हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी

April 30, 2024

 हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी


पाकिस्तान के विपक्षी नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की है। नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान उन्होंने कहा किभारत एक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है जबकि हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने आगे पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।

जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की।

महंगाई, बुरी अर्थव्यवस्था, आतंकवाद सहित अन्य कई गंभीर संकट से निपटना शहबाज सरकार के आगे सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, पाकिस्तान की नवनिर्वाचित शहबाज सरकार कई बार कश्मीर राग अलाप चुकी है।
वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार की कोशिश है कि वो भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाएं। इसी बीच पाकिस्तान के विपक्षी नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की प्रशंसा की है।

नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि,"भारत एक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है, जबकि हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?"
सांसदों को बाहरी ताकत चुनती है:मौलाना फजलुर रहमान

उन्होंने आगे पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि ये कौन है उन लोगों का नाम उन्होंने नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने निर्वाचित अधिकारियों को महज कठपुतली बना दिया है। उन्होंने कहा कि दीवारों के पीछे कुछ शक्तियां हैं जो हमें नियंत्रित कर रही हैं और वे निर्णय लेती हैं जबकि हम सिर्फ कठपुतली हैं।

मौलाना फजलुर रहमान ने आगे आरोप लगाया,"सरकारें महलों में बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा।"

मौलाना फजल ने सवाल किया, "कब तक हम समझौता करते रहेंगे? कब तक हम सांसदों को चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे।
हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं: जेयूआई-एफ प्रमुख

उन्होंने 2018 और 2024 दोनों चुनावों में चुनावी धांधली की निंदा की। उन्होंने सवाल किया, ''इस सभा (संसद) में बैठते समय हमारी अंतरात्मा कैसे साफ हो सकती है, क्योंकि हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं हैं।''

इसके अलावा, रहमान ने लोकतांत्रिक अधिकारों के महत्व को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति देने की वकालत की।

वहीं उन्होंने 2 मई और 9 मई को कराची और पेशावर में 'मिलियन मार्च' की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लोगों की बाढ़ को रोका नहीं जा सकता और जो लोग कोशिश करेंगे उन्हें परिणाम भुगतना होगा।

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