MP Elections: कांग्रेस ने जिले की तीन सीटों पर उतारे उम्मीदवार, भाजपा-कांग्रेस में होगी कांटे की टक्कर

October 16, 2023

 MP Elections: कांग्रेस ने जिले की तीन सीटों पर उतारे उम्मीदवार, भाजपा-कांग्रेस में होगी कांटे की टक्कर




नवरात्र के पहले दिन रविवार को कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों में से 144 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। इनमें भोपाल की नरेला मध्य और बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस का चेहरा साफ हो गया है। बैरसिया से जयश्री हरिकरण को फिर से टिकट दिया।इस बार चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के सामने कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को उतारा गया है।

ब्रजेंद्र वर्मा, भोपाल। नवरात्र के पहले दिन रविवार को कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों में से 144 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। इनमें भोपाल की नरेला, मध्य और बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस का चेहरा साफ हो गया है। नरेला से कांग्रेस का नया चेहरा मनोज शुक्ला तो मध्य से एक बार फिर आरिफ मसूद पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है।


वहीं बैरसिया से जयश्री हरिकरण को फिर से टिकट दिया। नरेला में वर्ष-2018 में महेंद्र सिंह चौहान चुनाव लड़े थे। इस बार चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के सामने कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को उतारा गया है। कांग्रेस ने इस बार तीनों टिकट सर्वे के आधार पर दिए हैं। जो जनता से जुड़ा रहा और धरना-प्रदर्शन कर उनकी समस्याओं व मांगों को उठता रहा, उन्हें प्राथमिकता दी गई है।

भाजपा ने इन नेताओं पर खेला दांव

वहीं भाजपा पहले से ही मध्य विधानसभा क्षेत्र से ध्रुव नारायण सिंह, नरेला से विश्वास कैलाश सारंग और बैरसिया से विष्णु खत्री को उतार चुकी है। अभी भाजपा ने दक्षिण-पश्चिम से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इधर कांग्रेस ने भी गोविंदपुरा, हुजूर, उत्तर और दक्षिण-पश्चिम से प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। ऐसे में अभी तक भाजपा व कांग्रेस की तीन विधानसभा सीटों पर आमने-सामने की टक्कर दिखने लगी है।

नरेला विधानसभा क्षेत्र : सारंग व शुक्ला आमने-सामने

भाजपा : विश्वास कैलाश सारंग

इसलिए टिकट : भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य स्व. कैलाश सारंग के छोटे बेटे हैं। दो बार मप्र शासन में मंत्री रह चुके हैं। नरेला विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। यहीं से जीतकर मंत्री बने हैं।

कांग्रेस : मनोज शुक्ला

क्यों मिला टिकट : क्षेत्र में सक्रियता के कारण। महिलाओं को धार्मिक यात्राएं कराने से लेकर अपने पैसों से लोगों की मदद भी करते हैं। नरेला विधानसभा क्षेत्र में पकड़ मजबूत मानी जाती है, इसलिए कांग्रेस ने भरोसा जताया है। जबकि नरेला विधानसभा क्षेत्र से महेंद्र सिंह चौहान और आसिफ जकी दावेदारी जता रहे थे।

मध्य विधानसभा क्षेत्र : मूसद व ध्रुव के बीच सीधी टक्कर

भाजपा : ध्रुव नारायण सिंह
इसलिए टिकट : ध्रुव नारायण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री स्व. गोविंद नारायण सिंह के बेटे हैं। वो 2008 विधानसभा चुनाव में मध्य विधानसभा से लड़े और विधायक बने। वर्ष-2013 में भाजपा ने नारायण का टिकट काट दिया था। उनकी जगह सुरेंद्रनाथ सिंह मम्मा को टिकट दिया जिन्होंने जीत दर्ज की लेकिन 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद से हार गए। अब भाजपा ने फिर से ध्रुव नारायण पर भरोसा जताया है।

कांग्रेस : आरिफ मसूद
क्यों मिला टिकट : कांग्रेस ने एक बार फिर वर्ष-2018 में विधानसभा चुनाव जीतने वाले विधायक आरिफ मसूद पर विश्वास जताया है। मसूद मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय हैं। उनकी पकड़ हिन्दू आबादी में भी है। विधायक रहते हुए क्षेत्र में विकास कार्य कराए हैं। इनकी सक्रियता पूरे क्षेत्र में रहती है। सर्वे में उनको अच्छे अंक मिले और कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाया। इस सीट से साजिद अली भी दावेदारी जता रहे थे।

बैरसिया विधानसभा क्षेत्र : खत्री व जयश्री फिर मैदान में

भाजपा : विष्णु खत्री

इसलिए दिया : इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 65 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति-जनजाति की है। यह सीट भी अनुसूचित जाति की है। वर्ष - 2018 में विष्णु खत्री ने जयश्री हरिकरण को 13779 मतों को हराया था। बीते पांच वर्षों में खत्री सक्रिय रहे। भाजपा ने उन पर फिर से भरोसा जताया।
कांग्रेस : जयश्री हरिकरण

क्यों मिला टिकट: कांग्रेस नेता जयश्री हरिकरण अनुसूचित वर्ग से आती हैं। हारने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी। क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखी। जनता के सुख-दुख में खड़ी रहती हैं। कांग्रेस के सर्वे में उनका नाम आया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की समर्थक हैं। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के मतों की संख्या का प्रतिशत अधिक होने से जयश्री पर विश्वास जताया है।
चार सीटों पर अभी मंथन

दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विधायक पीसी शर्मा प्रबल दावेदार हैं, वहीं संजीव सक्सेना भी दावेदारी जता रहे हैं। हुजूर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए जितेंद्र डागा और 2018 में लड़े नरेश ज्ञानचंदानी दावेदारी जता रहे हैं। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में नए चेहरे रवींद्र झूमरवाला, रामबाबू शर्मा, दीपक गुप्ता की दावेदारी है।

आने वाले दिनों कांग्रेस और सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार

उत्तर में पूर्व मंत्री आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को टिकट देने की चर्चा है, लेकिन आरिफ अकील के भाई आमिर अकील सड़क पर उतर कर विरोध कर चुके हैं। इस कारण अभी इन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। विरोध के स्वर न उठे, इसलिए मंथन का दौर जारी है। कांग्रेस आलाकमान एक-दो दिन में इन सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है।

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