कन्नड़ भाषा को लेकर गर्मायी कर्नाटक की सियासत, सिद्दरमैया बोले- सरकार शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नहीं

December 28, 2023

 कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने गुरुवार को साइन बोर्डों पर कन्नड़ भाषा में जानकारी प्रदर्शित करने पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी विरोध कर सकता है लेकिन किसी को भी सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। पत्रकारों के साथ बातचीत में सिद्दरमैया ने कहा कि उन्होंने कन्नड़ साइनबोर्ड के संबंध में नियमों के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।


कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने गुरुवार को साइन बोर्डों पर कन्नड़ भाषा में जानकारी प्रदर्शित करने पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी विरोध कर सकता है, लेकिन किसी को भी सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कानून को हाथ में न लेने की हिदायत दी।

क्या है पूरा मामला?

टीए नारायण गौड़ा गुट वाले कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने बुधवार को उन दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जिन पर कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड, विज्ञापन और नेम प्लेट नहीं लगे हुए थे। कर्नाटक रक्षणा वेदिके कन्नड़ डिस्प्ले के लिए साइनबोर्ड पर 60 फीसद जगह मांग रहा है।

बर्बरता की निंदा करते हुए सिद्दरमैया ने कहा,

हम विरोध प्रदर्शन के विरोधी नहीं हैं। हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले या न्याय की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक

पत्रकारों के साथ बातचीत में सिद्दरमैया ने कहा कि उन्होंने कन्नड़ साइनबोर्ड के संबंध में नियमों के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में राज्य के गृह मंत्री सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने कहा,

कन्नड़ बोर्ड जरूरी है। यह कन्नड़ नाडु है और यहां बोर्ड कन्नड़ में होने चाहिए। हम अन्य भाषाओं के विरोधी नहीं, लेकिन कन्नड़ की प्रधानता होनी चाहिए।

14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए गौड़ा

बेंगलुरु की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कर्नाटक रक्षणा वेदिके के अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा सहित 29 से अधिक कार्यकर्ताओं को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि टीए नारायण गौड़ा सहित अन्य लोगों को बुधवार की बर्बरता के बाद गिरफ्तार किया गया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार कन्नड़ समर्थकों के खिलाफ मामले वापस लिये जाएंगे? इस पर मुख्यमंत्री ने दोहराया कि किसी को भी कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं है।

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