जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप होती है पक्की : विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को दिया संदेश

January 20, 2024

 जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप होती है पक्की : विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को दिया संदेश

जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता उसकी लीडरशिप होती है पक्की

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडवियाजितना संपर्क बढ़ाएंगे, आपको परिस्थितियों के बारे में उतना ही अधिक फीडबैक मिलेगा

जिसका जनसंपर्क नहीं छूटता, लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप पक्की होती है। इसलिए लोगों से खूब मिलिये, जितना संपर्क बढ़ाएंगे, आपको परिस्थितियों के बारे में उतना ही अधिक फीडबैक मिलेगा और आप अपने कार्यों का बेहतर तरीके से संचालन कर सकते हैं। विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को यह संदेश दिया। डॉ. मांडविया ने कहा कि आप सभी अध्ययनशील हो, खूब पढ़ें, जब अपनी बात रखनी हो तो बहुत से संदर्भ दें। इसके लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय परिस्थितियों पर नजर रखें। हमेशा किसी विषय पर बात रखने के लिए उसके संदर्भ में पढ़ी गई चीजों को उद्धृत करें। सबसे ज्यादा आपका जनसंपर्क बढ़िया होना चाहिए, एक अच्छे लीडर का जनसंपर्क शानदार होता है। सोशल मीडिया के उपयोग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया का उपयोग बहुत जरूरी है। इसके माध्यम से आप अपनी बात बहुत से लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचा सकते हैं। योजनाओं की जानकारी की पहुंच का भी यह अच्छा माध्यम है। इसके लिए सोशल मीडिया का खूब उपयोग करें। मंत्री ने कहा कि विधानसभा में आपकी उपस्थिति शत-प्रतिशत होनी चाहिए। इससे विधानसभा में आने वाले सभी मुद्दों की आपको गहरी समझ रहेगी। साथ ही आप विभिन्न वक्ताओं के पक्ष भी इसके माध्यम से जान पाएंगे और किसी भी मुद्दे के बारे में अनेक प्रकार के विचार अथवा अभिव्यक्ति जान सकेंगे।

डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है। हम जितना मेहनत करेंगे, हमारा लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा। हमें सोसायटी को भी मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा। हमारी सोसायटी जितनी मजबूत होगी, हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। हम यदि अपने प्राचीन साहित्य का और इतिहास का अध्ययन करें तो लोकतांत्रिक परंपराएं हमारे इतिहास का गहरा हिस्सा रही हैं। साहित्य और इतिहास के अनेक किस्से हमें बताते हैं कि भारत में लोकतांत्रिक परंपराओं की जड़े बहुत गहरी रही हैं।

डॉ. मांडविया ने विधायकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जितनी रुचि से वे विधानसभा की कार्यवाही में मन लगाएंगे, वे अपने क्षेत्र का उतना ही बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व कर पाएंगे।

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