाने वाले यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।


CBP ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अपने साथ मीट, फल, सब्जी, पौधे, बीज, मिट्टी, कोई भी जानवर या पौधे और जानवरों से बनी चीजें अमेरिका ले जाने पर इसकी जानकारी देना आवश्यक होगा। ऐसा न करने पर जुर्माना या जेल हो सकती है।


CBP ने शेयर की तस्वीर

इस पोस्ट के साथ CBP ने एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें कुत्ता एक मीट की शिनाख्त करते देखा जा रहा है। मीट के रूप में सुअर का सिर रखा है, जिसे एल्युमिनियम फॉयल में लपेटा गया है।

क्या कहते हैं नियम?

CBP के नियम के अनुसार, अमेरिका आने वाले सभी यात्रियों को अपने साथ लाए गए मीट, फल, सब्जी, पौधे, जानवरों, मिट्टी और बीज की जानकारी साझा करनी होगी। यात्रियों के बैग, लगेज और गाड़ी में शामिल सभी चीजों की जानकारी देना जरूरी है। इसके बाद CBP के अधिकारी निर्धारित करेंगे कि यह सामान ले जाने देना या नहीं?
देना होगा जुर्माना

अगर किसी यात्री ने CBP के नियमों का उल्लंघन किया तो उसे भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। बैग में मौजूद सामान की जानकारी छिपाने पर पहली बार में 1000 डॉलर (लगभग 84,000 रुपये) का जुर्माना देना पड़ सकता है।

टिकटॉकर को पकड़ा

इसी साल मार्च में अमेरिका के JKF एअरपोर्ट से ऐसा ही एक मामला सामने आया था। सिंगापुर से अमेरिका पहुंचे एक टिकटॉकर ने कस्टम को बताया कि उसके बैग में कोई भी ऐसी चीज मौजूद नहीं है। हालांकि, एअरपोर्ट से बाहर निकलते समय बॉर्डर एजेंट के डॉग स्क्वाड ने उसका बैग सूंघना शुरू कर दिया। बैग की तलाशी लेने पर एक केला निकला। टिकटॉकर का कहना था कि उसने इसके बारे में बिल्कुल याद ही नहीं था। इस दौरान CBP ने उसपर जानकारी छिपाने के लिए 500 डॉलर (लगभग 42,000 रुपये) का जुर्माना लगाया था।
हमास को एक और बड़ी चोट, अब इजरायल ने काउंटर-इंटेलिजेंस कमांडर किया ढेर; हमले में कई लोगों की मौत

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इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उत्तरी गाजा पट्टी में एक हमले में हमास के एक काउंटर-इंटेलिजेंस कमांडर को मार गिराया गया है। अमजद मुहम्मद हसन शायर हमास के जनरल सिक्योरिटी एपरेटस में काउंटर-इंटेलिजेंस निदेशालय के प्रमुख था। इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में दर्जनों सैन्य ठिकानों पर भी हमले किए। दूसरी ओर फलस्तीनी समाचार एजेंसी ने बताया कि इजरायली हमलों में कई फलीस्तीनी मारे गए हैं

इजरायल के हवाई हमले में हमास कमांडर ढेर। (फोटो- रॉयटर्स)

 Israel Hamas War: इजरायल लगातार गाजा पर कहर बरपा रहा है। इस बीच इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) की ओर से दावा किया गया कि उत्तरी गाजा पट्टी में एक हमले में हमास के एक काउंटर-इंटेलिजेंस कमांडर को मारा गया है।



दरअसल, शुक्रवार को जारी एक बयान में आईडीएफ की ओर से कहा गया कि हमास के जनरल सिक्योरिटी एपरेटस में काउंटर-इंटेलिजेंस निदेशालय के प्रमुख अमजद मुहम्मद हसन शायर मार गिराया गया है।


इजरायली सेना ने जारी किए बयान में क्या कहा?

जानकारी दें कि इजरायली सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि काउंटर-इंटेलिजेंस निदेशालय हमास के वरिष्ठ अधिकारियों की सुरक्षा करता था। बयान में कहा गया है कि गुरुवार को जमीनी बलों के सहयोग से इजरायली वायु सेना ने गाजा पट्टी में दर्जनों सैन्य ठिकानों पर हमला किया।


इजरायली हमले में पांच फलीस्तीनियों की मौत

इस बीच फलीस्तीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को भी इजरायल के लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार को गाजा शहर में विस्थापित नागरिकों को शरण देने वाले एक स्कूल पर हमला किया। बताया गया है कि इजरायल के इस हमले में पांच फलीस्तीनी मारे गए। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं।

