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क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

 क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'


Israel-Iran conflict पश्चिमी एशिया में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने तेहरान के लोगों को शहर खाली करने की सलाह दी है। ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


 दुनिया भर की निगाहें एक बार फिर पश्चिमी एशिया पर टिकी हैं। इसके इलाके में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट किए। ट्रंप ने अपने पोस्ट में तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस ने ऐलान किया कि ट्रंप जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर "कई अहम मामलों" पर ध्यान देने के लिए रवाना हो रहे हैं।

ट्रंप ने अपने बयानों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है। उनके इस रुख ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह तनाव युद्ध की ओर बढ़ सकता है।





'ईरान को डील साइन कर लेनी चाहिए थी'ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "ईरान को वो 'डील' साइन कर लेनी चाहिए थी, जो मैंने उनसे कहा था। इंसानी जिंदगियों का नुकसान का अफसोस है। मैं साफ-साफ कहता हूं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। मैंने बार-बार यही कहा है। सबको तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"



उनके इस बयान ने न सिर्फ ईरान, बल्कि वैश्विक नेताओं के बीच भी खलबली मचा दी है। ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है, जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।




ईरान और अमेरिका के बीच किस डील की बात कर रहे हैं ट्रंप?साल 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ चल रहे ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (GCPOA) से हाथ खींच लिया था। इस डील के तहत ये तय था कि ईरान सैन्य मकसद के लिए परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा।

हालांकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि वह नागरिक हितों के लिए परमाणु कार्यक्रम चला रहा है। लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस बात कर संदेह है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। इसी शक के आधार पर अमेरिका ने ईरान के साथ ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन तोड़ दिया था। इसके साथ ही ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए।




क्या ईरान ने हासिल कर ली परमाणु हथियार की क्षमता?बता दें ईरान ने यूरेनियम संवर्धन के लिए हजारों अपडेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीनें विकसित की हैं और इसके संयंत्र स्थापित किए हैं। जेसीपीओए के तहत, ईरान को केवल 300 किलोग्राम यूरेनियम रखने की इजाजत थी। जानकारी हो कि परमाणु हथियारों के लिए 90% शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम की दरकार होती है।

अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (International Atomic Energy Agency) ने कहा कि मार्च 2025 तक ईरान के पास क़रीब 275 किलोग्राम यूरेनियम था जिसे 60% तक शुद्ध किया गया है। IAEA ने कहा था कि अगर ईरान यूरेनियम को थोड़ा और शुद्ध कर लेगा तो वह करीब आधा दर्जन परमाणु हथियार बनाने के काबिल हो जाएगा। इसी संदेह में अमेरिका और इजरायल ईरान पर हमलावर हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह

डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह

 डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह


कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में ही अमेरिका लौट गए जिससे सबको हैरानी हुई। उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार योजनाओं को छोड़ने की चेतावनी दी और कहा कि इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने रूस को फिर से शामिल करने का सुझाव दिया और चीन को भी शामिल करने की बात कही।

जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए।

कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबको चौंका दिया। दरअसल वह बीच में ही सम्मेलन छोड़कर अमेरिका लौट गए। उन्होंने ऐसा तब किया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है।


जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2014 में रूस को जी-7 से निकालना गलत था, जिससे दुनिया अस्थिर हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन को जी-7 में शामिल करना चाहिए।


पीएम मोदी ने नहीं हो सकी मुलाकातजी-7 में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी कनाडा पहुंचे हैं। इस साल जी-7 की मेजबानी कनाडा कर रहा है। बता दें पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात नहीं हो सकी क्योंकि पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही ट्रंप अमेरिका के लिए रवाना हो चुके थे।

ईरान को ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि उसे तुरंत अपनी परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा छोड़ देनी चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने तेहरान को फौरन खाली करने की सलाह भी दी।

ट्रंप ने ट्रूथ अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "ईरान को अपनी परमाणु योजनाओं पर लगाम लगानी होगी, वरना बहुत देर हो जाएगी।" उन्होंने यह भी जिक्र किया कि ईरानी नेता बातचीत करना चाहते हैं मगर पिछले 60 दिनों में कोई समझौता नहीं हो सका, जिसके बाद इजरायल ने चार दिन पहले ईरान पर हवाई हमले शुरू किए।






जमीन के नीचे बना है ईरान का न्यूक्लियर फैसिलिटी
इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है, मगर ईरान का फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र अभी भी बचा हुआ है। यह केंद्र जमीन के बहुत नीचे बना है, जिसे तबाह करने के लिए इजरायल को अमेरिका की 30,000 पाउंड की जीबीयू-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम की जरूरत पड़ सकती है। यह बम बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से दागा जाता है, जो इजरायल के पास नहीं है।
 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा


Israel-Iran Conflict पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से स्थिति गंभीर हो गई है। तेहरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने की सलाह दी है। तेहरान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे लगभग 140 भारतीय छात्र धमाकों और फाइटर जेट्स की आवाजों से दहशत में हैं। छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की अपील की है।

भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)


पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस बीच भारतीय दूतावास ने एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि फौरन तेहरान छोड़ दें। सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं।


इस तनाव की चपेट में तेहरान में पढ़ने वाले करीब 140 भारतीय छात्र भी आ गए हैं। ये छात्र तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।




छात्रों ने बयां किया भयावह मंजर


छात्रों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब 3:20 बजे एक जोरदार धमाके की आवाज ने उन्हें दहशत में डाल दिया। एक छात्र ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यहां हालात हर पल बिगड़ते जा रहे थे। सुबह 3:20 बजे के करीब एक जोरदार धमाका हुआ। हमने खिड़कियों से बाहर देखा तो काला धुआं दिखाई दिया। जब हम नीचे गए तो और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।"

उन्होंने आगे कहा, "2-3 घंटे बाद फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट सुनाई दी। हम बहुत डर गए थे। आसमान में ड्रोन भरे हुए थे। शुक्रवार की शाम से अगली सुबह तक लगातार आवाजें आती रहीं। हॉस्टल में पूरी तरह ब्लैकआउट था और हम डर के मारे हॉस्टल के नीचे बैठे रहे।"





'भारत की ताकत पर भरोसा'छात्रों ने बताया कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों ने उनका हौसला बढ़ाया। एक छात्र ने कहा, "हमारी यूनिवर्सिटी बहुत मददगार रही। जैसे ही धमाके हुए, हमारे वाइस-डीन हमसे मिलने आए और हमें तसल्ली दी। शाम तक हमारे डीन भी आए और भरोसा दिलाया कि कुछ नहीं होगा। लेकिन वो रात बहुत खतरनाक थी। अब हमारे दिल में हिम्मत नहीं कि एक और रात यहां गुजारें।”

छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द निकासी की अपील की है। एक छात्र ने कहा, "हमें भारत की ताकत पर भरोसा है। हम चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए।"
 'ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार', G7 का इजरायल को समर्थन; हमलों के लिए Iran को ठहराया जिम्मेदार

'ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार', G7 का इजरायल को समर्थन; हमलों के लिए Iran को ठहराया जिम्मेदार

 'ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार', G7 का इजरायल को समर्थन; हमलों के लिए Iran को ठहराया जिम्मेदार


जी-7 देशों ने इजराइल के साथ एकजुटता दिखाते हुए ईरान को पश्चिमी एशिया में अस्थिरता का कारण बताया है। समूह ने एक बयान में इजराइल के समर्थन की पुष्टि की और क्षेत्र में शांति और स्थायी समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। जी-7 ने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

G7 ने ईरान को पश्चिमी एशिया में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार ठहराया। (फाइल फोटो)

दुनिया की सात ताकतवर मुल्कों के समूह जी-7 ने ईरान के साथ संघर्ष में इजरायल के लिए अपना समर्थन जाहिर किया है। जी-7 देशों ने अपने बयान में साफ कहा कि वह इजरायल के साथ खड़े हैं। उन्होंने ईरान को पश्चिमी एशिया में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार ठहराया।


बयान में इलाके में अमन और स्थायी हल की जरूरत पर जोर दिया गया। जी-7 से साफ कर दिया है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार नहीं रख सकता है।


जी-7 में चीन को लाने के लिए ट्रंप ने की वकालतजी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2014 में रूस को जी-7 से निकालना गलत था, जिससे दुनिया अस्थिर हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन को जी-7 में शामिल करना चाहिए।





इजरायल- ईरान संघर्ष में अब तक क्या है मालूम?इजराइल-ईरान संघर्ष को पांच दिन हो गए। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजराइली हमलों में मरने वालों की कुल तादाद करीब 224 हो गई है। वहीं ईरानी हमले में तेल अवीव, हाइफा और पेटाह टिकवा को भारी नुकसान पहुंचा है। इस संघर्ष में अब तक कम से कम 22 लोगों की जान चली गई है।

इजराइल-ईरान संघर्ष को पांच दिन हो गए। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजराइली हमलों में मरने वालों की कुल तादाद करीब 224 हो गई है। वहीं ईरानी हमले में तेल अवीव, हाइफा और पेटाह टिकवा को भारी नुकसान पहुंचा है। इस संघर्ष में अब तक कम से कम 22 लोगों की जान चली गई है।
G7 में ट्रंप के साथ टकराव से बचने का हो रहा प्रयास, बैठक के बाद नहीं जारी होगा संयुक्त बयान

G7 में ट्रंप के साथ टकराव से बचने का हो रहा प्रयास, बैठक के बाद नहीं जारी होगा संयुक्त बयान

 G7 में ट्रंप के साथ टकराव से बचने का हो रहा प्रयास, बैठक के बाद नहीं जारी होगा संयुक्त बयान


कनाडा में जी7 देशों की बैठक में ईरान-इजरायल संघर्ष और अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। कनाडा टकराव से बचने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी शांति सुरक्षा और नौकरी निर्माण को प्राथमिकता दे रहे हैं। जर्मनी के चांसलर ने कहा कि इजरायल-ईरान संघर्ष एजेंडे में ऊपर रहेगा। राजनयिकों का कहना है कि कनाडा संयुक्त बयान जारी नहीं करेगा बल्कि अध्यक्ष की ओर से समरी जारी करेगा।

G7 में ट्रंप के साथ टकराव से बचने का हो रहा प्रयास (फाइल फोटो)


 ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच रविवार से कनाडा में दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों G7 की बैठक हो रही है।


मेजबान कनाडा पूरी कोशिश कर रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किसी तरह का टकराव न हो। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का कहना है कि उनकी प्राथमिकताएं शांति व सुरक्षा को मजबूत करना, महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करना और नौकरियां पैदा करना है।


बैठक में कौन-कौन से मुद्दे होंगे शामिल?बैठक में अमेरिकी टैरिफ और मध्य पूर्व व यूक्रेन में संघर्ष जैसे मुद्दे प्रमुखता से शामिल होने की उम्मीद है। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने कहा कि इजरायल-ईरान संघर्ष का मुद्दा जी-7 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में बहुत ऊपर होगा।


पिछली बार जब कनाडा ने 2018 में मेजबानी की थी, तो अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बेहद बेईमान व कमजोर बताते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को अंतिम बयान को मंजूरी वापस लेने का निर्देश देकर शिखर सम्मेलन को पहले ही छोड़ दिया था।


'ट्रंप न करें कोई विस्फोट'ट्रूडो के विदेश नीति के सलाहकार रहे ओटावा विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर रोलैंड पेरिस ने कहा, यह बैठक सफल रहेगी अगर ट्रंप कोई 'विस्फोट' न करें जो पूरी बैठक को बाधित कर दे।

राजनयिकों ने बताया है कि कनाडा बैठक के बाद पारंपरिक संयुक्त बयान जारी नहीं करेगा, इसकी बजाय अमेरिका के साथ जुड़ाव बनाए रखने की उम्मीद में अध्यक्ष की ओर से समरी जारी करेगा।

एक कनाडाई अधिकारी ने कहा कि ओटावा उन कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है जो सातों सदस्य देशों - कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका - को एक साथ रखे।


ट्रंप से किस बारे में होगी बात?2018 के शिखर सम्मेलन में ट्रूडो के निजी प्रतिनिधि रहे कनाडाई सीनेटर पीटर बोहम ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठकों के लिए समय देने के लिए शिखर सम्मेलन सामान्य से अधिक समय तक चलेगा।

विभिन्न नेता राष्ट्रपति ट्रंप से बात करके उन्हें टैरिफ लगाने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ''कई लोग राष्ट्रपति ट्रंप से अपने विशेष हितों और चिंताओं के बारे में बात करना चाहेंगे।''

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप को बड़ी गोलमेज वार्ता उतनी पसंद नहीं है, जितनी उन्हें आमने-सामने की वार्ताएं पसंद हैं। गौरतलब है कि सदस्य देशों के अलावा बैठक में यूक्रेन, मैक्सिको, भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और ब्राजील के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।


ट्रंप के कूटनीतिक प्रयास हुए ठपकनाडा लंबे समय से यूक्रेन के सबसे मुखर समर्थकों में से एक रहा है। ट्रंप रूस के साथ 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त करने का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन उनके कूटनीतिक प्रयास ठप हो गए हैं।

शिखर सम्मेलन की तैयारियों में शामिल एक यूक्रेनी अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन के समर्थन में एक मजबूत बयान की उम्मीद फीकी पड़ गई है। कीव के लिए सफलता केवल ट्रंप और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच एक सौहार्दपूर्ण बैठक होगी।
अर्थव्यवस्था, 100 बिलियन डॉलर निवेश और डिजिटल क्रांति; साइप्रस में PM मोदी ने बताई भारत की ताकत

अर्थव्यवस्था, 100 बिलियन डॉलर निवेश और डिजिटल क्रांति; साइप्रस में PM मोदी ने बताई भारत की ताकत

 अर्थव्यवस्था, 100 बिलियन डॉलर निवेश और डिजिटल क्रांति; साइप्रस में PM मोदी ने बताई भारत की ताकत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस की राजधानी निकोसिया में इंडिया-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित किया। उन्होंने भारत और साइप्रस के बीच व्यापार को बढ़ाने की बात की और बताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी ने डिजिटल क्रांति और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर भी जोर दिया।

साइप्रस में PM मोदी ने बताई भारत की ताकत (फोटो सोर्स- एएनआई)


 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में इंडिया-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित किया। यह दौरा 20 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है। पीएम मोदी ने इस दौरान भारत की आर्थिक तरक्की, डिजिटल क्रांति, और साइप्रस के साथ सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।


भारत और साइप्रस के बीच व्यापार
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस के बीच 150 मिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है, लेकिन असली क्षमता इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा, “साइप्रस भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है। यहां से भारत में निवेश हुआ है और कई भारतीय कंपनियों ने साइप्रस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। साइप्रस को यूरोप का गेटवे भी माना जाता है।”


भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्थाप्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। अब हम तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहे हैं।”


उन्होंने भारत में आई डिजिटल क्रांति का जिक्र करते हुए कहा, “आज दुनिया में 50% डिजिटल लेन-देन भारत में UPI के माध्यम से होते हैं। फ्रांस जैसे देशों को हमने जोड़ा है और अब साइप्रस से भी UPI को जोड़ने की बात हो रही है। मैं इसका स्वागत करता हूं।”


भारत का किस पर है फोकस?पीएम मोदी ने बताया कि भारत हर साल 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कर रहा है। इस साल के बजट में नए मैन्युफैक्चरिंग मिशन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, “हम मरीन और पोर्ट डिवेलपमेंट, शिपबिल्डिंग और सिविल एविएशन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। हमारी 1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियां सिर्फ सपने नहीं, समाधान बेच रही हैं।”


पीएम मोदी ने खुशी जताई कि साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने गुजरात के GIFT सिटी में सहयोग के लिए समझौता किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी काम तेज़ी से चल रहा है और इस वर्ष के अंत तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य है।


साइप्रस के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का किया स्वागतप्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स का विशेष धन्यवाद किया कि वह उन्हें खुद एयरपोर्ट पर लेने आए और बिज़नेस नेताओं के साथ बैठक का आयोजन किया। उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति महोदय का आभार व्यक्त करता हूं कि वे मुझे लेने खुद एयरपोर्ट आए और व्यापारिक नेताओं के साथ बड़ी बैठक रखी।”
इजरायल और ईरान स्थित भारतीय दूतावासों ने जारी की एडवाइजरी, सतर्क रहने और दूतावास के संपर्क में रहने की दी सलाह

इजरायल और ईरान स्थित भारतीय दूतावासों ने जारी की एडवाइजरी, सतर्क रहने और दूतावास के संपर्क में रहने की दी सलाह

 इजरायल और ईरान स्थित भारतीय दूतावासों ने जारी की एडवाइजरी, सतर्क रहने और दूतावास के संपर्क में रहने की दी सलाह


यरुशलम में भारतीय दूतावास ने कहा है कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं और क्षेत्र के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। दूतावास ने एक नई एडवाइजरी जारी की है और 24/7 हेल्पलाइन स्थापित की है। ईरान में भारतीय दूतावास ने भी भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इजरायल में भारतीयों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया है।

इजरायल और ईरान स्थित भारतीय दूतावासों ने जारी की एडवाइजरी (फोटो सोर्स- एएनआई)


 इजरायल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं। भारतीय दूतावास क्षेत्र के हालात और अपने नागरिकों की सुरक्षा की लगातार निगरानी कर रहा है।


दूतावास ने नई एडवाइजरी जारी की है। 24/7 हेल्पलाइन स्थापित की गई है। दूतावास भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संपर्क में है। इस बीच ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने भी रविवार को एडवाइजरी जारी कर ईरान में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने को कहा है।


भारतीयों को दी गई सलाहभारतीयों को सलाह दी गई है कि वे घबराएं नहीं, सावधानी बरतें और तेहरान में भारतीय दूतावास के इंटरनेट मीडिया के माध्यम से संपर्क बनाए रखें। इजरायल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा, भारतीयों की सुरक्षा सर्वोपरि है।


भारतीयों को सतर्क रहने, किसी भी अनावश्यक गतिविधि से बचने और इजरायली अधिकारियों और होम फ्रंट कमांड द्वारा दिए गए सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी गई है। तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास इजरायल में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संपर्क में है, जिनमें देखभालकर्मी, श्रमिक, छात्र, कारोबारी और पर्यटक समूह शामिल हैं।

दूतावास इजरायली अधिकारियों के साथ संपर्क में है। इजरायल सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा और हवाई क्षेत्र बंद होने के मद्देनजर भारतीय नागरिकों से सुरक्षा प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है।


फोन नंबर्स किए गए जारी

भारतीय मिशन ने कहा कि सातों दिन, चौबिसों घंटे (24/7) चलने वाली हेल्पलाइन मौजूदा स्थिति के बारे में किसी भी सहायता के लिए तत्पर है। दूतावास ने जरूरतमंद भारतीयों के लिए फोन नंबर +972547520711 और +972543278392 साझा किए हैं।

इस संबंध में ईमेल भी साझा किया गया है। ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी में सभी भारतीय नागरिकों और भारतवंशियों से कहा कि वे अनावश्यक गतिविधियों से बचें, दूतावास के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर नजर बनाए रखें।


लिंक भी कराया गया उपलब्धस्थानीय अधिकारियों द्वारा सुझाए गए सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करें। दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट पर एक गूगल फॉर्म उपलब्ध कराया तथा भारतीय नागरिकों से इसे भरकर अपना विवरण देने को कहा। एक टेलीग्राम लिंक भी उपलब्ध कराया गया है।

दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, यह टेलीग्राम लिंक केवल उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो इस समय ईरान में हैं। इसने आपातकालीन संपर्क विवरण भी प्रदान किया। फोन नंबर भी जारी किया गया है।
पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप से इजरायल-ईरान संघर्ष पर की बात, पश्चिम एशिया तनाव पर जताई चिंता

पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप से इजरायल-ईरान संघर्ष पर की बात, पश्चिम एशिया तनाव पर जताई चिंता

 पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप से इजरायल-ईरान संघर्ष पर की बात, पश्चिम एशिया तनाव पर जताई चिंता


इजरायल और ईरान के बीच अब तनाव बढ़ गया है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 50 मिनट तक बात की। वहीं व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप से ईरान के खिलाफ इजरायली सैन्य अभियान की निंदा की और इसके बढ़ने के जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की। क्रेमलिन ने इसकी जानकारी दी।

