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राजौरी ब्लास्ट के 2 आतंकियों का पहलगाम हमले से कनेक्शन? NIA दोनों से पूछताछ कर जुटा रही सबूत

राजौरी ब्लास्ट के 2 आतंकियों का पहलगाम हमले से कनेक्शन? NIA दोनों से पूछताछ कर जुटा रही सबूत

राजौरी ब्लास्ट के 2 आतंकियों का पहलगाम हमले से कनेक्शन? NIA दोनों से पूछताछ कर जुटा रही सबूत

पहलगाम हमले के आतंकियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इस हमले की जांच NIA के हाथों में है। ऐसे में NIA 2023 के राजौरी बम ब्लास्ट के आतंकियों से पूछताछ कर रही है। NIA को शक है कि पहलगाम हमले में इन दोनों आतंकियों का भी हाथ हो सकता है। NIA की शुरुआती जांच की मानें तो पहलगाम हमले में 5-7 आतंकियों के होने की संभावना है।


पहलगाम आतंकी हमले की NIA कर रही है जांच। फाइल फोटो

 पहलगाम हमले के बाद जम्मू कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबलों की नजर है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने इस आतंकी हमले की जांच अपने हाथों में ले ली है। इसी कड़ी में NIA 2023 के राजौरी ब्लास्ट में शामिल 2 आतंकियों से पूछताछ कर रही है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA को शक है कि राजौरी ब्लास्ट को अंजाम देने वाले दोनों आतंकियों का भी पहलगाम हमले में हाथ हो सकता है। NIA ने दोनों से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं।


राजौरी बम धमाका


2023 में जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए IED ब्लास्ट के बाद से ही यह दोनों आतंकी NIA के कब्जे में हैं। दोनों आतंकियों ने मिलकर इस बम ब्लास्ट को अंजाम दिया था। इस हमले में 2 बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल थे।


NIA को है शकराजौरी ब्लास्ट को अंजाम देने वाले दोनों आतंकियों के नाम मुश्ताक और निसार है। NIA को शक है कि पहलगाम हमले में भी दोनों की अहम भूमिका हो सकती है। इसी सिलसिले में NIA दोनों आतंकियों से पूछताछ करके सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।

NIA कर रही है जांच

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद NIA ने 27 अप्रैल को शिकायत दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। इसी कड़ी में NIA कई प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित परिवारों के बयान लेकर आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने की जद्दोजहद में जुटी है। NIA महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों में पहलगाम हमले के पीड़ितों से बात कर चुकी है।


5-7 आतंकियों के होने की आशंकाNIA की शुरुआती जांच में संदेह है कि पहलगाम हमले में 5-7 आतंकी शामिल थे। इसके अलावा 2 स्थानीय लोगों ने भी इस हमले को अंजाम देने में आतंकियों की मदद की। इन स्थानीय मददगारों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण मिला था। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
घबराहट में भारतीय अधिकारियों के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा पाकिस्तान, भारत ने यूं दिया जवाब

घबराहट में भारतीय अधिकारियों के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा पाकिस्तान, भारत ने यूं दिया जवाब

घबराहट में भारतीय अधिकारियों के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा पाकिस्तान, भारत ने यूं दिया जवाब

वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी ढारकर के बारे में फर्जी खबर फैलाई गई कि उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इन्कार करने के कारण पद से बर्खास्त कर दिया गया। जबकि उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया और इस साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने वायुसेना के अगले उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला।


आईएसआई से जुड़े कुछ ट्रोल नेटवर्क फैला रहे झूठ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पहलगाम में नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सीमा पार मीडिया चैनलों और आईएसआई से जुड़े कुछ 'ट्रोल नेटवर्क' ने भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाते हुए फेक न्यूज प्रोपेगेंडा शुरू किया है।


उन्होंने यह झूठा नैरेटिव गढ़ने का कुत्सित प्रयास किया है कि पहलगाम हमले में कथित चूक के लिए शीर्ष भारतीय अधिकारियों को दंडित किया गया है। हालांकि इसके बाद, भारत की ओर से इस आरोप का जोरदार खंडन किया गया है।


