टीम में 29 महिलाएं, इन्हें देशभर के अलग-अलग ऑफिस से बुलाया गया

August 17, 2023

 


टीम में 29 महिलाएं, इन्हें देशभर के अलग-अलग ऑफिस से बुलाया गया



राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच के लिए CBI ने बुधवार को 53 अफसरों की लिस्ट तैयार की है। इनमें 29 महिलाएं शामिल हैं। इन अफसरों को देशभर के CBI ऑफिस से इकट्‌ठा किया गया है।

ऐसे हिंसा के मामलों में पुलिस के डिप्टी सुपरिंटेंड्स को निगरानी अधिकारी नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए CBI ने तीन DIG और एक पुलिस सुपरिनटैंडैंट को जांच की निगरानी करने के लिए भेजा है।

DIG अधिकारियों के नाम हैं- लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता। जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय इस पूरे जांच प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। पुलिस सुपरिनटैंडैंट राजवीर उन्हें रिपोर्ट करेंगे।

अधिकारियों के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला मोबिलाइजेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों को एक साथ सर्विस में तैनात किया गया है।

दो अतिरिक्त महिला पुलिस सुपरिनटैंडैंट्स और छह महिला डिप्टी सुपरिनटैंडैंट्स भी इस टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्टपेक्टर्स भी इस टीम का हिस्सा रहेंगे।

इंफाल में बुधवार को लामलाई केंद्र विलेज वॉलंटियर फोर्स के सदस्यों और ग्वालताबी गांव के विस्थापित लोगों ने वहां से सुरक्षाबलों को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

मणिपुर से जुड़े दो अपडेट...
मणिपुर के कई जिलों में बुधवार को सुरक्षाबलों ने छापेमारी की। इसमें सुरक्षाबलों को 8 हथियार, गोलियों के 112 राउंड और छह विस्फोटक बरामद हुए। ये हथियार बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनोउपाल, कांगपोकपी और इंफाल पूर्व जिलों से मिले हैं।
दिल्ली विधानसभा में आज मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। गुरुवार के लिए सदन की कार्यवाही में मणिपुर मुद्दे को भी लिस्ट किया गया है। विधायक दुर्गेश पाठक, विनय मिश्रा और कुलदीप कुमार इस पर चर्चा कर सकते हैं।

मणिपुर के पुलिस बल की मदद नहीं लेगा CBI
अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर जब किसी राज्य में हिंसा से जुड़े कई मामलों को जांच के लिए CBI को सौंपा जाता है, तो एजेंसी जनशक्ति मुहैया करवाने के लिए उसी राज्य पर आश्रित रहती है। लेकिन मणिपुर के मामलों की जांच में CBI लोकल अधिकारियों को शामिल नहीं करना चाहती है, ताकि जांच में पक्षपात के आरोप न लगें।

सूत्रों का कहना है कि CBI जिन मामलों की जांच कर रहा है, उनमें से कई मामलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 का प्रावधान शामिल हो सकता है, जिसकी जांच डिप्टी सुपरिनटैंडैंट रैंक का अधिकारी करेगा।

मणिपुर हिंसा के 17 मामलों की जांच CBI करेगी
CBI को मणिपुर हिंसा से 17 मामले जांच के लिए सौंपे गए हैं। CBI ने अब तक 8 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले भी शामिल हैं।

अधिकारियों का कहना है कि CBI के पास और केस भी आ सकते हैं। इसमें खासकर महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न, कुकी महिला के वायरल वीडियो के मामले शामिल होंगे। इसके अलावा 9 अगस्त को मैतेई महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी CBI को दी जा सकती है। 

मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा मौतें
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 3-5 मई के बीच 59 लोग, 27 से 29 मई के बीच 28 लोग और 13 जून को 9 लोगों की हत्या हुई थी। 16 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक हिंसा नहीं हुई थी।

4 पॉइंट्स में जानिए, मणिपुर हिंसा की वजह...
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नगा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

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