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ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के जवानों ने तेजी से राहत और बचाव कार्य किया। बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए हादसे में एसडीआरएफ कर्मियों ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर जलते हुए लोगों और शवों को बाहर निकाला। एसडीआरएफ की एएसपी शीतल गुजर ने बताया कि टीम ने जोखिम उठाकर नागरिकों और छात्रों को बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें (फाइल फोटो)


एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) के कर्मियों ने युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया।


जिस बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में विमान हादसाग्रस्त हुआ, वहां एसडीआरएफ के जवान ऑक्सीजन मास्क पहनकर इमारत में घुसे और अपने हाथों पर गीले कपड़े बांधकर जलते हुए लोगों और लाशों को बाहर निकालने का कार्य किया।


SDRF की रही महत्वपूर्ण भूमिकाएसडीआरएफ की एएसपी और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की नोडल अधिकारी शीतल गुजर ने इन कर्मियों की बहादुरी को सराहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने इमारत के अंदर फंसे लोगों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, "हम आक्सीजन मास्क पहनकर अंदर गए। कई लोगों के हाथ और पैर जल गए, लेकिन उन्हें बचाने के लिए हमने अपने हाथों को गीले कपड़ों से बांधकर उन्हें आग से बाहर निकाला।"


काफी अधिक था तापमानगुजर ने कहा कि उस समय अंदर जाना और बचाव कार्य करना उनके लिए बहुत जोखिम भरा था, क्योंकि उस स्थान का तापमान बहुत अधिक था। अग्निशामक विभाग ने हमारी टीम को इमारत के अंदर जाने के लिए व्यवस्था की।


उन्होंने कहा कि हमने छात्रावास के अंदर से नागरिकों और छात्रों को निकाला। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हमने सभी पीडि़तों के शवों को भी बरामद किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आगे होने वाले नुकसान को रोकना एसडीआरएफ की शीर्ष प्राथमिकता है।
विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए

विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए

 विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए


अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के 99 पीड़ितों की डीएनए जांच से पहचान हो चुकी है। इनमें से 64 शव जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। रूपाणी उस बोइंग विमान में थे जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि डीएनए मिलान प्रक्रिया में देरी हो रही है।

एअर इंडिया विमान दुर्घटना डीएनए टेस्ट से 125 पीड़ितों की हुई पहचान (फाइल फोटो)


 एअर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाले 125 पीड़ितों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए अब तक हो गई है और इनमें से गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 64 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।


रूपाणी भी एअर इंडिया के उस बोइंग ड्रीमलाइनर विमान एआइ-171 में सवार थे जो 12 जून को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


कुल 275 लोगों की मौतइस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों सहित कुल 275 लोगों की जान गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का शव उनकी पत्नी अंजलि रूपाणी और अन्य परिवार के सदस्यों को शहर के सिविल अस्पताल में सौंपा गया।


उन्होंने बताया कि हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह जल गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने कहा,''अब तक 125 डीएनए टेस्टों का मिलान हो चुका है और इनमें से 64 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।''


परिजनों से अपीलउन्होंने शोक संतप्त परिजनों से अपील की कि वे डीएनए नमूनों के शवों के साथ मिलान की प्रक्रिया में हो रही कुछ देरी को लेकर घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि हम इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।


दिन-रात काम कर रही 54 सदस्यीय DNA विशेषज्ञ टीम

मिड-डे के अनुसार, हादसे के बाद पिछले चार दिनों से फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम मृतकों की शिनाख्त करने करने के लिए दिन-रात डीएनए टेस्ट और उनका मिलान करने के जटिल कार्य में जुटी हुई है।


54 सदस्यीय इस डीएनए विशेषज्ञ टीम में 22 महिला हैं। एफएसएल टीम के अथक प्रयासों की बदौलत, मृतकों के परिजनों को पार्थिव शरीर बिना किसी देरी के सौंपे जा रहे हैं।
सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी

सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी

 सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी


Air India Flight Kolkata Airport सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उसे कोलकाता में लैंड करना पड़ा। विमान का एक इंजन खराब हो गया था जिसके चलते यात्रियों को विमान से उतारा गया। यह घटना मंगलवार की रात हुई जब फ्लाइट AI180 कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरी। यात्रियों को सुबह 520 बजे विमान से उतरने के लिए कहा गया।

एअर इंडिया के विमान में आई खराबी। फाइल फोटो

सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रहे एअर इंडिया के विमान में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण यात्रियों को कोलकाता में ही प्लेन से नीचे उतारना पड़ा। विमान का एक इंजन खराब हो गया था। ऐसे में प्लेन को कोलकाता एअरपोर्ट पर लैंड करवाया गया और सभी यात्रियों को फ्लाइट से नीचे उतार दिया गया।


आज सुबह हुई घोषणा
यह घटना मंगलवार की है। एअर इंडिया की फ्लाइट AI180 रात 12:45 मिनट पर कोलकाता एअरपोर्ट पर लैंड हुई। हालांकि इंजन में खराबी के कारण विमान ने दोबारा उड़ान भरने में देरी कर दी। आज सुबह 05:20 बजे अनाउंसमेंट करते हुए यात्रियों से नीचे उतरने की गुजारिश की गई। फ्लाइट के कैप्टन ने यात्रियों को बताया कि यह फैसला पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए लिया गया है।

दिल्ली-रांची फ्लाइट में आई थी खराबी

बता दें कि इससे पहले एअर इंडिया के विमान में बीते दिन भी तकनीकी खराबी देखने को मिली थी। दिल्ली से रांची जा रही AI-9695 में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण फ्लाइट को रनवे पर वापस लौटना पड़ा था।


हांगकांग में भी वापस लौटी फ्लाइटइससे पहले सोमवार को ही हांगकांग से दिल्ली जा रही फ्लाइट AI315 में भी तकनीकी खराबी के कारण प्लेन को वापस लौटना पड़ा था। इस प्लेन ने दोपहर 12:16 बजे हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ान भरी और 90 मिनट बाद प्लेन दोबारा रनवे पर लैंड हो गया।
 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा


Israel-Iran Conflict पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से स्थिति गंभीर हो गई है। तेहरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने की सलाह दी है। तेहरान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे लगभग 140 भारतीय छात्र धमाकों और फाइटर जेट्स की आवाजों से दहशत में हैं। छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की अपील की है।

भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)


पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस बीच भारतीय दूतावास ने एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि फौरन तेहरान छोड़ दें। सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं।


इस तनाव की चपेट में तेहरान में पढ़ने वाले करीब 140 भारतीय छात्र भी आ गए हैं। ये छात्र तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।




छात्रों ने बयां किया भयावह मंजर


छात्रों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब 3:20 बजे एक जोरदार धमाके की आवाज ने उन्हें दहशत में डाल दिया। एक छात्र ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यहां हालात हर पल बिगड़ते जा रहे थे। सुबह 3:20 बजे के करीब एक जोरदार धमाका हुआ। हमने खिड़कियों से बाहर देखा तो काला धुआं दिखाई दिया। जब हम नीचे गए तो और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।"

उन्होंने आगे कहा, "2-3 घंटे बाद फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट सुनाई दी। हम बहुत डर गए थे। आसमान में ड्रोन भरे हुए थे। शुक्रवार की शाम से अगली सुबह तक लगातार आवाजें आती रहीं। हॉस्टल में पूरी तरह ब्लैकआउट था और हम डर के मारे हॉस्टल के नीचे बैठे रहे।"





'भारत की ताकत पर भरोसा'छात्रों ने बताया कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों ने उनका हौसला बढ़ाया। एक छात्र ने कहा, "हमारी यूनिवर्सिटी बहुत मददगार रही। जैसे ही धमाके हुए, हमारे वाइस-डीन हमसे मिलने आए और हमें तसल्ली दी। शाम तक हमारे डीन भी आए और भरोसा दिलाया कि कुछ नहीं होगा। लेकिन वो रात बहुत खतरनाक थी। अब हमारे दिल में हिम्मत नहीं कि एक और रात यहां गुजारें।”

छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द निकासी की अपील की है। एक छात्र ने कहा, "हमें भारत की ताकत पर भरोसा है। हम चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए।"
जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, जानिए क्यों खास है ये दौरा

जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, जानिए क्यों खास है ये दौरा

 जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, जानिए क्यों खास है ये दौरा


PM Modi in Canada प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंच गए हैं। अल्बर्टा के कनाकास्किस में सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जहां पीएम मोदी जल्द ही जाएंगे। भारत और कनाडा के बीच तनाव के बाद यह उनकी पहली कनाडा यात्रा है। 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह पुरी की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी।

पीएम मोदी कनाडा पहुंचे। फाइल फोटो- पीटीआई

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। अल्बर्टा के कनाकास्किस में जी-7 सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कनाडा के कैलगरी पहुंचे पीएम मोदी जल्द ही कनाकास्किस का रूख करेंगे।


कनाडाई पीएम ने भेजा था बुलावा
प्रधानमंत्री मोदी कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के बुलावे पर जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। 16-17 जून के इस सम्मेलन में फ्रांस, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान और इटली के प्रमुख हिस्सा लेते हैं। यह लगातार छठी बार है जब पीएम मोदी जी-7 समिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं।


ट्रंप से नहीं होगी पीएम मोदी की मुलाकातबता दें कि जी-7 सम्मलेन का पहला दिन शानदार रहा। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में ही वापस चले गए। ऐसे में पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात अब नहीं हो सकेगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ट्रंप की वापसी की जानकारी देते हुए कहा-

राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन में यूके के पीएम कीर स्टार्मर से मुलाकात कर प्रमुख व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किया। हालांकि , मिडिल-ईस्ट की स्थिति के कारण राष्ट्रपति ट्रंप राष्ट्रध्यक्षों के साथ डिनर नहीं कर पाए।
क्यों खास है पीएम मोदी का कनाडा दौरा?

बता दें कि भारत और कनाडा के तनाव के बीच तनाव के बाद यह पीएम मोदी पहली बार कनाडा गए है। 2023 में कनाडा के गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तनी आतंकवादी हरदीप सिंह पुरी की हत्या हो गई थी, जिसमें भारतीय एजेंट के शामिल होने का दावा किया गया था। इसके बाद से ही नई दिल्ली और ओटावा के रिश्तों में खटास देखने को मिली। तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी भारत के साथ रिश्ते खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
 हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ने के बाद 1 घंटे में क्यों वापस लौटा एअर इंडिया का विमान? पायलट और ATC की बातचीत का ऑडियो आया सामने

हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ने के बाद 1 घंटे में क्यों वापस लौटा एअर इंडिया का विमान? पायलट और ATC की बातचीत का ऑडियो आया सामने

 हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ने के बाद 1 घंटे में क्यों वापस लौटा एअर इंडिया का विमान? पायलट और ATC की बातचीत का ऑडियो आया सामने


Hong Kong Air India Flight Landing हांगकांग से दिल्ली जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI315 तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने के एक घंटे बाद ही वापस लौट गई। पायलट और एटीसी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सामने आया है जिसमें पायलट ने विमान को आगे ले जाने में असमर्थता जताई। विमान 22000 फीट से नीचे गिरने लगा था।

हांगकांग में एअर इंडिया के विमान की वापसी। फाइल फोटो

 बीते दिन हांगकांग से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI315 ने टेकऑफ के 1 घंटे बाद ही रनवे पर वापसी कर ली। इसकी वजह थी विमान में आई तकनीकी खराबी, जिसके चलते पायलट ने प्लेन उड़ाने से मना कर दिया और विमान को दोबारा हांगकांग एअरपोर्ट पर लौटना पड़ा।


इस घटना को 24 घंटे भी नहीं बीते कि पायलट और एटीसी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें पायलट के शब्दों ने लोगों को हैरान कर दिया है।


1 घंटे में वापस लौटी फ्लाइटएअर इंडिया के विमान AI315 ने सोमवार की दोपहर 12:20 बजे हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ान भरी और लगभग 1 घंटे बाद ही बाद प्लेन वापस हांगकांग एअरपोर्ट पर लौट आया। सभी के मन में सवाल था कि 1 घंटे में आखिर ऐसा क्या हुआ, जो विमान को वापसी करनी पड़ी?


पायलट ने ATC से क्या कहा?LiveATC.net पर एअर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से AI315 के पायलट की बातचीत का एक वीडियो सामने आया है। इस ऑडियो में पायलट ATC को बताता है, "तकनीकी कारणों से हम हांगकांग के आसपास ही रहेंगे, शायद हमें हांगकांग वापस लौटना पड़े और इस समस्या को सही करना पड़े।"

पायलट ने ATC से कहा

हम फ्लाइट को आगे नहीं ले जा सकते हैं।
22,000 फीट से गिरने लगा विमानAirNav Radar के अनुसार, एअर इंडिया की फ्लाइट AI315 ने सोमवार की दोपहर 12:20 बजे हांगकांग से उड़ान भरी। विमान 22,000 फीट तक गया और फिर अचानक नीचे गिरने लगा। यह एक बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान था, जो हांगकांग के समयानुसार ठीक 1:15 बजे हांगकांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दोबारा लैंड हुआ।

एअर इंडिया ने जारी किया था बयानAI315 की हांगकांग वापसी के बाद एअर इंडिया ने बयान जारी करते हुए कहा था-
16 जून 2025 को हांगकांग से दिल्ली जा रही फ्लाइट AI315 टेकऑफ के कुछ समय बाद ही हांगकांग वापस लौट आई है। विमान में तकनीकी खराबी थी। फ्लाइट को सुरक्षित हांगकांग एअरपोर्ट पर लैंड करवाया गया है। इसकी जांच की जा रही है।एअर इंडिया ने बताया कि दिल्ली के लिए दूसरी फ्लाइट निर्धारित की गई है। पैसेंजर्स की सभी जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है, जिससे उन्हें कम से कम तकलीफ उठानी पड़े।

बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 हुआ था हादसे का शिकार
बता दें कि 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान ही क्रैश हुआ था, जिसमें सवार 241 लोगों की जान चली गई थी। यह भारतीय इतिहास के सबसे भयानक प्लेन हादसों में से एक था। विमान में तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी मामले की जांच चल रही है।
दिल्ली में 104KM प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी, पंजाब के कई जिलों में बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट जारी

दिल्ली में 104KM प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी, पंजाब के कई जिलों में बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट जारी

 दिल्ली में 104KM प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी, पंजाब के कई जिलों में बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट जारी


वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में तेज हवा के साथ वर्षा हुई जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा और तेज हवाएं चलने की संभावना है। बिहार पंजाब हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भी मौसम में बदलाव देखा गया। उत्तर प्रदेश में वज्रपात और आंधी-बारिश से 30 लोगों की मौत हो गई।

मौसम विभाग का अलर्ट जारी (फाइल फोटो)

 वेस्टर्न डिस्टर्बन्स सक्रिय होने से भीषण गर्मी झेल रहे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्से में शनिवार रात तेज हवा के साथ वर्षा होने से लोगों ने रविवार को राहत महसूस की।


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में 16-21 जून के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हल्की-मध्यम वर्षा के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की गति वाली तेज हवाएं चलने की संभावना है।


लगातार गर्मी की मार झेल रहे लोगलगातार पांच दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में चल रही दिल्ली में रविवार अलसुबह ढाई बजे से साढ़े पांच के बीच 104 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चली, वहीं 42 मिमी वर्षा दर्ज की गई।


विभिन्न इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली। रविवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 3.2 डिग्री कम 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है।

बिहार में भी रविवार को मौसम ने करवट ली। पटना सहित आसपास इलाकों में शाम होते आंशिक बादल छाए रहने के साथ तेज हवाएं चलनी शुरू हुईं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित दक्षिणी भागों के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहने के साथ बादल के गरजने एवं छिटपुट वर्षा की संभावना है।

