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पहली अग्निपरीक्षा के लिए गिल की गैंग ने रखा हेडिंग्ले में कदम, अलग अंदाज में किया लीड्स का सफर

पहली अग्निपरीक्षा के लिए गिल की गैंग ने रखा हेडिंग्ले में कदम, अलग अंदाज में किया लीड्स का सफर

पहली अग्निपरीक्षा के लिए गिल की गैंग ने रखा हेडिंग्ले में कदम, अलग अंदाज में किया लीड्स का सफर

भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है जहां उसे पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। सीरीज का पहला मैच 20 जून से हेडिंग्ले में खेला जाना है। इसके लिए शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम इंडिया हेडिंग्ले पहुंच गई है। इस दौरे पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।

पहले टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया पहुंची हेडिंग्ले

 भारतीय क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है। दौरे की शुरुआत 20 जून से हो रही है। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच लीड्स के हेडिंग्ले में खेला जाना है। इसी मैच से शुभमन गिल अपने कप्तानी करेंगे। गिल को रोहित शर्मा के बाद भारत की टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है और अब वह अपनी गैंग लेकर पहले टेस्ट मैच की सरजमीं पर पहुंच गए हैं।


अभी तक टीम इंडिया लंदन में थी और वहां अभ्यास कर रही थी। टीम इंडिया ने इससे पहले इंडिया-ए के खिलाफ एक इंट्रा-स्क्वाड मैच खेला। वहीं सीनियर टीम का हिस्सा कई खिलाड़ी इंडिया के साथ पहले ही इंग्लैंड आ गए थे और इंग्लैंड लायंस के खिलाफ उन्होंने दो अभ्यास मैच खेले। इनमें यशस्वी जायसवाल, करुण नायर, ध्रुव जुरैल जैसे खिलाड़ी शामिल थे।

ट्रेन से पहुंचे लीड्स


टीम इंडिया मंगलवार को लीड्स पहुंच गई है। टीम इंडिया ने ये सफर ट्रेन से तय किया। लीड्स स्टेशन पर टीम इंडिया के पहुंचने का वीडियो इस समय वायरल हो रहा है जिसमें गिल, केएल राहुल, यशस्वी और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह दिखाई दे रहे हैं। इनके अलावा टीम का सपोर्ट स्टाफ भी टीम के साथ है। गिल के लिए दौरा आसान नहीं हैं। उनके सामने पांच टेस्ट हैं और पांचों अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं।

ये भारत के एक नए युग की शुरुआत भी है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया पहली बार मैदान पर उतरने जा रही है। इन दोनों की गैरमौजूदगी काफी बड़ा गैप है जिसे टीम इंडिया को भरना होगा। इन दोनों के न रहने से टीम में अनुभव की कमी साफ नजर आ रही है जिसको भरना गिल की गैंग के लिए आसान नहीं होगा।

राणा की टीम में एंट्री

दौरे की शुरुआत से पहले टीम इंडिया में एक खास गेंदबाज की एंट्री हुई है। इंडिया-ए के साथ इंग्लैंड आने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा को रोक लिया गया है और उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया है। राणा को गौतम गंभीर का खास माना जाता है। दोनों आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स में साथ थे। गंभीर के आने के बाद ही राणा की टीम में एंट्री हुई। ऑस्ट्रेलिया दौरे प राणा ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
Jasprit Bumrah ने ठुकराया टेस्ट कप्तानी का ऑफर, कोच गंभीर और गिल संग रिश्तों पर भी तोड़ी चुप्पी

Jasprit Bumrah ने ठुकराया टेस्ट कप्तानी का ऑफर, कोच गंभीर और गिल संग रिश्तों पर भी तोड़ी चुप्पी

 Jasprit Bumrah ने ठुकराया टेस्ट कप्तानी का ऑफर, कोच गंभीर और गिल संग रिश्तों पर भी तोड़ी चुप्पी


Jasprit Bumrah भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने आगामी इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन्हें फुल टाइम टेस्ट कप्तान बनने का ऑफर दिया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया हैं। इसके साथ ही बुमराह ने कोच गौतम गंभीर और नए कप्तान शुभमन गिल संग अपने रिश्तों पर भी बात की।

Jasprit Bumrah ने गंभीर-गिल को लेकर क्या कहा?


