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 राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक के उप पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होने पर स्टार सेरेमनी का आयोजन

राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक के उप पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होने पर स्टार सेरेमनी का आयोजन

 राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक के उप पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होने पर स्टार सेरेमनी का आयोजन

राज्यपाल श्री रमेन डेका

राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक श्री नीलकिशोर अवस्थी के उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने पर आज राजभवन में स्टार सेरेमनी का आयोजन किया गया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने उनके कंधे पर उप पुलिस अधीक्षक का रैंक लगाया। श्री डेका ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, परिसहाय स्क्वा. लीडर श्री निशांत कुमार, मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री प्रशांत कतलम एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कैम्पा मद का नियमानुसार हो समुचित उपयोग : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

कैम्पा मद का नियमानुसार हो समुचित उपयोग : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

 कैम्पा मद का नियमानुसार हो समुचित उपयोग : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

कैम्पा मद का नियमानुसार हो समुचित उपयोग : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री श्री साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि कैम्पा मद का समुचित उपयोग नियमानुसार किया जाए। उन्होंने बैठक में कैम्पा के अंतर्गत संचालित कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। हमारे प्रदेश में भरपूर वन संपदा उपलब्ध है। देश में भौगोलिक क्षेत्रफल के अनुसार छत्तीसगढ़ का स्थान दसवां है, जबकि वन क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य तीसरे पायदान पर है। वनों के संरक्षण एवं संवर्धन में कैम्पा मद की राशि की महत्वपूर्ण भूमिका है, अतः इसका उपयोग आवश्यकतानुरूप प्राथमिकताओं के आधार पर किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कैम्पा मद के अंतर्गत विगत वर्षों में किए गए वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणी संरक्षण तथा अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी (कैम्पा) द्वारा गवर्निंग बॉडी के समक्ष अब तक की प्रगति तथा कैम्पा मद से संपादित महत्वपूर्ण कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

बैठक में बताया गया कि कैम्पा मद के अंतर्गत वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण, वनग्रामों का पुनर्स्थापन, भू-जल संरक्षण, देवगुड़ियों का संरक्षण, वन मार्गों का उन्नयन, पुलिया एवं रपटा निर्माण, चारागाह विकास, नर्सरियों की स्थापना, हाईटेक बेरियरों का निर्माण, नदी तट वृक्षारोपण, फ्रंटलाइन स्टाफ हेतु आवासीय भवन, अग्नि सुरक्षा तथा वन्यप्राणी प्रबंधन जैसे कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है।

छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी को अवगत कराया गया कि वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक राज्य के ब्याज धारित लोक खाता ‘छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि’ में भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली से कुल 7297.55 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें से विगत छह वर्षों में 4010.43 करोड़ रुपए का उपयोग किया गया है।

कैम्पा मद की वार्षिक कार्य योजना (एपीओ) 2025-26 के लिए राज्य कैम्पा द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय कैम्पा को 694.18 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित की गई है, जिसके विरुद्ध अब तक 433.69 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। 

बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग श्री अंकित आनंद, सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री डेका से छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के पदाधिकारियों ने की भेंट

राज्यपाल श्री डेका से छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के पदाधिकारियों ने की भेंट

 राज्यपाल श्री डेका से छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के पदाधिकारियों ने की भेंट

राज्यपाल श्री रमेन डेका


राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों ने भेंट कर अपनी मांग के संबंध में अनुरोध पत्र सौंपा।
इस अवसर पर श्री सियाराम अग्रवाल, श्री महेंद्र सक्सेरिया, श्री जयदेव सिंद्यल, श्री संजय अग्रवाल, श्री श्लोक अग्रवाल एवं श्री नंद किशोर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

 मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ को बधाई देते हुए टेलीफोन डायरेक्टरी को आमजनों के लिए बेहद उपयोगी बताया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ अध्यक्ष श्री अरविंद अवस्थी, प्रदेश संयोजक राजेश मिश्रा, प्रदेश सचिव श्री मनोज मिश्रा, जिला अध्यक्ष महासमुन्द श्री स्वप्निल तिवारी, जांजगीर से श्री देवेन्द्र ठाकुर, भिलाई से श्री छगन साहू सहित छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के अन्य सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

सुशासन की रोशनी वनांचल तक अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

सुशासन की रोशनी वनांचल तक अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

 सुशासन की रोशनी वनांचल तक अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

सुशासन की रोशनी वनांचल तक अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

13 बसाहटों के 322 घर और गलियां होंगी रोशन

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन के संकल्प के अनुरूप सुदूर और वनवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने लगातार नई पहल की जा रही हैं। मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के दुर्गम वनांचल गांवों में भी रात्रिकालीन सौर प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ करने राज्य शासन ठोस कदम उठा रही है। इन गांवों में पूर्व में लगाए गए सोलर पैनलों की बैटरियां पुरानी हो गई हैं और उनकी क्षमता भी क्षीण हो गई हैं, जिसकी वजह से घरों और गलियों में लगी सोलर लाइट्स से पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही हैं।

अचानकमार टाइगर रिजर्व के रहवासियों की समस्या को देखते हुए राज्य शासन के क्रेडा (CREDA) द्वारा 12 गांवों महामाई, डंगनिया, तिलईडबरा, लमनी, छपरवा, अचानकमार, मंजूरहा, कटामी, अतरिया, बम्हनी, राजक और सुरही में सोलर पैनलों की बैटरियां बदली जा रही हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शनिवार को लोरमी में इन गांवों की 13 बसाहटों के लिए बैटरी लेकर जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सोलर पैनलों में लगी बैटरियों के पुराने व क्षमताहीन हो जाने के कारण इन बसाहटों में रात्रिकालीन जन-जीवन प्रभावित हो रहा था। घने जंगलों के बीच अपर्याप्त रोशनी में ग्रामीण स्वयं को असुरक्षित भी महसूस कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में विगत 19 मई को अचानकमार क्षेत्र के वनग्राम बिजराकछार में सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में ग्रामीणों ने प्रकाश की व्यवस्था की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। उप मुख्यमंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक श्री अरुण साव ने इस पर तत्परता से संज्ञान लेते हुए पुरानी बैटरियों को बदलने के निर्देश दिए थे।

