नेपाल ने भारत से मांगा 1 लाख टन चावल:त्योहार के सीजन में चावल-चीनी की कमी का डर; बदले में टमाटर सप्लाई कर रहा पड़ोसी

August 17, 2023

 नेपाल ने भारत से मांगा 1 लाख टन चावल:त्योहार के सीजन में चावल-चीनी की कमी का डर; बदले में टमाटर सप्लाई कर रहा पड़ोसी




नेपाल ने भारत से चावल की मांग की है। दरअसल, अगले कुछ महीनों में त्योहार का सीजन आने वाला है। ऐसे में इस दौरान खाने के सामानों की कमी से बचने के लिए नेपाल ने ये मांग की है। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, नेपाल के कॉमर्स एंड सप्लाई मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी राम चंद्र तिवारी ने बताया की पिछले हफ्ते उन्होंने भारत से चावल, चीनी और धान उपलब्ध कराने की अपील की है।

नेपाल ने भारत से 10 लाख टन धान, एक लाख टन चावल और 50 हजार टन चीनी उपलब्ध कराने की मांग की है। तिवारी ने कहा- भारत ने हाल ही में घरेलू कीमतों में कंट्रोल लाने के लिए गैर बासमती चावल की सप्लाई में रोक लगा दी थी।



व्यापारियों को जैसे ही ये पता चला, उन्होंने भारी मात्रा में चावल की जमाखोरी शुरू कर दी। इसकी वजह से नेपाल में गैर-बासमती चावल की कीमतें बढ़ गईं। नेपाल इसके बदले भारत को टमाटर की सप्लाई कर रहा है। भारत में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में नेपाल ने मदद का हाथ बढ़ाया है। गर्मी और बारिश के कारण टमाटर की कीमत बढ़ गई है।

चावल-चीनी के दाम बढ़ने का डर
नेपाल के जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा- फिलहाल बाजार में चावल और चीनी की कोई कमी नहीं है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर के बीच त्योहार के समय में चावल और चीनी की खपत बढ़ जाती है। इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ता है। आम जनता को भविष्य में किसी तरह की कमी का सामना न करना पड़े, इस वजह से सरकार पहले से तैयार रहना चाहती है।

भारत ने चावल के सप्लाई पर बैन क्यों लगाया?
20 जुलाई को भारत ने डोमेस्टिक सप्लाई को बढ़ने और त्योहार के वक्त रिटेल कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल की सप्लाई में रोक लगा दी थी। देश से करीब 25% सप्लाई गैर-बासमती सफेद चावल की होती है। नेपाल में मुख्य रूप से चावल खाया जाता है इसलिए चावल की कमी पूरी करने के लिए एक बड़ा हिस्सा वहां भारत से जाता है।

नेपाल के समाचार पत्र ,‘द काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल ने भारत से अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच अब तक का सबसे ज्यादा 14 लाख टन चावल इंपोर्ट किया था। इसमें गैर-बासमती चावल 13.8 लाख टन और बासमती चावल 19,000 टन था। नेपाल के व्यापारी बोले- भारत के चावल एक्सपोर्ट पर रोक लगाते ही रिटेल कीमत 200 नेपाली रुपए से बढ़कर प्रति 250 नेपाली रुपए/25 किलो बैग हो गई।

तस्वीर अमेरिका के टेक्सास की है, जहां चावल के एक्सपोर्ट पर बैन के बाद सुपरमार्केट में इसे खरीदने के लिए भीड़ जुट गई थी। (क्रेडिट- डेली मेल)

चावल के लिए लंबी लाइन में खड़े दिखे US के लोग
भारत की ओर से चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के करीब एक हफ्ते बाद दुनिया भर में चावल की काफी कमी देखी जा रही है। वहीं अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले कुछ समय में अमेरिका के अलग-अलग शहरों से कई ऐसे वीडियो आए हैं जहां लोग चावल खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लगे नजर आए।

वॉशिंगटन में रहने वाली अरुणा ने बताया था- मैं सोना मंसूरी (बैन किए गए चावल में से एक प्रकार) के लिए 10 से ज्यादा स्टोर्स पर गई, लेकिन सुबह 9 बजे जाने के बाद भी शाम 4 बजे मुझे एक पैकेट चावल 3 गुना दाम पर लेकर आना पड़ा।

सपना फूड्स की प्रोप्राइटर तरुण सारदा ने कहा था- हमारे पास सोना मंसूरी के लिए एक दिन में सैकड़ों फोन आते हैं। उन्होंने बताया था कि प्रीमियम बासमती चावल बैन नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी लोग डर की वजह से ज्यादा मांग कर रहे हैं, जिसके चलते इसकी कीमत भी 100% तक बढ़ गई है।

कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जाएगी
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन में यह भी बताया था कि कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जा सकती है। अगर बैन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई थी तो उसके एक्सपोर्ट की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उन मामलों में भी चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है।

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
पश्चिम बंगाल धान का बड़ा उत्पादक है, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में देश का 50% से भी ज्यादा दलहन होता है। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। साथ ही दूसरी तरह के कई चावल के एक्सपोर्ट पर 20% ड्यूटी लगाई गई थी।

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