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क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

 क्या अब अमेरिका भी करेगा ईरान पर हमला? ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'


Israel-Iran conflict पश्चिमी एशिया में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने तेहरान के लोगों को शहर खाली करने की सलाह दी है। ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


 दुनिया भर की निगाहें एक बार फिर पश्चिमी एशिया पर टिकी हैं। इसके इलाके में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।


उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट किए। ट्रंप ने अपने पोस्ट में तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस ने ऐलान किया कि ट्रंप जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर "कई अहम मामलों" पर ध्यान देने के लिए रवाना हो रहे हैं।

ट्रंप ने अपने बयानों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है। उनके इस रुख ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह तनाव युद्ध की ओर बढ़ सकता है।





'ईरान को डील साइन कर लेनी चाहिए थी'ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "ईरान को वो 'डील' साइन कर लेनी चाहिए थी, जो मैंने उनसे कहा था। इंसानी जिंदगियों का नुकसान का अफसोस है। मैं साफ-साफ कहता हूं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। मैंने बार-बार यही कहा है। सबको तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"



उनके इस बयान ने न सिर्फ ईरान, बल्कि वैश्विक नेताओं के बीच भी खलबली मचा दी है। ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है, जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।




ईरान और अमेरिका के बीच किस डील की बात कर रहे हैं ट्रंप?साल 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ चल रहे ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (GCPOA) से हाथ खींच लिया था। इस डील के तहत ये तय था कि ईरान सैन्य मकसद के लिए परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा।

हालांकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि वह नागरिक हितों के लिए परमाणु कार्यक्रम चला रहा है। लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस बात कर संदेह है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। इसी शक के आधार पर अमेरिका ने ईरान के साथ ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन तोड़ दिया था। इसके साथ ही ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए।




क्या ईरान ने हासिल कर ली परमाणु हथियार की क्षमता?बता दें ईरान ने यूरेनियम संवर्धन के लिए हजारों अपडेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीनें विकसित की हैं और इसके संयंत्र स्थापित किए हैं। जेसीपीओए के तहत, ईरान को केवल 300 किलोग्राम यूरेनियम रखने की इजाजत थी। जानकारी हो कि परमाणु हथियारों के लिए 90% शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम की दरकार होती है।

अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (International Atomic Energy Agency) ने कहा कि मार्च 2025 तक ईरान के पास क़रीब 275 किलोग्राम यूरेनियम था जिसे 60% तक शुद्ध किया गया है। IAEA ने कहा था कि अगर ईरान यूरेनियम को थोड़ा और शुद्ध कर लेगा तो वह करीब आधा दर्जन परमाणु हथियार बनाने के काबिल हो जाएगा। इसी संदेह में अमेरिका और इजरायल ईरान पर हमलावर हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह

डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह

 डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह


कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में ही अमेरिका लौट गए जिससे सबको हैरानी हुई। उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार योजनाओं को छोड़ने की चेतावनी दी और कहा कि इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने रूस को फिर से शामिल करने का सुझाव दिया और चीन को भी शामिल करने की बात कही।

जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए।

कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबको चौंका दिया। दरअसल वह बीच में ही सम्मेलन छोड़कर अमेरिका लौट गए। उन्होंने ऐसा तब किया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है।


जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2014 में रूस को जी-7 से निकालना गलत था, जिससे दुनिया अस्थिर हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन को जी-7 में शामिल करना चाहिए।


पीएम मोदी ने नहीं हो सकी मुलाकातजी-7 में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी कनाडा पहुंचे हैं। इस साल जी-7 की मेजबानी कनाडा कर रहा है। बता दें पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात नहीं हो सकी क्योंकि पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही ट्रंप अमेरिका के लिए रवाना हो चुके थे।

ईरान को ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि उसे तुरंत अपनी परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा छोड़ देनी चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने तेहरान को फौरन खाली करने की सलाह भी दी।

ट्रंप ने ट्रूथ अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "ईरान को अपनी परमाणु योजनाओं पर लगाम लगानी होगी, वरना बहुत देर हो जाएगी।" उन्होंने यह भी जिक्र किया कि ईरानी नेता बातचीत करना चाहते हैं मगर पिछले 60 दिनों में कोई समझौता नहीं हो सका, जिसके बाद इजरायल ने चार दिन पहले ईरान पर हवाई हमले शुरू किए।