दुष्प्रचार कर रहा पाकिस्तानएक भारतीय सरकारी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान का हालिया फेक न्यूज प्रोपेगेंडा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के संयमित, लेकिन दृढ़ रुख के सामने उसकी हताशा का प्रमाण है। पारदर्शिता, पेशेवर ईमानदारी और संवैधानिक निगरानी में दृढ़ भारतीय सशस्त्र बल इस कुत्सित प्रयास से विचलित नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए भारतीय साइबर निगरानीकर्ताओं और प्रतिष्ठानों ने त्वरित तथ्य-जांच का सहारा लिया है, ताकि शीघ्र खंडन जारी किया जा सके, पाकिस्तान-आधारित पोस्ट, चैनल एवं अकाउंट्स को ब्लाक किया जा सके और सशस्त्र बलों की मिशन-तैयारी के बारे में अफवाहों को खारिज किया जा सके।


झूठ फैलाने की कोशिश विफलकुछ पाकिस्तानी चैनलों और ट्रोल नेटवर्क ने आरोप लगाया कि रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को कथित चूक के बाद बर्खास्त कर दिया गया और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के काला पानी में निर्वासित कर दिया गया। जबकि, लेफ्टिनेंट जनरल राणा को अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदोन्नत किया गया था।

इसी तरह, पाकिस्तान स्थित कुछ इंटरनेट मीडिया हैंडल ने आरोप लगाया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को पहलगाम हमले से जुड़ी विफलताओं के कारण सेना की उत्तरी कमान से बाहर कर दिया गया। जबकि, लेफ्टिनेंट जनरल कुमार चार दशकों की विशिष्ट सेवा के बाद 30 अप्रैल, 2025 को सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त हो चुके थे।कमान में बदलाव की सूचना काफी पहले ही दे दी गई थी।
 ब्राम्हण समाज ने किया है ज्ञान और संस्कार देने का कार्य – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

ब्राम्हण समाज ने किया है ज्ञान और संस्कार देने का कार्य – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

 ब्राम्हण समाज ने किया है ज्ञान और संस्कार देने का कार्य – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के डंगनिया में भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान परशुराम मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ब्राम्हण समाज ने सदैव समाज को ज्ञान और संस्कार देने का कार्य किया है। उन्होंने भगवान परशुराम जन्मोत्सव की सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के छठवें अवतार हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है और प्रभु श्रीराम हमारे भाँचा हैं। रामलला मंदिर निर्माण छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए गौरव और आस्था का विषय है। ‘श्रीरामलला दर्शन योजना’ के अंतर्गत अब तक 22,000 श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना भी प्रारंभ की गई है, जिसमें श्रद्धालु सरकारी व्यय पर विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है और 44 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है। नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। हमारी सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त कराने का संकल्प लिया है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने विकास के लिए एक सशक्त ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार किया है और नई औद्योगिक नीति लागू की गई है। डिजिटलीकरण के माध्यम से भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है, और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘2047 तक विकसित भारत’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, हम ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में ब्राम्हण समाज की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने डेढ़ वर्ष के अल्पकाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को धरातल पर उतारा है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर देने की बात हो या किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य दिलाना—हमने हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया है। बस्तर और सरगुजा में जनजातीय समाज के लिए 5500 रुपये प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में प्रक्रियाओं, संस्थाओं और क्रियाओं के शुद्धिकरण का कार्य जारी है। राज्य निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। कौशल उन्नयन, पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। पीएससी में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच चल रही है, और कई दोषी जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समाज एक प्रगतिशील समाज है, जिसने हमेशा विमर्श और विचारों का स्वागत किया है।

इस अवसर पर महंत श्री वेदप्रकाशाचार्य, विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, श्री सुशांत शुक्ला, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे, बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, साहित्य अकादमी अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, श्रीमती सुमन अशोक पांडेय, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील ब्राम्हण समाज अध्यक्ष श्री शिवांजल शिव गोविंद शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 03 मई को करेंगे पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 03 मई को करेंगे पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ

 मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 03 मई को करेंगे पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ

मेसर्स रैक बैंक के एआई डाटा सेंटर का होगा शिलान्यास

मेसर्स रैक बैंक के एआई डाटा सेंटर का होगा शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 3 मई को नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की नवाचार आधारित 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ और मेसर्स रैक बैंक द्वारा प्रस्तावित अत्याधुनिक एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास भी करेंगे। यह कार्यक्रम राज्य के डिजिटल बुनियादी ढ़ांचे को सुदृढ़ बनाने और आम नागरिकों को पारदर्शी, सरल तथा तकनीकी सुलभ सेवाएं प्रदान करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम होगा।  