इजरायल-ईरान टकराव पर पुतिन की ट्रंप से वार्ता (फोटो- रॉयटर)

 इजरायल और ईरान के बीच अब तनाव बढ़ गया है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 50 मिनट तक बात की। व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप से ईरान के खिलाफ इजरायली सैन्य अभियान की निंदा की और इसके बढ़ने के जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की। क्रेमलिन ने इसकी जानकारी दी।


पुतिन ने पश्चिम एशिया तनाव पर जताई चिंता

क्रेमलिन ने बताया कि व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के खिलाफ इजरायली सैन्य अभियान की निंदा की और पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने की संभावना के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। पुतिन ने ट्रंप से कहा कि इजरायल के हमलों का मध्य पूर्व में पूरे हालात पर अप्रत्याशित परिणाम होगा।

क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने संवाददाताओं को बताया कि ट्रंप ने मध्य पूर्व में घटनाओं को बहुत चिंताजनक बताया। लेकिन दोनों नेताओं ने कहा कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के रास्ते पर लौटने से इनकार नहीं करते।


ओमान में होने वाली अमेरिका-ईरान वार्ता रद

उशाकोव ने कहा कि अमेरिकी वार्ताकार ईरानी प्रतिनिधियों के साथ आगे की बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जिसमें ओमान मध्यस्थ होगा। हालांकि ओमान में रविवार को होने वाली नवीनतम वार्ता रद कर दी गई है।


रूस ने कही ये बात
क्रेमलिन के सहयोगी ने कहा कि पुतिन ने ट्रंप से कहा कि रूस तनाव कम करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों को हल करने के प्रस्तावों के साथ खड़ा है।

इजरायली हमलों में ईरान के नौ वैज्ञानिक मारे गए

इजरायल ने कहा है कि अभी तक के हमलों में ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इससे इजरायल को अपने उद्देश्य में बड़ी सफलता मिली है। साथ ही ईरानी सेना के शीर्ष कमांडर भी मारे गए हैं।

इस बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पूर्व प्रमुख मुहम्मद अलबरदेई ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इजरायल के हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। कहा है कि परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले न करने के संकल्प पर सभी प्रमुख देशों ने हस्ताक्षर किए हैं और वह इजरायल पर भी लागू होता है।
कमरों में बंद कर जिंदा जलाया, 100 लोगों को उतारा मौत के घाट; नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने मचाया तांडव

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नाइजीरिया के सेंट्रल बेन्यू स्टेट के येलेवाटा गांव में बंदूकधारियों ने कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी। कई परिवारों को उनके घर में जिंदा जला दिया गया। नाइजीरिया के मिडिल बेल्ट में स्थित बेन्यू राज्य का उत्तर क्षेत्र मुस्लिम बहुल और दक्षिण क्षेत्र ईसाई बहुल इलाके में बंटा हुआ है।

नाइजीरिया के एक गांव में बंदूकधारियों ने कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

 नाइजीरिया के सेंट्रल बेन्यू स्टेट के येलेवाटा गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना घटी। इस गांव में बंदूकधारियों ने कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी। एमनेस्टी इंटरनेशनल नाइजीरिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।


एमनेस्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि अभी भी कई लोग लापता हैं। दर्जनों घायल हैं। कई परिवारों को उनके कमरों में बंद कर जिंदा जला दिया गया है।


चरवाहों और किसानों के बीच चल रहा संघर्षनाइजीरिया के मिडिल बेल्ट में स्थित बेन्यू राज्य का उत्तर क्षेत्र मुस्लिम बहुल और दक्षिण क्षेत्र ईसाई बहुल इलाके में बंटा हुआ है। इस क्षेत्र में चरवाहों और किसानों के बीच जमीन के इस्तेमाल को लेकर लंबे समय से संघर्ष चल रहा है।
अमेरिका पर हमला करने की गलती न करना, ऐसा जवाब दूंगा कि...', ट्रंप की ईरान को खुली धमकी

अमेरिका पर हमला करने की गलती न करना, ऐसा जवाब दूंगा कि...', ट्रंप की ईरान को खुली धमकी

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Israel Iran Conflict इजरायल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष जारी है जिसमें दोनों देश एक-दूसरे पर ड्रोन हमले कर रहे हैं। इजरायल का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाकर उसे मिटाने की कोशिश करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि इन हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है लेकिन ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिका पर हमला किया तो उसे करारा जवाब मिलेगा।

Israel Iran Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को दी हमले ने करने की चेतावनी।


इजरायल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष (Israel Iran Conflict) जारी है। गुरुवार देर रात से ही दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ ड्रोन हमले कर रहे हैं। दरअसल, अमेरिका और इजरायल, दोनों देशों नहीं चाहते कि ईरान एक परमाणु देश बने। इजरायल ने दावा किया है कि अगर ईरान, परमाणु हथियार बनाने में सफल होता है, तो वो इसका इस्तेमाल इजरायल को मिटाने के लिए करेगा।


इजरायल ने न सिर्फ ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए बल्कि 9 वैज्ञानिकों को भी मार गिराया। वहीं, अमेरिका का कहना है कि इस सैन्य संघर्ष में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। हालांकि, इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने रविवार को एक बड़ा बयान दिया है।

ट्रंप ने दी ईरान को चेतावनी

उन्होंने कहा कि ईरान पर हुए ताजा इजरायली हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन ईरान को कड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने अमेरिका पर हमला किया तो अमेरिकी सेना पूरी ताकत से उस पर टूट पड़ेगी। यह कार्रवाई ऐसी होगी, जिसके बारे में ईरान कभी सोचा नहीं होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर ये पोस्ट शेयर किया।

ट्रंप ने लिखा,"आज रात ईरान पर हुए हमले में अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर ईरान ने किसी भी रूप में अमेरिका पर हमला किया तो अमेरिका पूरी सैन्य शक्ति से उस पर हमला करेगा। ईरान ने ऐसी कार्रवाई पहले कभी नहीं देखी होगी।

हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि वो ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं।

अमेरिका से बात करने का कोई मतलब नहीं: ईरानईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को बेमानी करार दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायली हमलों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त था। इन हमलों से अमेरिका के साथ बातचीत की संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो गई है।
सायरन की तेज आवाज, आसमान से बरसती मिसाइलें और बंकरों में छिपते लोग... इजरायल-ईरान में घातक हुई लड़ाई का पूरा अपडेट

सायरन की तेज आवाज, आसमान से बरसती मिसाइलें और बंकरों में छिपते लोग... इजरायल-ईरान में घातक हुई लड़ाई का पूरा अपडेट

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शनिवार तड़के इजरायल के दो सबसे बड़े शहर तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले के सायरन बजने लगे। इजरायली मीडिया के अनुसार तेल अवीव में एक संदिग्ध मिसाइल गिरी। ईरान की समाचार एजेंसी फार के अनुसार तेहरान ने शुक्रवार रात दो हवाई हमलों के बाद शनिवार को हवाई हमलों की तीसरा फेज शुरू किया।


ईरान और इजरायल ने एक-दूसरे पर किए हमले (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)


ईरान और इजरायल के बीच शनिवार को तनाव उस वक्त और बढ़ गया, जब दोनों ओर से ताबड़तोड़ मिसाइल हमले किए गए। ईरान ने इजरायल पर हमला तब किया, जब इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था।



इजरायल ने अपने पुराने दुश्मन ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए अब तक का सबसे बड़ा हमला किया।


आईए जानते हैं दोनों देशों के बीच चल रहे टकराव में अभी तक क्या-क्या हुआ...

