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Pregnancy में आ रही है मुश्किल? न हों परेशान; आपके मां बनने का सपना पूरा करेंगे 3 योगासन

Pregnancy में आ रही है मुश्किल? न हों परेशान; आपके मां बनने का सपना पूरा करेंगे 3 योगासन

Pregnancy में आ रही है मुश्किल? न हों परेशान; आपके मां बनने का सपना पूरा करेंगे 3 योगासन

योग न केवल हमारी मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रखते हैं बल्कि ये हमारी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का हल भी करते हैं। गर्भधारण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर और मन दोनों का संतुलन जरूरी है। योग एक ऐसा माध्यम है जो आपको सेहत भी रखता है। ये कंसीव करने में भी मददगार साब‍ित हो सकता है।

कंसीव करने में मदद करेंगे ये योगासन। (Image Credit- Freepik)

 मां बनने का सपना भला क‍िसका नहीं होता है। ये एक ऐसी एहसास है ज‍िसकी खुशी को बयां करने के ल‍िए शब्‍द नहीं पूरे पड़ते हैं। हालांक‍ि गलत खानपान और सही लाइफस्‍टाइल न होने से महिलाओं में फर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कई कारण हो सकते हैं।


आजकल महिलाओं को बेबी प्लानिंग के बाद भी कंसीव करने में कई द‍िक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। कई मह‍िलाएं कंसीव करने के ल‍िए दवाओं का सहारा लेती हैं ज‍िसमें आपको लाखों खर्च करने पड़ते हैं। वहीं कुछ मह‍िलाएं प्राकृत‍िक चीजों पर न‍िर्भर रहती हैं। ऐसे में सभी द‍िक्‍कतों का समाधान योग के पास होता है।

योग Fertility सुधारने और कंसीव करने में फायदेमंद साब‍ित हो सकता है। ऐसे कई आसन हैं जो कंसीव करने में मददगार साब‍ित हो सकते हैं। ये एग्स की क्‍वाल‍िटी को सुधारते हैं। साथ ही Ovary को भी हेल्‍दी बनाते हैं। दरअसल, गर्भधारण के ल‍िए ओवरी का स्‍वस्‍थ हाेना बेहद जरूरी होता है। आइए उन योगासनों के बारे में व‍िस्‍तार से जानते हैं-


बद्धकोणासन (Butterfly Pose)


यह बेहद आसान योगासन है लेक‍िन इसे कंसीव करने के ल‍िए बेहद प्रभावी माना जाता है। ये पेल्विक एरिया (जांघों और प्रजनन अंगों के पास की मांसपेशियों) में ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह पीर‍ियड्स को नियमित करने में मदद करता है और Womb या Uterus को भी मजबूत बनाता है।


कैसे करेंदोनों पैरों के तलवे मिलाकर बैठें।
घुटनों को बाहर की ओर फैलाएं और तितली जैसे पंख फड़फड़ाएं।
ये आसन रोजाना 5 से 10 मिनट के ल‍िए करें।
सेतु बंधासन (Bridge Pose)यह योगासन थायरॉइड ग्‍लैंड को एक्‍ट‍िव करने में मददगार है। इससे हार्मोन संतुलित रहते हैं। यह गर्भाशय और अंडाशय में ब्‍लड फ्लो बढ़ाता है। इससे कंसीव करने में मदद म‍िलती है।

कैसे करेंइसे करने के ल‍िए पीठ के बल लेट जाएं।
अब घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें।
सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं और हाथों को नीचे से जोड़ लें।
कुछ सेकंड रोकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।
ये प्रक्र‍िया चार से पांच बार दोहराएं।
बालासन (Child Pose)यह आसन तनाव कम करने में मददगार है। इसे करने से मानसिक शांति म‍िलती है। ये कंसीव करने में बहुत जरूरी है।


कैसे करेंघुटनों के बल बैठें और माथे को जमीन पर टिकाएं।
दोनों हाथ आगे फैलाएं और आराम से सांस लें।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें।
इन बातों का भी रखें ध्यानअगर आप कंसीव करने के बारे में सोच रही हैं तो ब‍िल्‍कुल भी तनाव न लें। तनाव हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ देता है। योग और मेडिटेशन से राहत मिलती है।
इसके अलावा सात से आठ घंटे की नींद भी जरूरी है। कम नींद से हार्मोनल गड़बड़ी हो सकती है।
आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर डाइट लें।
कैफीन और जंक फूड से दूरी बनाना ही बेहतर है।
छोटी-छोटी बातें भूलना हो सकता है Brain Fog का संकेत, इन तरीकों से रखें अपने दिमाग को हेल्दी

