इशान किशन का 'डबल धमाका', 24 साल की उम्र में किया गजब काम, बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड

इशान किशन का 'डबल धमाका', 24 साल की उम्र में किया गजब काम, बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड

 इशान किशन का 'डबल धमाका', 24 साल की उम्र में किया गजब काम, बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड


भारतीय टीम के युवा सितारे इशान किशन इस समय टीम इंडिया से बाहर हैं। इशान वापसी की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। ये युवा खिलाड़ी लंबे समय तक टीम में रहा लेकिन प्लेइंग-11 में से अंदर-बाहर रहा। हालांकि इशान ने अपने करियर में एक ऐसी पारी खेली है जो इतिहास में दर्ज है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने आज ही के दिन ये पारी खेली थी।

इशान किशन के नाम वनडे में दोहरा शतक दर्ज है

युवा बल्लेबाज इशान किशन इस समय टीम इंडिया से बाहर हैं। इस साल की शुरुआत में उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच खेला था। हालांकि, इसके बाद वापसी नहीं कर सके। इस दौरान इशान किशन काफी विवादों में भी रहे। उनके ऊपर बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट की बात न मानने के आरोप भी लगे। इशान वापसी की कोशिश में हैं और सभी जानते हैं कि अगर ये बल्लेबाज चल जाता है तो गेंदबाजों की शामत तय होती है। इसकी बानगी आज ही के दिन यानी 10 दिसंबर को 2022 को चटग्राम में बांग्लादेश के खिलाफ देखने को मिली थी।


इस दिन भारत और बांग्लादेश के बीच तीसरा वनडे मैच खेला गया था। इस मैच में इशान किशन ने दोहरा शतक जमाया था। इस दोहरे शतक के साथ इशान ने कई रिकॉर्ड बना दिए थे। इशान वनडे क्रिकेट में पहले ऐसे बल्लेबाज बने थे जिसने अपने पहले ही शतक को दोहरे शतक में बदला है। इशान वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने थे। उन्होंने महज 24 साल की उम्र में ये काम किया था।

ऐसी थी पारी

इशान ने इस मैच में शिखर धवन के साथ ओपनिंग की थी। धवन तो जल्दी आउट हो गए थे, लेकिन इस युवा बल्लेबाज को विराट कोहली का साथ मिला था। दोनों ने 290 रनों की साझेदारी की थी। ये वनडे क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। इशान ने 131 गेंदों पर 24 चौके और 10 छक्कों की मदद से 210 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने 126 गेंदों पर अपना दोहरा शतक पूरा किया था जो वनडे में सबसे तेज दोहर शतक है।

विराट कोहली ने भी इस मैच में शतक जमाया था। उन्होंने 113 रनों की पारी खेली थी। इन दोनों की पारियों के दम पर भारत ने 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 409 रन बनाए थे।

बांग्लादेश की बल्लेबाजी फेल
भारत द्वारा रखे गए विशाल लक्ष्य के सामने बांग्लादेश की बल्लेबाजी पूरी तरह से फेल हो गई थी। बांग्लादेश 34 ओवर खेलने के बाद 182 रन ही बना सकी थी। उसके लिए सबसे ज्यादा 43 रन शाकिब अल हसन ने बनाए थे। भारत के लिए शार्दूल ठाकुर ने तीन विकेट अपने नाम किए थे। अक्षर पटेल और उमरान मलिक ने दो-दो विकेट झटके थे। मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर को एक-एक विकेट मिला था।
 11 दिसंबर से खुलेगा मोबिक्विक का आईपीओ; जानिए प्राइस बैंड, जीएमपी समेत पूरी डिटेल

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मोबिक्विक के आईपीओ को ग्रे मार्केट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल 95 रुपये का चल रहा है। इस हिसाब से मोबिक्विक के आईपीओ की लिस्टिंग 374 रुपये पर हो सकती है और निवेशकों को 34.05 फीसदी का शानदार लिस्टिंग गेन मिल सकता है। मोबिक्विक आईपीओ से मिलने वाले 572 करोड़ रुपये को अलग-अलग काम में खर्च करेगी।