पंजीयन विभाग द्वारा आम नागरिकों की सुविधा, पारदर्शिता और दस्तावेजों की सुरक्षा के उद्देश्य से पंजीयन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और सरल बनाया गया है। इन सुविधाओं में आधार आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड, कैशलेस भुगतान, डिजीलॉकर, व्हाट्सएप नोटिफिकेशन, घर बैठे रजिस्ट्री, डिजीडॉक्यूमेंट, स्वतः नामांतरण जैसी तकनीकी सेवाएं शामिल हैं। इन सुविधाओं से रजिस्ट्री प्रक्रिया, पेपरलेस सुरक्षित और नागरिकों के लिए सहज हो सकेगी। अब आम नागरिक रजिस्ट्री से जुड़ी सेवाएं घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे, जिससे समय, श्रम और धन की बचत होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिस एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास किया जाएगा, वह नवा रायपुर के सेक्टर 22 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 5 मेगावॉट क्षमता का यह केंद्र पर्यावरण संरक्षण मानकों का पालन करते हुए सौर ऊर्जा आधारित होगा तथा भविष्य में इसकी क्षमता 150 मेगावॉट तक विस्तार की जा सकेगी। लगभग 1000 करोड़ के निवेश वाली इस परियोजना से 500 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह इकाई राज्य की औद्योगिक नीति वर्ष 2024-30 के तहत एंकर यूनिट के रूप में विकसित होगी। इसके साथ ही राज्य में आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेटा सेवाओं से जुड़े एक नए इको-सिस्टम के विकास की नींव रखी जाएगी।

 समस्याओं का त्वरित समाधान

समस्याओं का त्वरित समाधान

 समस्याओं का त्वरित समाधान




ग्राम खुझी की महिलाओं के सपने हुए साकार

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के शासन में आम जनता के समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सुशासन तिहार संचालित की जा रही है। सुशासन तिहार के माध्यम से सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के सुदूर ग्राम खुझी में ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांगों का समाधान हुआ है। इससे गाँव में उत्साह और खुशी का माहौल है।

शौचालय निर्माण की स्वीकृति से मिली गरिमा
ग्राम खुझी की नवविवाहित बहू श्रीमती सबिता ने बताया कि उनके घर में शौचालय न होने से उन्हें काफी असुविधा होती थी। सुशासन तिहार में उन्होंने समाधान पेटी के माध्यम से अपनी समस्या को लेकर आवेदन किया। जिला प्रशासन की संवेदनशीलता की वजह से महज 18 दिनों में सर्वे कराया गया और पात्र पाए जाने पर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ द्वारा उन्हें शौचालय निर्माण के लिए पात्रता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। सबिता ने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार जताते हुए कहा, शासन की पहल ने महिलाओं की गरिमा और स्वास्थ्य के लिए एक सशक्त कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से सपना होगा साकार
खुझी ग्राम की ही श्रीमती श्याम पति ने सुशासन तिहार के पहले चरण में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था। उनका कच्चा मकान बारिश में उनके परिवार के लिए असुरक्षित हो जाता था। उनके आवेदन पर त्वरित प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे और स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। जिससे अब उन्हें जल्द ही पक्का मकान मिलने जा रहा है। श्याम पति ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री जी की संवेदनशीलता और सुशासन तिहार ने हमारा सपना पूरा कर दिया।

सुशासन तिहारः जनता और सरकार के बीच सेतु
यह अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आम नागरिकों की बुनियादी समस्याओं के समाधान का माध्यम बन गया है। पारदर्शिता, सहभागिता और त्वरित समाधान की इस पहल से नागरिकों में विश्वास जागी है।
बकरी पालन बना आर्थिक सशक्तिकरण का आधार

बकरी पालन बना आर्थिक सशक्तिकरण का आधार

 बकरी पालन बना आर्थिक सशक्तिकरण का आधार

बकरी पालन से किसान अब आत्मनिर्भरता की ओर कदम

अफ्रीकन बोयर नस्ल से कृत्रिम गर्भाधान का नवाचार

अफ्रीकन बोयर नस्ल से कृत्रिम गर्भाधान का नवाचार

किसानों को मिलेगा अतिरिक्त आर्थिक आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और गरीब किसानों की आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से बकरी पालन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रशासन ने अभिनव पहल की है। अब जिले में जल्द ही अफ्रीकन नस्ल ’बोयर’ के बकरा-बकरी नजर आएंगे, जिनका वजन स्थानीय नस्ल की तुलना में तीन से चार गुना अधिक होगा है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम मिलेगा। बकरी पालन आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे किसानों के लिए ’एटीएम’ की तरह कार्य करता है। इसे पालना आसान होता है और जरूरत पड़ने पर बेचकर तत्काल नकद आय अर्जित की जा सकती है। स्थानीय नस्ल के बकरों का अधिकतम वजन 20 से 25 किलोग्राम तक होता है, लेकिन अब कृत्रिम गर्भाधान से अफ्रीकन बोयर जैसे भारी भरकम नस्ल के बकरा-बकरी पालने की सुविधा उपलब्ध होगी, जिनका वजन 80 से 100 किलो तक होता है।