छोटी-छोटी बातें भूलना हो सकता है Brain Fog का संकेत, इन तरीकों से रखें अपने दिमाग को हेल्दी

छोटी-छोटी बातें भूलना हो सकता है Brain Fog का संकेत, इन तरीकों से रखें अपने दिमाग को हेल्दी

छोटी-छोटी बातें भूलने क्लीयर न सोच पाना डिसिजन लेने में परेशानी...क्या आपको भी खुद में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं? अगर हां तो हो सकता है कि आप ब्रेन फॉग (Brain Fog) का शिकार हो गए हों। यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन एक ऐसी दिमागी कंडिशन है जो आपके रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर सकती है। आइए जानें इसके लक्षण (Brain Fog Symptoms) और बचाव के तरीके।


इन लक्षणों से करें Brain Fog की पहचान (Picture Courtesy: Freepik)

HIGHLIGHTSBrain Fog की वजह से व्यक्ति छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है
दिमागी थकान ब्रेन फॉग का सबसे कॉमन कारण है
इससे बचने के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल जरूरी है
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारी लाइफस्टाइल इतनी बिजी हो चुकी है कि हमारे पास खुद के लिए भी समय निकालने का वक्त नहीं है। इसके कारण दिमाग को रेस्ट नहीं मिल पाता है और ब्रेन फॉग (Brain Fog) जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आइए जानते हैं ब्रेन फॉग होता क्या है (Brain Fog Symptoms) और इससे कैसे बचा (Brain Fog Prevention Tips) जा सकता है।


ब्रेन फॉग क्या होता है? (What is Brain Fog?)
ब्रेन फॉग (Brain Fog) कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक कंडिशन है, जिसमें व्यक्ति को सोचने, समझने, याद रखने और किसी चीज पर ध्यान फोकस करने में दिक्कत होती है। यह समस्या मानसिक थकान, स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल या कुछ बीमारियों के कारण हो सकती है। ब्रेन फॉग होने पर व्यक्ति को रोजमर्रा के काम करने में भी असुविधा महसूस होती है।


ब्रेन फॉग के लक्षण (Brain Fog Symptoms)ब्रेन फॉग के लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण ऐसे होते हैं-

याददाश्त कमजोर होना- छोटी-छोटी बातें भूल जाना, जैसे चाबी रखकर भूल जाना या किसी का नाम याद न आना।
फोकस की कमी- किसी भी काम पर फोकस न कर पाना, बार-बार ध्यान भटकना।
मानसिक थकान- दिमागी रूप से सुस्त महसूस करना, हर समय आलस आना।
क्लीयर सोचने में दिक्कत- विचारों का क्लीयर न होना, फैसले लेने में परेशानी होना।
भाषा से जुड़ी समस्याएं- शब्द याद न आना या बोलते समय जटिलता महसूस होना।
मूड स्विंग्स- चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस या उदासी महसूस करना।


ब्रेन फॉग के कारण (Brain Fog Causes)ब्रेन फॉग कई कारणों से हो सकता है, जैसे-

स्ट्रेस और एंग्जायटी- लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो दिमाग की काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
नींद की कमी- पूरी नींद न लेने से दिमाग को आराम नहीं मिलता, जिससे ब्रेन फॉग हो सकता है।
खराब डाइट- विटामिन-बी12, विटामिन-डी, ओमेगा-3 और आयरन की कमी से दिमागी कमजोरी होती है।
डिहाइड्रेशन- पानी की कमी से दिमाग सुस्त हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन- थायरॉइड या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव से ब्रेन फॉग हो सकता है।
कुछ दवाएं- एंटीडिप्रेसेंट्स या ब्लड प्रेशर की दवाओं के साइड इफेक्ट से भी यह समस्या हो सकती है।
क्रोनिक बीमारियां- डायबिटीज, फाइब्रोमायल्जिया या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी ब्रेन फॉग का कारण बन सकते हैं।
ब्रेन फॉग से बचने के उपाय (Brain Fog Prevention Tips)
हेल्दी डाइट लेंओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली, अखरोट, फ्लैक्ससीड) दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स (ब्लूबेरी, डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियां) दिमागी सेहत को बेहतर बनाते हैं।
प्रोटीन और हेल्दी फैट्स (अंडे, नट्स, एवोकाडो) लें।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि ये दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं।
पूरी नींद लेंरोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।
स्ट्रेस कम करेंमेडिटेशन और योग करने से मन शांत रहता है।
गहरी सांस लेने के एक्सरसाइज (डीप ब्रीदिंग) से स्ट्रेस कम होता है।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएंरोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज या वॉक करने से दिमाग तेज होता है।
हाइड्रेटेड रहेंदिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं।
दिमागी एक्सरसाइज करेंपजल्स सॉल्व करना, नई भाषा सीखना या पढ़ने की आदत डालने से दिमाग तेज होता है।
डॉक्टर से सलाह लेंयदि ब्रेन फॉग लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
कहीं आप भी तो गलत तरीके से नहीं ले रहे सांस? हो जाएं सावधान! द‍िमाग पर पड़ता है सीधा असर