अचानकमार टाइगर रिजर्व के 25 गांवों के घर और गलियां सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इन्हें रोशन करने के लिए अलग-अलग समय में 112 सोलर पॉवर यूनिट्स स्थापित की गई हैं। इनमें से 12 गांवों की 13 बसाहटों में अभी नई बैटरियां लगाई जा रही हैं। इससे इन बसाहटों में रहने वाले 322 परिवारों को रात में पर्याप्त रोशनी मिलेगी। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि अब अचानकमार वनांचल में बरसात के दिनों में अंधियारा नहीं होगा। रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो जाने से वहां के रहवासी जंगली जीव-जंतुओं के खतरे से सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। दूरस्थ गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण काम है।

मुख्यमंत्री श्री साय से छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात,ओलम्पिक दिवस आयोजन हेतु किया आमंत्रित

मुख्यमंत्री श्री साय से छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात,ओलम्पिक दिवस आयोजन हेतु किया आमंत्रित

 मुख्यमंत्री श्री साय से छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात,ओलम्पिक दिवस आयोजन हेतु किया आमंत्रित

ओलम्पिक दिवस आयोजन हेतु किया आमंत्रित

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की और श्री साय को 23 जून को ओलम्पिक दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। 

इस अवसर पर  छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव श्री विक्रम सिसोदिया, प्रदेश वालीबॉल संघ अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ उपाध्यक्ष श्री सुनील रामदास एवं संयुक्त सचिव श्री प्रशांत रघुवंशी उपस्थित थे। इस दौरान छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष है।

मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

 मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल

इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल

मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संचयन के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं इसी तारतम्य में बिलासपुर जिले में जल संरक्षण एव जल संचय के वृहद प्रयास किये जा रहे है। जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर व्यापक कार्य किये जा रहे है। सुशाासन तिहार में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आगमन कोटा ब्लॉक के ग्राम आमागोहन में हुआ था। ग्राम आमागोहन से ही भूजल स्तर बढ़ाने का प्रयास कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में शुरू किया गया।

मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत जिले में भूजल रिचार्ज की आधुनिक तकनीक इंजेक्शन वेल को तेजी से अपनाया जा रहा है। यह तकनीक गांव को जल संकट से निजात दिलाने और भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है इंजेक्शन वेल तकनीक -
इंजेक्शन वेल एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें वर्षा जल को सीधे जमीन के भीतर स्थित जल स्तर तक पहुंचाया जाता है। यह प्रक्रिया पानी के भंडारण से अधिक प्रभावी होती है। क्योंकि यह भूजल को सीधे रिचार्ज करती है। जिससे हैंडपंप, कुएं और तालाब पुनः जलयुक्त हो जाते है। ग्राम अमागोहन, सोनपुरी में इंजेक्शन वेल तकनीक का उपयोग कर वर्तमान में सूखे तालाबों, पार्काेलेशन टैंक, डबरियों में इंजेक्शन वेल का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से सतही जल एवं वर्षा जल को तालाब में जमा कर उसे फिल्टर करते हुए साफ पानी से भूजल स्तर को रिचार्ज किया जा रहा है।

जनभागीदारी से मिल रही सफलता -
जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी अभियान को जन आंदोलन के रूप में अपनाया जा रहा है। जिले में इसके लिए जनजागरुकता का कार्य मनरेगा और एनआरएलएम के दल द्वारा किया जा रहा है। जिससे भू जल के कम से कम उपयोग और भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास में जनभागीदारी पर जोर दिया जा रहा है फलस्वरूप अब तक विगत 1 माह में ही 54 बोरी बंधान के कार्य नालों में कर लिए गए है। तेज बहाव को कम करते हुए आसपास के भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में अधिक जल की आवश्यकता वाली फसलों जैसे धान की बुवाई के स्थान पर कम भूजल उपयोग वाले फसलों के विषय में जानकारी दी रही है।

जल संरक्षण हेतु जिले में निष्क्रिय बोरवेल को फिर से चालू करने के लिए 159 स्थानों का चिन्हांकन कर सैंड फिल्टर तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस अभियान को मोर गांव मोर पानी महाअभियान से जोड़कर क्रियान्वित किया जा रहा है इसके लिए जून माह के पहले सप्ताह में भी अलग अलग क्लस्टर में लगभग 6000 प्रतिभागियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और स्व सहायता समूह की दीदियों ने भाग लिया। प्रशासन के इस अनूठे प्रयास से पानीं बचाने लिए लोगों में जागरूकता आ रही है जिससे भविष्य सुरक्षित हो रहा है।

केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने 39 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का किया भूमिपूजन

केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने 39 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का किया भूमिपूजन

 केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने 39 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का किया भूमिपूजन

39 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का किया भूमिपूजन

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की

बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए मिली बड़ी सौगात

डबल इंजन की सरकार में लोगों का हो रहा सर्वांगीण विकास : केंद्रीय राज्यमंत्री

सभी वर्ग का हो रहा विकास, यही है विष्णु का सुशासन : उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की

केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव ने आज सरकंडा खेल परिसर में  आयोजित समारोह में बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 39 करोड़ 04 लाख रुपए से अधिक लागत के 20 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने इन कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि अतिरिक्त देने की भी घोषणा की। इनमें इन प्रमुख रूप से कोनी मंगला में 24 करोड़ 27 लाख की लागत से लोधीपारा सरकंडा कोनी मार्ग के अरपा नदी पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य और पौंसरा में पांच करोड़ 18 लाख की लागत से सेलर पौंसरा मार्ग में खारुन नदी पर उच्च स्तरीय पुल, सामुदायिक भवन सहित अन्य  निर्माण कार्य शामिल है। समारोह की अध्यक्षता स्थानीय विधायक श्री सुशांत शुक्ला ने की।
     
केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि  राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र  मोदी की हर एक गारंटी को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। हमारी सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में लोगों की बेहतरी के लिए लगातार योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे लोगों का जीवन स्तर तेजी से सुधर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर गरीब के मकान का सपना साकार किया है। किसानों को सम्मान दिया। आयुष्मान कार्ड के जरिए लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया है। 
     
