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 सीएम साय भूपेश-महंत पर हमलावर : कहा- संविधान और आरक्षण पर भ्रम फैलाने की कोशिश करते रहे

सीएम साय भूपेश-महंत पर हमलावर : कहा- संविधान और आरक्षण पर भ्रम फैलाने की कोशिश करते रहे

May 09, 2024 Add Comment

 सीएम साय भूपेश-महंत पर हमलावर : कहा- संविधान और आरक्षण पर भ्रम फैलाने की कोशिश करते रहे



मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और डॉ. चरणदास महंत पर हमला बोला है। मुख्यमंत्री साय ने लिखा है - इन लोगों ने संविधान और आरक्षण पर लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश की ।




रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के लिए मतदान होने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर लिखा है- जहां भाजपा का पूरा चुनाव अभियान 'विकसित भारत' के विजन को लेकर था, वहीं मुद्दा विहीन कांग्रेस विशेष कर भूपेश बघेल , महंत जैसे नेताओं ने सिर्फ झूठ और बदजुबानी को ही अपना ध्येय बना लिया था।

इसी बयान में आगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखा है- इन लोगों ने संविधान और आरक्षण पर लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश की, लगातार फर्जी वीडियो वायरल किया, यहां तक कि 'मोदी की गारंटी' के तहत हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बंद होने की झूठी अफवाहें भी ये फैलाते रहे। उनके नफरत का यह हाल रहा कि हम आदिवासियों के खान-पान तक का उपहास करने जैसी नस्लीय टिप्पणी तक करने से बाज नहीं आए। संतोष की बात यह है कि जितना ये कीचड़ फैलाते गये, कमल उतना ही खिलता गया। प्रदेश की जनता जनार्दन हर ऐसे कृत्य का जवाब देती रही।

छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटें भारी अंतर से जीतेंगे

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह दावा भी किया है कि छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों को भारी अंतर से जीतेंगे। उन्होंने लिखा है- देश में तीन, सात में से तीन चरण और छत्तीसगढ़ में सभी सीटों पर मतदान पूर्ण होने के बाद तीन बात पूरी तरह स्पष्ट है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी भारी अंतर से विजयी होंगे। भरोसे के संकट से पहले से ही जूझ रही कांग्रेस की विश्वसनीयता शून्य हो जाएगी।
 किसानों को राहत : बिगड़े मौसम ने बिगाड़ी एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा की खेती, सरकार ने जारी 167 करोड़

किसानों को राहत : बिगड़े मौसम ने बिगाड़ी एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा की खेती, सरकार ने जारी 167 करोड़

March 22, 2024 Add Comment

 किसानों को राहत : बिगड़े मौसम ने बिगाड़ी एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा की खेती, सरकार ने जारी 167 करोड़


बैमौसम बारिश, आंधी तूफान, ओलावृष्टि से किसानों और खेती को काफी नुकसान हुआ है। इसके लिए ने सरकार ने 167 करोड़ रुपए जारी ।


रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से राज्य के कई जिलों में बैमौसम बारिश, आंधी तूफान, ओलावृष्टि से किसानों और खेती को काफी नुकसान हुआ है। सरकार को मिली प्रारंभिक आकलन रिपोर्ट के मुताबिक इस आपदा से राज्य में 2 लाख 19 हजार से अधिक किसान और 1 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती का रकबा प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर नुकसान का आंकलन कर तत्काल रिपोर्ट देने कहा है। बताया गया है कि अंतिम सर्वे रिपोर्ट आते ही वास्तविक राशि किसानों को जारी की जायेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, ने सभी कलेक्टरों को फसलों की हुई क्षति का तत्काल सर्वे करवाकर, फसल क्षति का मुआवजा किसानों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत प्रदाय करने का आदेश दिया है।

कलेक्टरों द्वारा प्रदेश के प्रभावित किसानों की संख्या- 2 लाख, 19 हजार 791 बताई गई है। कुल प्रभावित रकबा (रकबा 1,19,991.269 हे.) के लिए आर्थिक अनुदान सहायता अनुमानित राशि 167 करोड़ रुपये प्राथमिक आंकलन अनुसार जारी की जा रही है। बताया गया है कि प्रदेश के कुछ जिलों (कोरिया, रायपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती, राजनांदगांव, बालोद, बस्तर, कोण्डागांव, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर) की सर्वे की कार्यवाही की जा रही है रिपोर्ट आते ही सरकार द्वारा तत्काल पैसा किसानों के लिए जारी किया जायेगा।