कहीं आप भी तो गलत तरीके से नहीं ले रहे सांस? हो जाएं सावधान! द‍िमाग पर पड़ता है सीधा असर

कहीं आप भी तो गलत तरीके से नहीं ले रहे सांस? हो जाएं सावधान! द‍िमाग पर पड़ता है सीधा असर

आजकल की भाग दौड़ भरी ज‍िंदगी में लोग कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से जूझ रहे हैं। कई बार सही तरीके से सांस न लेने पर भी आपको कई समस्याएं हो सकती हैं। आपने देखा होगा क‍ि कई लोग नाक से तो कुछ लोग मुंह से सांस लेते हैं। आपका ये तरीका आपके हेल्‍थ की ओर इशारा करता है। आइए जानते ह‍ैं इनके फायदे और नुकसान-

हमेशा सही तरीके से ही सांस लेना चाह‍िए। (Image Credit- Freepik)

 सांस लेने का तरीका भी हमारे स्‍वस्‍थ और बीमार होने का संकेत देता है। बचपन से घरों में भी बताया गया है और स्‍कूलों में पढ़ाया गया है क‍ि सांस हमेशा नाक से ही लेना चाह‍िए। हालांक‍ि दुन‍िया में कई तरह के लोग रहते हैं, उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो मुंह से सांस लेते हैं। सांस लेना तो प्राकृत‍ि की देन है। अगर सांसें बंद हुई तो ज‍िंदगी भी खत्‍म। अगर आप भी गलत तरीके से सांस ले रहे हैं तो ये आपके अनहेल्‍दी होने की ओर इशारा कर रहा है।


आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे क‍ि नाक से सांस लेना क्‍यों बेहतर है। साथ ही ये भी जानेंगे क‍ि मुंह से सांस लेने के क्‍या नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-


नाक से सांस लेने के फायदेनाक में छोटे-छोटे बाल और म्यूकस (चिपचिपा पदार्थ) मौजूद होते हैं। ये धूल, धुएं और बैक्टीरिया जैसे जहरीले तत्वों को फिल्टर कर देते हैं। इसके अलावा नाक से अंदर आने वाली हवा शरीर के तापमान के अनुसार गर्म हो जाती है, जिससे फेफड़ों को कोई झटका नहीं लगता है।
अगर आप नाक से सांस लेते हैं तो नाइट्रिक ऑक्साइड नाम की गैस बनती है। ये इम्‍युन‍िटी को मजबूत बनाती है। इससे शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है।
नाक से गहरी और सही तरीके से ली गई सांस पेट की कार्यक्षमता को भी सुधारती है। इससे भोजन अच्छे से पचता है और पेट की समस्याएं कम होती हैं।
जो लोग नाक से सांस लेते हैं, उनकी नींद की गुणवत्ता बेहतर रहती है। वहीं, मुंह से सांस लेने वालों को खर्राटे आने और नींद में बार-बार जागने की समस्या हो सकती है।यह भी पढ़ें: कमजोर फेफड़ों के कारण हो सकता है सांस लेना दूभर, Healthy Lungs के लिए करें 5 योगासन