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हर काम साय साय गति से पूर्ण हो रहे हैं । यह विष्णु का ही सुशासन है कि जनता को लगातार विकास कार्यों की सौगात दी जा रही है। सबका विकास हो रहा है यही तो विष्णु का सुशासन है।  महतारी वंदन योजना के तहत एक हजार रुपए हर महीना दे रहे हैं।  महिलाएं सोची भी नहीं थी की राशि मिलेगी , लेकिन उनका सपना हमारी सरकार ने पूरा किया। एक तरफ जहां मोदी जी मुफ्त में चावल लोगों को दे रहे हैं वहीं विष्णु देव साय की सरकार महिलाओं को नगद सहायता कर रही हैं।  ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमारी सेना ने महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। डबल इंजन की सरकार में विकास कार्यो ने रफ्तार पकड़ी है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया और विष्णु देव साय की सरकार इसे विकसित स्वरूप में गढ़ने का काम कर रही है। राज्य में गांव गरीबों किसानों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो रहा है। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र तेज गति से विकास कर रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर है जब करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात क्षेत्रवासियों को मिली है। 
     
विधायक श्री सुशांत शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन के संकल्प की प्रतिपूर्ति कैसी होती है यह राज्य में हुए विकास कार्यों को देखकर पता चलता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग का समान विकास हो रहा है। बेलतरा विधान सभा क्षेत्र में भी विकास की धारा बह रही है। यह श्रृंखला निरंतर जारी रहेगी। हमारी सरकार की कथनी और करनी एक है। मोदी की गारंटी के रूप में हमने जो वादा किया था उसे पूरा किया है। उन्होंने सहयोग के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी, नगर निगम के सभापति श्री विनोद सोनी, जनपद पंचायत बिल्हा के अध्यक्ष श्री राम कुमार कौशिक, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, नगर निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, श्री दीपक सिंह ठाकुर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी, बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन श्री सौरभ सक्सेना और मीडिया प्रभारी श्री प्रणव शर्मा ने किया।

श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर : श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री के हाथों 31 मेधावी श्रमिक बच्चों को मिली 2-2 लाख की प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री ने 38 हजार श्रमिकों के खातों में ऑनलाइन अंतरित किए 19.71 करोड़ की सहायता राशि

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

"हम श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आपका स्नेह और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम सब मिलकर एक विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करेंगे।" मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में स्थान पाने वाले पंजीकृत श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का वितरण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत राज्य के 38 हजार 200 निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की। 

          मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम हासिल करने वाले श्रमवीरों के मेधावी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार श्रमिक परिवारों की आवश्यकताओं को भली-भांति समझती है और उनके समग्र कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज श्रमिक परिवार का बच्चा विदेश जाकर पढ़ना चाहे तो उसके लिए भी 50 लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान श्रम विभाग द्वारा किया गया है। श्री साय ने कहा कि हम नवाचार के साथ कदमताल करते हुए ऐसी नीतियां बना रहे हैं, जिनसे प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। प्रदेश की आकर्षक उद्योग नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हो चुके हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

श्री साय ने श्रम मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि श्रमिकों से मेरा विशेष लगाव है और श्रमिकों के हित में कार्य करना हमेशा संतुष्टि देता है। 

         मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में दो वर्षों तक श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी और उनके नेतृत्व में श्रम राज्यमंत्री के रूप में श्रमिकों के पेंशन सुधार की दिशा में हमने कई ऐतिहासिक कदम उठाए और न्यूनतम पेंशन की राशि सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्रमिकों को लेकर संवेदनशील है और उनके निर्देश पर ही श्रमिकों के प्रोविडेंट फंड (PF) में वर्षों से पड़ी लगभग 27 हजार करोड़ रुपए की अन्क्लेम्ड राशि का उपयोग उनके हित में करने का बड़ा निर्णय भी इस दौरान हमने लिया था। राज्यमंत्री के रूप में यूनिवर्सल पीएफ नंबर की शुरुआत हमारी सरकार ने की, जिससे श्रमिकों द्वारा बार-बार पीएफ राशि क्लेम करने की समस्या दूर हुई। 

          मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी से आग्रह करते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी अन्य ज़रूरतमंदों तक अवश्य पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने श्रमिकों के लिए गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदेश में संचालित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की।

          उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश चहुंमुखी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन डेढ़ वर्षों में "मोदी की गारंटी" के तहत सभी वादों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 38 हजार 2 सौ श्रमिकों को 19.71 करोड़ रुपये एवं प्रवीण्य सूची में चयनित 31 विद्यार्थियों को 62 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। श्री देवांगन ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत 17 जिलों के 46 केन्द्रों में श्रमिकों को 5 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और भविष्य में इसे सभी उद्योग प्रधान जिलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रारंभ करने की जानकारी भी दी। 

श्रम मंत्री ने कहा कि नई उद्योग नीति के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए नियमों को सरल बनाया गया है , जिससे निवेश बढ़ा है एवं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।

        छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के साथ प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मण्डल के माध्यम से प्रदेश में 31 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नोनी सशक्तिकरण, महतारी जतन, श्रमिक सियान सहायता जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मण्डल प्रदेश के 29.47 लाख पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है। श्रमिक अपना पंजीकरण श्रमेव जयते ऐप, लोक सेवा केन्द्र या श्रम कार्यालय में करवा सकते हैं।

नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना ने बदली मजदूर परिवार के बच्चों की ज़िंदगी

      कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लाभान्वित बच्चों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया। सभी बच्चों ने कहा कि वे मजदूर और गरीब परिवारों से हैं, लेकिन इस योजना ने उन्हें पढ़ाई का अवसर दिया। यह योजना श्रमिक परिवारों के सपनों को नई उड़ान दे रही है।

सूरजपुर जिले के भैयाथान के हीरा सिंह ने बताया कि आईआईआईटी से बी टेक की पढ़ाई पूरी कर अब जूनियर डेटा साइंस डेवलपर बन चुके हैं। इस योजना से उन्हें 4.10 लाख रुपए की सहायता मिली, जिससे उनकी पढ़ाई पूरी हो पाई थी।

इसी तरह बी.टेक अंतिम वर्ष के छात्र अमलेंद्र पैंकरा ने बताया कि उनका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है और इस योजना की मदद से कॉलेज की फीस भर पा रहे हैं। 