इन जिलों में भी हुई है क्षति

इसी प्रकार बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि, पशुहानि एवं मकान क्षति के लिए प्रभावित जिला (सरगुजा, बलरामपुर, मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर, बलौदाबाजार- भाटापारा, गरियाबंद, धमतरी, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, कोरबा, गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही, दुर्ग, कवर्धा, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई, बेमेतरा, कोण्डागांव, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा एवं बीजापुर कुल 21 जिलों में प्रभावित व्यक्ति 532 जिसमें बलरामपुर जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 3 व्यक्तियों की मौत एवं शेष अन्य जिलों में पशुहानि,मकान क्षतिपूर्ति हेतु आर्थिक सहायता अनुदान राशि 44 लाख 32 हजार 600 रुपए प्राथमिक आंकलन अनुसार जारी की जा रही है। शेष प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य किया जा रहा है। कुल राशि 168.34 करोड़ (एक सौ अड़सठ करोड़ चौतीस लाख रूपये) जारी किये जा रहे है। अंतिम सर्वे रिपोर्ट आते ही वास्तविक राशि किसानों को जारी की जायेगी।
 मुठभेड़ में मारे गए पांच नक्सली: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमावर्ती जंगल में 4 और बीजापुर में एक नक्सली ढेर

मुठभेड़ में मारे गए पांच नक्सली: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमावर्ती जंगल में 4 और बीजापुर में एक नक्सली ढेर

March 19, 2024 Add Comment

 मुठभेड़ में मारे गए पांच नक्सली: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमावर्ती जंगल में 4 और बीजापुर में एक नक्सली ढेर


मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। एरिया सर्चिंग के दौरान मारे गए नक्सलियों के शव समेत हथियार भी बरामद किया गया है।



 छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा और दंतेवाड़ा-बीजापुर के सरहदी इलाकों में हुए मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। एरिया सर्चिंग के दौरान मारे गए नक्सलियों के शव समेत हथियार भी बरामद किया गया है।

दरअसल, महाराष्ट्र पुलिस को सूचना मिली थी कि, नक्सलियों का एक बड़ा ग्रुप तेलंगाना के गढ़चिरौली में मौजूद है। वहां पर वे लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस की स्पेशल C-60 कमांडो और CRPF के कमांडो ने ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान एसपीएस रेपनपल्ली से 5 किमी दूर कोलामरका पहाड़ों में आज सुबह नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। इसके बाद एरिया सर्चिंग के दौरान 4 नक्सलियों का शव समेत एक AK47, 1 कार्बाइन, 2 देशी पिस्तौल, नक्सली साहित्य और सामान भी बरामद किया गया है।

दंतेवाड़ा में भी एक नक्सली ढेर

वहीं DRG दंतेवाड़ा और CRPF यंग प्लाटून की टीम दंतेवाड़ा और बीजापुर के सरहदी इलाके में एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकली हुई थी। इस दौरान गमपुर पुरंगेल के जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। कुछ देर की फायरिंग के बाद जवानों को खुदपर भारी पड़ता देख नक्सली भाग गए। मुठभेड़ के बाद एक नक्सली का शव समेत हथियार बरामद किया गया है।
 इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस की PC: पीसीसी चीफ दीपक बैज लेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस, कुछ दिन पहले SBI शाखाओं के सामने किया था धरना प्रदर्शन

इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस की PC: पीसीसी चीफ दीपक बैज लेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस, कुछ दिन पहले SBI शाखाओं के सामने किया था धरना प्रदर्शन

March 19, 2024 Add Comment

 इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस की PC: पीसीसी चीफ दीपक बैज लेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस, कुछ दिन पहले SBI शाखाओं के सामने किया था धरना प्रदर्शन


इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सभी संभागों में कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। कांग्रेस की PC में इलेक्टोरल बॉन्ड पर कई खुलासे किए जाएंगे।



रायपुर- इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सभी संभागों में कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। PCC चीफ दीपक बैज यह कॉन्फ्रेंस लेने वाले हैं। दोपहर 12 बजे राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। कांग्रेस की PC में इलेक्टोरल बॉन्ड पर कई खुलासे किए जाएंगे।

बता दें, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कयास लगा रही है कि, कुछ न कुछ हंगामा या प्रदर्शन करके भाजपा को हरा देगी। इसी कड़ी में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस ने 6 और 7 मार्च को धरना प्रदर्शन किया था। SBI शाखाओं यह प्रदर्शन किया गया था। AICC के निर्देश पर सभी जिलों में प्रदर्शन किया गया था। इलेक्टोरल बांड की जानकारी छिपाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया है।

दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग

बता दें, एसबीआई से इलेक्टोरल बॉन्ड के दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग की जा रही है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी इस मामले पर कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड बैन किया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, लोकतंत्र में किसने, किस पार्टी को, कितना पैसा दिया इस बारे में सबकुछ जनता को पता होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया था कि, 6 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं, हालांकि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का वक्त मांगा है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसबीआई यह डाटा सार्वजनिक नहीं कर पा रहा है।
 मार्च में ही धधकने लगे, एक ही दिन में 100 से ज्यादा स्थानों पर उठीं लपटें