जमीन के नीचे बना है ईरान का न्यूक्लियर फैसिलिटी
इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है, मगर ईरान का फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र अभी भी बचा हुआ है। यह केंद्र जमीन के बहुत नीचे बना है, जिसे तबाह करने के लिए इजरायल को अमेरिका की 30,000 पाउंड की जीबीयू-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम की जरूरत पड़ सकती है। यह बम बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से दागा जाता है, जो इजरायल के पास नहीं है।
ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें, हादसे के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा

अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के जवानों ने तेजी से राहत और बचाव कार्य किया। बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए हादसे में एसडीआरएफ कर्मियों ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर जलते हुए लोगों और शवों को बाहर निकाला। एसडीआरएफ की एएसपी शीतल गुजर ने बताया कि टीम ने जोखिम उठाकर नागरिकों और छात्रों को बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

ऑक्सीजन मास्क और हाथों में गीले कपड़े बांधकर निकाली जलती लाशें (फाइल फोटो)


एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) के कर्मियों ने युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया।


जिस बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में विमान हादसाग्रस्त हुआ, वहां एसडीआरएफ के जवान ऑक्सीजन मास्क पहनकर इमारत में घुसे और अपने हाथों पर गीले कपड़े बांधकर जलते हुए लोगों और लाशों को बाहर निकालने का कार्य किया।


SDRF की रही महत्वपूर्ण भूमिकाएसडीआरएफ की एएसपी और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की नोडल अधिकारी शीतल गुजर ने इन कर्मियों की बहादुरी को सराहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने इमारत के अंदर फंसे लोगों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, "हम आक्सीजन मास्क पहनकर अंदर गए। कई लोगों के हाथ और पैर जल गए, लेकिन उन्हें बचाने के लिए हमने अपने हाथों को गीले कपड़ों से बांधकर उन्हें आग से बाहर निकाला।"


काफी अधिक था तापमानगुजर ने कहा कि उस समय अंदर जाना और बचाव कार्य करना उनके लिए बहुत जोखिम भरा था, क्योंकि उस स्थान का तापमान बहुत अधिक था। अग्निशामक विभाग ने हमारी टीम को इमारत के अंदर जाने के लिए व्यवस्था की।


उन्होंने कहा कि हमने छात्रावास के अंदर से नागरिकों और छात्रों को निकाला। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हमने सभी पीडि़तों के शवों को भी बरामद किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आगे होने वाले नुकसान को रोकना एसडीआरएफ की शीर्ष प्राथमिकता है।
विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए

विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए

 विमान हादसे के शिकार 125 लोगों की DNA टेस्ट से शिनाख्त, 64 शव परिजनों को सौंपे गए


अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के 99 पीड़ितों की डीएनए जांच से पहचान हो चुकी है। इनमें से 64 शव जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। रूपाणी उस बोइंग विमान में थे जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि डीएनए मिलान प्रक्रिया में देरी हो रही है।

एअर इंडिया विमान दुर्घटना डीएनए टेस्ट से 125 पीड़ितों की हुई पहचान (फाइल फोटो)


 एअर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाले 125 पीड़ितों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए अब तक हो गई है और इनमें से गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 64 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।


रूपाणी भी एअर इंडिया के उस बोइंग ड्रीमलाइनर विमान एआइ-171 में सवार थे जो 12 जून को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


कुल 275 लोगों की मौतइस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों सहित कुल 275 लोगों की जान गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का शव उनकी पत्नी अंजलि रूपाणी और अन्य परिवार के सदस्यों को शहर के सिविल अस्पताल में सौंपा गया।


उन्होंने बताया कि हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह जल गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने कहा,''अब तक 125 डीएनए टेस्टों का मिलान हो चुका है और इनमें से 64 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।''


परिजनों से अपीलउन्होंने शोक संतप्त परिजनों से अपील की कि वे डीएनए नमूनों के शवों के साथ मिलान की प्रक्रिया में हो रही कुछ देरी को लेकर घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि हम इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।


दिन-रात काम कर रही 54 सदस्यीय DNA विशेषज्ञ टीम

मिड-डे के अनुसार, हादसे के बाद पिछले चार दिनों से फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम मृतकों की शिनाख्त करने करने के लिए दिन-रात डीएनए टेस्ट और उनका मिलान करने के जटिल कार्य में जुटी हुई है।


54 सदस्यीय इस डीएनए विशेषज्ञ टीम में 22 महिला हैं। एफएसएल टीम के अथक प्रयासों की बदौलत, मृतकों के परिजनों को पार्थिव शरीर बिना किसी देरी के सौंपे जा रहे हैं।
सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी

सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी

 सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहे एअर इंडिया के प्लेन की कोलकाता में लैंडिंग, विमान के इंजन में आई खराबी