Jasprit Bumrah: भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने आगामी इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन्हें फुल टाइम टेस्ट कप्तान बनने का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया हैं।


बुमराह ने अपने इस फैसले के पीछे की वजह साफ करते हुए कहा कि वर्कलोड की वजह से मैंने उनसे बात की थी कि मुझे लीडरशिप के लिए नहीं देखा जाए, क्योंकि मैं पूरे टेस्ट मैच खेलने में सक्षम नहीं रहूंगा। इसके साथ ही बुमराह ने कोच गौतम गंभीर और नए कप्तान शुभमन गिल संग अपने रिश्तों पर भी बात की।


Jasprit Bumrah ने गंभीर-गिल को लेकर क्या कहा?


दरअसल, भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने नए कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) और मुख्य कोच गौतम गंभीर (Head Coach Gautam Gambhir) के साथ अपने रिश्तों के बारे में खुलकर बात की है। स्काई स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में बुमराह ने बताया कि उन्होंने BCCI द्वारा टेस्ट कप्तान बनने के ऑफर को ठुकरा दिया था। उनके बाद यह पद बाद में शुभमन गिल को दिया गया।

बुमराह ने कहा कि शुभमन गिल के साथ उनके बेहतरीन संबंध हैं और अगर कप्तान को जरूरत हुई तो वह हमेशा अपने आईडिया देने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने दिनेश कार्तिक को स्काई स्पोर्ट्स के इंटरव्यू में बताया,

"मेरे अनुभव में, आपको स्वतंत्रता देनी होगी और खिलाड़ी के लिए उपलब्ध रहना होगा। जब भी उसे मेरी जरूरत होगी, मैं उसके लिए हमेशा मौजूद रहूंगा। मैं बीच में कूदकर नहीं आना चाहता और अगर मुझे कुछ दिखेगा, तो मैं चुपचाप बता दूंगा। मैंने इसी तरह क्रिकेट खेला है। मैं चाहता हूं कि व्यक्ति स्वतंत्र होकर काम करें। वह युवा है, उसके पास अपनी सोच है और ऐसा ही होना चाहिए। अगर उसे मुझसे कुछ भी चाहिए, तो मैं हमेशा उसके लिए मौजूद रहूंगा।"बुमराह ने इसके साथ ही कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर को टेस्ट टीम में भारत के बदलाव के दौर में बहुत कुछ समझना होगा। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड का दौरा करने वाली भारतीय टीम पूरी तरह से अलग है और कोचिंग स्टाफ को 5 मैचों की सीरीज के इन मुश्किल दो महीनों को संभालने के लिए शांत और धैर्यवान रहना होगा।


बुमराह ने गौतम गंभीर के कोचिंग स्टाइल के बारे में बताते हुए कहा,

"वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही व्यक्तिपरक हैं। वह उस व्यक्ति के साथ आमने-सामने बात करते हैं जहां उन्हें लगता है कि उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। आप जानते हैं, जब लोग एक दिशा में जा रहे होते हैं और उसके बारे में उनके कुछ विचार होते हैं। मुझे लगता है कि वह भारतीय क्रिकेट में एक दिलचस्प दौर को संभाल रहे हैं।"
13 छक्के और 216 का स्ट्राइक रेट..., ग्लेन मैक्सवेल ने माता-पिता के सामने जड़ा रिकॉर्ड तोड़ शतक

13 छक्के और 216 का स्ट्राइक रेट..., ग्लेन मैक्सवेल ने माता-पिता के सामने जड़ा रिकॉर्ड तोड़ शतक

 13 छक्के और 216 का स्ट्राइक रेट..., ग्लेन मैक्सवेल ने माता-पिता के सामने जड़ा रिकॉर्ड तोड़ शतक


MLC 2025 ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell record breaking century) ने लॉस एंजिल्स नाइट राइडर्स के खिलाफ अपना टी20 क्रिकेट का 8वां शतक ठोककर तबाही मचाई। MLC 2025 में लांस एंजेल्स नाइट राइजर्स की टीम के खिलाफ शतक ठोककर इतिहास रच डाला हैं। उनके इस धमाकेदार शतक की बदौलत वॉशिंगटन फ्रीडम ने 20 ओवरों में 208-5 का बड़ा स्कोर खड़ा किया।

Glenn Maxwell: आंधी नहीं, तूफान है मैक्सवेल!


 13 छक्के, 2 चौके और 216 का स्ट्राइक रेट... ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell)ने लॉस एंजिल्स नाइट राइडर्स के खिलाफ अपना टी20 क्रिकेट का 8वां शतक ठोककर तबाही मचाई। MLC 2025 में मैक्सवेल वॉशिंगटन फ्रीडम के लिए खेल रहे हैं।


इस मैच में मैक्सवेल की शुरुआत धीमी रही, जहां पहली 15 गेंद पर वह सिर्फ 11 रन बना पाए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने गियर बदला और सिर्फ 48 गेंदों में शतक ठोका। उनकी आक्रामक बैटिंग देखकर ये पहले से ही समझ आ रहा था कि वह हिटिंग मूड में हैं। उन्होंने अपनी पारी में कुल 13 छक्के और 2 चौके लगाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 216 का रहा।


Glenn Maxwell का रिकॉर्डतोड़ शतक


दरअसल, ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell Century) ने लांस एंजेल्स नाइट राइजर्स की टीम के खिलाफ शतक ठोककर इतिहास रच डाला हैं। उनके इस धमाकेदार शतक की बदौलत वॉशिंगटन फ्रीडम ने 20 ओवरों में 208-5 का बड़ा स्कोर खड़ा किया।

एक समय फ्रीडम की हालत खराब थी, जहां 12वें ओवर में टीम ने 92 रन के स्कोर पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे और लग रहा था कि वह 150 रन भी शायद ही बना पाएगी, लेकिन मैक्सवेल ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि उन्हें क्यों इस फॉर्मेट में सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक माना जाता है।

मैच में लॉस एंजिल्स नाइट राइडर्स के खिलाफ शतक लगाकर मैक्सवेल ने इतिहास भी रच दिया। उनकी इस पारी ने मैक्सवेल को T20 क्रिकेट (T20 Cricket) में 10,500 रन का आंकड़ा पार करने में मदद की और यह शतक T20 क्रिकेट में उनका आठवां था।

इस तरह मैक्सवेल (Maxwell Created History) दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने 10,500 से ज्यादा रन, 170 से ज्यादा विकेट और कई T20 शतक जड़े हैं। उनके अलावा कीरोन पोलार्ड और शोएब मलिक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके नाम T20 में 10000 से ज्यादा रन और 150 से अधिक विकेट हैं। पोलार्ड के नाम 13599 रन और 326 विकेट हैं, जिसमें एक शतक शामिल है, जबकि मलिक के नाम 13571 रन और 187 विकेट हैं।

बता दें कि टी-20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में ग्लेन मैक्सवेल ने रोहित शर्मा की बराबरी कर ली। इस फॉर्मेट में रोहित शर्मा के नाम भी आठ शतक दर्ज हैं।

मैक्सवेल का परिवार को खास तोहफा
ग्लेन मैक्सवेल का परिवार (उनके मां-पिता) ये मैच देखने के लिए स्टेडियम पहुंचे थे और उन्होंने अपने परिवार के सामने शानदार पारी खेलकर उन्हें खास तोहफा दिया। मैच के बाद मैक्सवेल ने कहा,

"अलग परिस्थितियों में आया, अलग तरीके से बल्लेबाजी करनी पड़ी, शुरुआत धीमी थी लेकिन एक बार जब मुझे लगा कि हमें कुछ और रन चाहिए तो मैंने अपने शॉट खेलने शुरू किए और वे सफल रहे। उस समय हमें बस विकेट पर टिके रहने की जरूरत थी। मुझे उम्मीद थी कि मैं और चैपमैन पारी को आगे ले जाएंगे, हम शायद आखिरी 5-6 ओवरों को निशाना बना सकते थे, फील्ड को बदल सकते थे। यह बहुत अच्छा है। वे (उनके मम्मी और पापा) मुझे अक्सर रन बनाते हुए नहीं देख पाते, इसलिए उन्हें यहां देखकर अच्छा लगा।"
Kapil Dev की ऐतिहासिक पारी, जिसका वर्ल्‍ड क्रिकेट में आज भी माना जाता है लोहा; बदली भारतीय क्रिकेट की तस्‍वीर

Kapil Dev की ऐतिहासिक पारी, जिसका वर्ल्‍ड क्रिकेट में आज भी माना जाता है लोहा; बदली भारतीय क्रिकेट की तस्‍वीर

 Kapil Dev की ऐतिहासिक पारी, जिसका वर्ल्‍ड क्रिकेट में आज भी माना जाता है लोहा; बदली भारतीय क्रिकेट की तस्‍वीर


Kapil Dev1983 World Cup साल 1983 में वनडे वर्ल्ड कप मैच खेला जा रहा था। आज ही के दिन 42 साल पहले 18 जून को ग्रुप बी के मैच में भारत का सामना जिम्बाब्वे से हुआ था। इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान रहे कपिल देव (Kapil Dev) ने 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी। उनकी इसी ऐतिहासिक पारी ने भारतीय टीम को विश्व क्रिकेट में पहचान दिलाई।

Kapil Dev की ऐतिहासिक 175* रन की पारी


 Kapil Dev 1983 World Cup: साल 1983 की ऐतिहासिक विश्व कप जीत की कहानी भारतीय क्रिकेट फैंस अच्छी तरह से जानते हैं। वो लम्हें आज भी हर एक हिंदुस्तानी के दिलों में धड़कते हैं।


लोगों को ये भी याद होगा कि फाइनल तक पहुंचने के रास्ते में एक मैच ऐसा भी था, जहां हर किसी को ये लगा था कि मैच खत्म हो गया है। वो मैच टीम इंडिया का जिम्बाब्वे के खिलाफ था।

उस मैच को टीवी पर नहीं दिखाया गया था। ये बात है आज से (On this day 18 June 1983) 42 साल पहले की। तारीख 18 जून 1983 का दिन, जब भारतीय टीम की कप्तानी कपिल देव (Kapil Dev 175* innings) के पास थी और उस मैच में उन्होंने नॉटआउट 175 रन बनाए थे। उनकी पारी के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने एक नया अध्याय लिखा था। आइए आपको बताते हैं उस मैच की पूरी कहानी।



दरअसल, क्रिकेट में विश्व कप की शुरुआत साल 1975 में हुई थी। तब विश्व क्रिकेट में वेस्टइंडीज का दबदबा था। विंडीज टीम के तेज गेंदबाजों से विरोधी टीम खौफ खाती थी। ऐसा भला हो भी क्यों ना, वेस्टइंडीज की टीम आखिरकार दो विश्व कप जीतकर इंग्लैंड पहुंची थी। वहीं, भारतीय टीम विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही थी
उस वक्त टीम की कमान युवा कपिल देव (Kapil Dev) के हाथों में थी। टीम इंडिया की विश्व कप जीत की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। हर किसी को ये ही उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड ही वेस्टइंडीज को टक्कर दे पाएगा, लेकिन कपिल देव ने असंभव को संभव कर दिखाकर इतिहास रच डाला।

इस दौरान एक मैच ऐसा भी रहा, जिसे टीवी पर नहीं दिखाया गया, लेकिन उस मैच ने भारतीय क्रिकेट को एक अलग पहचान दिलाई। वह मुकाबला था जिम्बाब्वे बनाम भारत का, जो कि 18 जून यानी आज ही के दिन 42 साल पहले (1983) में खेला गया था।

17 रन पर आधी टीम लौटी पवेलियन

18 जून 1983 को खेले गए मैच में भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव (Kapil Dev 1983 World Cup) ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था। ओपनिंग करने सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत मैदान पर पहुंचे थे। दोनों ओपनर्स को कपिल देव ने ये कहते हुए भेजा था कि अपनी जान लगाकर मैच खेलना और कोशिश करना की उन्हें मैदान पर ना आना पड़े, लेकिन इसका उलटा ही हुआ।

गावस्कर और श्रीकांत दोनों ही अपना खाता तक नहीं खोल पाए। दोनों ही शून्य पर पवेलियन लौटे। इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ 20 गेंद खेलकर 5 रन बनाकर सस्ते में आउट हुए।

संदीप पाटिल जैसे बल्लेबाज भी क्रीज पर सेट नहीं हो पाए और देखते-देखते 17 रन पर टीम इंडिया की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। हर किसी को टीम की हार का डर सताने लगा था, लेकिन फिर क्रीज पर आए कपिल देव, जिन्होंने अकेले दम पर योद्धा की तरह खेला।

जब कपिल देव बने असली योद्धा5 विकेट गिरने के बाद कपिल देव ने बल्ला थामकर वर्ल्ड क्रिकेट में भारत को पहचान दिलाई। उन्होंने सबसे पहले रोजर बिन्नी के साथ मिलकर टीम की पारी को संभालने की कोशिश की। बिन्नी 22 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद उन्होंने रवि शास्त्री से उन्हें लगा कि साथ मिलेगा, लेकिन वह महज 1 रन ही बना सके।

दूसरे छोर से किसी ने भी टिककर उनका साथ नहीं निभाया। 140 रन के स्कोर पर टीम इंडिया अपने 8 विकेट गंवा चुकी थी और कपिल ने विकेटकीपर बैटर सैयद किरमानी के साथ मिलकर 9वें विकेट के लिए 126 रन की साझेदारी निभाई।

उस मैच में कपिल देव ने 138 गेंदों पर 16 चौके और 6 गगनचुंबी छक्कों के दम पर 175 रन की नाबाद खेली थी, जिसके दम पर भारतीय टीम ने 8 विकेट पर 266 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 60 ओवर के खेल में 235 रन बनाक ढेर हो गई। टीम की तरफ से केविन कुरेन ने 93 गेंद पर 73 रन की पारी खेली थी। उनके अलावा रॉबिन ब्राउन के बल्ले से 35 रन निकले थे। इस तरह भारत ने कपिल देव की 175* पारी के दम पर जिम्बाब्वे को 31 रन से मात दी थी।


कपिल देव के रिकॉर्ड्स (On this day Kapil Dev Records)वनडे में भारत के लिए पहला शतक: कपिल देव ने 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175* रन बनाकर भारत के लिए वनडे में पहला शतक जड़ा था।नंबर 6 पर दूसरा सबसे बड़ा स्कोर: वनडे में नंबर 6 या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए यह दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है।जब टीम ने 30 रन पर 5 विकेट गंवाए, तब किसी खिलाड़ी द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर: उनकी 175* रनों की पारी तब आई जब भारत का स्कोर 17 रन पर 5 विकेट (और 30 रन पर 5 विकेट से भी नीचे) हो गया था। यह किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है जब टीम ने 30 रन के अंदर 5 विकेट गंवा दिए हों।विश्व कप में भारतीय कप्तान द्वारा सर्वोच्च स्कोर: यह विश्व कप में किसी भारतीय कप्तान द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है।वनडे में विकेट के साथ किसी भारतीय का सर्वोच्च स्कोर: उन्होंने इस मैच में 175* रन बनाए और 1 विकेट भी लिया (1/32), जो वनडे में विकेट के साथ किसी भारतीय का सर्वोच्च स्कोर है।वनडे पारी में भारत के लिए रनों का उच्चतम प्रतिशत (65.78%): इस पारी में उनके 175* रन भारत के कुल 266/8 रनों का 65.78% थे, जो एक पूरी वनडे पारी में भारत के लिए रनों का उच्चतम प्रतिशत है।
भारत ने जीता ODI WC 1983 का खिताब


जिम्बाब्वे को 31 रन से मात देने के बाद ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर सेमीफाइनल में पहुंची। जहां उनका सामना इंग्लैंड से हुआ और उस मैच को टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीतते हुए फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में उनका सामना डिफेंडिंग चैंपियन वेस्टइंडीज से हुआ। लॉर्ड्स में खेले गए उस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर पहली बार विश्व विजेता (India won ODI World Cup 1983) बनने की उपलब्धि प्राप्त की थी।
BCCI को लगा तगड़ा झटका, होगा 500 करोड़ का नुकसान! IPL से जुड़ा है पूरा मामला

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BCCI को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने IPL फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरल के मालिकों के पक्ष में 538 करोड़ रुपये से अधिक के आर्बिट्रल अवार्ड की पुष्टि की। कोच्चि फ्रेंचाइजी अब बंद हो चुकी है। इसे 2011 में निलंबित किया गया था। इसके बाद फ्रेंचाइजी ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में बोर्ड के खिलाफ आर्बिट्रेशन का केस किया था।

2011 में हुआ था कोच्चि टस्कर्स का डेब्‍यू। इमेज- सोशल मीडिया


 भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरल (BCCI बनाम कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य) के मालिकों के पक्ष में 538 करोड़ रुपये से अधिक के आर्बिट्रल अवार्ड की पुष्टि की। कोच्चि टस्‍कर्स फ्रेंचाइजी अब बंद हो चुकी है। इसे 2011 में निलंबित किया गया था। इसके बाद फ्रेंचाइजी ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में बोर्ड के खिलाफ आर्बिट्रेशन का केस किया था।


BCCI की चुनौती को खारिज किया
एकल न्यायाधीश के रूप में अध्यक्षता कर रहे जस्टिस आर आई चागला ने आर्बिट्रल अवार्ड के लिए BCCI की चुनौती को खारिज कर दिया। जस्टिस आर आई चागला ने फैसला सुनाया कि अदालत मध्यस्थ के निष्कर्षों पर अपीलीय प्राधिकारी के रूप में कार्य नहीं कर सकती।

अदालत ने कहा, "मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत इस न्यायालय का अधिकार क्षेत्र बहुत सीमित है। विवाद के गुण-दोष की जांच करने का BCCI का प्रयास अधिनियम की धारा 34 में निहित आधारों के दायरे के विपरीत है। साक्ष्य और/या गुण-दोष के संबंध में दिए गए निष्कर्षों के बारे में बीसीसीआई का असंतोष पुरस्कार को चुनौती देने का आधार नहीं हो सकता।"

2011 में हुआ था फ्रेंचाइजी का डेब्‍यूकोच्चि टस्कर्स केरल ने 2011 में आईपीएल डेब्‍यू किया था। फ्रेंचाइजी का सफर एक साल तक ही चला। रॉन्देवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड (RSW) ने 1550 करोड़ में फ्रेंचाइजी हासिल की थी। बाद में इसे बाद में कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (केसीपीएल) द्वारा संचालित किया गया। बीसीसीआई ने सितंबर 2011 में फ्रेंचाइजी को समाप्त कर दिया। बोर्ड ने फ्रेंचाइजी समझौते का उल्लंघन करने का हवाला दिया।

IPL 2011 में कोच्चि के प्रदर्शन की बात करें तो फ्रेंचाइजी ने अपने पहले सीजन में 14 मुकाबले खेले थे और 6 में जीत दर्ज की थी। 8 में फ्रेंचाइजी को हार का सामना करना पड़ा था। 12 अंक और -0.214 नेट रन रेट के साथ फ्रेंचाइजी प्‍वाइंट्स टेबल में 8वें पायदान पर रही थी।