 Mobikwik IPO: फिनटेक कंपनी- वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड (One Mobikwik Systems Limited) अपना आईपीओ ला रही है। यह देश की सबसे डिजिटल पेमेंट्स कंपनियों में शामिल है। मोबिक्विक आईपीओ से 572 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसका आईपीओ ग्रे मार्केट में काफी धूम मचा रहा है। मोबिक्विक ने इससे पहले दो बार आईपीओ लाने की कोशिश की थी, लेकिन आखिरी मौके पर प्लान टाल दिया था।


Mobikwik IPO की पूरी डिटेलमोबिक्विक ने आईपीओ के लिए 265 से 279 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है।
इसका लॉट साइज 53 शेयरों का है यानी आपको कम से कम 14,787 रुपये लगाने होंगे।
मोबिक्विक के आईपीओ को 11 से 13 दिसंबर तक सब्सक्राइब किया जा सकता है।
शेयरों का अलॉटमेट 16 दिसंबर को होगा और रिफंड की प्रक्रिया 17 दिसंबर को शुरू होगी।
डीमैट में शेयर क्रेडिट 17 दिसंबर को होंगे, वहीं शेयर मार्केट में लिस्टिंग 18 दिसंबर को होगी।
Mobikwik IPO का GMP कितना है?
मोबिक्विक के आईपीओ को ग्रे मार्केट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल 95 रुपये का चल रहा है। इस हिसाब से मोबिक्विक के आईपीओ की लिस्टिंग 374 रुपये पर हो सकती है और निवेशकों को 34.05 फीसदी का शानदार लिस्टिंग गेन मिल सकता है। ग्रे मार्केट एक अनधिकृत बाजार है, जहां आईपीओ की लिस्टिंग से पहले शेयरों का कारोबार होता है। हालांकि, यहां पर शेयरों का भाव काफी तेजी से ऊपर-नीचे होता रहता है।




Mobikwik IPO के पैसों का यूज कैसे करेगी

मोबिक्विक के आईपीओ में पूरी तरह से फ्रेश इक्विटी जारी होगी। कंपनी आईपीओ से मिलने वाले 572 करोड़ रुपये को अलग-अलग काम में खर्च करेगी। यह फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में ऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पेमेंट सर्विसेज के विस्तार में 135 करोड़ रुपये लगाएगी। वहीं, 107 करोड़ रुपये एआई, मशीन लर्निंग और टेक्नोलॉजी की रिसर्च एवं डेवलपमेंट में जाएंगे। पेमेंट डिवाइसेज पर पूंजीगत व्यय के लिए 70.2 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

Mobikwik का बिजनेस और वित्तीय प्रदर्शनमोबिक्विक मई 2024 तक भारत में सबसे बड़ी मोबाइल वॉलेट कंपनी थी। यह मोबाइल वॉलेट के अलावा भी कई तरह की वित्तीय सेवाएं देने लगी है। इसमें मोबिक्विक ZIP और ZIP EMI जैसे क्रेडिट प्रोडक्ट्स शामिल हैं। साथ ही, कंपनी अपने वॉलेट, UPI और Zaakpay के जरिए डिजिटल पेमेंट और मोबिक्विक एक्स्ट्रा के जरिए पीयर-टू-पीयर लेंडिंग देती है। Mobikwik का वित्त वर्ष 2024 के लिए रेवेन्यू 875 करोड़ रुपये का था। इसे 14.08 करोड़ रुपये नेट प्रॉफिट हुआ था।
 सोना हुआ सस्ता, चांदी के बढ़े दाम; जानिए क्या है लेटेस्ट प्राइस