पंजाब का मौसम

उत्तरी भागों के अधिसंख्य भागों में 50-60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ बादल गरजने, वज्रपात को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब के चंडीगढ़, पटियाला, संगरूर में वर्षा हुई, वहीं अन्य जिलों में बादल छाए रहे।

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से पंजाब के अधिकतर जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इस दौरान हल्की से मध्यम वर्षा भी होगी। 21 जून के बाद मानसून की पंजाब में एंट्री हो सकती है।


हिमाचल में कैसा रहेगा मौसम?हिमाचल प्रदेश में रविवार को बारालाचा, कुंजुम व रोहतांग दर्रा में जहां हल्का हिमपात हुआ, वहीं शिमला, कांगड़ा व धर्मशाला में झमाझम वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा में 34, धर्मशाला में 16, शिमला व कुफरी में सात-सात मिलीमीटर दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 16 जून को लाहुल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में कुछ स्थानों पर 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तूफान चलने की संभावना जताई है।

उत्तराखंड में भी कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली चमकने, वर्षा के तीव्र दौर होने और तेज हवा चलने को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चारधाम व यात्रा मार्ग पर भी बादल छाये रहने से लेकर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।

राजस्थान में रविवार को लगातार दूसरे दिन वर्षा हुई। जयपुर मौसम केंद्र ने सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों में बारिश की संभावना जताई है।


UP में वज्रपात व आंधी-बारिश से 30 लोगों की मौतउत्तर प्रदेश में पश्चिमी क्षेत्र से पूर्वांचल तक कुछ जिलों में बूंदाबांदी होने से अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर आई, मगर उमस से छुटकारा नहीं मिला है। वज्रपात, आंधी-बारिश ने विभिन्न जिलों में 30 लोगों की जान ले ली।

प्रयागराज और जौनपुर में पांच-पांच, ललितपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, बरेली, बिजनौर में दो-दो, कानपुर देहात, कुशीनगर, शाहजहांपुर, लखनऊ, हरदोई, संभल, झांसी, जालौन, अमेठी, सोनभद्र में एक- एक मौत हुई है। दूसरी ओर, कानपुर में सात लोगों की मौत गर्मी की वजह से बताई जा रही है।

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार से अगले तीन-चार दिनों तक बारिश होने की संभावना है। लू का दौर लगभग समाप्त हो चुका है। 43.2 डिग्री सेल्सियस के साथ वाराणसी रविवार को सबसे गर्म रहा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में मॉनसून की शुरुआत हो गई है। 18 जून को भारी वर्षा की संभावना है।


दिल्ली में कई स्थानों पर गिरे पेड़, करंट से दो की मौतदिल्ली में रविवार तड़के आई आंधी और वर्षा के कारण कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से काफी नुकसान हुआ। आरकेपुरम में दो लोगों की करंट से मौत हो गई, वहीं कई स्थानों पर पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

पीतमपुरा में तेज आंधी से बिजली के खंभे में आग लग गई और आस पास के मकान में भी पहुंच गई। इस वजह से पार्किंग में खड़े कई कारें और दो पहिया वाहन जल गए। इसके अलावा सफदरजंग एन्क्लेव में मोबाइल टावर गिर गया। टावर एक माह पूर्व ही लगा था।
बोइंग के दो ड्रीमलाइनर पर मंडराया 'काल'! अहमदाबाद हादसे के बाद लंदन और फ्रैंकफर्ट से भारत आ रहे विमान के सामने आई बड़ी मुसीबत

बोइंग के दो ड्रीमलाइनर पर मंडराया 'काल'! अहमदाबाद हादसे के बाद लंदन और फ्रैंकफर्ट से भारत आ रहे विमान के सामने आई बड़ी मुसीबत

 बोइंग के दो ड्रीमलाइनर पर मंडराया 'काल'! अहमदाबाद हादसे के बाद लंदन और फ्रैंकफर्ट से भारत आ रहे विमान के सामने आई बड़ी मुसीबत


Boeing Dreamliner Flight हाल ही में भारत आने वाली दो बड़ी विमानों को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा। ब्रिटिश एयरवेज की बोइंग ड्रीमलाइनर जो लंदन से चेन्नई जा रही थी तकनीकी खराबी के कारण वापस लौटी। वहीं लुफ्थांसा की फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही बोइंग विमान को बम की धमकी के चलते वापस लौटना पड़ा। विमान को हैदराबाद में उतरने की अनुमति नहीं मिली।

ब्रिटिश एयरवेज ने कहा, "हमारी फ्लाइट को एक छोटी तकनीकी खराबी की वजह से वापस लाना पड़ा।


भारत आने वाली दो बड़ी विमानों को रविवार और सोमवार को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा। लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से चेन्नई के लिए निकली ब्रिटिश एयरवेज की बोइंग ड्रीमलाइनर को तकनीकी खराबी की वजह से वापस लौटना पड़ा। वहीं दूसरी दूसरी फ्लाइट लुफ्थांसा की थी। ये भी बोइंग की ड्रीमलाइनर विमान है। ये फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही थी, लेकिन बम की धमकी के चलते उसे भी वापस फ्रैंकफर्ट जाना पड़ा।


डोवर की खाड़ी के ऊपर काटे कई चक्कर, फिर वापस लौटना पड़ा
ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 रविवार को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से दोपहर 1:16 बजे चेन्नई के लिए उड़ी। लेकिन टेक ऑफ के कुछ देर बाद पायलट को तकनीकी खराबी का पता चला। फ्लाइट रडार24 के मुताबिक, इस जहाज ड्रीमलाइनर ने डोवर की खाड़ी के ऊपर कई चक्कर काटे और फिर वापस हीथ्रो लौट आई।

ब्रिटिश एयरवेज ने अपने बयान में कहा, "हमारी फ्लाइट को एक छोटी तकनीकी खराबी की वजह से एहतियातन हीथ्रो हवाई अड्डे पर वापस लाना पड़ा। विमान सुरक्षित लैंड हुआ। यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं। हमारी टीमें यात्रियों के सफर को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने की कोशिश में जुटी हैं।"





बम की धमकी की वजह से विमान को जर्मनी लौटना पड़ादूसरी तरफ, फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा की फ्लाइट LH752 को भी रविवार देर रात बीच रास्ते से लौटना पड़ा। इस उड़ान को बम की धमकी मिली थी, जिसके चलते उसे हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की इजाजत नहीं मिली। फ्लाइट अवेयर के मुताबिक, ये विमान बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर था।

लुफ्थांसा ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "हमें हैदराबाद में लैंड करने की इजाजत नहीं मिली, इसलिए विमान को वापस फ्रैंकफर्ट लौटना पड़ा।"

हैदराबाद हवाई अड्डे के एक सीनियर अफसर ने भी पुष्टि की कि बम की धमकी का मैसेज तब मिला, जब विमान अभी इंडियन एयर स्पेस में दाखिल नहीं हुआ था। इस वजह से विमान ने भारत में लैंड नहीं किया और फ्रैंकफर्ट लौट गया।
सरकार ने उच्च स्तरीय समिति गठित की, आज होगी पहली बैठक; AAIB को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी

सरकार ने उच्च स्तरीय समिति गठित की, आज होगी पहली बैठक; AAIB को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी

 सरकार ने उच्च स्तरीय समिति गठित की, आज होगी पहली बैठक; AAIB को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी


अहमदाबाद विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की पहली बैठक दिल्ली में होगी। गृह सचिव की अध्यक्षता में यह समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करेगी। समिति को तीन महीने में रिपोर्ट सौंपनी है। AAIB तकनीकी जांच कर रहा है जबकि यह समिति नीति-आधारित समाधान देगी। नागरिक उड्डयन मंत्री ने सुरक्षा नीतियों पर सुझाव की बात कही।

अहमदाबाद विमान हादसा जांच के लिए दिल्ली में उच्च-स्तरीय समिति की बैठक


अहमदाबाद में हुए भयानक विमान हादसे के बाद जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उच्च-स्तरीय समिति की पहली बैठक आज सोमवार को दिल्ली में होगी। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।


