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 चीन में महंगा हुआ कंडोम, 13 फीसद बढ़ाया टैक्स, सरकार बोली- महंगा होगा तो यूज कम करेंगे लोग

चीन में महंगा हुआ कंडोम, 13 फीसद बढ़ाया टैक्स, सरकार बोली- महंगा होगा तो यूज कम करेंगे लोग

 चीन में महंगा हुआ कंडोम, 13 फीसद बढ़ाया टैक्स, सरकार बोली- महंगा होगा तो यूज कम करेंगे लोग



चीन ने गिरती जन्म दर को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। जनवरी 2026 से कंडोम और अन्य गर्भनिरोधक उत्पादों पर 13% वैट लगेगा। 32 साल बाद यह टैक्स लगाया ज ...और पढ़ें






चीन में महंगा हुआ कंडोम (सांकेतिक तस्वीर)


 चीन ने जन्म दर में लगातार गिरावट के बीच एक बड़ा फैसला लिया है। चीन करीब 32सालों बाद कंडोम और अन्‍य गर्भनिरोधक प्रोडक्‍ट्स पर टैक्‍स लगाने जा रहा है। चीन जनवरी 2026 से कंडोम समेत सभी गर्भनिरोधक उत्पादों पर 13% वैट लगाने जा रहा है।


दरअसल, जनसंख्या दर में हो रही लगातार गिरावट को देखते हुए चीन ने प्रमुख नीतिगत बदलाव किया है। चीन 32 सालों में पहली बार कंडोम और अन्‍य गर्भनिरोधक प्रोडक्‍ट्स पर 13 प्रतिशत टैक्स लगाने जा रहा है। इसके पीछे की वजह जन्म-दर को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि अगर गर्भनिरोधक प्रोडक्‍ट्स महंगे होंगे तो लोग कम यूज करेंगे और ज्यादा बच्चे पैदा होंगे।


बता दें कि 1993 में जब चीन में वन चाइल्‍ड पॉलिसी' लागू थी और जन्म नियंत्रण को बढ़ावा दिया जा रहा था, तब वहां गर्भनिरोधक उत्पाद टैक्स फ्री थे। लेकिन अब चीनी नागरिकों को कंडोम सहित सभी गर्भनिरोधक उत्पाद खरीदने पर 13 प्रतिशत टैक्स देना होगा।

क्यों लिया गया ऐसा फैसला?

2024 में चीन की जनसंख्या में लगातार तीसरे वर्ष गिरावट देखने को मिला है। जनवरी में एक रिपोर्ट में, राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने घोषणा की कि एशियाई विशाल देश में कुल लोगों की संख्या 2024 में 1.39 मिलियन घटकर 1.408 बिलियन हो जाएगी, जबकि 2023 में यह 1.409 बिलियन थी। संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, प्रजनन आयु वर्ग की चीनी महिलाओं (15 से 49 वर्ष) की संख्या सदी के अंत तक दो तिहाई से अधिक घटकर 100 मिलियन से कम हो जाएगी।

इन चीजों पर मिली छूट

जनसंख्या दर में लगातार हो रही गिरावट के बीच चीन ने गर्भनिरोधक उत्पादों पर टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। वहीं, जन्मदर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रकार ने बच्चों की देखभाल और परिवार से जुड़ी सेवाओं, जैसे नर्सरी, किंडरगार्टन, बुजुर्गों की देखभाल, विकलांगों की सेवा और शादी से जुड़ी सेवाओं को टैक्स से छूट दी है।
 न पाकिस्तानी न बांग्लादेशी, रशियन लड़कियों की पसंद भारतीय लड़के; ब्लॉगर का Video वायरल

न पाकिस्तानी न बांग्लादेशी, रशियन लड़कियों की पसंद भारतीय लड़के; ब्लॉगर का Video वायरल

 न पाकिस्तानी न बांग्लादेशी, रशियन लड़कियों की पसंद भारतीय लड़के; ब्लॉगर का Video वायरल



सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पाकिस्तानी ब्लॉगर ने रूसी लड़कियों से पूछा कि वे किससे शादी करना चाहेंगी- भारतीय, पाकिस्तानी या बांग्लादेशी लड़के स ...और पढ़ें



रशियन लड़कियों की पसंद भारतीय लड़के (स्क्रीनग्रैब- 'X')


 सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी ब्लॉगर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वो रशियन लड़की से पूछता है कि अगर आपको इंडियन, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी लड़कों का ऑप्शन दिया जाए तो आप किससे शादी करोगी? इसके जवाब में तीनों लड़कियों ने एक साथ भारतीय लड़के रो चुना।


दरअसल, रूस की सड़कों पर गए पाकिस्तानी ब्लॉगर ने पूछा ने तीन रूसी युवतियों से हल्के-फुल्के अंदाज में सवाल पूछा- अगर आपको भारतीय, पाकिस्तानी या बांग्लादेशी लड़कों में से अपना पति चुनना तो किसे चुनोगी?
भारतीय लड़कों को ही क्यों चुना?