टैंक-रोधी मिसाइल चौकी पर भी इजरायली सैनिकों ने किया हमला

इतना ही नहीं इजरायल के सैनिकों ने गुरुवार को गाजा शहर में एक टैंक-रोध मिसाइल चौकी पर हमला किया। इस दौरान वहां पर तैनात सैनिकों पर गोलियों की बारिश की गई। हालांकि, इस हमले में किसी के घायल होने की खबर है।

इजरायल की ओर से दी गई कड़ी चेतावनी

इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने बुधवार को हमास के नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सिनवार बंधुओं ने गाजा को तबाह कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद इसे खंडहर में बदल रहा है।

उन्होंने दावा किया कि हमास के नेता विदेशों में आलीशान होटलों में जश्न मना रहे हैं और बंधकों को रिहा करने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें जल्द रिहा नहीं किया गया, तो नर्क के द्वार खुल जाएंगे। बता दें कि आईडीएफ ने हमास नेता भाइयों याह्या सिनवार और मोहम्मद सिनवार को क्रमशः अक्टूबर 2024 और मई 2025 में मार डाला था।
आयरलैंड अब सुरक्षित नहीं...', डबलिन में युवक पर हुए हमले के बाद छलका भारतीय का दर्द; लोगों को दी खास सलाह

आयरलैंड अब सुरक्षित नहीं...', डबलिन में युवक पर हुए हमले के बाद छलका भारतीय का दर्द; लोगों को दी खास सलाह

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आयरलैंड में भारतीयों पर हमले की घटनाओं के बाद दक्ष नामक एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर भारतीयों से आयरलैंड न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पहले वो आयरलैंड को बेहतरीन मानते थे लेकिन हालिया घटनाओं ने उनका नजरिया बदल दिया है। अब उन्हें यह जगह असुरक्षित लगती है और जर्मनी यूके और यूएस जैसे देशों को बेहतर विकल्प मानते हैं।

आयरलैंड की राजधानी डबलिन। फोटो- सोशल मीडिया

 आयरलैंड की राजधानी डबलिन में भारतीय नागरिक पर हमले के बाद एक अन्य शख्स ने भारतीयों से आयरलैंड न जाने की अपील की है। दक्ष नामक एक यूजर का कहना है कि आयरलैंड भारतीयों के लिए सुरक्षित नहीं है।


दक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, "मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मैं यह कहूंगा, लेकिन आयरलैंड सुरक्षित नहीं है।"


हादसे ने बदला नजरिया

दक्ष का कहना है कि कुछ समय पहले वो आयरलैंड को रहने के लिए सबसे बेहतरीन जगह मानते थे। मगर, हाल ही में हुए हादसे ने उनके नजरिए को बदलकर रख दिया है।

दक्ष के अनुसार,


मैं घर वापस जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। 3 साल पहले जब मैं यहां आया तो मुझे लगा यह कमाल का देश है। मैंने यहां कई अच्छे दोस्त बनाएं, जो यहां के मूल निवासी हैं। मगर यह जगह अब दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।


जर्मनी, यूके और यूएस बेहतर

दक्ष का कहना है, "पहले मैं लोगों से यहां आकर रहने के लिए कहता था। यहां के ज्यादातर लोग बहुत दयालु स्वाभाव के हैं। मगर, अब यहां से बेहतर जर्मनी और युनाइटेड किंगडम हैं। अमेरिका भी इससे अच्छा है। हो सकता है आयरलैंड में समप्रदायिक लोगों की संख्या है, लेकिन अब वो खतरनाक हो गए हैं।"
लोगों ने दिए रिएक्शन

दक्ष की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स क रिएक्शन की बाढ़ आ गई है। एक शख्स ने दक्ष को सलाह दी है कि जब तक आप आयरलैंड में हैं इसपर खुलकर बात न करें वरना उनपर भी हमला हो सकता है। दूसरे यूजर ने लिखा, "मैं 6 साल से जर्मनी में हूं। वो भी रहने लायक नहीं है। यूके और यूएस अच्छा विकल्प हो सकते हैं।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "यूके और यूएस भी सुरक्षित नहीं हैं। पता नहीं लोगों को विदेश से इतना लगाव क्यों है?"


भारतीयों पर हो रहे हमले

बता दें कि आयरलैंड में भारतीयों के खिलाफ हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कुछ दिन पहले डबलिन में कई लोगों ने एक भारतीय युवक को बुरी तरह से पीटा और उसके कपड़े उतारकर सड़क पर फेंक दिया था। इससे पहले भी कई भारतीयों पर इस तरह के हमले हो चुके हैं।