शनिवार तड़के इजरायल के दो सबसे बड़े शहर तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले के सायरन बजने लगे।
दोनों शहरों को लोगों को सायरन बजते ही सुरक्षित स्थान पर भागना पड़ा।
इजरायली सेना ने कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियां ईरानी मिसाइलों को रोकने के लिए काम कर रही हैं।
इजरायली सेना के अनुसार, ईरान की ओर से दर्जनों मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कुछ को रोक दिया गया।
ईरान के इन हमलों में इजरायल में क्या नुकसान हुआ है और हताहतों की संख्या क्या है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
इजरायली मीडिया के अनुसार, तेल अवीव में एक संदिग्ध मिसाइल गिरी।
रॉयटर्स ने बताया कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने जेरूसलम में एक जोरदार धमाका सुना।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानियों से कहा है कि इजरायली हमलों के बाद अभी और हमले होने वाले हैं।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया।
अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा- ईरानी राष्ट्र को यह गारंटी देते हैं कि हमारी प्रतिक्रिया आधी-अधूरी नहीं होगी।
ईरान की समाचार एजेंसी फार के अनुसार, तेहरान ने शुक्रवार रात दो हवाई हमलों के बाद शनिवार को हवाई हमलों की तीसरा फेज शुरू किया।
एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा कि इजरायल में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं होगी और बदला लेना दर्दनाक होगा।
इजराइल की एम्बुलेंस सेवा ने बताया कि शुक्रवार रात तेल अवीव क्षेत्र में 34 लोग घायल हुए, जिनमें से ज़्यादातर को मामूली चोटें आईं।
बाद में इजरायली पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति की मौत हो गई।
 ईरान से टकराव के बीच इजरायल ने भारत का गलत नक्शा किया पोस्ट, कश्मीर को दिखाया PAK का हिस्सा; भड़के लोग तो मांगी माफी

ईरान से टकराव के बीच इजरायल ने भारत का गलत नक्शा किया पोस्ट, कश्मीर को दिखाया PAK का हिस्सा; भड़के लोग तो मांगी माफी

 ईरान से टकराव के बीच इजरायल ने भारत का गलत नक्शा किया पोस्ट, कश्मीर को दिखाया PAK का हिस्सा; भड़के लोग तो मांगी माफी


भारत ने हमेशा से यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसके कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने दशकों से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है देश का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। मई में पहलगाम हमले और फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने भी यही बात दोहराई थी।

इजरायली सेना ने भारत का गलत नक्शा किया पोस्ट (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)


 इजरायल रक्षा बल (IDF) ने शुक्रवार को एक गलती करते हुए भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का गलत नक्शा पोस्ट कर दिया था, जिसके बाद उसने माफी मांगी है। इस नक्शे में जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था।


इस गलती के बाद आईडीएफ ने स्वीकार किया है नक्शे में सीमाओं को सटीक रूप से दिखाने में गलती हुई। लेकिन दावा किया कि नक्शे में सिर्फ क्षेत्र को दर्शाया गया था। IDF की पोस्ट के बाद कई भारतीय यूजर्स ने गुस्से में पोस्ट किया और आईडीएफ की गलती को बताया और इजरायली सेना से पोस्ट को वापस लेने को कहा।




सोशल मीडिया पर भड़के लोग

इंडियन राइट विंग कम्युनिटी नामक एक एक्स हैंडल से पोस्ट पर इजरायली सेना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह पोस्ट इस क्षेत्र का चित्रण है। नक्शे में सीमाओं को दिखाने में गलती हुई। हम किसी भी तरह की ठेस के लिए माफी मांगते हैं।"


अभी तक नहीं आई भारत सरकार की प्रतिक्रियाभारत ने हमेशा से यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, जिसके कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने दशकों से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, देश का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। मई में पहलगाम हमले और फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने भी यही बात दोहराई थी।




बता दें, पिछले कई वर्षों में भारत और इजरायल के बीच दोस्ती वाले रिश्ते मजबूत हुए हैं। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री थे। भारत इजरायल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदारों में से एक है।


इजरायल और ईरान के बीच भारी टेंशनईरान और इजरायल के बीच टकराव अपने चरम पर है और दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से हमला कर रहे हैं। इसी दौरान इजरायल की सेना ने भारत की सीमाओं का गलत नक्शा पोस्ट किया था, जिसमें ईरान को इजरायल के लिए वैश्विक खतरे के रूप में दिखाने की कोशिश की गई थी।

नक्शे में ईरान से निकलने वाली मिसाइलों की रेंज को दर्शाया गया था। इस नक्शे में सऊदी अरब, अफ्रीका में लीबिया और इथियोपिया, एशिया में भारत और चीन, यूरोप में रोमानिया बुल्गारिया साथ ही रूस, कजाकिस्तान और तुर्की की सीमाओं को दिखाया गया था।
इजरायल ने परमाणु ठिकाने किए ध्वस्त, तो ईरान ने आयरन डोम को चकमा देकर किया बड़ा हमला; Video में देखें भयानक मंजर

इजरायल ने परमाणु ठिकाने किए ध्वस्त, तो ईरान ने आयरन डोम को चकमा देकर किया बड़ा हमला; Video में देखें भयानक मंजर

 इजरायल ने परमाणु ठिकाने किए ध्वस्त, तो ईरान ने आयरन डोम को चकमा देकर किया बड़ा हमला; Video में देखें भयानक मंजर


मिडिल-ईस्ट से कई तरह के वीडियोज सामने आए हैं जिसमें साफतौर से देखा जा सकता है कि इजरायल के कई बड़े शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए गए हैं। इससे पहले इजरायल ने ईरान पर हमला कर कई शीर्ष ईरानी जनरल को मार गिराया था। ईरान में सरकारी मीडिया ने बताया कि जवाबी हमले की आशंका को देखते हुए हवाई सुरक्षा को फिर से सक्रिय कर दिया गया है।

ईरान ने इजरायल पर किए ताबड़तड़ हमले (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)



 शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसके जवाब में ईरान ने शनिवार सुबह इजरायल पर मिसाइल हमले किए, जिसमें विशेष रूप से इजरायल के उत्तरी क्षेत्र को निशाना बनाया गया।


963.*-ईरान के हमले को देखते हुए इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में सायरन बजने लगे हैं और वहां की सरकार ने लोगों से बंकरों में शरण लेने का आग्रह किया है। यह घटना ईरान द्वारा इजरायल के विरुद्ध सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों के दागे जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई, जिससे मिडिल-ईस्ट में संघर्ष बढ़ने और वैश्विक तेल आपूर्ति बाधित होने का खतरा है।


ईरान ने इजरायल के शहरों को बनाया निशानामिडिल-ईस्ट से कई तरह के वीडियोज सामने आए हैं, जिसमें साफतौर से देखा जा सकता है कि इजरायल के कई बड़े शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए गए हैं। इससे पहले इजरायल ने ईरान पर हमला कर कई शीर्ष ईरानी जनरल को मार गिराया था।

ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायली सेना ने कहा, "पिछले एक घंटे में ईरान ने इजरायल पर दर्जनों मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कुछ को रोक दिया गया।" ईरान ने इजरायल के तेल अवीव और यरुशलम में हमले किए हैं।

इस बीच ईरान में सरकारी मीडिया ने बताया कि जवाबी हमले की आशंका को देखते हुए हवाई सुरक्षा को फिर से सक्रिय कर दिया गया है। दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव ने आक्रामकता को और आगे बढ़ा दिया है।

जानें अभी तक क्या-क्या हुआ...शनिवार तड़के इजरायल के दो सबसे बड़े शहर तेल अवीव और यरुशलम में हवाई हमले के सायरन बजने लगे।
दोनों शहरों को लोगों को सायरन बजते ही सुरक्षित स्थान पर भागना पड़ा।
इजरायली सेना ने कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियां ईरानी मिसाइलों को रोकने के लिए काम कर रही हैं।
इजरायली सेना के अनुसार, ईरान की ओर से दर्जनों मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कुछ को रोक दिया गया।
ईरान के इन हमलों में इजरायल में क्या नुकसान हुआ है और हताहतों की संख्या क्या है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
इजरायली मीडिया के अनुसार, तेल अवीव में एक संदिग्ध मिसाइल गिरी।
रॉयटर्स ने बताया कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने जेरूसलम में एक जोरदार धमाका सुना।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानियों से कहा है कि इजरायली हमलों के बाद अभी और हमले होने वाले हैं।
इजरायल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम हुआ विफल

ईरान ने तेल अवीव में इजरायली रक्षा मुख्यालय पर हमला किया है, जिसे रोकने में आयरन डोम एअर डिफेंस सिस्टम भी विफल हो गया। ईरान की जवाबी कार्रवाई 24 घंटे के भीतर ईरान पर इजरायली हवाई हमलों की दो लहरों के बाद हुई है।
 इजरायल ने ईरान पर किया हमला, राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके, ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ के मारे जाने की खबर

इजरायल ने ईरान पर किया हमला, राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके, ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ के मारे जाने की खबर

 इजरायल ने ईरान पर किया हमला, राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके, ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ के मारे जाने की खबर


इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान में बमबारी कर दी। इजरायल ने शुक्रवार को बयान जारी कर क हा कि उसने ईरान पर हमला किया है। साथ ही ईरानी मीडिया ने कहा कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी दी गई है। इजरायल ने कहा कि वह तेहरान द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमले की आशंका के चलते देश में आपातकाल घोषित कर रहा है

इजरायल के हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ की मौत (फोटो- रॉयटर)


आशंका थी कि इजरायल ईरान पर जल्द हमला करने वाला है, लेकिन इजरायल ने शुक्रवार सुबह को ही ईरान की राजधानी तेहरान में बमबारी कर दी। इजरायल ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उसने ईरान पर हमला किया है, और ईरानी मीडिया ने कहा कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी दी गई है।


इजरायल में आपातकाल घोषित, ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ की मौत

इजरायल ने कहा कि वह तेहरान द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमले की आशंका के चलते देश में आपातकाल घोषित कर रहा है। हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मारे गए हैं।




नेतन्याहू ने जारी किया बयान


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि कुछ ही समय पहले इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया है, जो इजरायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने के लिए एक लक्षित सैन्य अभियान है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक इसका खतरा खत्म नहीं हो जाता।

इजरायल कर रहा ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला
एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने कहा कि इजरायल दर्जनों परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि ईरान के पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री है। सीएनएन ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक कैबिनेट बैठक बुला रहे हैं।


इजरायल ईरान के बीच अमेरिका टकराव नहीं चाहता- ट्रंप


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इजरायल ईरान के बीच अमेरिका टकराव नहीं चाहता है। इधर अमेरिका ने पश्चिम एशिया के देशों के अपने दूतावासों में राजनयिकों और उनके परिवारीजनों की संख्या कम करनी शुरू कर दी है। इजरायल स्थित दूतावास में नियुक्त लोगों को आवागमन सीमित करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया में मौजूद अमेरिकी लोग वहां से निकल जाएं। यह क्षेत्र खतरनाक होने वाला है। ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दिया जाएगा।


ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दिया जाएगा
ट्रंप ने कहा है कि परमाणु मसले पर वार्ता में प्रगति नहीं हुई तो ईरान पर बमबारी होगी। कहा, लगातार वार्ता के बावजूद उन्हें बहुत कम उम्मीद है कि ईरान यूरेनियम का शोधन कम करने के लिए तैयार हो जाएगा।


अमेरिका और ईरान के अधिकारी करेंगे रविवार को बैठक
इस बीच ओमान के विदेश मंत्री ने कहा है कि परमाणु मसले पर अमेरिका और ईरान के अधिकारी रविवार को छठे दौर की वार्ता करेंगे।
इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किए हमले, दोनों देशों में इमरजेंसी; US का आया रिएक्शन

इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किए हमले, दोनों देशों में इमरजेंसी; US का आया रिएक्शन

 इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किए हमले, दोनों देशों में इमरजेंसी; US का आया रिएक्शन


अपने देश में इमरजेंसी घोषित करने के बाद इजरायल के यरुशलम और अन्य शहरों में सायरन बज रहे हैं। काट्ज ने कहा कि ईरान के जवाबी हमले को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही देश में अगले आदेश तक एअर स्पेस बंद कर दिया गया है।

इजरायल ने ईरान पर किया हमला (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

 इजरायल और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर ये आशंका थी कि इजरायल ईरान पर जल्द हमला करने वाला है, लेकिन इजरायल ने शुक्रवार सुबह ही ईरान की राजधानी तेहरान में बमबारी कर दी।


इजरायल ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उसने ईरान पर हमला किया है। इस हमले को लेकर ईरानी मीडिया ने कहा कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी।