एक अन्य छात्र दीपक पैंकरा ने सूरजपुर के छोटे से गांव से आईआईआईटी, रायपुर में एडमिशन तक के अपने संघर्ष भरे सफर को साझा किया। दीपक ने बताया कि योजना के माध्यम से अपने बीटेक की पढ़ाई की फीस भर रहे हैं और योजना से उन्हें लगभग 4 लाख रुपए की सहायता प्राप्त हो चुकी है। 

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी श्रमवीरों के बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। 

योजनाओं और उनके लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है

मिनीमाता महतारी जतन योजना अंतर्गत 1,915 श्रमिकों को 3.83 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना अंतर्गत 279 श्रमिकों को 10.33 लाख रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना अंतर्गत 6,319 श्रमिकों को 2.19 करोड रूपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 12 श्रमिकों को 94 हजार 800 रूपए, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 4,825 श्रमिकों को 96.17 लाख रूपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 155 श्रमिक परिवार को 37.63 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना अंतर्गत 2 श्रमिकों को 40 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 4,939 श्रमिकों को 74.08 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 श्रमिक को 50 हजार रूपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना अंतर्गत 7 श्रमिकों को 7 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 264 श्रमिकों को 2.64 करोड रूपए़, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना अंतर्गत 2,486 श्रमिकों को 4.97 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना अंतर्गत 372 श्रमिकों को 74.40 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना अंतर्गत 15,066 श्रमिकों को 2.00 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना अंतर्गत 25 श्रमिकों को 25 लाख रूपए प्रदाय किए गए। यह पहल राज्य के निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

        इस अवसर पर श्रम विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. फरिहा आलम, प्रभारी श्रम आयुक्त श्री एस एल जांगड़े सहित श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी और श्रमिक परिवारजन मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ की शिक्षा में एक साहसिक छलांग

छत्तीसगढ़ की शिक्षा में एक साहसिक छलांग

छत्तीसगढ़ की शिक्षा में एक साहसिक छलांग

छत्तीसगढ़ की शिक्षा में एक साहसिक छलांग

कोई भी स्कूल अब शिक्षक विहीन नही

 एकल शिक्षकीय स्कूलों में 80 फीसद की गिरावट

10,372 स्कूलों का एकीकरण, शिक्षकों का व्यापक युक्तियुक्तकरण

 छात्रों को मिलेगी बेहतर शैक्षणिक सुविधा

राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और सार्थक पहल की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में यह दूरगामी सुधार, वास्तव में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और लंबे समय से चली आ रही शैक्षिक विसंगतियों के समाधान का कारगर प्रयास है।

युक्तियुक्तकरण से पहले, छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण अंचल की शालाओं में शिक्षकों की कमी, नगरीय इलाकों और उसके समीप की शालाओं में जरूरत से ज्यादा शिक्षकों की पदस्थपना के कारण शिक्षा प्रभावित हो रही थी और इसका असर बच्चों के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा था। 

राज्य के लगभग 212 प्राथमिक शालाएं और 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं पूरी तरह से शिक्षक विहीन थीं, जबकि 6,872 प्राथमिक शालाएं और 255 पूर्व माध्यमिक शालाएं केवल एक शिक्षक के साथ संचालित हो रही थीं। इसके अतिरिक्त 211 शालाएं ऐसी थीं जहाँ छात्र संख्या शून्य थी, लेकिन शिक्षक पदस्थ थे। इसके अलावा, 166 शालाओं को समायोजित किया गया, इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की 133 शालाएं शामिल थीं, जिनकी दर्ज संख्या 10 से कम थी और दूरी 1 किमी से कम थी, तथा शहरी क्षेत्रों की 33 शालाएं थीं, जिनकी दर्ज संख्या 30 से कम थी और दूरी 500 मीटर से कम थी।

इन चुनौतियों के बावजूद, छत्तीसगढ़ का छात्र-अध्यापक अनुपात (पीटीआर) राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय रूप से बेहतर था, प्राथमिक शालाओं के लिए पीटीआर-20 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 29 है और पूर्व माध्यमिक शालाओं के लिए पीटीआर-18 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 38 है। हालांकि, वितरण असमान था। राज्य में लगभग 17,000 प्राथमिक शालाएं और लगभग 4,479 पूर्व माध्यमिक शालाएं थीं, जिनका पीटीआर-20 से कम था। अकेले शहरी क्षेत्रों में 527 ऐसे विद्यालय थे, जिनका पीटीआर-10 से कम था, जिनमें 15 या उससे अधिक शिक्षकों वाली 08 प्राथमिक शालाएं, 10-15 शिक्षकों वाली 61 शालाएं और 6-9 शिक्षकों वाली 749 प्राथमिक शालाएं थीं, ये आंकड़े बेहतर संसाधन आवंटन की जरूरत को दर्शाते हैं।

इस पहल का मुख्य बिंदु एक ही परिसर में संचालित लगभग 10 हजार 372 शालाओं का एकीकरण था, जिनमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल थे। इस विलय से कई लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनमें शाला त्यागी छात्रों की संख्या में कमी और छात्रों को बार-बार स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता का समाप्त होना शामिल है। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, छोटी कक्षाओं के छात्रों को बड़ी कक्षाओं के छात्रों का सहयोग प्राप्त होने, और कंप्यूटर, विज्ञान प्रयोगशाला, खेल-कूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से शैक्षणिक समझ और अभिरुचि में वृद्धि के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होगा। इस दृष्टिकोण से प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

विद्यालयों के समायोजन के साथ-साथ, जिला, संभाग और राज्य स्तर पर काउंसलिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया भी की गई। इस प्रक्रिया के तहत जिला स्तर पर लगभग 13 हजार 793 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया। संभाग स्तर पर 863 का और राज्य स्तर पर 105 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया।

युक्तियुक्तकरण अभियान के प्रारंभिक परिणाम अत्यधिक आशाजनक हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा विभाग का कहना है कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं किया जा रहा है और कोई भी शिक्षक पद समाप्त नहीं हो रहा है। इसके बजाय ध्यान बेहतर अधोसंरचना वाले विद्यालयों का संचालन सुनिश्चित करने पर है। 

