कांग्रेस ने मतगणना को लेकर बनाई नई रणनीति, जिलों में भेजे प्रभारी, भोपाल में बैठेंगे दिग्गज
मध्य प्रदेश में चुनवा के बाद 3 दिसंबर को मतगणना होना है। जिलों में मतगणना पर नजर रखने के लिए प्रभारी भेजे गए हैं। वहीं भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल बनाया गया है जहां दिग्गज नेता सुबह से बैठेंगे। कांग्रेस के पदाधिकारियों का दावा है कि कार्यकर्ता उम्मीदवार और अन्य माध्यमों से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं उसके अनुसार पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना के लिए कांग्रेस ने अपने सभी नेताओं को सतर्क कर दिया है। जिलों में मतगणना पर नजर रखने के लिए प्रभारी भेजे गए हैं। वहीं, भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल बनाया गया है, जहां दिग्गज नेता सुबह से बैठेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, सुरेश पचौरी सहित अन्य नेता उम्मीदवारों से संपर्क में रहेंगे और जहां भी आवश्यकता होगी, वहां अधिकारियों से बात करेंगे। प्रदेश कांग्रेस ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे मतगणना को लेकर सतर्क रहें।
बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा
कांग्रेस के पदाधिकारियों का दावा है कि कार्यकर्ता, उम्मीदवार और अन्य माध्यमों से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं, उसके अनुसार पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है। ऐसे में भाजपा गड़बड़ी के प्रयास कर सकती है, इसलिए सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सतर्क कर दिया है।
प्रभारियों को जिले में पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं तो वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि वे उम्मीदवारों के संपर्क में रहें। उम्मीदवार भी संगठन पदाधिकारियों के साथ संवाद बनाकर रखें। कहीं भी कोई गड़बड़ी की आशंका हो तो प्रदेश कार्यालय को तत्काल सूचित करें ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
भोपाल में रहेगा कंट्रोल रूम
मतगणना पर नजर रखने के लिए भोपाल स्थिति प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा सहित अन्य वरिष्ठ नेता सुबह से उपस्थित रहेंगे। उम्मीदवारों से सीधे संपर्क में रहकर मतगणना की जानकारी ली जाएगी। परिणाम आने पर जो स्थिति बनेगी, उसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता तैयारी कर रहे हैं।
मतगणना को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
दरअसल, पिछले चुनाव में कांग्रेस को बहुमत से दो सीटें यानी 114 सीटें मिली थीं। बसपा, सपा और निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। मार्च में 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ने के कारण कमल नाथ सरकार गिर गई थी। पार्टी नेता सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि इस बार ऐसा कोई मौका किसी को नहीं मिलेगा, पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है फिर भी हम सतर्क हैं और मतगणना को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
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