वीडियो में लड़कियां मुस्कुराती हुई इंडियन लड़कों को चुनती हैं और मुस्कुराते हुए कारण बताती हैं कि वो इसलिए भारतीय लड़कों से शादी करना चाहेंगी, क्योंकि भारतीय बहुत केयरिंग, अच्छे और सम्मान करने वाले होते हैं।


मेरे भाईयों का दिल छोटा मत करना

लड़कियों का जवाब सुन पाकिस्तानी ब्लॉगर थोड़ा सा निराश हो गया। लेकिन उसने हंसते हुए रूसी लड़कियों से कहा कि मेरे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भाइयों, दिल छोटा मत करना।

पाकिस्तानी ब्लॉगर का रूसी लड़कियों के साथ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो देख भारतीय युवक खुश हो रहे हैं और तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं
सोशल मीडिया पर आ रही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं

यह छोटा सा वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। एक्स (ट्विटर) पर अब तक इसे 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और हजारों भारतीय यूजर जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।


एक यूजर ने लिखा, ये भारत की सॉफ्ट पावर की जीत है। रूसी लोग भारतीयों को बहुत पसंद करते हैं। दूसरे ने मजाक में कहा, ऐतिहासिक जीत! अब तो रूस में शादी के प्रस्ताव भेजने पड़ेंगे। एक यूजर ने लिखा, रूस-भारत दोस्ती सिर्फ सरकारों तक नहीं, दिलों तक है।
 पाकिस्तान में 1867 हिंदू मंदिरों में केवल 37 खुले, रिपोर्ट में खुली शहबाज सरकार की पोल

पाकिस्तान में 1867 हिंदू मंदिरों में केवल 37 खुले, रिपोर्ट में खुली शहबाज सरकार की पोल

 पाकिस्तान में 1867 हिंदू मंदिरों में केवल 37 खुले, रिपोर्ट में खुली शहबाज सरकार की पोल



पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की स्थिति चिंताजनक है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 1867 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से केवल 37 ...और पढ़ें





पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों और गुरुद्वारों की दुर्दशा उजागर। (फोटो- एएनआई)


 पाकिस्तान भले दावा करता हो कि वहां पर अल्पसंख्यक पूरी तरीके से सुरक्षित हैं और उनकी भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। लेकिन हाल में आई एक रिपोर्ट में शहबाज सरकार की पोल खुल गई है।


दरअसल, अल्पसंख्यक कॉकस की संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुत एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में 1867 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से केवल 37 ही चालू हैं।
रिपोर्ट ने वास्तविकता को किया उजागर

सामने आए ये आंकड़े एक गंभीर वास्तविकता को उजागर करते हैं। वहीं, पाकिस्तान अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सदियों पुराने पूजा स्थल खराब सरकारी रखरखाव और हिंदू व सिख समुदाय की घटती आबादी के कारण बदतर हो गए हैं।


समिति के पहले सत्र के दौरान संयोजक सीनेटर दानेश कुमार ने संकल्प लिया कि कॉकस अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के संवैधानिक वादों को मूर्त रूप देने का प्रयास करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक संवैधानिक गारंटियों के व्यावहारिक कार्यान्वयन के हकदार हैं और न्याय एवं समानता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल नीतिगत सुधारों की मांग की।

टीपीबी का नेतृत्व किसी गैर-मुस्लिम को सौंपा जाए

बैठक में बोलते हुए डॉ. रमेश कुमार वंकवानी ने मांग की कि ईटीपीबी का नेतृत्व किसी गैर-मुस्लिम को सौंपा जाए। इस दौरान उन्होंने तर्क दिया कि तभी उपेक्षित धार्मिक संपत्तियों का जीर्णोद्धार ईमानदारी से किया जा सकेगा। वहीं, समिति ने इन धरोहर स्थलों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की भी सिफारिश की, जो न केवल धार्मिक महत्व बल्कि पाकिस्तान के बहुसांस्कृतिक अतीत का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
 ट्रंप के दामाद और दूत भी नहीं करवा पाए रूस-यूक्रेन का समझौता, 5 घंटे की मीटिंग के बाद भी नहीं बनी सहमति

ट्रंप के दामाद और दूत भी नहीं करवा पाए रूस-यूक्रेन का समझौता, 5 घंटे की मीटिंग के बाद भी नहीं बनी सहमति

 ट्रंप के दामाद और दूत भी नहीं करवा पाए रूस-यूक्रेन का समझौता, 5 घंटे की मीटिंग के बाद भी नहीं बनी सहमति



रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए डोनल्ड ट्रंप के दूतों ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका। क्र ...और पढ़ें




5 घंटे की मीटिंग के बाद भी नहीं बनी यूक्रेन को लेकर सहमति (फोटो- रॉयटर्स)

 रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रोकने की कोशिश में जुटे डोनल्ड ट्रंप को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। ट्रंप ने शांति प्रस्ताव के लिए अपने दूत को रूस भेजा था। हालांकि, इस बैठक के बाद भी वो बात नहीं बन पाई, जिसके लिए ट्रंप ने अपने दूत भेजे थे, क्योंकि यूक्रेन के इलाकों को लेकर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई।