युक्तियुक्तकरण के पश्चात राज्य में शिक्षक विहीन विद्यालयों की संख्या शून्य हो गई है। एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में प्रभावशाली 80 प्रतिशत की कमी आई है अब लगभग 1,200 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। एक ही परिसर में स्थित 10,372 विद्यलायों का एकीकरण और 166 ग्रामीण एवं शहरी विद्यालयों का समायोजन पूरा हो चुका है। इससे लगभग 89 प्रतिशत विद्यार्थियों को बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। छात्रों को अतिरिक्त शिक्षक उपलब्ध होंगे और विद्यालय की समय सारिणी एवं अन्य गतिविधियों में अधिक एकरूपता रहेगी। इस पहल का उद्देश्य उपचारात्मक शिक्षण द्वारा छात्रों की समझ को बेहतर बनाना भी है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके, छत्तीसगढ़ न केवल वर्तमान कमियों को दूर कर रहा है, बल्कि एक ऐसे भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रख रहा है। जहाँ प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे समग्र विकास और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा। युक्तियुक्तकरण का यह कदम एक अधिक कुशल, न्यायसंगत और प्रभावी शैक्षिक वातावरण बनाने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को सौंपा विनर्स कप

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को सौंपा विनर्स कप

 मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को सौंपा विनर्स कप

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को सौंपा विनर्स कप4

सीसीपीएल के फाइनल में रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीम संयुक्त विजेता घोषित

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को सौंपा विनर्स कप

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को विनर्स कप सौंपा। बारिश की वजह से सीसीपीएल का फाइनल मैच नहीं खेला जा सका। फाइनल में पहुंची दोनों टीमों रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स को संयुक्त विजेता घोषित किया गया। 

छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात है कि सीसीपीएल जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट का यहां शानदार आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ में हम सभी खेलों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग के माध्यम से राज्य के प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों को खेलने का बेहतरीन मौका मिला है। इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ बधाई का पात्र है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बारिश की वजह फाइनल मैच नहीं खेला जा सका। रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया है। मैं दोनों टीमों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और सभी खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। यह बहुत खुशी की बात है कि मौसम खराब होने के बाद भी बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी स्टेडियम में मौजूद हैं। मैं आशा करता हूँ कि छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ इसी तरह आगे भी छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग का आयोजन करता रहेगा। 

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 का आयोजन 6 जून से 15 जून तक किया गया। इसमें रायपुर राइनोस, राजनांदगांव पैंथर्स, रायगढ़ लायन्स, बस्तर बाइसन्स, बिलासपुर बुल्स और सरगुजा टाईगर्स टीमों ने हिस्सा लिया। 

मुख्यमंत्री के हाथों से रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीम के कप्तान श्री अमनदीप खरे और श्री अजय मंडल ने विनर्स कप ग्रहण किया।

 इस अवसर पर खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा, राज्यसभा सांसद और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री राजीव शुक्ला, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, श्री बलदेव सिंह भाटिया, श्री प्रभतेज सिंह भाटिया सहित छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी उपस्थित थे।

कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

 कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

प्रधानमंत्री आवास योजना

पीएम आवास की बनती पक्की दीवारों में सज रही परिवार की खुशियां

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा है कि राज्य में लोगों को पक्का आवास सुलभ हो सके। यही कारण है कि राज्य सरकार के प्रथम कैबिनेट की बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति दी गई थी। गाँव में मजदूरी कर कच्चे मकान में मुसीबतों के साथ जिंदगी गुजारते आए झूल सिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर को नहीं लगता था कि वे भी कभी पक्का मकान बना पाएंगे। 
उनकी जिंदगी तो जब कभी कुछ काम मिले तो उनकी मजदूरी में और कभी न मिले तो घर के चाहरदीवारी में ही बीत जाया करती है, ऐसे में पक्का मकान बना पाना तो उनके लिए दूर की कौड़ी ही थी। जैसे-तैसे अपनी जिंदगी को जीते आ रहे झूलसिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर का भी सपना था कि उनका भी आशियाना ठीक ठाक हो। कम से कम खपरैल वाले छत और मिट्टी की दीवारें तो न हो, क्योंकि इन मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत की वजह से उन्हें बारिश में हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। कई मुसीबतों के बीच उन्हें रहना पड़ता था। जब इन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम है तो इनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। अपनी जरूरी दस्तावेज जमा कर पहली किश्त हासिल की और खुशी-खुशी उस कच्चे मकान की दीवारों को ढहा दिया जो उन्हें मुसीबतों से वास्ता कराती थीं। अब मजबूत नींव के साथ ही वे न सिर्फ पक्के मकान के लिए पक्की दीवारे उठा रहे हैं... अपने सपनो को पूरा करने के साथ ही खुशियों को भी पक्का कर रहे हैं।

    कोरबा शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दम्हामुड़ा के आश्रित ग्राम बोदरापारा में रहने वाले झूलसिंह मरपच्ची और उनकी पत्नी फुलकुँवर ने बताया कि गाँव में मजदूरी के भरोसे घर चलता है। सीजन के साथ ही कुछ वनोपज संग्रहण कर लेते हैं और तेन्दूपत्ता भी तोड़कर बेचते हैं। इससे कुछ रुपयों का इंतजाम हो जाता है। झूलसिंह ने बताया कि घर पर दो बच्चे हैं। यहाँ कई पीढ़ी से कच्चे मकान में ही रहते आये हैं। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में खपरैलों के बीच से पानी टपकना और कच्ची दीवारों को नुकसान होना आम बात है। गाँव में कुछ अन्य लोगो के पक्के मकान को देखकर उन्हें भी लगता था कि उनका भी घर पक्का बन जाये तो उन्हें मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा हो भी पायेगा,ऐसा उन्हें लगता ही नहीं था, क्योंकि उनके पास पक्का घर बनाने के लिए इतने पैसे ही नहीं थे। 

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जब उन्हें मालूम हुआ तो ऐसा लगा कि वास्तव में पैसा मिलेगा या नहीं। जब उनके खाते में पहली किश्त की राशि आई तो बहुत खुशी हुई। झूलसिंह ने बताया कि राशि मिलने के बाद पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बना रहे हैं। अभी नींव डालकर दीवारे भी खड़ी कर चुके हैं। झूलसिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि अभी हमें दो किश्त मिल चुकी है। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारा घर भी पक्का होगा। खपरैल की जगह सीमेंट की छत और और दीवारे भी होंगी। इससे हमें हर साल बारिश के समय बार बार खपरैल ठीक करने, दीवारों को बनाने जैसी मुसीबतों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने पीएम आवास योजना को गरीबो के लिए बहुत राहत पहुचाने और उन्हें मुसिबतों से छुटकारा देने वाली योजना बताया। इसके लिए झूलसिंह और फुलकुँवर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय से पं. श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार ने की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री श्री साय से पं. श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार ने की सौजन्य मुलाकात

