जनता की चौखट से पहले भगवान के दर मत्था टेक रहे ये बड़े नेता, खुद को बता रहे सबसे बड़ा भक्त

October 30, 2023

 जनता की चौखट से पहले भगवान के दर मत्था टेक रहे ये बड़े नेता, खुद को बता रहे सबसे बड़ा भक्त





हर पांच वर्ष में जब चुनाव की बेला आती है तो यह वाक्य बार-बार दोहराया जाता है। अब जब हार-जीत की चिंता सता रही है तो जनता के पहले भगवान की चौखट पर मत्था टेक कर नेता आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। जब चुनाव के चंद दिन बचे हैं तो प्रत्याशी से लेकर स्टार प्रचारक तक सभी का भगवान पर भरोसा और बढ़ गया है।
शशिकांत तिवारी, भोपाल। बोलचाल में नेता हमेशा यही कहते हैं कि जनता ही उनके लिए जनार्दन यानी भगवान है। हर पांच वर्ष में जब चुनाव की बेला आती है तो यह वाक्य बार-बार दोहराया जाता है। अब जब हार-जीत की चिंता सता रही है तो जनता के पहले भगवान की चौखट पर मत्था टेक कर नेता आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। जब चुनाव के चंद दिन बचे हैं तो प्रत्याशी से लेकर स्टार प्रचारक तक सभी का भगवान पर भरोसा और बढ़ गया है।

वह अति व्यस्तता में भी समय निकालकर धर्म स्थलों पर पहुंच रहे हैं। यहां तक कि इस चुनाव में भगवान राम भी मुद्दा बन गए हैं। भाजपा कांग्रेस को सनातन विरोधी बता रही है तो कांग्रेस कह चुकी है कि भगवान राम भाजपा के नहीं सबके हैं। वहीं, दोनों दलों के बड़े नेता जनता से वोट मांगने के पहले भगवान की चौखट पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में व्यक्तिगत यात्रा पर चित्रकूट पहुंचे थे।

गृह मंत्री भी दर्शन को पहुंचे

यहां उन्होंने रामभ्रदाचार्य महराज से आशीर्वाद लिया। इसके पहले जनआशीर्वाद यात्रा की शुरुआत में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कामदगिरि मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 दिन के भीतर सलकनपुर देवी धाम, ओरछा के रामराजा सरकार, मंडला और शाजापुर में मां राजेश्वरी मंदिर जा चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी रविवार को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा धार जिले में स्थित मोहनखेड़ा जैन तीर्थ स्थल पर पहुंची थीं। 12 जून को जबलपुर में उन्होंने मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की थी। इसी वर्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ बागेश्वर धाम पहुंचकर यहां के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वाद लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां पहुंचे थे। भोपाल में भी पंडित प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री की कथा में मुख्यमंत्री पहुंचे थे।

यह पहली बार नहीं है जब चुनाव के पहले नेताओं का आस्था की ओर अचानक झुुकाव देखने को मिला है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की शुरुआत भी कांग्रेस ने चित्रकूट में कागदगिरि की परिक्रमा से की थी। इसमें राहुल गांधी, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्स सिंधिया शामिल थे।
कमल नाथ खुद को बता चुके हैं हनुमान भक्त

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ खुद को हनुमान भक्त बता चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद राजधानी भोपाल में चस्पा किए गए बड़े पोस्टरों में उन्हें हनुमान भक्त और राहुल गांधी को शिवभक्त बताया गया था। लोकसभा चुनाव के पहले चस्पा किए गए पोस्टरों में राहुल को रामभक्त बताया गया था।

नर्मदा मैया, पार लगाएंगी नैया

राजनेताओं के लिए मां नर्मदा पवित्र नदी ही नहीं हैं बल्कि राजनीति में उसके खास मायने हैंं। नर्मदा पर आमजन की बड़ी आस्था हैै। इस कारण नर्मदा पट्टी से जुड़ी विधानसभा सीटों पर नेताओं का खास महत्व है। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थकों के साथ पैदल नर्मदा परिक्रमा की थी। उन्होंने 142 दिन में तीन हजार किमी से अधिक यात्रा की थी।

इसका लाभ यह हुआ कि कांग्रेस को नर्मदा किनारे की 35 सीटों पर जीत मिली थीं। इस चुनाव के पहले भी कांग्रेस ने नर्मदा सेवा अभियान शुरू किया था। इसके पहले वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की थी। 150 दिन की यात्रा के समापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आए थे। इसके पहले भारत जोड़ो यात्रा में आए राहुल गांधी ने खरगोन में मां नर्मदा की आरती की थी।

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