गृह सचिव इस समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं और इसका उद्देश्य है भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) तैयार करना। समिति को अपनी रिपोर्ट तीन महीनों के भीतर सौंपनी होगी।


AAIB कर रही है जांचअहमदाबाद विमान हादसे की तकनीकी जांच का जिम्मा विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को सौंपा गया है। AAIB इस बात की जांच कर रहा है कि विमान विमान तकनीकी रूप से कैसे और क्यों विफल हुआ।


वहीं, यह उच्च-स्तरीय समिति एक समग्र और नीति-आधारित समाधान तैयार करेगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने शनिवार को कहा था कि AAIB तकनीकी पहलुओं की जांच करेगा, जबकि गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति भविष्य की सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं को लेकर सुझाव देगी।


मिला ब्लैक बॉक्स

गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद मेघानीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बचा।

ब्लैक बॉक्स शुक्रवार शाम को हादसे की जगह से बरामद कर लिया गया है। ब्लैक बॉक्स में उड़ान से जुड़ा तकनीकी डेटा और पायलट की बातचीत रिकॉर्ड होती है, जो हादसे की असली वजह जानने में मदद करेगा।
GST में होने जा रहा बड़ा बदलाव, खत्म होगी 12 फीसदी की स्लैब; 20 जून को होगी बैठक

GST में होने जा रहा बड़ा बदलाव, खत्म होगी 12 फीसदी की स्लैब; 20 जून को होगी बैठक

 GST में होने जा रहा बड़ा बदलाव, खत्म होगी 12 फीसदी की स्लैब; 20 जून को होगी बैठक


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी प्रणाली में बदलाव पर चर्चा के लिए 20 जून को सीबीआईसी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। इस बैठक में जीएसटी दरों में बदलाव क्षतिपूर्ति सेस और जीएसटी संग्रह के रुख पर विचार किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक आयोजित की जाएगी।

हर तीन माह में एक बार जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाना जरूरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)


 जीएसटी प्रणाली में बदलाव पर कवायद शुरू हो गई है। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों के साथ आगामी 20 जून को अहम बैठक करने जा रही है।


हालांकि इस दिन वित्त मंत्री इनकम टैक्स विभाग के साथ भी बैठक करेंगी, लेकिन जीएसटी दरों में बदलाव और क्षतिपूर्ति सेस के मुद्दे की वजह से सीबीआईसी के साथ होने वाली बैठक अहम मानी जा रही है। बैठक में जीएसटी संग्रह के रुख, दरों में तार्किक बदलाव, जीएसटी पंजीयन से जुड़े नियम और क्षतिपूर्ति सेस जैसे मुद्दों पर सीबीआईसी के साथ चर्चा की जाएगी।


तीन माह में एक बार बुलानी होती है बैठकमाना जा रहा है इस बैठक के बाद ही जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक आयोजित की जा जाएगी। पिछले छह महीनों से जीएसटी काउंसिल की बैठक नहीं बुलाई गई है जबकि चलन के मुताबिक हर तीन माह में एक बार जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाना जरूरी है।


गत दिसंबर में जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि आगामी बैठक से जीएसटी की दरों को लेकर चर्चा की जाएगी ताकि जीएसटी के स्लैब में बदलाव किया जा सके। इसे लेकर मंत्रियों के एक समूह का भी गठन किया गया था और सूत्रों के मुताबिक समूह ने काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।


12 प्रतिशत का स्लैब हटने की उम्मीदसूत्रों का कहना है कि जीएसटी स्लैब से 12 प्रतिशत के स्लैब को हटाया जा सकता है और इस स्लैब में शामिल आइटम को उनकी जरूरत के मुताबिक पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत में शिफ्ट किया जा सकता है। अभी जीएसटी की दरें तीन, पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक आगामी 20 जून को वित्त मंत्री के नेतृत्व में मंत्रालय के अधिकारी सीबीआईसी के साथ दरों के बदलाव को लेकर चर्चा करेंगे क्योंकि सरकार किसी भी बदलाव से पहले यह आश्वस्त होना चाहती है कि दरों में बदलाव से जीएसटी संग्रह में कोई कमी नहीं आएगी।
चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों में जीएसटी का मासिक संग्रह दो लाख करोड़ से ऊपर रहा है। सीबीआईसी के साथ बैठक में इनपुट क्रेडिट टैक्स के रिफंड को लेकर भी गंभीर चर्चा की जाएगी क्योंकि वर्तमान नियमों की वजह से कई कारोबारियों को इनपुट क्रेडिट टैक्स मिलने में परेशानी होती है। जिस कारोबारी को वह अपना माल बेचते हैं और अगर उसने अपना जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो उसे विक्रेता कारोबारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल पाता है।
इनपुट क्रेडिट टैक्स के रिफंड से जुड़ी इस प्रकार की दिक्कतों को दूर करने को लेकर बात की जाएगी। इसके अलावा क्षतिपूर्ति सेस के भविष्य को लेकर भी चर्चा की जाएगी। क्षतिपूर्ति सेस की वैधता अगले वर्ष मार्च में समाप्त हो रही है। उसके बाद इस सेस को किस रूप में जारी रखना है या नहीं रखना है, इसे लेकर भी सीबीआईसी के साथ और फिर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी। क्षतिपूर्ति सेस के भविष्य को लेकर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में समूह का गठन किया गया है। समूह को आगामी 30 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था।
अमेरिका से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने की तस्करी कर रहा था AIR India का क्रू मेंबर, मुंबई एअरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार

अमेरिका से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने की तस्करी कर रहा था AIR India का क्रू मेंबर, मुंबई एअरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार

 अमेरिका से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने की तस्करी कर रहा था AIR India का क्रू मेंबर, मुंबई एअरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार


मुंबई एयरपोर्ट पर DRI ने एयर इंडिया के क्रू मेंबर को सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। क्रू मेंबर ने न्यूयॉर्क से आई फ्लाइट AI-116 में सोने की सिल्लियां छिपाकर तस्करी की थी जिसकी कीमत 1.42 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पूछताछ में आरोपी ने पहले भी कई बार तस्करी करने की बात स्वीकार की।

अमेरिका से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने की तस्करी कर रहा था AIR India का क्रू मेंबर


 मुंबई के एअरपोर्ट पर DRI ( राजस्व खुफिया निदेशालय) ने एक बड़ी कर्रवाई करते हुए एअर इंडिया के एक पुरुष क्रू मेंबर को सोने की तस्करी के आरोप में पकड़ा है। यह क्रू मेंबर न्यूयॉर्क से आने वाली फ्लाइट AI-116 से 13जून को मुंबई पहुंचा था।


कहां छिपाया था सोना?
हालांकि, शुरुआती जांच में कुछ नहीं मिला है। लेकिन पूछताछ के दरान उसने खुलासा किया कि उसने एक पाउच में विदेशी सोने की सिल्लियां काली टेप में लपेटकर एअरपोर्ट के बैगेज सर्विस एरिया में छिपा दी थी। क्रू मेंबर ने यह काम तब किया था जब उसका ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट हो रहा था।

इसके बाद DRI अधिकारियों ने उस स्थान की जांच की जहां के बारे में क्रू मेंबर ने जानकारी दी थी, जहां से पाउच बरामद किया गया जिसमें 1,373 ग्राम विदेशी सोना था। इसकी कीमत लगभग 1.42 करोड़ रूपये बताई गई है। आरोपी ने यह भी माना कि उसने पहले भी कई बार सोने की तस्करी की है।


तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड हुआ गिरफ्तार


DRI अधिकारियों ने जांच के बाद सोने की तस्करी रैकेट के मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है, जिसने एअरलाइन स्टाफ को तस्करी के लिए भर्ती किया था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने कई बार एअरलाइन स्टाफ की मदद से सोने की तस्करी करवाई है।