इस हमले के बाद इजरायल ने देशभर में इमरजेंसी घोषित कर दी है। इजरायल द्वारा ईरान पर गए हमले के दौरान इजरायल ने ईरानी आर्मी के ठिकानों और उसके न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया है।


ईरान के सेना प्रमुख की मौत


इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने ईरान पर हुए हमले की पुष्टि की है। इसके साथ ही इजरायल के एक रक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि इस हमले में ईरान के सेना प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।

अपने देश में इमरजेंसी घोषित करने के बाद इजरायल के यरुशलम और अन्य शहरों में सायरन बज रहे हैं। काट्ज ने कहा कि ईरान के जवाबी हमले को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही देश में अगले आदेश तक एअर स्पेस बंद कर दिया गया है।

अमेरिका ने अपनी भूमिका साफ की

इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ईरान के खिलाफ इजरायल के हमलों में अमेरिका शामिल नहीं है। साथ ही उन्होंने तेहरान में अमेरिकी हितों य कर्मियों को निशाना न बनाने का आग्रह किया है।

रुबिया ने बयान में कहा, "इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कर्रवाई की। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है। मैं स्पष्ट कर दूं ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।"
 भारी कीमत चुकानी पड़ेगी...', नेतन्याहू के हमले के बाद ईरान ने इजरायल और अमेरिका को दी धमकी

भारी कीमत चुकानी पड़ेगी...', नेतन्याहू के हमले के बाद ईरान ने इजरायल और अमेरिका को दी धमकी

 भारी कीमत चुकानी पड़ेगी...', नेतन्याहू के हमले के बाद ईरान ने इजरायल और अमेरिका को दी धमकी


हमले के बाद इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने हमले की पुष्टि की और इजरायल के एक रक्षा अधिकारी ने दावा करते हुए कहा है कि इस हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक की भी मौत हुई है। ईरान ने कहा कि इजरायल और अमेरिका को इजरायली हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

ईरान ने हमले के बाद दी चेतावनी (फाइल फोटो)


शुक्रवार सुबह इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर बड़ा हमला कर दिया। इस हमले के दौरान इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाया है और इस हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी के मारे जाने की खबर सामने आई है।


ईरान की चेतावनी
इस हमले के बाद ईरान ने कहा कि इजरायल और अमेरिका को इजरायली हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ईरान के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबोलफजल शेखरची ने सरकारी टीवी से कहा कि शुक्रवार को ईरान पर इजरायली हमले के बाद अमेरिका और इजरायल को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

इजरायल का दावावहीं, हमले के बाद इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने हमले की पुष्टि की और इजरायल के एक रक्षा अधिकारी ने दावा करते हुए कहा है कि इस हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक की भी मौत हुई है।

अपने देश में इमरजेंसी घोषित करने के बाद इजरायल के यरुशलम और अन्य शहरों में सायरन बज रहे हैं। काट्ज ने कहा कि ईरान के जवाबी हमले को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही देश में अगले आदेश तक एअर स्पेस बंद कर दिया गया है।
क्या होगी एक और जंग? ईरान पर हमला करने की तैयारी में इजरायल, मिडिल ईस्ट में हाई अलर्ट

क्या होगी एक और जंग? ईरान पर हमला करने की तैयारी में इजरायल, मिडिल ईस्ट में हाई अलर्ट

 क्या होगी एक और जंग? ईरान पर हमला करने की तैयारी में इजरायल, मिडिल ईस्ट में हाई अलर्ट


मिडिल-ईस्ट में हालात एक बार फिर से विस्फोटक होने लगे हैं। ईरान अभी तक अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए सहमत नहीं हुआ है। अब इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए सैन्य टकराव का रास्ता अपनाने की मंशा स्पष्ट कर दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इजरायल अब ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ईरान में ऑपरेशन की तैयारी में इजरायल (फाइल फोटो)


इजरायल जल्द ही ईरान में एक ऑपरेशन की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही अमेरिका को लगता है कि ईरान पड़ोसी मुल्क इराक में कुछ अमेरिकी साइटों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसलिए अमेरिका ने अपने कुछ नागरिकों को इलाका छोड़ने की सलाह दी है।


सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने गैर-आपातकालीन सरकारी अधिकारियों को बढ़े हुए तनाव को देखते हुए इराक से बाहर जाने का आदेश दिया है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के मिडिल-ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ आने वाले दिनों में देश के परमाणु कार्यक्रम पर छठे दौर की वार्ता के लिए ईरान से मिलने की योजना बना रहे हैं।


ट्रंप का बयानट्रंप ने गुरुवार को कैनेडी सेंटर में लेस मिजरेबल्स के प्रदर्शन में भाग लेते हुए कहा कि खतरे को देखते हुए अमेरिकी सैन्य कर्मियों को मिडिल-ईस्ट के कुछ देशों से बाहर निकाला जा रहा है। ट्रंप का यह बयान ईरान क साथ अमेरिका की वार्ता के असफल दौर के बाद आया है। उन्होंने कहा, "ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।"


टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग और सेना ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रिय अशांति की संभावना के कारण मिडिल-ईस्ट में जिनकी जरूरत नहीं है, ऐसे लोगों को वापस भेजा जा रहा है, क्योंकि पड़ोसी ईरान के साथ बिगड़ती परमाणु वार्ता के बीच तनाव बढ़ गया है।


अमेरिकी विदेश विभाग का फरमानविदेश विभाग के अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इजरायल को बताया, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकियों को अपने देश में और विदेशों में भी सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने सभी दूतावासों में उचित कर्मियों की स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं।"

टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने बहरीन और कुवैत से गैर-जरूरी कर्मियों और परिवार के सदस्यों को जाने की अनुमति दे दी है, जिससे उन्हें देश छोड़ने या न छोड़ने का विकल्प मिल गया है।
'वो खतरनाक जगह है, वापस आ जाओ...', ईरान में बिगड़े हालात तो ट्रंप ने अमेरिकी राजनयिकों और कर्मचारियों को भेजा संदेश

'वो खतरनाक जगह है, वापस आ जाओ...', ईरान में बिगड़े हालात तो ट्रंप ने अमेरिकी राजनयिकों और कर्मचारियों को भेजा संदेश

 'वो खतरनाक जगह है, वापस आ जाओ...', ईरान में बिगड़े हालात तो ट्रंप ने अमेरिकी राजनयिकों और कर्मचारियों को भेजा संदेश


अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है जिसके चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व से राजनयिकों और सैन्य परिवारों को वापस बुला लिया है। ट्रंप ने इसे खतरनाक जगह बताते हुए कहा कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। खुफिया एजेंसियों के अनुसार इजरायल ईरान में परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की तैयारी कर रहा है।

ट्रंप का अपने कर्मियों को संदेश। (फाइल फोटो)


