अब हमें कोई नहीं रोक सकता...', ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बांग्लादेश में खोली गई पहली मस्जिद

March 30, 2024

 अब हमें कोई नहीं रोक सकता...', ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बांग्लादेश में खोली गई पहली मस्जिद


रमजान के पवित्र माह के दौरान बांग्लादेश के ढाका में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक मस्जिद खोली गई है। ये मस्जिद सरकार द्वारा दान दी गई जमीन पर बनाई गई है। इस मस्जिद के चारों और दीवार है जबकि छत टीन की शेड की है। एक ट्रांसजेंडर ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब कोई भी हमारा मजाक नहीं उड़ा सकता।


ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बांग्लादेश में खोली गई पहली मस्जिद 

 रमजान के पवित्र माह के दौरान बांग्लादेश के ढाका में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक मस्जिद खोली गई है। ब्रह्मपुत्र नदी के मैमनसिंह के पास सरकार द्वारा दान की गई जमीन पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए स्थापित की गई है।

ट्रांसजेंडर समुदाय ने किया फैसले का स्वागत

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, बांग्लादेश के ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों ने नई मस्जिद बनाए जाने और उसमें इबादत करने देने के फैसले का स्वागत किया है। ट्रांसजेंडर समुदाय की नेता जोइता टोनू ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब से कोई भी किसी ट्रांसजेंडर हमारी मस्जिद में प्रार्थना करने से इनकार नहीं कर सकता।


सरकार द्वारा दान दी गई जमीन पर बनी मस्जिद

दरअसल, ये मस्जिद सरकार द्वारा दान दी गई जमीन पर बनाई गई है। इस मस्जिद के चारों और दीवार है, जबकि छत टीन की शेड की है। एक ट्रांसजेंडर ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब कोई भी हमारा मजाक नहीं उड़ा सकता।
ट्रांसजेंडर सोनिया ने जताई खुशी

42 वर्षीय सोनिया ने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में दोबारा किसी मस्जिद में प्रार्थना कर सकूंगी। सोनिया ने बताया कि उसे बचपन से कुरान पढ़ना पसंद था और वह एक इस्लामी मदरसे में पढ़ती थी।


मस्जिद में इबादत करने से रोक दिया गया

सोनिया ने बताया कि जब लोगों को उसके ट्रांसजेंडर होने के बारे में पता चला तो उसे मस्जिद में प्रार्थना करने से रोक दिया गया। सोनिया ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उनसे लोग कहते थे कि वह ट्रांसजेंडर है, इसलिए वह मस्जिद में नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर सिर्फ घर में ही प्रार्थना कर सकते हैं और वह मस्जिदों में न आए हैं।
2013 में मिली थी तीसरे लिंग के रूप में मान्यता

उन्होंने कहा कि यह घटना हमारे लिए शर्मनाक थी, इसलिए हम मस्जिदों में नमाज पढ़ने नहीं गए हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारी भी मस्जिद है और हमें इबादत करने से कोई नहीं रोक सकता है। बता दें कि ट्रांसजेंडर समुदाय बांग्लादेश में बढ़ती कानूनी मान्यता के लाभार्थी रहे हैं। साल 2013 में आधिकारिक तौर पर समुदाय के सदस्यों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी गई थी।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »