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विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

 विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह


विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई।बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे।

 नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

 नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर अंचल का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है और बस्तर अब विकास की दिशा में सशक्त गति से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय आज जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलम्पिक 2025 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है, किंतु माओवाद की समस्या प्रारंभ से ही राज्य के विकास में एक बड़ी बाधा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के दृढ़ संकल्प के कारण अब माओवाद के अंत की स्पष्ट समय-सीमा तय की गई है। नियद नेल्ला नार योजना के दायरे को 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 10 किलोमीटर तक विस्तारित किया गया है, जिसके माध्यम से 403 गांवों में बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि माओवाद के कारण बंद पड़े स्कूल अब पुनः खुल रहे हैं। सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित कर अंदरूनी इलाकों को आवागमन की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। माओवाद से मुक्त गांवों में जनहितकारी योजनाओं का पूर्ण सेचुरेशन किया जा रहा है। इन सभी सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप विकास के प्रति आमजन का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर ओलम्पिक में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें बधाई दी तथा आगामी वर्ष और बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बस्तर देश में एक नया इतिहास रच रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूर्ण रूप से समाप्त होगा और बस्तर पुनः खुशहाल बनेगा। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्रीद्वय श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा ने भी संबोधित किया और बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए खिलाड़ियों को बधाई दी। विधायक जगदलपुर श्री किरण देव ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों एवं खिलाड़ियों का आत्मीय स्वागत किया। समारोह के अंत में सांसद श्री महेश कश्यप ने आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर केबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री भोजराज नाग, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी, विधायक सर्वश्री विक्रम उसेंडी, श्री नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, श्री आशाराम नेताम, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्व विजय सिंह तोमर, नगर निगम जगदलपुर के महापौर श्री संजय पांडे सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खेलप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

 छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

विशेष लेख
  • डॉ. दानेश्वरी संभाकर, उप संचालक (जनसंपर्क)

छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने के लिए बीते दो वर्षों के दौरान महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर परिवर्तनकारी कार्य हुए हैं, उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय पटल पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और निर्णय क्षमता को अपनी नीतियों का मूल आधार बनाते हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव की एक नई दिशा तय की है।

छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कहते हैं कि हमारा संकल्प है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जिए। बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर जो कार्य किए गए हैं, वे एक विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव हैं। सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, आजीविका, सुरक्षा और भागीदारी को हर नीति के केंद्र में रखकर आगे भी योजनाएँ लागू करती रहेगी।

शासन की महत्वकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को नई मजबूती दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 मार्च 2024 को वर्चुअली लॉन्च की गई इस योजना के तहत राज्य की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को हर माह 1,000 रुपये की प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि 22 किश्तों में उनके बैंक खातों में पहुंचाई जा चुकी है। महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी यह दर्शाता है कि महिला कल्याण राज्य की विकास-यात्रा का केंद्र बिंदु है।

महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने के लिए रजिस्ट्री शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट जैसे निर्णयों ने उन्हें न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण भी प्रदान की है। इसी क्रम में 368 महतारी सदनों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, जहाँ महिलाओं को प्रशिक्षण, परामर्श, कौशल विकास और सहायक सेवाएँ एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि का ऑनलाइन भुगतान शुरू कर सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को और भी मजबूत किया है।

ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को नए अवसर प्रदान किए हैं। छह जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर में रेडी-टू-ईट का कार्य महिला समूहों को सौंपा गया है। वहीं 42 हजार 878 महिला समूहों को 12,946.65 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया गया है। इसके साथ ही निर्माण श्रमिक परिवारों की महिलाओं और बेटियों के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, सिलाई मशीन सहायता और दीदी ई-रिक्शा योजना जैसी पहलों ने आजीविका के नए विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। मिनीमाता महतारी जतन योजना गर्भवती श्रमिक महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार प्रदान कर रही है।

कन्याओं के विवाह में सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को और सशक्त बनाते हुए 50,000 रुपये की सहायता में से 35,000 रुपये सीधे कन्या के खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2024-25 में 8,000 कन्याओं के विवाह हेतु 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एनआरएलएम के तहत लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी पहलों पर 800 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो देश में महिला उद्यमिता के नए आयाम स्थापित कर रही हैं। 

महिला सुरक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। नवाबिहान योजना घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी, चिकित्सा और मनोसामाजिक सहायता प्रदान कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना है, जिसने सखी वन-स्टॉप सेंटर का डिजिटल वर्जन तैयार किया और इसके लिए मानक प्रक्रिया (ैव्च्) लागू की। 181 महिला हेल्पलाइन और डायल 112 के एकीकृत संचालन ने संकट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की है। इसी तरह सुखद सहारा योजना के अंतर्गत 2 लाख 18 हजार से अधिक विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए शुचिता योजना के तहत 2,000 स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें स्थापित की गई हैं, जबकि 3 लाख से अधिक किशोरियों को स्वच्छता सामग्री उपलब्ध कराई गई है। हाई स्कूल छात्राओं को साइकिल वितरण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। नवा रायपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से यूनिटी मॉल का निर्माण महिला समूहों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित जशप्योर ब्रांड को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास भी महिलाओं के लिए नए अवसर खोल रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि, महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनके लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल तैयार करना हमारी प्राथमिकता है। महतारी वंदन योजना से लेकर नवाबिहान, लखपति दीदी, शुचिता और महतारी सदन जैसी पहलें महिलाओं के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। आने वाले समय में विभाग इन योजनाओं को और प्रभावी रूप से विस्तार देगा ताकि हर महिला अपने सपनों को साकार कर सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग को वर्ष 2025-26 में 8,245 करोड़ रुपये का बजट देकर सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि महिला कल्याण और सुरक्षा उसकी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में हुए परिवर्तन यह प्रमाणित करते हैं कि महिलाओं को केंद्र में रखकर किया गया विकास न केवल सुशासन की पहचान है बल्कि एक प्रगतिशील समाज की आधारशिला भी है। छत्तीसगढ़ आज महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई दिशा, नई उम्मीद और नए परिवर्तन का प्रतीक बनकर उभर रहा है।

  जशपुर में बनेगा अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी

जशपुर में बनेगा अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी

  जशपुर में बनेगा अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी

जशपुर में बनेगा अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की बड़ी सौगात 20.53 करोड़ की मिली स्वीकृति


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की बड़ी सौगात 20.53 करोड़ की मिली स्वीकृति

अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी का मतलब ऐसी अकादमी से है जहाँ खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और बेहतरीन सुविधाएं (जैसे हॉस्टल, इनडोर/आउटडोर रेंज) मिलती हैं, ताकि वे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में खेल सुविधाओं के विस्तार की दिशा में जशपुर जिले को एक और बड़ी सौगात मिली है। जिले के बगीचा विकासखंड के पंडरा पाठ में अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी (आर्चरी सेंटर) के निर्माण के लिए स्वीकृति मिल गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण हेतु एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा सीएसआर फंड से 20.53 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।

युवा तीरंदाजों के लिए एक उत्कृष्ट प्रशिक्षण केंद्र बनेगा
         नई तीरंदाजी अकादमी बनने से जिले के ग्रामीण और आदिवासी युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ मिलेंगी। यह पहल आने वाले समय में जशपुर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतिभाओं का हब बनाने में निर्णायक साबित होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें विश्व पटल तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता का यह एक और बड़ा उदाहरण है। अकादमी के बनने से जशपुर न केवल खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाएगा, बल्कि यह देश के युवा तीरंदाजों के लिए एक उत्कृष्ट प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उभरेगा। यह पहल खेलों के विकास और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा हैं। 

वित्तीय सहयोग एनटीपीसी के सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग से 
        तीरंदाजी अकादमी के निर्माण में एनटीपीसी लिमिटेड अपनी कॉर्प्रोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) योजना के अंतर्गत वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा। यहां आउटडोर और वातानुकूलित इनडोर तीरंदाजी रेंज, हाई परफॉर्मेंस ट्रेनिंग सेंटर, छात्रावास जैसे निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं।जशपुर के युवाओं में इस घोषणा को लेकर उत्साह का माहौल है और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री साय

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री साय

 

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री साय

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध
  • डॉ. दानेश्वरी संभाकर, उप संचालक (जनसंपर्क)

रायपुर, 13 दिसंबर 2025

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ में समाज के कमजोर, वंचित और विशेष जरूरतों वाले वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में बीते दो वर्ष उल्लेखनीय सिद्ध हुए हैं। समाज कल्याण विभाग ने इस अवधि में पेंशन योजनाओं, दिव्यांगजन सहायता, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, आश्रय सुविधाओं, उभयलिंगी पुनर्वास और नशा मुक्ति कार्यक्रमों के क्षेत्र में व्यापक सुधारों और नई पहल का नेतृत्व किया है। योजनाओं की पारदर्शिता पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाकर राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अंतिम व्यक्ति तक सहायता और सुरक्षा पहुँचे। यह कार्यकाल संवेदनशील, जवाबदेह और जनकेंद्रित शासन का वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

पेंशन योजनाओं में क्रांतिकारी सुधार 21.99 लाख हितग्राहियों तक सहायता
राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए पेंशन योजनाओं के संचालन में तकनीकी सुधार किए। छह प्रमुख पेंशन योजनाओं इंदिरा गांधी वृद्धावस्था, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा तथा मुख्यमंत्री पेंशन योजना के माध्यम से 21.99 लाख हितग्राही लाभान्वित हुए।

पेंशन वितरण पारदर्शी और समयबद्ध 
डीबीटी भुगतान 98 प्रतिशत और आधार सीडिंग 96 प्रतिशत तक पहुँचने के साथ पेंशन वितरण प्रणाली अत्यंत पारदर्शी और समयबद्ध बनी। ई-केवायसी प्रक्रिया में मृत हितग्राहियों को हटाकर वास्तविक पात्रों को लाभ सुनिश्चित किया गया। मुख्यमंत्री पेंशन योजना के हितग्राही 7.10 लाख से बढ़कर 7.45 लाख होना राज्य की संवेदनशील नीतियों का महत्वपूर्ण परिणाम है।

राष्ट्रीय परिवार सहायता-संकट की घड़ी में बड़ा सहारा
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना जीवन रक्षक सिद्ध हुई है। दो वर्षों में 5,110 पात्र परिवारों को 20 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की गई, जिससे आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उन्हें राहत मिल सके।

दिव्यांगजन सहायता सुविधाओं, पहचान और पुनर्वास में कई गुना वृद्धि
दिव्यांगजनों की सहायता और सशक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयास अत्यंत प्रभावी रहे। यूडीआईडी कार्ड लाभार्थी 2.74 लाख तक पहुँचे। सहायक उपकरण वितरण 1,161 से बढ़कर 3,609 हो गया। सामर्थ्य विकास शिविरों में भी वृद्धि हुई और 4,983 दिव्यांगजनों को सीधा लाभ प्राप्त हुआ। ये सभी प्रयास दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।

विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए मजबूत आधार
छत्तीसगढ़ ने विशेष शिक्षा और पुनर्वास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विस्तार किया है। सरकारी विशेष विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 1,342 हुई, जबकि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित विद्यालयों में 3,049 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। माना कैम्प स्थित फिजिकल रिफरल रीहैब सेंटर और सेरेब्रल पाल्सी गेट लैब की सेवाएँ लगभग दोगुनी हो गईं। ये उपलब्धियाँ विशेष जरूरत वाले बच्चों और युवाओं के लिए आत्मनिर्भर भविष्य का आधार मजबूत करती हैं।

छात्रवृत्तियों से बढ़ा शैक्षणिक आत्मविश्वास
राज्य और केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा जारी रखने में बड़ी मदद मिली। राज्य छात्रवृत्ति 7,807 से बढ़कर 8,726 और केंद्रीय छात्रवृत्ति 390 से बढ़कर 423 हुई।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आस्था और सम्मान, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पुनः शुरू
वरिष्ठ नागरिकों में अत्यधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को आईआरसीटीसी के सहयोग से पुनः प्रारंभ किया गया। अब तक 6 यात्राओं में 4,697 वरिष्ठजन लाभान्वित हुए हैं। वर्ष 2025-26 के लिए 15 करोड़ रुपए और अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान इस योजना को और व्यापक बनाता है।

स्वरोजगार एवं आर्थिक संबल दिव्यांगजनों को नया अवसर
दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु रियायती ब्याज दर पर ऋण एवं उत्थान सब्सिडी योजनाएँ अत्यंत सफल रहीं। 2,435 दिव्यांगजनों को रियायती ऋण और 411 लाभार्थियों को उत्थान सब्सिडी प्रदान की गई। इसके अलावा 24.50 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए जाकर दिव्यांगजनों को भारी आर्थिक राहत मिली।

आश्रय सुविधाओं में सुधार सुरक्षित जिंदगी की गारंटी
घरौंदा, हाफ-वे-होम, अपराजिता और प्रशामक देखभाल गृहों में रहने वाले हितग्राहियों की संख्या बढ़ी है, जो सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार को दर्शाता है। गंभीर और बहुदिव्यांगजन, मानसिक रोग से स्वस्थ हुए व्यक्ति तथा जरूरतमंद वृद्धजन इन सुविधाओं का लाभ उठाकर सम्मानजनक जीवन जी पा रहे हैं।

उभयलिंगी व्यक्तियों के पुनर्वास में महत्वपूर्ण प्रगति
उभयलिंगी समुदाय के लिए राज्य सरकार का दृष्टिकोण अत्यंत संवेदनशील रहा है। पहचान प्रमाण पत्र 506 से बढ़कर 915 हुए, वहीं एसआरएस ऑपरेशन के लाभार्थी 5 से बढ़कर 9 हुए। यह समुदाय को मुख्यधारा में लाने और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

नशा मुक्ति अभियान नई शुरुआत की राह
नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार करते हुए नशामुक्ति केंद्रों की संख्या 11 से बढ़ाकर 25 कर दी गई। लाभार्थी बढ़कर 4,379 हुए। भारत माता वाहिनी दल गतिविधियों के विस्तार के साथ सक्रिय हुआ, जबकि सियान हेल्पलाइन ने 2.73 लाख कॉल प्राप्त कर राज्य में भरोसेमंद सहायता तंत्र स्थापित किया।

नवीन पहल भविष्य के लिए मजबूत नीति ढांचा
सुगम्य छत्तीसगढ़ अभियान के तहत सभी सार्वजनिक भवनों का एक्सेस ऑडिट किया गया। नए विशेष विद्यालयों और आवासीय परिसरों के निर्माण हेतु 205 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया। दिव्यांग विकास आयोग गठन एवं बढ़े हुए बजट (1504 करोड़ रुपए से 1575 करोड़ रुपए) ने विभागीय कार्यों को नई ऊर्जा प्रदान की है।

इन दो वर्षों में समाज कल्याण विभाग की उपलब्धियाँ साबित करती हैं कि संवेदनशील और जनकेंद्रित शासन किस प्रकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचकर परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सामाजिक सुरक्षा, दिव्यांगजन, सशक्तिकरण, वरिष्ठ नागरिक कल्याण और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में देश के सामने एक सशक्त और परिणामदायी मॉडल बनकर उभरा है। यह दो वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए मानवीय मूल्यों, विकास और संवेदना का मजबूत अध्याय साबित हुए हैं। 

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद 31 मार्च 2026 तक खत्म हो जायेगा

अगले 5 साल में बस्तर संभाग देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनेगा

2026 का बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद से मुक्त बस्तर में होगा

नक्सलवाद छोड़कर 700 से अधिक युवाओं का बस्तर ओलंपिक 2025 से जुड़ना हम सभी के लिए गर्व की बात है

आत्मसमर्पण करने वालों ने भय की जगह आशा व विनाश की जगह विकास को चुना, यही मोदी जी की विकसित बस्तर की संकल्पना है

जिस बस्तर में पहले ‘लाल सलाम’ के नारे लगते थे, अब वहाँ ‘भारत माता की जय’ के नारे गूँज रहे हैं

शांति ही विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, इसलिए नक्सली हथियार डालकर मुख्यधारा में आयें और पुनर्वसन नीति का लाभ उठाएं

आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में बस्तर के खिलाड़ी देश का नाम रोशन करें, इसके प्रबंध किए जा रहे हैं

बस्तर ओलम्पिक 2025 में 3 लाख 91 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जो ढाई गुना बढ़ा है, खिलाड़ियों की वृद्धि दर में बहनों ने भाइयों से बाजी मारी

आत्मसमर्पण करने वाले और नक्सल हिंसा के शिकार लोगों के लिए हम बहुत आकर्षक पुनर्वसन योजना लाएंगे

केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर विकसित बस्तर बनाने के लिए कार्य कर रही हैं

गृह मंत्री ने समाज के प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियारबंद नक्सलियों को समझाकर समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में सहयोग करें

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि हमने तय किया था कि 31 मार्च, 2026 से पहले पूरे देश से लाल आतंक को खत्म कर देंगे और आज बस्तर ओलंपिक- 2025 में हम इस कगार पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष नवंबर-दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक-2026 के समय तक पूरे भारत और छत्तीसगढ़ से लाल आतंक समाप्त हो चुका होगा औऱ नक्सलमुक्त बस्तर आगे बढ़ रहा होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने यह संकल्प लिया है कि पूरे बस्तर और भारत को नक्सलमुक्त कराना है। उन्होंने कहा कि हमें यहीं नहीं रुकना बल्कि कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के 7 ज़िलों का संभाग बस्तर, दिसंबर 2030 दिसंबर तक देश के सबसे अधिक विकसित आदिवासी संभाग बनेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर के हर व्यक्ति को रहने के लिए घर, बिजली, शौचालय, नल से पीने का पानी, गैस सिलिंडर, 5 किलो अनाज और 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, बस्तर के घर घर में पहुचाने का संकल्प हमारी सरकार का संकल्प है। श्री शाह ने कहा कि हमने अगले पांच साल में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार और श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर बस्तर को विकसित बस्तर बनाने के लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर का हर गांव सड़क से जुड़ेगा, वहां बिजली होगी, 5 किलोमीटर के क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाएं होंगी और सबसे घने पीएचसी/सीएचसी का नेटवर्क बनाने का काम भी हमारी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वन उपज की प्रोसेसिंग के लिए कोऑपरेटिव आधार पर यूनिट्स लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर के सातों ज़िले सभी आदिवासी ज़िलों में सबसे अधिक दूध उत्पादन कर डेयरी के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने वाले ज़िले बनेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में नए उद्योग, उच्च शिक्षा की व्यवस्था, भारत में सबसे अच्छा स्पोर्ट्स संकुल और अत्याधुनिक अस्पताल की व्यवस्था भी हम करेंगे। श्री शाह ने कहा कि कुपोषण के लिए भी यहां विशेष स्कीम चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है और जो नक्सलवाद के कारण घायल हुए हैं, उनके लिए एक बहुत आकर्षक पुनर्वसन योजना भी हम लाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि नक्सलवाद समाप्त हो क्योंकि नक्सलवादी इस क्षेत्र के विकास पर नाग बनकर फन फैलाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद समाप्त होने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास की एक नई शुरूआत होगी और प्रधानमंत्री मोदी जी और श्री विष्णुदेव जी के नेतृत्व में यह सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक-2025 में सात ज़िलों की सात टीमें और एक टीम आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की थी। उन्होंने कहा कि जब 700 से अधिक सरेंडर्ड नक्सलियों ने इन खेलों में भाग लिया तो यह देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के झांसे में आकर उनका पूरा जीवन तबाह हो जाता और हथियार डालकर मुख्यधारा में आने वाले ऐसे 700 से अधिक युवा आज खेल के रास्ते पर आए हैं। श्री शाह ने दोहराया कि 31 मार्च, 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने हिंसा में लिप्त नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि अब भी गुमराह होकर हमारे ही जो लोग हाथ में हथियार लेकर बैठे हैं, वो हथियार डाल दें, पुनर्वसन नीति का फायदा उठाएं, अपने और अपने परिवार के कल्याण के बारे में सोचें और विकसित बस्तर के संकल्प के साथ जुड़ जाएं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होता, न हथियार उठाने वाले लोगों का, न आदिवासियों और न सुरक्षाबलों का भला होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ शांति ही विकास का रास्ता प्रशस्त कर सकती है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आत्मसमर्पण कर चुके 700 नक्सलियों ने इन खेलों में खिलाड़ी के रूप में सामने आकर पूरे देश के लिए बहुत बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने भय की जगह आशा चुनी, विभाजन की जगह एकता का रास्ता चुना और विनाश की जगह विकास का रास्ता चुना है और यही प्रधानमंत्री मोदी जी की नए भारत और विकसित बस्तर की संकल्पना है। उन्होंने कहा कि हमारे बस्तर की संस्कृति दुनियाभर में सबसे अधिक समृद्ध संस्कृति है। उन्होंने कहा कि सभी जनजातियों का खानपान, परिवेश, कला, वाद्य, नृत्य और पारंपरिक खेल सिर्फ छत्तीसगढ़ की नहीं बल्कि पूरे भारत की सबसे समृद्ध विरासत है।

श्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने आधुनिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाकर यहां के पारंपरिक गीतों को सहेजने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई परंपरागत उत्सव और त्योहार जो नक्सलवाद के लाल आतंक के साए में समाप्त होने की कगार पर थे, उन्हें भी आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि आज जिन खिलाड़ियों ने बस्तर ओलंपिक में भाग लिया है, उनकी प्रतिभा को पहचानने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों  की एक टीम यहां आई है। श्री शाह ने कहा कि इन खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानकर आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक खेलों में बस्तर के खिलाड़ी खेलें, वहां तक ले जाने की व्यवस्था हमारी सरकार ने की है। श्री शाह ने कहा कि पिछले वर्ष बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जबकि इस वर्ष  3 लाख 91 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है, जो लगभग ढाई गुना की वृद्धि है और बहनों की प्रतिभागिता में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह उत्साह देखकर आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी जी ने खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के लिए छत्तीसगढ़ को चुना है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर अब बदल रहा है और बस्तर अब भय नहीं भविष्य का पर्याय बन चुका है, जहां गोलियों की गूंज सुनाई देती थी, वहां आज स्कूल की घंटियां बज रही हैं। जहां सड़क बनाना एक सपना था, वहां आज रेलवे ट्रैक और राजमार्ग बिछाए जा रहे हैं, जहां लाल सलाम के नारे लगते थे, वहां आज भारत माता की जय के नारे लगते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब विकसित बस्तर के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने मुठभेड़ों में नक्सलियों को मारने का लक्ष्य नही रखा था, क्योंकि 2000 से अधिक नक्सली युवाओं ने सरेंडर भी किया है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के प्रमुखों ने इसमें बहुत बड़ा योगदान दिया है, उनके मार्गदर्शन ने नक्सली युवाओं को ढांढस भी बंधाया है और हिम्मत भी दी है। गृह मंत्री ने समाज के प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग आज भी हथियार लेकर घूम रहे हैं, वे उन्हें समझाकर समाज की मुख्यधारा वापिस में लाने का काम करें।