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आपको हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदना चाहिए। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है। सोमवार को सोने की कीमत में 190 रुपये की गिरावट आई।

गोल्ड ETF में निवेश करने वालों की तादाद भी बढ़ रही है।

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार (9 दिसंबर) को सोने की कीमतों में गिरावट दिखी। हालांकि, चांदी के दाम एक बार फिर बढ़ गए। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 190 रुपये गिरकर 78,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता यानी 24 कैरेट वाला गोल्ड 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

हालांकि, चांदी सोमवार को 350 रुपये बढ़कर 93,850 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले सत्र में यह धातु 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। शुक्रवार को पीली धातु 78,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध 410 रुपये या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 77,029 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए।

सोने पर क्या है एक्सपर्ट की रायMCX पर सोने की कीमतें बढ़ने के बारे में एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि इसकी वजह वैश्विक अस्थिरता है।



उन्होंने कहा, "भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण सुरक्षित निवेश की मांग फिर से बढ़ने से MCX पर सोने की कीमतें बढ़कर ₹77,200 पर पहुंच गईं। विद्रोही बलों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटा दिया, सीरियाई क्षेत्र में इजरायल की भागीदारी और तुर्की समर्थित विद्रोही गतिविधि की रिपोर्ट ने तनाव बढ़ा दिया।"

त्रिवेदी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के नेतृत्व संकट ने वैश्विक अनिश्चितता को बढ़ा दिया। इसमें राष्ट्रपति यूं सुक येओल की आपराधिक जांच और महाभियोग से बचने की बात शामिल है। इन घटनाक्रमों ने सोने की रेंज को ₹76,500-₹78,000 तक बढ़ा दिया, जिससे निकट भविष्य में सुरक्षित निवेश की मांग में तेजी रहने की संभावना है।

हमेशा सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदेंआपको हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदना चाहिए। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

गोल्ड ETF में निवेश करने वालों की तादाद भी बढ़ रही है। बीते महीने यानी नवंबर में भारतीयों ने गोल्ड ETF में करीब 1,482 करोड़ रुपए निवेश किया। इसकी एक बड़ी वजह इक्विटी बाजार में भारी अस्थिरता रही। इससे पहले अक्टूबर में गोल्ड ETF में 1,961 करोड़ रुपये और सितंबर में 1,233 करोड़ रुपये का निवेश आया है।
 ऑटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री पर चौतरफा मार, क्या केंद्र सरकार से मिलेगी राहत?

ऑटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री पर चौतरफा मार, क्या केंद्र सरकार से मिलेगी राहत?

 ऑटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री पर चौतरफा मार, क्या केंद्र सरकार से मिलेगी राहत?


ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री बढ़ती लागत और टैक्स की मार के बीच बाजार की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पा रहा है। स्टील पर 25 प्रतिशत सेफगार्ड ड्यूटी लगाए जाने के प्रस्ताव से भी इंडस्ट्री में चिंता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन बढ़ने से भी ऑटो पा‌र्ट्स निर्माताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो रही हैं। उनका मानना है कि ई-वाहनों के आने से ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग सिमट जाएगा।

ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग को आगामी आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं।
 देश का ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग रोजगार को लेकर अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। लगभग 57 अरब डॉलर के आसपास का कुल घरेलू आटो उपकरण उद्योग चौतरफा संकट से गुजर रहा है। बढ़ती लागत और टैक्स की मार के बीच संसाधनों की कमी के कारण ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग बाजार की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पा रहा है।

ऊपर से केंद्र सरकार की ओर से स्टील पर 25 प्रतिशत सेफगार्ड ड्यूटी लगाए जाने के प्रस्ताव से उद्योग चिंता में पड़ गया है, क्योंकि इस उद्योग का कच्चा माल स्टील है। ऐसे में ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग को आगामी आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं।