 मुख्यमंत्री श्री साय से पं. श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार ने की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री श्री साय से

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पं. श्री रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार जी ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान श्री साय ने उन्हें कोसा वस्त्र एवं बेल मेटल से बने स्मृति चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया।

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच ही रोगों से बचाव का मूल मंत्र : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच ही रोगों से बचाव का मूल मंत्र : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

 संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच ही रोगों से बचाव का मूल मंत्र : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच ही रोगों से बचाव का मूल मंत्र

मुख्यमंत्री श्री साय भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में हुए शामिल: सिंधी समाज की सेवा भावना को मुख्यमंत्री ने सराहा


मुख्यमंत्री श्री साय भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में हुए शामिल: सिंधी समाज की सेवा भावना को मुख्यमंत्री ने सराहा

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी संपदा है। यदि हम संतुलित आहार लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच कराएं, तो अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के केनाल रोड स्थित झूलेलाल धाम में आयोजित भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहे थे।

पूज्य बाबा गुरुदास राम साहेब जी की 94वीं जयंती के अवसर पर इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन पूज्य शदाणी सेवा मंडल, पूज्य बाबा गरीबदास सेवा मंडल, पूज्य छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, भारतीय सिंधु सभा तथा पूज्य कंधकोट पंचायत द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में नागरिकों ने स्वास्थ्य जांच कराई और आयुष्मान कार्ड भी बनवाए। शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं प्रदान की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज की अनियमित जीवनशैली, मिलावटी खानपान और प्रदूषित वातावरण के कारण बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ अब आम हो चुकी हैं। यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों के मेहनतकश लोग भी अब इन बीमारियों से अछूते नहीं हैं। ऐसे में इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन अत्यंत सराहनीय पहल है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सिंधी समाज की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज प्रारंभ से ही सामाजिक सरोकारों में अग्रणी रहा है। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि जब वे रायगढ़ से सांसद थे, तब से वे सिंधी समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और इस अवधि में स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में चौतरफा विकास हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से छत्तीसगढ़ आज मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। राज्य निर्माण के समय जहाँ केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं अब शासकीय एवं निजी क्षेत्र मिलाकर 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। निजी क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना भी हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं सुदृढ़ हुई हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी प्रारंभ किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को बेहतर इलाज की सुविधा देने हेतु केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वय वंदन योजना के अंतर्गत इलाज हेतु 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। इसी प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 25 से 30 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से भी पात्र मरीजों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

मुख्यमंत्री ने अंत में स्वास्थ्य शिविर के संयोजक श्री अमित चिमनानी एवं शिविर में सेवा प्रदान करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया। 

इस अवसर पर विधायक श्री गुरु खुशवंत साहेब, धमतरी महापौर श्री रामू रोहरा, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, कार्यक्रम संयोजक श्री अमित चिमनानी, भारतीय सिंधु सभा के अध्यक्ष श्री लधाराम जी, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के अध्यक्ष श्री महेश दरयानी सहित सिंधी समाज के सेवादार, विशेषज्ञ डॉक्टर एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

 छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय

एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में हुई 80 प्रतिशत की कमी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था को मिली नई दिशा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था को मिली नई दिशा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था को मिली नई दिशा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था को मिली नई दिशा

छत्तीसगढ़ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक नया आयाम स्थापित किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीति के चलते आज प्रदेश का प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी तक कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह गया है। राज्य की एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है।

 यह परिवर्तन युक्तियुक्तकरण के माध्यम से संभव हो सका है, जिसका उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग, शिक्षकों की तर्कसंगत पदस्थापना और शिक्षा के अधिकार अधिनियम व नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप शालाओं में आवश्यकता के अनुरुप शिक्षकों की पदस्थापना रहा है ।

 गौरतलब है कि युक्ति -युक्त करण से पर्व प्रदेश में 453 विद्यालय शिक्षक विहीन  और 5936 विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ था। विशेषकर सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में यह समस्या अधिक थी।

इस विसंगति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन चरणों में शिक्षकों की  काउंसलिंग की प्रक्रिया चलाई। इसके परिणामस्वरूप, आज प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है और सभी हाई स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने युक्ति- युक्तकरण के जरिये स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास की सराहना करते हुए  कहा कि हमने यह ठान लिया था कि छत्तीसगढ़ में अब कोई बच्चा शिक्षक के बिना नहीं पढ़ेगा। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से हम न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत और समान शिक्षा प्रणाली की नींव भी रख रहे हैं। यह सिर्फ स्थानांतरण नहीं, यह शिक्षा में न्याय की पुनर्स्थापना है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि एकल शिक्षकीय शालाओं की स्थिति में सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में है और आगामी महीनों में पदोन्नति और नई नियुक्तियों के माध्यम से इन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक भेजे जाएंगे। 

राज्य सरकार अब उन 1207 प्राथमिक विद्यालयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां अभी भी एक शिक्षक है। इसके समाधान हेतु प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों की पदोन्नति, शिक्षकों की पदस्थापना तथा भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की रणनीति बनाई गई है।

राज्य में एकल शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालयों में बस्तर जिले में  283, बीजापुर 250,सुकमा 186,मोहला -मानपुर - चौकी 124,कोरबा 89, बलरामपुर 94,नारायणपुर 64,धमतरी 37,सूरजपुर 47,दंतेवाड़ा 11,अन्य जिले में मात्र 22 शालाएं है। इन शालाओं में जल्द ही आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षा को समावेशी बनाने और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर उपलब्ध कराना है। इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित किया है कि युक्तियुक्तकरण केवल प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है, जिसके केंद्र में हर बच्चा, हर गांव, हर स्कूल है।

बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां

बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां

 बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां

बस्तर में बदल रही तस्वीर

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों की नई जिंदगी की शुरुआत

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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों की नई जिंदगी की शुरुआत

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों की नई जिंदगी की शुरुआत

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में, जहां कभी गोलियों की गूुज सुनाई देती थीं, वहां अब हर जगह खुशी और उल्लास की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति व नियद नेल्लानार योजना के प्रभाव से माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे युवक-युवतियों और नक्सल पीड़ितों ने नई जिंदगी की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बस्तर संभाग में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह इस बदलाव के साक्षी बने हैं।

सुकमा के मिनी स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ों मौसम महेश-हेमला मुन्नी और मड़कम पाण्डू-रव्वा भीमे ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया। ये चारों जून 2024 में नक्सल संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर श्री साय ने सुकमा जिले को 206 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी। नवदंपतियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।

दंतेवाड़ा में 220 जोड़ों का सामूहिक विवाह, पूवर्ती की नक्सल पीड़िता ने जवान संग रचाई शादी

दंतेवाड़ा के मेंढका डोबरा में मंदिर परिसर में 20 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 220 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन शुरू किया। इनमें पूवर्ती गांव की एक नक्सल पीड़िता और वहां तैनात जवान का जोड़ा भी शामिल था। पूवर्ती, जो कभी खूंखार नक्सली हिड़मा और देवा का गढ़ था, अब सरकार की योजनाओं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भयमुक्त होकर खुशहाली की ओर अग्रसर है। नियद नेल्लानार योजना के तहत धुरली गांव के दो जोड़ों सीमा भास्कर-रमेश भास्कर और सुंदरी तेलाम-धन्नु कुंजाम ने भी विवाह रचाया। सभी नवदंपतियों के बैंक खातों में 35 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना: निर्धन परिवारों का सहारा

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने बस्तर के निर्धन परिवारों को नया जीवन दिया है। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में हस्तांतरित होते हैं। श्री विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में अब तक 15 हजार से अधिक जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत संपन्न हो चुका है।

बस्तर में शांति और विकास की नई इबारत

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल विरोधी कार्रवाइयों और कल्याणकारी योजनाओं ने बस्तर के ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार, आवास और आर्थिक सहायता के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। बस्तर संभाग के इन विवाह समारोहों ने साबित कर दिया कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से हिंसा और नफरत को हराया जा सकता है। बस्तर अब नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर शांति, प्रेम और विकास की रोशनी में चमक रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय

मुख्यमंत्री श्री साय दैनिक नवप्रदेश के 14वें स्थापना दिवस समारोह में हुए शामिल

राष्ट्रीय परिदृश्य में उभरता छत्तीसगढ़' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज दैनिक नवप्रदेश के 14वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 'राष्ट्रीय परिदृश्य में उभरता छत्तीसगढ़' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2014 में भारत जहाँ आर्थिक दृष्टि से विश्व में 10वें स्थान पर था, वहीं आज चौथे स्थान पर पहुँच चुका है, और शीघ्र ही हम तीसरे स्थान पर पहुँचने की ओर अग्रसर हैं। प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ हेतु विजन डॉक्यूमेंट और नई औद्योगिक नीति तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने दैनिक नवप्रदेश की 14वीं वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की रजत जयंती मना रहे हैं। मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैंने संसद में एक सांसद के रूप में छत्तीसगढ़ निर्माण संबंधी विधेयक पर हुई ऐतिहासिक चर्चा को प्रत्यक्ष रूप से देखा और अनुभव किया। एक आदिवासी परिवार से आने के नाते मैंने प्रदेश में भुखमरी की समस्याएँ देखी हैं। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 2003 में लागू की गई पीडीएस व्यवस्था ने छत्तीसगढ़ को इस गंभीर समस्या से मुक्ति दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। आईआईटी, आईआईएम तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश में समृद्धि बढ़ी है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं आमजन तक पहुँची हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि नई औद्योगिक नीति को उद्यमियों का सकारात्मक प्रतिसाद मिला है। राज्य को लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सेमीकंडक्टर चिप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कार्य प्रारंभ हो चुका है। एनर्जी सेक्टर में भी राज्य को भारी निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर युवाओं को सरकारी नौकरियाँ प्रदान कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्किलिंग के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने पर भी बल दिया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति में बिस्पोक पॉलिसी का प्रावधान रोजगार सृजन में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सिंचाई रकबा में निरंतर वृद्धि हुई है। हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बोधघाट परियोजना पर चर्चा की गई। इस परियोजना से बस्तर अंचल के किसानों को भरपूर सिंचाई जल मिलेगा। साथ ही इंद्रावती और महानदी की इंटरलिंकिंग परियोजना पर भी कार्य प्रारंभ किया गया है, जिससे सिंचाई रकबा बढ़कर 7 लाख हेक्टेयर तक पहुँच जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर अब विकास की मुख्यधारा में है। जहाँ कभी गोलियों की आवाज़ सुनाई देती थी, वहाँ अब स्कूलों की घंटियाँ गूंज रही हैं। धूड़मारास को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यटन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध कर दिया है कि विकास केवल क्षेत्रफल या जनसंख्या से नहीं, बल्कि संसाधनों के सदुपयोग और इच्छाशक्ति से होता है। आज राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई है। प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में उद्घाटित चिनाब पुल में छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र का लोहा प्रयोग किया गया है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ आज स्टील, सीमेंट, ऊर्जा जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बन चुका है। प्रदेश के पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख माताओं-बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर समाज में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विशिष्टजनों को सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करने वालों में पद्मश्री श्रीमती शमशाद बेगम, कार्टून वॉच के सम्पादक श्री त्रयंबक शर्मा, खेल पत्रकार श्री नितेश छाबड़ा, वरिष्ठ पत्रकार श्री जीवन एस साहू (गरियाबंद) एवं श्री यशवंत राजवाड़े (नवप्रदेश ब्यूरो चीफ, कोरिया) शामिल हैं।

उन्होंने नवप्रदेश छात्रवृत्ति योजना 2025-26 के अंतर्गत हॉकर परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की। वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री श्री आलोक मेहता ने वीडियो संदेश के माध्यम से नवप्रदेश को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। नवप्रदेश के सम्पादक श्री यशवंत धोटे ने कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक श्री हिमांशु द्विवेदी, रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल ठाकुर सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे। 

 मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

  मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल

इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल

मोर गांव मोर पानी महाअभियान ‘जल संरक्षण को नई दिशा’

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संचयन के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं इसी तारतम्य में बिलासपुर जिले में जल संरक्षण एव जल संचय के वृहद प्रयास किये जा रहे है। जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर व्यापक कार्य किये जा रहे है। सुशाासन तिहार में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आगमन कोटा ब्लॉक के ग्राम आमागोहन में हुआ था। ग्राम आमागोहन से ही भूजल स्तर बढ़ाने का प्रयास कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में शुरू किया गया।

मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत जिले में भूजल रिचार्ज की आधुनिक तकनीक इंजेक्शन वेल को तेजी से अपनाया जा रहा है। यह तकनीक गांव को जल संकट से निजात दिलाने और भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है इंजेक्शन वेल तकनीक -
इंजेक्शन वेल एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें वर्षा जल को सीधे जमीन के भीतर स्थित जल स्तर तक पहुंचाया जाता है। यह प्रक्रिया पानी के भंडारण से अधिक प्रभावी होती है। क्योंकि यह भूजल को सीधे रिचार्ज करती है। जिससे हैंडपंप, कुएं और तालाब पुनः जलयुक्त हो जाते है। ग्राम अमागोहन, सोनपुरी में इंजेक्शन वेल तकनीक का उपयोग कर वर्तमान में सूखे तालाबों, पार्काेलेशन टैंक, डबरियों में इंजेक्शन वेल का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से सतही जल एवं वर्षा जल को तालाब में जमा कर उसे फिल्टर करते हुए साफ पानी से भूजल स्तर को रिचार्ज किया जा रहा है।

जनभागीदारी से मिल रही सफलता -
जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी अभियान को जन आंदोलन के रूप में अपनाया जा रहा है। जिले में इसके लिए जनजागरुकता का कार्य मनरेगा और एनआरएलएम के दल द्वारा किया जा रहा है। जिससे भू जल के कम से कम उपयोग और भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास में जनभागीदारी पर जोर दिया जा रहा है फलस्वरूप अब तक विगत 1 माह में ही 54 बोरी बंधान के कार्य नालों में कर लिए गए है। तेज बहाव को कम करते हुए आसपास के भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में अधिक जल की आवश्यकता वाली फसलों जैसे धान की बुवाई के स्थान पर कम भूजल उपयोग वाले फसलों के विषय में जानकारी दी रही है।

जल संरक्षण हेतु जिले में निष्क्रिय बोरवेल को फिर से चालू करने के लिए 159 स्थानों का चिन्हांकन कर सैंड फिल्टर तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस अभियान को मोर गांव मोर पानी महाअभियान से जोड़कर क्रियान्वित किया जा रहा है इसके लिए जून माह के पहले सप्ताह में भी अलग अलग क्लस्टर में लगभग 6000 प्रतिभागियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और स्व सहायता समूह की दीदियों ने भाग लिया। प्रशासन के इस अनूठे प्रयास से पानीं बचाने लिए लोगों में जागरूकता आ रही है जिससे भविष्य सुरक्षित हो रहा है।

नाला संवर्धन से ग्रामों के किसानों को मिल रहा है सीधा लाभ

नाला संवर्धन से ग्रामों के किसानों को मिल रहा है सीधा लाभ

 नाला संवर्धन से ग्रामों के किसानों को मिल रहा है सीधा लाभ

सिंचाई की समुचित प्रबंधन के साथ रोजगार और आय में हो रही वृद्धि

सिंचाई की समुचित प्रबंधन के साथ रोजगार और आय में हो रही वृद्धि

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विशेष प्रयास किए जा रहें हैं। इस तारतम्य में सुरजपूर जिले मे  कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल के रूप में गोडकटवा नरवा का संवर्धन कार्य संपन्न हुआ। जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, दरहोरा, देवरी, पकनी एवं सेमई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत यह कार्य 58.81 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से पूर्ण किया गया।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू  ने बताया  कि गोडकटवा नाला, जो कि एक बारहमासी जल स्रोत है, अब ग्रामीणों के लिए केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि आजीविका और समृद्धि का साधन बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में किए गए इस कार्य के अंतर्गत ब्रशवुड, मिट्टी बांध, गली प्लग और बोल्डर चेक डैम जैसे कुल 64 संरचनात्मक कार्यों में 285 स्थायी स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इस सम्पूर्ण कार्य में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, श्रमदान एवं मेहनत का विशेष योगदान रहा है।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से चंदौरा से लेकर सेमई तक के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। इससे लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, कृषकों को रबी एवं खरीफ दोनों मौसमों में अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं, अब किसान गर्मियों में भी गेहूं, उड़द, तथा हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बाजार पर निर्भरता घटने से परिवारों को आर्थिक बचत भी हो रही है।

गोडकटवा नाला के संवर्धन से  जल स्तर अब इतना बढ़ गया है कि स्थानीय कृषकों ने उसमें मछली पालन की शुरुआत भी कर दी है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक नया स्रोत प्राप्त हुआ है। एक किसान ने बताया कि धान फसल के समय जब सिंचाई जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है, तब गोडकटवा नरवा उनके फसलों के लिए जीवनदायिनी के रूप में है। जल की समुचित व्यवस्था के चलते अब फसलें अधिक स्वस्थ, हरी-भरी होने से उत्पादन मे वृद्धि हो रही हैं। फसल खराब नहीं हो रही है।

मनरेगा के तहत हुए इस कार्य से न केवल जल संसाधनों का विकास हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। इससे ग्रामवासियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।

इस परियोजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा-निर्देशन, समुदायिक की सहभागिता और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो, तो जल संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। गोडकटवा नाला का यह विकास कार्य अब संपूर्ण जिले में जल प्रबंधन और ग्रामीण पुनरुत्थान का एक अनुकरणीय मॉडल बन चुका है।

सीमा की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: राज्यपाल श्री रमेन डेका

सीमा की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: राज्यपाल श्री रमेन डेका

 सीमा की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: राज्यपाल श्री रमेन डेका

राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल

राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल

राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल

राज्यपाल श्री रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।

श्री डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।