न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपीगिरफ्तार दोनों आरोपियों को कस्टम्स एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया गया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले को लेकर DRI की जांच अभी भी जारी ह और नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब एअर इंडिया के क्रू मेंबर तस्करी में पकड़े गए हों। दिसंबर 2024 में चेन्नई एअरपोर्ट पर एक केबिन क्रू सदस्य को गिरफ्तार किया गया था, जो एक यात्री की मदद से 1.7 किलो 24 कैरेट सोने की तस्करी कर रहा था। बताया गया था कि उस क्रू मेंबर ने उड़ान के दौरान यात्री से सोना लिया और उसे छिपाया।

मई 2024 में भी एक और मामला सामने आया था, जब केरल के कन्नूर एअरपोर्ट पर एअर इंडिया की एअर होस्टेस सुरभी खातून को 960 ग्राम सोने की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। उसने सोने को अपने शरीर के अंदर (रेक्टम में) छिपा रखा था।
देश में 41 प्रतिशत लोगों की जीवनशैली बना योग, 24.6 प्रतिशत लोगों ने फिटनेस में सुधार माना

देश में 41 प्रतिशत लोगों की जीवनशैली बना योग, 24.6 प्रतिशत लोगों ने फिटनेस में सुधार माना

देश में 41 प्रतिशत लोगों की जीवनशैली बना योग, 24.6 प्रतिशत लोगों ने फिटनेस में सुधार माना

पीटीआई के अनुसार संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के बाद 41% से अधिक लोगों ने योग को अपनी जीवनशैली में शामिल किया है। आयुष मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार 24.6% लोगों ने फिटनेस में सुधार और 16.9% ने तनाव में कमी का अनुभव किया। लगभग एक चौथाई लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान प्राप्त करने का दावा किया।

देश में 41 प्रतिशत लोगों की जीवनशैली बना योग (फाइल फोटो)


 संयुक्त राष्ट्र के 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के एक दशक बाद 41 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपनी जीवनशैली में योग को किसी न किसी रूप में शामिल कर लिया है।


आयुष मंत्रालय के कराए ताजा सर्वेक्षण के अनुसार 24.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने योग के कारण अपनी फिटनेस में सुधार का अनुभव किया, जबकि 16.9 प्रतिशत ने तनाव स्तर में कमी की सूचना दी।


लोगों ने क्या दावा किया?लगभग एक चौथाई उत्तरदाताओं ने स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान प्राप्त करने का दावा किया। आयुष मंत्रालय के इस सर्वेक्षण में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30,084 परिवारों को शामिल किया गया, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों का समावेश था।


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के एक दशक का प्रभाव 'सर्वेक्षण निष्कर्ष' शीर्षक वाले इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 11.2 प्रतिशत लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं। 13.4 प्रतिशत लोग कभी-कभी योग करते हैं, जबकि 75.5 प्रतिशत लोग योग का अभ्यास नहीं करते हैं।

सीसीआरवाइएन के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव ने स्पष्ट किया कि 11.2 प्रतिशत लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं। यह वह लोग हैं जो योग कक्षाओं में जाते हैं और नियमित रूप से सत्रों में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा, ''जब हम कहते हैं कि 41 प्रतिशत से अधिक लोगों ने योग को अपनी जीवनशैली में अपनाया है, तो इसका मतलब है कि वे भक्ति योग (प्रार्थना) या ध्यान और आत्म-अभ्यास जैसे विभिन्न रूपों में योग का अभ्यास करते हैं ताकि मन को शांत किया जा सके।''


योग अभ्यास में शहरी नागरिक व पुरुष आगे

शहरी क्षेत्रों में 12.6 प्रतिशत उत्तरदाता नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 10.4 प्रतिशत है। 11.6 प्रतिशत नियमित अभ्यासकर्ता पुरुष हैं, जबकि 10.7 प्रतिशत महिलाएं हैं।

योग के प्रति जागरूकता 18-24 आयु वर्ग में सबसे अधिक पाई गई। योग का अभ्यास करने के मामले में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का हिस्सा 17 प्रतिशत था। योग करने वाले 36.2 प्रतिशत उत्तरदाता मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और गैस्टि्रक आदि समस्याओं से पीडि़त हैं।

39.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सामान्य योग प्रोटोकाल के बारे में जागरूकता है और पिछले एक दशक में एक तिहाई (33.4 प्रतिशत) लोगों ने कम से कम एक सामुदायिक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया है। यह सर्वेक्षण केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद और योलो 9 टेक्नोलाजीज के अंतर्गत किया गया था।


हरित योगअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए डिजायन किए गए 10 प्रमुख कार्यक्रमों में से एक 'हरित योग' है। केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि योग के साथ पर्यावरणीय स्थिरता को एकीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है और यह देश भर में काफी लोकप्रिय हो रहा है।

हरित योग एक आंदोलन है जो हमारी सांसों को पृथ्वी की लय से बांधता है। एक समय में ही एक पेड़, एक आसन करना यह स्थिरता की ओर एक प्रतीकात्मक लेकिन बड़ा कदम है। इसके लिए आयुष मंत्रालय स्थानीय निकायों और निवास कल्याण संघों के सहयोग से योग पार्कों का विकास और पुनर्जीवित कर रहा है।
अब तक 19 मृतकों के DNA सैंपल मैच, जल्द सौंपेंगे शव', अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने और क्या-क्या कहा?

अब तक 19 मृतकों के DNA सैंपल मैच, जल्द सौंपेंगे शव', अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने और क्या-क्या कहा?

अब तक 19 मृतकों के DNA सैंपल मैच, जल्द सौंपेंगे शव', अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने और क्या-क्या कहा?

अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे के बाद शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच तेजी से चल रही है। सिविल अस्पताल में 19 मृतकों के डीएनए नमूने मिलान किए गए हैं जिनमें से एक शव परिवार को सौंपा गया है। डीएनए जांच में सावधानी बरती जा रही है क्योंकि अधिकांश शव बुरी तरह जल गए हैं। फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।

सिविल अस्पताल में शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच का तेजी से हो रहा है।

 गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान के क्रैश होने के बाद शहर के सिविल अस्पताल में शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच का तेजी से हो रहा है।


सिविल अस्पताल के अतिरिक्त मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजनिश पटेल ने बताया कि शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपेल की जांच चल रही है। अब तक 19 मृतकों के डीएनए नमूने मिलान किए जा चुके हैं। इनमें से एक मृतक के शव को उनके परिवार को सौंप दिया गया है और दो अन्य शवों को आज देर रात तक परिजनों को सौंपने की तैयारी है।


डीएनए जांच में सावधानी बरतने की जरूरतडॉ. राजनिश पटेल ने कहा, "यह एक धीमी प्रक्रिया है और इसे बहुत सावधानी से करना पड़ता है। गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।"


उन्होंने बताया कि आज विमान के पिछले हिस्से से एक और शव बरामद हुआ है। यह हादसा इतना भयावह था कि 125,000 लीटर ईंधन के कारण आग इतनी तेज थी कि अधिकांश शव जल गए। शवों की पहचान मुश्किल हो रही है।

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कसौटी भवन में फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। परिजनों से डीएनए नमूने लिए जा रहे हैं ताकि मृतकों की पहचान हो सके। एक परिजन ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी के साथ हादसे से पहले सुबह 11:03 बजे एक सेल्फी ली थी, और ठीक अगले दिन उसी समय उन्हें डीएनए नमूना देने के लिए बुलाया गया।
बेटे-बहू को हवाईअड्डे पर विदा किया, घर पहुंचते ही मिला जिंदगीभर का गम

बेटे-बहू को हवाईअड्डे पर विदा किया, घर पहुंचते ही मिला जिंदगीभर का गम

 बेटे-बहू को हवाईअड्डे पर विदा किया, घर पहुंचते ही मिला जिंदगीभर का गम


अहमदाबाद में एक दुखद विमान दुर्घटना में अनिल पटेल के बेटे और बहू सहित 242 लोगों की जान चली गई। हर्षित और पूजा जो अचानक अपने पिता से मिलने आए थे उस विमान में सवार थे जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रमेश चंद्र पटेल एक ब्रिटिश नागरिक भी इस दुर्घटना में मारे गए जो भारत में अपने पसंदीदा फल खाने आए थे।
Air India Plane Crash: अहदाबाद विमान हादसे में 270 लोगों की मौत।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)