दरअसल, रूस के क्रेमलिन में यूक्रेन से जारी विवाद को लेकर शांति बैठक आयोजित हुई। बैठक के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दो दूत भेजे थे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ट्रंप के दूतों के बीच करीब पांच घंटे बैठक हुई। इसके बावजूद अमेरिका को यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित शांति समझौते में सफलता नहीं मिली।


ट्रंप के दामाद ने पुतिन से की मुलाकात

क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि पुतिन ने मंगलवार देर रात ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर से मुलाकात की, लेकिन दोनों पक्षों ने केवल अमेरिकी प्रस्तावों की व्यापक रूपरेखा की समीक्षा की और किसी समझौते पर नहीं पहुंचे।

नहीं बनी सहमति

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उशाकोव ने कहा, ' ट्रंप के दूत और पुतिन के बीच हुई चर्चा बहुत उपयोगी, रचनात्मक और ठोस थी, यह बैठक पांच मिनट नहीं, बल्कि पांच घंटे तक चली।' लेकिन इस वार्ता में सहमति नहीं बनी।


बैठक के दौरान पुतिन ने उन चारों प्रस्तावों पर चर्चा की, जिसे अमेरिका की ओर से भेजा गया था। इसमें कुछ बातों पर सहमत हो सके और अपने वार्ताकारों के सामने इसकी पुष्टि की। वहीं, कुछ अन्य बातों की आलोचना हुई।


पुतिन ने ट्रंप को कई महत्वपूर्ण संकेत दिए और व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं, हालांकि, दोनों पक्षों ने मीडिया को विशेष जानकारी न देने पर सहमति व्यक्त की।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

उशाकोव ने यह भी पुष्टि की कि चर्चा में "क्षेत्रीय समस्या" पर भी चर्चा हुई, जो क्रेमलिन द्वारा पूरे डोनबास क्षेत्र पर रूस के दावों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। हालांकि, यूक्रेन अब भी उस क्षेत्र के लगभग 5,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, जिसे रूस अपना बताता है, और लगभग सभी देश डोनबास को यूक्रेन का हिस्सा मानते हैं।


उशाकोव ने कहा,अभी भी वाशिंगटन और मॉस्को दोनों जगह बहुत काम किया जाना बाकी है। इसी पर सहमति बनी है और संपर्क जारी रहेंगे।
 अफगानिस्तान में तालिबानी सजा, 13 साल के बच्चे ने युवक को दी सजा-ए-मौत; देखने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़

अफगानिस्तान में तालिबानी सजा, 13 साल के बच्चे ने युवक को दी सजा-ए-मौत; देखने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़

 अफगानिस्तान में तालिबानी सजा, 13 साल के बच्चे ने युवक को दी सजा-ए-मौत; देखने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़



अफगानिस्तान में तालिबान ने एक खौफनाक सजा दी। एक 13 साल के बच्चे ने 80 हजार लोगों के सामने एक आरोपी को गोली मार दी। आरोपी युवक पर बच्चे के परिवार के सद ...और पढ़ें




अफगानिस्तान में तालिबानी सजा देखने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़ (स्क्रीनग्रैब- 'X')


 अफगानिस्तान से एक दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो सामने आया है। जिसमें 80 हजार लोगों के सामने एक युवक को गोली मारकर सजा दी गई। हैरानी की बात यह है कि यह सजा एक 13 साल के बच्चे ने दी।


दरअसल, सजा पाने वाला युवक पर गोली मारने वाले लड़के के परिवार के लोगों की हत्या का आरोप था। तालिबानी अधिकारियों ने आरोपी की पहचान की। जिसके बाद अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। इसके बाद तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने उसकी फांसी की मंजूरी दी थी।


बच्चे ने किया माफी से इनकार

इसके बाद 13 वर्षीय लड़के से पूछा कि क्या वह दोषी ठहराए गए व्यक्ति को माफ करना चाहता है, इस पर बच्चे ने साफ मना कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से निवासियों को फांसी की सजा देखने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसके लिए बकायदा नोटिस भी जारी किया गया और उसे व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

फांसी देखने पहुंचे हजारों लोग

सार्वजनिक फांसी देखने के लिए स्टेडियम में करीब 80 हजार लोगों की भीड़ जुटी थी। जिसके बाद तालिबानी अधिकारियों ने 13 साल के लड़के के हाथ में एक बंदूक थमा दिया और उसे हत्या करने का निर्देश दिया। कुछ ही देर में बच्चे ने स्टेडियम के अंदर घातक गोलियां चलाकर आरोपी को मौत के घाट उतार दिया।


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्टस के मुताबिक, तालिबान के सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी दिए गए व्यक्ति की पहचान तलाह खान के पुत्र मंगल के रूप में की। मंगल को अब्दुल रहमान की हत्या करने का दोषी पाया गया था।

सजा देने वाली घटना का खौफनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें करीब 80 हजार लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में गोली मारकर सार्वजनिक फांसी दी गई। गोलियों की आवाज के बीच धार्मिक नारे भी सुनाई दे रहे हैं।