अमेरिका और ईरान के बीच संबंध लगातार बिगड़ रहे हैं। परमाणु समझौते पर बातचीत ठप होने के कारण अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया से राजनयिकों, सैन्य परिवारों और कुछ कर्मचारियों को वापस बुला लिया है।


ट्रंप ने बढ़ते तनाव का हवाला देते हुए मध्य पूर्व को खतरनाक जगह बताया।


अपने कर्मियों को वापस बुलायाजब ट्रंप से कर्मियों को वापस बुलाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिकी कर्मियों को (मध्य पूर्व के कुछ देशों से बाहर निकाला जा रहा है, क्योंकि यह आगे चलकर एक खतरनाक जगह साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम इस पर नजर बनाए हुए हैं और हमने नोटिस जारी कर दिया है।


ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने देंगेः ट्रंप


अमेरिकी राष्ट्रपति से जब पूछा गया कि क्या मध्यपूर्व में तनाव कम करने के लिए कुछ किया जा सकता है, तो ट्रंप ने कहा कि उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते और न हम इसकी अनुमति देंगे। यहां वो ईरान का जिक्र कर रहे थे।


दूतावास को खाली करने की तैयारीराष्ट्रपति ट्रंप ने राजनायिकों और कर्मियों को वापस बुलाने की पुष्टि रायटर की रिपोर्ट आने के बाद की है, जिसमें कहा गया कि अमेरिका इरान में अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी कर रहा है और अन्य सैन्य कर्मियों को भी सुरक्षा जोखिमों के कारण मध्य-पूर्व में स्थानों को छोड़ने की अनुमति दे रहा है।


ये आदेश ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि इजरायल, जो अभी गाजा के साथ युद्ध लड़ रहा है, ईरान में परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की तैयारी कर रहा है।


ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब?अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने पुष्टि की है कि ईरान रुके हुए परमाणु समझौते के बीच परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
पाकिस्तान में भूकंप के झटकों से फिर डोली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग; जानें तीव्रता

पाकिस्तान में भूकंप के झटकों से फिर डोली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग; जानें तीव्रता

 पाकिस्तान में भूकंप के झटकों से फिर डोली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग; जानें तीव्रता


पाकिस्तान में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वत में 211 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के झटके पेशावर और आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। तत्काल किसी नुकसान की खबर नहीं है। यह भूकंप खैबर पख्तूनख्वा में एक महीने पहले आए 5.3 तीव्रता के भूकंप के बाद आया है।

पाकिस्तान में महसूस किए गए भूकंप के झटके (फाइल फोटो)


पाकिस्तान के पेशावर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पेशावर के निवासियों को हल्के भूकंप के झटके महसूस हुए, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.7 मापी गई। जियो न्यूज ने भूकंप विज्ञान केंद्र के हवाले से बताया कि बुधवार को पेशावर के निवासियों को हल्के भूकंप से झटका लगा, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.7 मापी गई।


भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वत में 211 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप के बाद तत्काल किसी नुकसान या हताहत की कोई जानकारी नहीं मिली है।


एक महीने बाद आया भूकंपयह भूकंप इस्लामाबाद और मर्दन, स्वात, नौशेरा, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान सहित खैबर पख्तूनख्वा के कुछ हिस्सों में आए 5.3 तीव्रता के भूकंप के लगभग एक महीने बाद आया है। जियो न्यूज ने बताया कि उस भूकंप का केंद्र भी हिंदू कुश क्षेत्र में 230 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसका निर्देशांक 36.63 एन और देशांतर 71.13 ई दर्ज किया गया था। इससे पहले अप्रैल में, पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में दो और भूकंप आए थे।


क्यों आता है बार-बार भूकंप?


भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट में उत्तर की ओर धकेलने से इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते हैं। यूरेशियन प्लेट में भारतीय प्लेट के उत्तर की ओर धकेले जाने के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते हैं।

इस बीच, जियो न्यूज ने इस बात पर भी जोर दिया कि कराची के बंदरगाह शहर में हाल के दिनों में लगभग 30 हल्के भूकंप आए हैं। मुख्य मौसम विज्ञानी आमिर हैदर ने बताया कि लांधी फॉल्ट लाइन दशकों के बाद एक्टिव हुई है और वर्तमान में सामान्यीकरण के फेस से गुजर रही है।
लॉस एंजिलिस में बवाल, जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़; मेयर ने लगाया कर्फ्यू

लॉस एंजिलिस में बवाल, जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़; मेयर ने लगाया कर्फ्यू

 लॉस एंजिलिस में बवाल, जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़; मेयर ने लगाया कर्फ्यू


अमेरिका के लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शन के कारण शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मेयर करेन बास ने लोकल इमरजेंसी का एलान करते हुए डाउनटाउन लॉस एंजिलिस में तोड़फोड़ और लूटपाट रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया है। अप्रवासी नागरिकों के घरों पर चल रहे छापों के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर हमला बताया है।

लॉस एंजिलस में आगजनी और तोड़फोड़ (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)


अमेरिका के लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शन के चलते शहर के बीच में कर्फ्यू लगा दिया दिया है। लॉस एंजिलिस के मेयर ने ये कर्फ्यू लगाया है। मेयर करेन बास ने कहा, मैंने लोकल इमरजेंसी का एलान किया है और लॉस एंजिलस के डाउनटाउन में तोड़फोड़ और लूटपाट को रोकने के लिए कर्फ्यू जारी किया है।


मेयर के अनुसार, कर्फ्यू मंगलवार रात 8 बजे (स्थानीय समयानुसार) बुधवार सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। करेन बास ने कहा कि कर्फ्यू कई दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। मेयर करेन बास ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के अप्रवासी नागरिकों के घरों पर चल रहे छापों के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।




यातायात पर भी दिखा प्रदर्शन का असर

सिएटल, ऑस्टिन, शिकागो और वॉशिंगटन, डी.सी. जैसे शहरों में प्रदर्शन भड़क उठे हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए। इस वजह से फेडरल बिल्डिंग के पास यातायात ब्लॉक रहा।



वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शन को शांति, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय संप्रभुता पर एक पूर्ण हमला बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपने भाषण में ये बात कही है।


ट्रंप ने क्या कहा?उन्होंने कहा, 'ये लोग पेशेवर हैं। ये शौकिया नहीं हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वे अमेरिकी सीनेटरों के साथ मिलकर अमेरिकी ध्वज जलाने वाले लोगों को "एक साल" के लिए जेल में डालने के लिए कानून पारित करने पर काम कर रहे हैं।


हिंसा से निपटने के लिए नेशनल गार्ड की तैनातीप्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड को तैनात किया। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। वहीं, ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कैलिफोर्निया में नेशनल गार्ड की तैनाती करके 'बहुत बढ़िया फैसला' लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नेशनल गार्ड सैनिकों और मरीन को तैनात करने के कराण ये विरोध प्रदर्शन और हिंसक हो गया।