प्रशासन की  नवाचार पहल से मिलेगी आर्थिक मजबूती
कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर पशुपालन विभाग द्वारा 7800 सीमेन डोज मंगवाए गए हैं, जिनमें भारतीय नस्ल जमुनापारी, सिरोही, बारबरी के साथ पहली बार अफ्रीकन बोयर नस्ल के सीमेन भी शामिल हैं। ये सीमेन उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड, ऋषिकेश के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं। इस योजना में जिला पशु रोगी कल्याण समिति से भी आर्थिक सहयोग मिला है।

 वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सी.के. मिश्रा ने बताया कि, यह पहली बार है जब अफ्रीकन बोयर नस्ल का सीमेन सरगुजा में उपलब्ध कराया गया है। सफेद रंग की इस नस्ल का गला और सिंग तक का भाग कत्थई रंग का होता है। वजन अधिक होने के कारण बकरी पालन से ग्रामीणों को लाभ भी अधिक मिलेगा।

सफल नवाचार का सरगुजा जिले के हर ब्लॉक में होगा विस्तार
छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे पहले सूरजपुर और सरगुजा जिले में बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत की गई थी। अब इस नवाचार को मिली सफलता के बाद सरगुजा जिले के सभी विकासखंडों में इसे लागू कर दिया गया है। इससे ग्रामीणों को बेहतर नस्ल की बकरी पालने और उससे अधिक आय प्राप्त होने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बकरी पालन से किसान अब आत्मनिर्भरता की ओर कदम
यह पहल न केवल ग्रामीणों को अतिरिक्त आय प्रदान करेंगे, जिससे बकरी पालक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे। प्रशासन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयास से अब बकरी पालन सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि समृद्धि का जरिया बनता जा रहा है।

 मधुमेह बीमारी के प्रति जागरूकता अभियान को राज्यपाल श्री डेका ने दिखाई हरी झंडी

मधुमेह बीमारी के प्रति जागरूकता अभियान को राज्यपाल श्री डेका ने दिखाई हरी झंडी

 मधुमेह बीमारी के प्रति जागरूकता अभियान को राज्यपाल श्री डेका ने दिखाई हरी झंडी

राज्यपाल श्री रमेन डेका

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज किशोर मधुमेह यानी टाइप-1 डायबिटीज के प्रति किशोरो में जागरूकता फैलाने निकली गुजरात की दो बहनेंकृडॉ. स्मिता जोशी और डॉ. शुक्लाबेन रावल की सेल्फ कार ड्राइव जनजागरूकता यात्रा को राजभवन परिसर से हरी झंडी दिखाकर आगे रवाना किया। श्री डेका ने इस सामाजिक पहल की सराहना की और दोनों चिकित्सकों को शुभकामनाएं दीं।

 डॉ. स्मिता जोशी और डॉ. शुक्लाबेन रावल ने बताया कि वे वर्ष 2018 से भारत में मधुमेह टाइप-1 से पीड़ित बच्चों के हित में कार्य कर रही हैं। उनका उद्देश्य है कि हर ज़िले के शासकीय अस्पताल में एनसीडी क्लिनिक की तर्ज़ पर टाइप-1 डायबिटीज़ के लिए समर्पित क्लिनिक की स्थापना हो।

 इस क्रम में उन्होंने 20 अप्रैल 2025 को गुजरात से अपनी जागरूकता यात्रा प्रारंभ की, जो अब तक राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और  अब छत्तीसगढ़ तक पहुँच चुकी है। यह अभियान कुल 12 राज्यों में संचालित किया जा रहा है।

 राज्यपाल श्री डेका से मुलाक़ात के दौरान दोनों बहनों ने उन्हें अभियान की विस्तृत जानकारी दी और भविष्य में राज्यों के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की दिशा में अपने प्रयासों को साझा किया।