मार्च में ही धधकने लगे, एक ही दिन में 100 से ज्यादा स्थानों पर उठीं लपटें

March 19, 2024 Add Comment

 मार्च में ही धधकने लगे, एक ही दिन में 100 से ज्यादा स्थानों पर उठीं लपटें


अभी गर्मी की प्रचंडता शुरू भी नहीं हुई है और जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। आग लगने से जंगलों को भारी नुकसान होने लगा है।


रायपुर। गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगना स्वाभाविक घटना है, लेकिन आग लगने की घटनाएं एक ही दिन में सौ से ज्यादा हों तो यह चिंता का विषय है। वन अमले के पास आग से निपटने फायर ब्लोवर के साथ फायर वाचर का अभाव है, इस वजह से जंगल तेजी से धधक रहे हैं। वन विभाग के वेबसाइट के मुताबिक सोमवार तक की स्थिति में 32 अलग-अलग वनक्षेत्रों में 1700 से ज्यादा स्थानों पर आग लगी हुई है। जनवरी से लेकर अब तक जंगल में एक हजार 908 आगजनी की घटनाएं घटित हो चुकी हैं।

पीसीसीएफ वी. श्रीनिवास राव के मुताबिक, जंगल में लगी आग को कंट्रोल करने वन अफसरों के अलावा निचले स्तर के वनकर्मी अलर्ट मोड पर हैं। सेटेलाइट से जंगल में कहीं भी आग लगने की जानकारी मिलती है, वन अफसरों के अलावा वनकर्मी फायर वाचर की मदद से आग पर काबू पाने तत्काल मौके पर रवाना किए जाते हैं। अफसर के अनुसार इस बार आगजनी की घटनाएं पिछले वर्ष की तुलना में आधी संख्या में हैं। अफसर के अनुसार जंगल में लगी आग पर काबू पाने ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ उन्हें जंगल में आग लगने की स्थिति में तत्काल जानकारी वन विभाग को देने प्रेरित किया जा रहा है।

बदले की भावना से लगाते हैं आग

वन विभाग जंगल को आग से बचाने हर वर्ष इससे सटे गांवों के लोगों को जनवरी से मई तक फायर वाचर के रूप में भर्ती करने का काम करता है। जानकारों के मुताबिक जो पूर्व में फायर वाचर रह चुका होता है, उनकी किसी कारण दूसरे साल फायर वाचर के रूप में भर्ती नहीं हो पाती, ऐसे में पूर्व के फायर वाचर भी बदले की भावना से जंगल में आग लगाने का काम करते हैं।

हर बीट में फायर ब्लोवर फिर आग पर कंट्रोल क्यों नहीं

जंगल में लगी आग पर काबू पाने सभी वनमंडलों के बीट में वन मुख्यालय द्वारा फायर ब्लोवर दिया गया है। वर्तमान में वन विभाग के पास तीन हजार के करीब फायर ब्लोवर है। बावजूद इसके जंगल में आए दिन आगजनी की घटनाएं चिंता का विषय हैं। जंगल में आगजनी की घटना रोकने वनकर्मियों का शिफ्ट तय कर दिन तथा रात के समय नियमित जंगल में गश्त करने के निर्देश वन मुख्यालय द्वारा दिए गए हैं।

सबसे ज्यादा आगजनी बस्तर में

जंगल में जिन 32 वनक्षेत्रों में आगजनी हुई है, उनमें टॉप टेन में बस्तर शामिल है। इसमें बीजापुर में सर्वाधिक 273 क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। दूसरे नंबर पर उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व है, यहां 218 स्थानों पर ज्वाला उठी है।

महुआ-तेंदूपत्ता बने जंगल के दुश्मन

जंगल में आगजनी की बड़ी वजह महुआ और तेंदूपता हैं। वनक्षेत्र से सटे ग्रामीण जंगल में महुआ बीनने जाते हैं, पेड़ से गिरे महुआ फूल के पत्तों से ढके होने की वजह से ग्रामीण सूखे पत्तों में आग लगा देते हैं। इसी तरह से तेंदूपत्ता बीनने वाले लोग जंगल में जलती बीड़ी फेंक देते हैं, जिसके चलते सूखे पत्ते तेजी से जलते हुए जंगल में फैल जाते हैं।

शिकारी भी करते हैं आगजनी

वन अफसरों को आशंका है कि जंगल में वन्यजीवों के शिकार करने वाले लोग भी जंगल में आग लगाने का काम करते हैं। जिस क्षेत्र में बहुतायत में वन्यजीवों के होने की जानकारी मिलती है, उस क्षेत्र में शिकारी आग लगा देते हैं। आग लगने की वजह से वन्यजीव सुरक्षित जगह की तलाश में जंगल से भागते हैं, इसका फायदा उठाकर शिकारी वन्यजीवों का शिकार करते हैं।