Air India Flight Kolkata Airport सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उसे कोलकाता में लैंड करना पड़ा। विमान का एक इंजन खराब हो गया था जिसके चलते यात्रियों को विमान से उतारा गया। यह घटना मंगलवार की रात हुई जब फ्लाइट AI180 कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरी। यात्रियों को सुबह 520 बजे विमान से उतरने के लिए कहा गया।

एअर इंडिया के विमान में आई खराबी। फाइल फोटो

सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रहे एअर इंडिया के विमान में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण यात्रियों को कोलकाता में ही प्लेन से नीचे उतारना पड़ा। विमान का एक इंजन खराब हो गया था। ऐसे में प्लेन को कोलकाता एअरपोर्ट पर लैंड करवाया गया और सभी यात्रियों को फ्लाइट से नीचे उतार दिया गया।


आज सुबह हुई घोषणा
यह घटना मंगलवार की है। एअर इंडिया की फ्लाइट AI180 रात 12:45 मिनट पर कोलकाता एअरपोर्ट पर लैंड हुई। हालांकि इंजन में खराबी के कारण विमान ने दोबारा उड़ान भरने में देरी कर दी। आज सुबह 05:20 बजे अनाउंसमेंट करते हुए यात्रियों से नीचे उतरने की गुजारिश की गई। फ्लाइट के कैप्टन ने यात्रियों को बताया कि यह फैसला पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए लिया गया है।

दिल्ली-रांची फ्लाइट में आई थी खराबी

बता दें कि इससे पहले एअर इंडिया के विमान में बीते दिन भी तकनीकी खराबी देखने को मिली थी। दिल्ली से रांची जा रही AI-9695 में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण फ्लाइट को रनवे पर वापस लौटना पड़ा था।


हांगकांग में भी वापस लौटी फ्लाइटइससे पहले सोमवार को ही हांगकांग से दिल्ली जा रही फ्लाइट AI315 में भी तकनीकी खराबी के कारण प्लेन को वापस लौटना पड़ा था। इस प्लेन ने दोपहर 12:16 बजे हांगकांग एअरपोर्ट से उड़ान भरी और 90 मिनट बाद प्लेन दोबारा रनवे पर लैंड हो गया।
 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा

 'फौरन छोड़ें तेहरान', ईरान में दूतावास की भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी, छात्र बोले- हमें भारत की ताकत पर भरोसा


Israel-Iran Conflict पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से स्थिति गंभीर हो गई है। तेहरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने की सलाह दी है। तेहरान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे लगभग 140 भारतीय छात्र धमाकों और फाइटर जेट्स की आवाजों से दहशत में हैं। छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की अपील की है।

भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)


पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस बीच भारतीय दूतावास ने एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि फौरन तेहरान छोड़ दें। सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि तेहरान छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर जाएं।


इस तनाव की चपेट में तेहरान में पढ़ने वाले करीब 140 भारतीय छात्र भी आ गए हैं। ये छात्र तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।




छात्रों ने बयां किया भयावह मंजर


छात्रों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब 3:20 बजे एक जोरदार धमाके की आवाज ने उन्हें दहशत में डाल दिया। एक छात्र ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यहां हालात हर पल बिगड़ते जा रहे थे। सुबह 3:20 बजे के करीब एक जोरदार धमाका हुआ। हमने खिड़कियों से बाहर देखा तो काला धुआं दिखाई दिया। जब हम नीचे गए तो और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।"

उन्होंने आगे कहा, "2-3 घंटे बाद फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट सुनाई दी। हम बहुत डर गए थे। आसमान में ड्रोन भरे हुए थे। शुक्रवार की शाम से अगली सुबह तक लगातार आवाजें आती रहीं। हॉस्टल में पूरी तरह ब्लैकआउट था और हम डर के मारे हॉस्टल के नीचे बैठे रहे।"





'भारत की ताकत पर भरोसा'छात्रों ने बताया कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों ने उनका हौसला बढ़ाया। एक छात्र ने कहा, "हमारी यूनिवर्सिटी बहुत मददगार रही। जैसे ही धमाके हुए, हमारे वाइस-डीन हमसे मिलने आए और हमें तसल्ली दी। शाम तक हमारे डीन भी आए और भरोसा दिलाया कि कुछ नहीं होगा। लेकिन वो रात बहुत खतरनाक थी। अब हमारे दिल में हिम्मत नहीं कि एक और रात यहां गुजारें।”

छात्रों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द निकासी की अपील की है। एक छात्र ने कहा, "हमें भारत की ताकत पर भरोसा है। हम चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए।"
ऑफिस चेयर पर बैठे-बैठे पीठ के निचले हिस्से में बढ़ गया है दर्द? आराम के लिए अपनाएं 5 सिंपल टिप्स

