47वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी का समापन, - जनजातीय संग्रहालय में भील संस्कृति को दर्शाते जंगल, पशु-पक्षी के चित्र

March 30, 2024

  47वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी का समापन, - जनजातीय संग्रहालय में भील संस्कृति को दर्शाते जंगल, पशु-पक्षी के चित्र

Bhopal News: मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में भील समुदाय की चित्रकार रेसु गणावा के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन हुआ।


Bhopal News: मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में भील समुदाय की चित्रकार रेसु गणावा के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन हुआ। 47वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी को दोपहर 12 से रात आठ बजे तक देखा गया। शलाका चित्र प्रदर्शनी में युवा भीली चित्रकार रेसु गणावा को चित्रों को लगाया गया है।

ग्रामीण वातावरण में गुजरा बचपन
मध्यप्रदेश के जनजातीय बहुल झाबुआ की रेसु गणावा का बचपन जंगल-पहाड़ों से घिरे ग्रामीण वातावरण और प्रकृति के सान्निध्य में गुजरा। गांव में या उसके आसपास कोई स्कूल आदि न होने के कारण शिक्षा से वंचित रहीं। अपने पति के सहयोग और मार्गदर्शन में ही उन्होंने चित्रकला की बारीकियों को जाना-समझा और सीखा।

भीली जातीय संस्कार को उजागर करते चित्र
रेसु गणावा ने बताया की विख्यात भीली चित्रकार पद्मश्री भूरीबाई पारिवारिक रिश्तेदार हैं। उन्होंने चित्रकारी सीखने में मदद की। सफल यात्रा में वे प्रेरित हैं। वर्तमान में वे गांव में रहकर ही चित्रकला कर्म में निरंतर सृजनरत हैं। उनके चित्रों में जंगल, पशु-पक्षी, पर्यावरण के साथ भीली जातीय संस्कार विशेष तौर पर दिखाई देते हैं।

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