अनिल पटेल अपने बेटे और बहू को अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर छोड़ते समय बेहद खुश थे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था वे बेटे बहू को आखिरी बार देख रहे हैं। अनिल के बेटे और बहू बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के उनसे मिलने आए थे। मकसद था अचानक उन्हें देखकर पिता के चेहरे पर आई खुशियों को देखना, लेकिन पिता की खुशियां जिंदगी भर के गम में बदल गईं


अनिल के बेटे हर्षित और बहू पूजा उन 242 लोगों में शामिल थे, जो लंदन जाने वाले एअर इंडिया के विमान में सवार थे। एअर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज के हास्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा था। हर्षित ब्रिटेन में ई-कामर्स कंपनी में काम करते थे।


पसंदीदा फल खाने आए थे, लेकिन परिवार के पास लौट न सकेएएनआइ के अनुसार अहमदाबाद विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले ब्रिटिश नागरिक रमेश चंद्र पटेल भारत से गहराई से जुड़े हुए थे। उनकी बेटी, प्रीति पांड्या, ने बताया, वह चार जून को भारत आए थे। वह भारत में जामबुरा फल खाना चाहते थे, लेकिन वह वापस नहीं लौटे। वह हर साल भारत आते थे। रमेश का शव लेने के लिए उनका परिवार भारत आया है।

एअर इंडिया द्वारा एक करोड़ रुपये के मुआवजे की पेशकश पर प्रीति ने कहा, मुआवजा पिता को वापस नहीं लाएगा। रमेश की बहू काजल ने कहा, हमने डैड को जाने से रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन्होंने कहा, मैं जाना चाहता हूं। फिर मैने कहा, ठीक है आप जाइए। अपनी इच्छा पूरी करिए। मैं नहीं जानती थी वह कभी नहीं लौटेंगे। मुआवजे के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मैं तुम्हें पैसे देती हूं, मेरे डैड को दे दो, लेकिन वह वापस नहीं आने वाले हैं।

विमान दुर्घटना के मृतकों के लिए ताबूत बनाने में जुटे वडोदरा के ईसाई वालंटियर वडोदरा के ईसाई समुदाय के वालंटियर विमान दुर्घटना के मृतकों के शवों को उनके परिवारों तक सम्मानजनक तरीके से पहुंचाने के लिए 120 ताबूत बनाने के लिए दिन रात एक कर काम कर रहे हैं। ताबूत बनाने वाले पिता-पुत्र, अरदेश और मेल्विन राजवाड़ी के नेतृत्व में, टीम ने शनिवार शाम तक 25 ताबूतों को बना लिया है।

वॉलंटियर अपने पैसे से सामग्री खरीद रहे हैं और उत्पादन लागत से एक रुपया भी अधिक नहीं लेंगे। अरदेश ने कहा, एअर इंडिया ने हमसे संपर्क किया और विमान दुर्घटना के पीडि़तों के शवों के परिवहन के लिए 120 ताबूतों का आदेश दिया।


विमान दुर्घटना के कारण मेडिकल के चार छात्रों की मौतबीजे मेडिकल कालेज की जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने शनिवार को कहा कि चार एमबीबीएस छात्रों को उस समय जान गंवानी पड़ी जब लंदन जाने वाला विमान अहमदाबाद हवाईअड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद मेडिकल कालेज के हास्टल में टकरा गया।

जब यह दुर्घटना हुई छात्र मेस में दोपहर का भोजन कर रहे थे। इस दुर्घटना में एमबीबीएस के 20 छात्र घायल हो गए। सुपरस्पेशियलिटी डाक्टरों के चार परिवार के सदस्यों की भी मृत्यु हो गई। इसके अलावा एक रेजिडेंट डाक्टर की पत्नी घायल हो गई हैं।
कर्नाटक में 16 जून तक बारिश का रेड अलर्ट, दक्षिण कन्नड़ समेत कई जिलों में बारिश से 'हाहाकार'

कर्नाटक में 16 जून तक बारिश का रेड अलर्ट, दक्षिण कन्नड़ समेत कई जिलों में बारिश से 'हाहाकार'

 कर्नाटक में 16 जून तक बारिश का रेड अलर्ट, दक्षिण कन्नड़ समेत कई जिलों में बारिश से 'हाहाकार'


IMD Red Alert in Karnataka कर्नाटक में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने दक्षिण कन्नड़ जिले में रेड अलर्ट जारी किया है जिससे तटीय इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कार स्ट्रीट लोअल बेंडूर और कोट्टारा जैसे निचले इलाकों में जलभराव हो गया है सड़कें तालाब बन गई हैं। कई घरों में पानी घुस गया है और यातायात बुरी तरह प्रभावित है।

कर्नाटक में भारी बारिश से बाढ़ के हालात। फोटो- पीटीआई


 मॉनसून ने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है। कर्नाटक में भी बीते दिन दोपहर से मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। मौसम विभाग ने दक्षिण कन्नड़ जिले समेत कर्नाटक के तटीय इलाकों में भरी बारिश की चेतावनी जारी की है।


मेंगलुरु के कई निचले इलाकों में बड़े स्तर पर जलभराव देखने को मिल रहा है। सड़कें पानी से लबालब भरी हैं, जिससे इलाके में बड़े स्तर पर ट्रैफिक जाम लग गया है।

सड़कें बनीं तालाब


अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। कार स्ट्रीट, लोअल बेंडूर और कोट्टारा जैसे कई इलाकों में सड़क पर पानी भर गया है। जलभराव के कारण एक बस भी अचानक से खराब हो गई। ऐसे में यात्रियों ने धक्का देकर बस को किनारे लगाया।


कर्नाटक को बारिश से नहीं मिलेगी राहतपडित रेलवे अंडरपास और कार स्ट्रीट के कई हिस्सों में बाढ़ के हालाक बनने से लोगों की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। कई निचले इलाकों में स्थिति यह है कि बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है। वहीं, कर्नाटक को अभी बारिश से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं।


IMD ने जारी किया रेड अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार पिछले 3 दिन से IMD ने कई जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, कर्नाटक के कई इलाकों में घने बादल छाए रहने के साथ-साथ भारी बारिश की संभावना है। खासकर दक्षिण कन्नड़ जिले में IMD ने तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। यह रेड अलर्ट 16 जून तक जारी रहेगा।
क्या अहमदाबाद विमान हादसे का तुर्किये से है कनेक्शन? बाबा रामदेव के आरोपों का एर्दोगन सरकार ने दिया जवाब

क्या अहमदाबाद विमान हादसे का तुर्किये से है कनेक्शन? बाबा रामदेव के आरोपों का एर्दोगन सरकार ने दिया जवाब

 क्या अहमदाबाद विमान हादसे का तुर्किये से है कनेक्शन? बाबा रामदेव के आरोपों का एर्दोगन सरकार ने दिया जवाब


अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद योगगुरु बाबा रामदेव के एक बयान ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने आशंका जताई कि क्या तुर्किये की किसी एजेंसी ने विमान के रखरखाव में कोई साजिश की है। तुर्किये सरकार ने स्पष्ट किया कि टर्किश टेक्निक ने कभी भी दुर्घटनाग्रस्त एअर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का रखरखाव नहीं किया। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी सिर्फ बी777 विमानों की रखरखाव सेवाएं प्रदान करती है।

अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर तुर्किये ने सफाई दी।(फाइल फोटो)


अहमदाबाद विमान हादसे (Ahmedabad Plane Crash) ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। विमान दुर्घटना की जांच चल रही है। इसी बीच योगगुरू बाबा रामदेव ने इस हादसे को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है।