ऑफिस चेयर पर बैठे-बैठे पीठ के निचले हिस्से में बढ़ गया है दर्द? आराम के लिए अपनाएं 5 सिंपल टिप्स

ऑफिस चेयर पर बैठे-बैठे पीठ के निचले हिस्से में बढ़ गया है दर्द? आराम के लिए अपनाएं 5 सिंपल टिप्स

क्या आप भी घंटों ऑफिस चेयर पर बैठकर काम करते हैं और शाम होते-होते पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस करने लगते हैं? अगर हां तो यह कुछ मिनट निकालकर यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने से न केवल हमारी पीठ पर दबाव पड़ता है बल्कि यह हमारे पोस्चर को भी बिगाड़ सकता है।

ऑफिस की लंबी सिटिंग से होने लगा है कमर दर्द? राहत के लिए अपनाएं ये तरीके (Image Source: Freepik)


 क्या आपकी भी कहानी कुछ ऐसी है- सुबह जोश के साथ ऑफिस पहुंचते हैं, अपनी कम्फर्टेबल कुर्सी पर बैठते हैं और काम में ऐसे डूब जाते हैं कि समय का पता ही नहीं चलता? लेकिन जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां आगे बढ़ती हैं, आपके कंधे झुकने लगते हैं, गर्दन अकड़ने लगती है और शाम होते-होते पीठ के निचले हिस्से में एक अजीब-सा, चुभने वाला दर्द शुरू हो जाता है?


अगर हां, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल, यह आज के वर्किंग कल्चर का एक ऐसा 'साइड इफेक्ट' है जिससे लाखों लोग जूझ रहे हैं। लगातार घंटों तक एक ही पोस्चर में बैठे रहना हमारी पीठ के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है। आइए, आपको इस परेशानी से राहत पाने के कुछ तरीके (Office Chair Back Pain Tips) बताते हैं।


सही पोस्चर अपनाएंगलत तरीके से बैठना ही पीठ दर्द का सबसे बड़ा कारण है। अपनी कुर्सी पर सीधा बैठें, कमर को कुर्सी के पिछले हिस्से से सटाकर रखें। अपने कंधों को ढीला छोड़ें और पैरों को जमीन पर सपाट रखें। अगर आपके पैर जमीन पर नहीं पहुंचते, तो फुटरेस्ट का इस्तेमाल करें। अपने कंप्यूटर मॉनिटर को आंखों के स्तर पर रखें ताकि आपको गर्दन झुकाने की जरूरत न पड़े।


हर घंटे लें छोटा ब्रेक



लगातार घंटों तक बैठे रहना आपकी पीठ के लिए जहर समान है। हर 45-60 मिनट में अपनी कुर्सी से उठें और 5-10 मिनट का छोटा ब्रेक लें। इस दौरान आप थोड़ा टहल सकते हैं, पानी पी सकते हैं, या कुछ हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह आपकी मांसपेशियों को आराम देगा और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाएगा।

हल्की स्ट्रेचिंग है मददगार

अपने डेस्क पर ही कुछ हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। अपनी गर्दन, कंधों और पीठ के निचले हिस्से को धीरे-धीरे स्ट्रेच करें। उदाहरण के लिए, अपनी बाहों को ऊपर उठाकर पीठ को पीछे की ओर हल्का मोड़ें या अपनी गर्दन को धीरे-धीरे एक तरफ से दूसरी तरफ घुमाएं। ये स्ट्रेचिंग आपकी मांसपेशियों को ढीला करने और दर्द को कम करने में मदद करेंगी।


पानी खूब पिएंपर्याप्त पानी पीना न केवल आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा है, बल्कि यह आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए भी जरूरी है। बता दें, हमारी रीढ़ की हड्डियों के बीच डिस्क होती हैं जो शॉक एब्जॉर्बर का काम करती हैं। ऐसे में, हाइड्रेटेड रहने से ये डिस्क हेल्दी रहती हैं और बेहतर तरीके से काम करती हैं, जिससे पीठ दर्द का खतरा कम होता है।


सही चेयर चुनेंअगर आप लंबे समय तक ऑफिस में बैठते हैं, तो एक अच्छी एर्गोनोमिक चेयर (जो आपकी शारीरिक बनावट के अनुसार एडजस्ट हो सके) चुनना बेहद जरूरी है। ये कुर्सियां आपकी पीठ को सही सपोर्ट देती हैं और आपको सही पोस्चर बनाए रखने में मदद करती हैं।