मुंह से सांस लेने के नुकसानमुंह से सांस लेने पर मुंह और गला दोनाें सूख जाते हैं, जिससे इन्फेक्शन और खराश की समस्या बढ़ जाती है।
लगातार मुंह से सांस लेने की आदत से दांतों और मसूड़ों की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
मुंह से सांस लेने पर शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इस कारण थकान जल्दी महसूस होती है और दिमाग की एकाग्रता भी कमजोर होती है।
अगर कोई बचपन से लगातार मुंह से सांस ले रहा है तो उसकी चेहरे की बनावट पर भी असर पड़ सकता है। जबड़ा सही तरह से विकसित नहीं होता और दांत टेढ़े-मेढ़े हो सकते हैं।
अगर कोई लंबे समय तक मुंह से सांस लेता है तो उनके चेहरे की हड्डियां प्रभावित होती हैं।
मुंह से सांस लेने से सिरदर्द के साथ-साथ चेहरे की मांसपेशियों और गर्दन में दर्द का खतरा बढ़ सकता है।
सोते समय मुंह से सांस लेने पर मुंह को नम रखने वाली लार सूख जाती है। इससे सांसों में बदबू आती है।
इन ट‍िप्‍स से सही तरीके से लें सांससोते समय मुंह बंद रखने की कोशिश करें।
दिनभर ध्यान दें कि आप नाक से ही सांस ले रहे हैं।
अगर नाक बंद रहती है तो डॉक्टर से सलाह लें और इलाज कराएं।
योग और प्राणायाम से भी सांस लेने की क्षमता बेहतर होती है।
वेट लॉस से लेकर त्वचा की चमक बढ़ाने तक, एक दो नहीं बल्कि कई मामलों में फायदेमंद है गुलाब की चाय

वेट लॉस से लेकर त्वचा की चमक बढ़ाने तक, एक दो नहीं बल्कि कई मामलों में फायदेमंद है गुलाब की चाय

वेट लॉस से लेकर त्वचा की चमक बढ़ाने तक, एक दो नहीं बल्कि कई मामलों में फायदेमंद है गुलाब की चाय

गुलाब की चाय एक स्वादिष्ट और हेल्‍दी ड्र‍िंक है। ये न केवल शरीर को स्वस्थ रखती है बल्कि मन को भी शांत करती है। यह एक नेचुरल तरीका है जिससे आप बिना किसी साइड इफेक्ट के कई फायदे पा सकते हैं। अगर आप अपनी डेली लाइफ में कुछ हेल्दी शामिल करना चाहते हैं तो गुलाब की चाय एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

गुलाब की चाय पीने के फायदे। (Image Credit- Freepik)


 सेहतमंद रहने के लिए हम तरह-तरह के उपाय करते हैं। हमारे किचन से लेकर बाग बगीचे तक, ऐसी कई चीजें हैं जो हमें तंदुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। गुलाब भी उन्हीं में से एक है। ये फूल सिर्फ सुंदरता का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं।


आप चाहें तो इसे कच्चा चबाएं या फिर गुलाब की पत्तियों से बनी चाय पिएं। ये हर तरह से आपको फायदा पहुंचाने में मददगार है। गुलाब की चाय स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर और मन दोनों को राहत देती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और प्राकृतिक गुण इसे एक खास हर्बल चाय बनाते हैं। आइए जानते हैं कि गुलाब की चाय पीने से हमें क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।


वेट लॉस में फायदेमंदगुलाब की चाय में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे गुण मौजूद होते हैं। ये चाय पाचन को बेहतर बनाने में मददगार है। इससे मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। यही कारण है गुलाब की चाय पीने से तेजी से फैट बर्न होता है। वजन घटाने में आसानी हो जाती है। इसके अलावा, रोज टी में कैलोरी की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिससे ये एक हेल्दी ड्रिंक मानी जाती है।


डाइजेशन सुधारे


गुलाब की चाय बनाने में इलायची और दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी मिलकर डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं। यह पेट में गैस, अपच और सूजन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।


स्किन के लिए फायदेमंदगुलाब की चाय में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है। ये स्किन को साफ, चमकदार और जवां बनाए रखता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है जिससे चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है।

मूड को बनाए बेहतरगुलाब की खुशबू से मन शांत रहता है। ऐसे में अगर आप गुलाब की चाय पीते हैं तो तनाव, चिंता और चिड़चिड़ेपन से मुक्ति मिल सकती है। यह एक नैचुरल मूड बूस्टर की तरह काम करती है और दिमाग को शांति देती है।


दिल की सेहत सुधारेगुलाब की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल की बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है।


इम्युनिटी बूस्टरगुलाब में मौजूद विटामिन सी इम्युनिटी को मजबूत बनाता है और शरीर को इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है। सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचने के लिए रोज टी का सेवन किया जा सकता है।


कैसे बनाएं गुलाब की चाय?सबसे पहले पानी को उबाल लें। उसमें गुलाब की सूखी पत्तियां डालें और 5-7 मिनट तक ढककर रखें। छानकर कप में निकालें और चाहें तो शहद मिलाएं और पी लें।
Stamina बढ़ाने से लेकर नींद की क्‍वाल‍िटी सुधारने तक, सेहत को 6 बड़े फायदे पहुंचाता है अश्वगंधा

Stamina बढ़ाने से लेकर नींद की क्‍वाल‍िटी सुधारने तक, सेहत को 6 बड़े फायदे पहुंचाता है अश्वगंधा

Stamina बढ़ाने से लेकर नींद की क्‍वाल‍िटी सुधारने तक, सेहत को 6 बड़े फायदे पहुंचाता है अश्वगंधा

अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो शरीर ताकत से भर देती है। इसके अलावा मन को शांत करती है और बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक चमत्कारी औषधि से कम नहीं है। हालांकि किसी भी सप्लिमेंट को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

शरीर को ढेरों फायदे पहुंचाने में मददगार है अश्वगंधा। (Image Credit- Freepik)


भारत में खुद को सेहतमंद रखना कोई कठ‍िन काम नहीं है। दरअसल, इस देश में आपको कई मसाले और औषध‍ि म‍िल जाएंगे जो आपकी सेहत के ल‍िए वरदान से कम नहीं हैं। बस इन्‍हें खाने का सही तरीका मालूम होना चाह‍िए। उन्‍हीं में से एक अश्‍वगंधा है। अश्वगंधा स‍िर्फ एक-दो नहीं, बल्कि अपने ढेरों चमत्कारी गुणों के लि‍ए जाना जाता है।


यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही बेहद फायदेमंद है। खासकर बुजुर्गों के ल‍िए तो ये रामबाण का काम करता है। हालांक‍ि आज भी ऐसे कई लोग हैं जो इसके गुणों से अनजान हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज‍िंदगी में लोग अपनी सेहत का खास ख्‍याल नहीं रख पा रहे हैं। ऐसे में लोग कई तरह की बीमारि‍यों की चपेट में आ रहे हैं।

ऐसे में अश्वगंधा का इस्‍तेमाल बेहद कारगर साबित हो सकता है। अगर आप भी बढ़ते वजन, शारीरिक कमजोरी, नींद की कमी या इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है। आज हम आपको अपने इस लेख में अश्वगंधा के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए व‍िस्‍तार से जानते हैं-


स्‍ट्रेस से द‍िलाए राहत


अश्वगंधा शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करता है। यह कॉर्टिसोल नाम के स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करता है। इससे मन शांत रहता है और डिप्रेशन या एंग्जायटी जैसी समस्‍याओं से राहत मिलती है।


शारीरिक ताकत और स्टैमिना बढ़ाएजो लोग जिम या एक्सरसाइज करते हैं, उनके लिए अश्वगंधा बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने, थकान कम करने और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है।


नींद की क्‍वाल‍िटी सुधारे

अगर आप अश्‍वगंधा का सेवन करते हैं तो इससे नींद की क्‍वाल‍िटी में सुधार होता है। इसका नियमित सेवन करने से मन शांत रहता है और नींद गहरी आती है। यह शरीर को आराम देने वाला नेचुरल टॉनिक माना जाता है।


त्वचा को बनाए हेल्दीअश्वगंधा में व‍िटाम‍िन सी की अच्‍छी मात्रा पाई जाती है जो त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं से निजात द‍िलाने में मददगार है। यह सूजन से छुटकारा दिलाता है और फ्री रेडिकल डैमेज से भी आपकी स्किन को बचाता है।

फर्टिलिटी बढ़ाएपुरुषों और महिलाओं, दोनों में ही इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने के लिए अश्वगंधा रामबाण का काम करता है। इसके सेवन से थकान तो दूर होती ही है, साथ ही पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल में भी शानदार इजाफा देखने को मिलता है।


दिल और ब्लड शुगर को रखे नियंत्रितअश्वगंधा ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और टाइप-2 डायबिटीज में फायदेमंद माना जाता है। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी संतुलित रख सकता है।


कैसे करें सेवन?अश्वगंधा चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले लें।
बाजार में इसके टैबलेट भी म‍िल जाएंगे। इन्‍हें आप डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं।
अश्वगंधा की जड़ से बनी चाय भी लाभदायक होती है।