बाबा रामदेव ने कहा था कि मुझे ये पता चला है कि तुर्किये की एक एजेंसी, (टर्किश टेक्निक) विमानों में मेंटेनेंस का काम करती है, कहीं तुर्किये ने तो इसके जरिए दुश्मनी नहीं निकाली, कहीं उसने तो कोई साजिश नहीं रची है। मुझे पता चला है कि तुर्किेये की एक एजेंसी विमान के मेंटेनेंस का काम करती है। ऐसे में एविएशन सेक्टर पर भारत को और नजर रखनी चाहिए। बाबा रामदेव ने आगे कहा कि भारत को अब इस तरह के संवेदनशील मामलों में तो विदेशी हस्तक्षेप को कम करना पड़ेगा।


तुर्किये सरकार ने दी सफाईयोगगुरु के बयान पर टर्किश टेक्निक ने प्रतिक्रिया दी है। तुर्किये की सरकार ने कहा कि टर्किश टेक्निक ने कभी भी एअर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का रखरखाव नहीं किया।


तुर्किये सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत जानकारी है कि एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का रखरखाव टर्किश टेक्निक कंपनी कर रही थी।

बयान में आगे कहा गया कि एअर इंडिया और टर्किश टेक्निक के बीच 2024 और 2025 में किए गए समझौतों के तहत, रखरखाव सेवाएं विशेष रूप से B777-प्रकार के वाइड-बॉडी विमानों के लिए प्रदान की जाती हैं। दुर्घटना में शामिल बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर इस समझौते के दायरे में नहीं आता है। आज तक, टर्किश टेक्निक ने इस प्रकार के किसी भी एयर इंडिया विमान का रखरखाव नहीं किया है।"





बता दें कि तुर्किये की कंपनी टर्किश टेक्निक एक ग्लोबल एविएशन सर्विस प्रोवाइडर है। भारत में एअर इंडिया और इंडिगो भी इस कंपनी की सर्विस लेती है।
ब्रिटिश लड़ाकू विमान F-35 की तिरुवनंतपुरम में हुई इमरजेंसी लैंडिंग, पढ़ें आखिर क्या है वजह

ब्रिटिश लड़ाकू विमान F-35 की तिरुवनंतपुरम में हुई इमरजेंसी लैंडिंग, पढ़ें आखिर क्या है वजह

 ब्रिटिश लड़ाकू विमान F-35 की तिरुवनंतपुरम में हुई इमरजेंसी लैंडिंग, पढ़ें आखिर क्या है वजह


ब्रिटिश लड़ाकू विमान एफ-35 ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग की। ईंधन की कमी के कारण यह निर्णय लिया गया। विमानवाहक पोत से उड़ान भरने के बाद पायलट ने ईंधन कम होने की सूचना दी जिसके बाद रात 930 बजे सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद विमान में ईंधन भरा जाएगा।

ब्रिटिश लड़ाकू विमान एफ-35 ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग की।(फाइल फोटो)


 ब्रिटिश लड़ाकू विमान एफ-35 ने शनिवार रात तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग की। ईंधन खत्म होने की वजह से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।


विमान ने विमानवाहक पोत से उड़ान भरी थी और रात करीब 9:30 बजे सुरक्षित लैंडिंग की। पायलट ने ईंधन कम होने की जानकारी दी और लैंडिंग की अनुमति मांगी। केंद्र सरकार में संबंधित अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद ईंधन भरा जाएगा।
शिपिंग कंटेनर से बनाया आलीशान घर; ऑफिस और रेस्टोरेंट भी किया तैयार; आर्किटेक्ट ने कर दिया कमाल

शिपिंग कंटेनर से बनाया आलीशान घर; ऑफिस और रेस्टोरेंट भी किया तैयार; आर्किटेक्ट ने कर दिया कमाल

 


शिपिंग कंटेनर से बनाया आलीशान घर; ऑफिस और रेस्टोरेंट भी किया तैयार; आर्किटेक्ट ने कर दिया कमाल

Akash Dudhe Shipping container House युवा आर्किटेक्ट आकाश दुधे ने शिपिंग कंटेनरों से घर कार्यालय और रेस्तरां बनाकर एक नया प्रयोग किया है। छह साल पहले शुरू हुई इस परियोजना में उन्होंने स्क्रैप कंटेनरों का उपयोग करके व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बनाया। यह परियोजना चार महीने में तैयार हो गई। कंटेनरों को रंगकर माहौल में रंग भरा जा सकता है। यह किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है।

आकाश दुधे के द्वारा शिपिंग कंटेनर से बनाया गया घर। फोटो- सोशल मीडिया


मकान बनाने के लिए मनपसंद जगह तलाशना मुश्किल है। जगह मिल भी जाए तो जमीन की कमी और जमीन मिल जाए तो बनाने की लागत ज्यादा होती है। इन सबसे निजात दिलाने के लिए युवा आर्किटेक्ट आकाश दुधे ने शिपिंग कंटेनरों (जिससे जहाजों में माल भेजा जाता है) के साथ नवाचार किया है। इससे उन्होंने घर, कार्यालय और रेस्तरां बना दिए हैं।


छह साल पहले आकाश को एक ग्राहक ने अपनी आवश्यकता बताई। उन्होंने समाधान तलाशना शुरू किया। उसी दौरान उन्होंने स्क्रैप से अद्भुत संभावनाओं की खोज की। जिस परियोजना का काम उन्हें मिला, वह एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र था।


4 महीने में तैयार हुई परियोजनाआकाश ने जहां इसे बनाया, वह भूमि पट्टे की थी, जिसका अर्थ यह था कि यदि आवश्यक हो तो परियोजना को स्थानांतरित किया जा सके। चार महीनों के भीतर यह परियोजना तैयार हो गई और नवाचार के रूप में स्थापित हो गई। औरंगाबाद में अधिकांश समय सूखा और गर्म मौसम रहता है। ऐसे में आसपास हरियाली कम नजर आती है। शुष्क मौसम की वजह से रंगों का भी अभाव है। ऐसे में कंटेनरों को मनपसंद रंग में रंगकर माहौल में रंग भरा जा सकता है।


पर्यावरण के भी अनुकूल हैं कंटेनर

आर्किटेक्ट आकाश दुधे ने छह साल पहले शिपिंग कंटेनरों का एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र तैयार कर एक नया माडल प्रस्तुत किया था। शिपिंग कंटेनरों का उपयोग न केवल किफायती है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। मजबूत निर्माण सामग्री आकाश मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से अनुपयोगी कंटेनर लेते हैं। आकाश बताते हैं-

बेशक सामान्य घरों और कंटेनरों की निर्माण प्रक्रिया में थोड़ा अंतर जरूर है। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छत से पानी का रिसाव नहीं हो रहा है। यदि आपको ओवरहैंग या छत के लिए डबल लेयर स्थापित करने की आवश्यकता है, तो करें। इससे अस्थायी शौचालय भी बनाए जा सकते हैं, जो उपयोगी साबित होंगे।
लोगों ने अपनाया मॉडलअब लोग स्वतः ही विकल्प को चुन रहे हैं... आकाश ने निर्माण क्षेत्र में जब यह प्रयोग किया था, उस समय इसे सहजता से स्वीकारा नहीं गया था। कई तरह के सवाल उठाए गए थे। हालांकि समय के साथ-साथ उन्होंने पारंपरिक छवि तोड़ी और प्रयोग के लिए जगह बनाई। अब लोग स्वतः ही इस विकल्प का चुन रहे हैं।
अस्तित्व पर खतरे' की बात आई तो घातक हुआ इजरायल का हमला, ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की खाई कसम

अस्तित्व पर खतरे' की बात आई तो घातक हुआ इजरायल का हमला, ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की खाई कसम

अस्तित्व पर खतरे' की बात आई तो घातक हुआ इजरायल का हमला, ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की खाई कसम

इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं। हमले में ईरान के कई शीर्ष कमांडर भी मारे गए हैं। ईरान ने शुक्रवार रात को इजरायल पर जवाबी हवाई हमले किए जिसमें देश के दो सबसे बड़े शहरों यरुशलम और तेल अवीव में विस्फोटों की आवाज सुनी गई। ईरान ने इजरायल पर दो बार में लगभग 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।
इजरायल ने ईरान की राजधानी में लगातार किए हमले (फोटो- रॉयटर)


इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं। हमले में ईरान के कई शीर्ष कमांडर भी मारे गए हैं। आइये जानते हैं कि कभी गुप्त रिश्ते रखने वाले ईरान और इजरायल एक दूसरे के जानी दुश्मन क्यों बन गए हैं और इस हमले के पीछे इजरायल का क्या मकसद है?


इजरायल और ईरान क्यों हैं दुश्मन

ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद नेतृत्व ने तुरंत अमेरिका और इजरायल को अपने मुख्य शत्रु के रूप में पहचाना। इसकी वजह इस्लामी क्रांति से पहले ईरान के शासकों की अमेरिका और पश्चिमी देशों से करीबी थी। 1948 में इजरायल की स्थापना होने पर ज्यादातर मुस्लिम देश ने उसे मान्यता देने से मना कर दिया। अरब देशों के साथ असहज रिश्ते रखने वाला शिया बहुल देश ईरान इसका अपवाद था।

ईरान ने इजरायल को आधिकारिक तौर पर तो मान्यता नहीं दी लेकिन साझा रणनीतिक चिंताओं की वजह से दोनों ने गुप्त रिश्ते रखे। शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासन में ईरान ने शीत युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों के अनुकूल विदेश नीति अपनाई। उसका अहम क्षेत्रीय सहयोगी अमेरिका था।


इजरायल अमेरिका के साथ समर्थन पर निर्भर था, ऐसे में उस समय उसने ईरान को अपना स्वाभाविक सहयोगी माना। ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रजा पहलवी इस्लामी क्रांति से पहले नए नेताओं की उपेक्षा की वजह से देश से भाग गए थे। उस समय वह गंभीर रूप से बीमार थे।


परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप
पिछले दो दशकों में इजरायल ने बार-बार ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाया है। ईरान का कहना है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए आगे बढ़ा रहा है लेकिन संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि तेहरान के पास परमाणु बम बनाने के लायक पर्याप्त यूरेनियम है और इससे वह कई परमाणु बम बना सकता है।


इजरायल के अस्तित्व को खतरा

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) और पश्चिमी देशों का आकलन है कि ईरान के पास 2003 तक एक संगठित परमाणु हथियार कार्यक्रम था। ईरान का कहना है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, जबकि वह अभी भी हथियार-स्तर के करीब यूरेनियम को समृद्ध कर रहा है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आकलन किया है कि ईरान बम बनाने का प्रयास नहीं कर रहा था। इजरायल परमाणु शक्ति संपन्न ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। ईरान के हमास, हिजबुल्लाह और हाउती जैसे प्राक्सी समूहों के क्षेत्रीय नेटवर्क को तोड़ना इजरायल का प्रमुख लक्ष्य रहा है।


प्रतिरोध की धुरी हुई है कमजोर
पिछले चार दशकों में ईरान ने आतंकी प्राक्सी समूहों का एक नेटवर्क बनाया है, जिसे उसने प्रतिरोध की धुरी कहा। गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हाउती और इराक और सीरिया में छोटे मिलिशिया हाल के वर्षों में पूरे क्षेत्र में प्रभावी थे लेकिन 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हमला करने के बाद छिड़े व्यापक संघर्ष में यह धुरी कमजोर हो गई है।


इजरायल का ईरान सबसे मजबूत प्रॉक्सी
हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान चला कर इनकी कमर तोड़ दी है। सीरिया में ईरान के लंबे समय से सहयोगी रहे राष्ट्रपति बशर असद का पतन हो चुका है।

पिछले वर्ष इजरायल में ईरान के मिसाइल हमलों के बाद इजरायल ने उसके मिसाइल साइट्स को तबाह करने के साथ ईरान की एयर डिफेंस क्षमताओं को भी कमजोर कर दिया था। ईरान के प्राक्सी नेटवर्क के पतन के साथ-साथ ईरान की नई कमजोरी ने इजरायल को हमला करने का अवसर दिया।


अब इजरायल ने हमले का फैसला क्यों किया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान पर हमला करने का समय खत्म हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान ने हाल में परमाणु हथियार बनाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसे रोका नहीं गया, तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है।

इस बीच अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता ने एक मौका दिया था लेकिन अपेक्षित नतीजे नहीं निकले। अगर समझौता हो जाता तो अमेरिका ईरान पर कुछ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों को हटा सकता था। ऐसे में इजरायल के लिए ईरान पर हमला करना बहुत कठिन हो जाता। इजरायली अधिकारियों को डर था कि इस वार्ता से ईरान को समय मिल रहा है और वह परमाणु बम बनाने की दिशा में आगे बढ़ कदम बढ़ा रहा है।


आइएईए ने की ईरान की निंदा
गुरुवार को 20 वर्षों में पहली बार आइएईए के बोर्ड आफ गवर्नर्स ने अपने निरीक्षकों के साथ काम नहीं करने के लिए ईरान की निंदा की। ईरान ने तुरंत घोषणा की कि वह तीसरा संवर्धन स्थल स्थापित करेगा और कुछ सेंट्रीफ्यूज को अधिक उन्नत सेंट्रीफ्यूज से बदल देगा। तब तक इजरायल ने हमले का फैसला कर लिया था।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने नेतन्याहू से वार्ता जारी रहने तक ईरान पर हमला न करने को कहा है लेकिन ट्रंप का इजरायल को समर्थन देने का पुराना रिकॉर्ड रहा है और ऐसा लगता है कि इस हमले के लिए भी इजरायल को अमेरिका का पूरा समर्थन है।
ईरान में रह रहे भारतीय छात्रों में डर का माहौल, बोले- 'हम डरे हुए हैं, हमें निकालो'

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ईरान में रह रहे भारतीय छात्रों में डर का माहौल, बोले- 'हम डरे हुए हैं, हमें निकालो'

तेहरान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने सरकार से इजरायली हवाई हमलों के बाद वहां से निकालने की अपील की है। तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा तबिया जहरा ने बताया-अभी स्थिति शांत है और हम सुरक्षित हैं। लेकिन हमें डर लग रहा है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों से मुलाकात की है।

इजरायल के हमले में तेहरान में क्षतिग्रस्त हुई ईमारत (फोटो- सोशल मीडिया)


 तेहरान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने सरकार से इजरायली हवाई हमलों के बाद वहां से निकालने की अपील की है। तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा तबिया जहरा ने बताया-अभी स्थिति शांत है और हम सुरक्षित हैं। लेकिन हमें डर लग रहा है।


हमला तड़के करीब 3:30 बजे शुरू हुआ और हमने महसूस किया कि जमीन हिल रही है। यह एक चिंताजनक अनुभव था।


विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों से मुलाकात की
कश्मीर की रहने वाली जहरा ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें शांत रहने की सलाह दी। लेकिन, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन से क्षेत्र सुरक्षित हो सकते हैं।


उन्होंने सुरक्षा स्थिति के बारे में अनिश्चितता और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट व्यवधान के कारण सीमित संपर्क का हवाला देते हुए भारत सरकार से निकासी की व्यवस्था करने का आग्रह किया।


छात्रों के संपर्क में भारतीय दूतावास
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की एक अन्य छात्रा अलीशा रिजवी ने कहा कि दूतावास ने हमें आपातकालीन उद्देश्यों के लिए अपने स्थानीय पते और संपर्क विवरण ईमेल करने के लिए कहा है। दूतावास निकासी की आवश्यकता पड़ने की स्थिति में डाटा एकत्र करने का प्रयास कर रहा है।


जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने कही ये बात

जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने कहा कि कई छात्रों ने हवाई हमले के सायरन सुनने और झटके महसूस करने की बात कही है। हमें छात्रों और उनके परिवारों से सहायता का अनुरोध प्राप्त हो रहा है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह तैयार रहे और अगर निकासी अपरिहार्य हो जाए तो आवश्यक कदम उठाए।