उद्यमियों का कहना है कि केंद्र सरकार स्टील की कीमतों को स्थिर रखने के उपाय करे और स्टील नियामक प्राधिकरण बनाई जाए, जिसकी मांग लंबे समय से की जा रही है। सरकार स्टील की कीमतें कम से कम तीन महीने तक स्थिर रखे ताकि वह उत्पादन को लेकर बेहतर प्लानिंग की जा सके।


कंपनियां रोजाना नए मॉडल ला रही हैं। उनमें कम से कम पांच साल तक नए पा‌र्ट्स की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए रिप्लेसमेंट मार्केट 60 प्रतिशत खत्म हो गया है। इसका असर भी आटो पा‌र्ट्स उद्योग पर हो रहा है। सरकार को पा‌र्ट्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत करनी चाहिए। प्री-बजट मेमोरेंडम में इन बातों का उल्लेख अपेक्स चैंबर करेगा।

रजनीश आहूजा, प्रेसिडेंट, अपेक्स चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज

ई-वाहन इंडस्ट्री ने बढाई चिंताभले ही केंद्र सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वाहन) बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इससे ऑटो पा‌र्ट्स निर्माताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो रही हैं। उनका मानना है कि ई-वाहनों के आने से आटो पा‌र्ट्स उद्योग सिमट जाएगा। मौजूदा वाहनों के इंजन में दो हजार से अधिक मूविंग पा‌र्ट्स लगते हैं, जबकि ई-वाहन में 20 से अधिक ही मूविंग पा‌र्ट्स लग रहे हैं।
साथ ही, अत्याधुनिक वाहनों में उच्च गुणवत्ता के पुर्जे आने से वैकल्पिक बाजार भी लगातार सिकुड़ रहा है। ऐसे में आटो पा‌र्ट्स उद्यमी भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। पंजाब में आटो पा‌र्ट्स उद्योग से जुड़ी दो हजार से अधिक इकाइयां हैं और इनमें वार्षिक 10 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हो रहा है।
हाल ही में सरकार ने स्टील पर 25 प्रतिशत ड्यूटी लगाने का जो प्रस्ताव रखा है, वह आटो पा‌र्ट्स उद्योग के लिए बड़ा संकट है। केंद्र सरकार को ड्यूटी लगाने से पहले इंडस्ट्री को होने वाले नुकसान पर ध्यान देना चाहिए। इससे ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग में लागत बढ़ेगी और यह चिंता का विषय है।

गुरपरगट सिंह काहलों, अध्यक्ष, ऑटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया
प्रतिस्पर्धा में स्थानीय उद्योग टिक नहीं पा रहासंसाधनों की कमी के कारण ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग बाजार की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा चीन से आयात हो रहे उत्पादों को लेकर भी चुनौतियां बढ़ रही हैं। 25 प्रतिशत से अधिक पा‌र्ट्स चीन से आयात हो रहे हैं, जबकि 60 प्रतिशत तक आटो एसेसरीज विदेश से आ रही हैं। कीमत की प्रतिस्पर्धा में स्थानीय उद्योग टिक नहीं पा रहे हैं। प्रदेश में ऑटो पा‌र्ट्स सेक्टर की मजबूती के लिए न केवल टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन बल्कि विशेष आर्थिक जोन की भी दरकार है।



ऑटो पा‌र्ट्स उत्पादकों का कहना है कि उन्हें वैश्विक बाजार में जहां कड़ी चुनौतियां मिल रहीं हैं, वहीं बढ़ते आयात के चलते घरेलू मार्केट में भी परेशानियां बढ़ रही हैं। इस घटती हिस्सेदारी को बचाने के लिए विकास एवं संशोधन केंद्र (आरएंडडी सेंटर) सहित तकनीकी अपग्रेडेशन आवश्यक हो गया है।


सरकार से क्या हैं ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री की उम्मीदें?अगले 10 वर्षों में ऑटोमोबाइल पर टैक्स में कटौती से भारत का आटो उद्योग वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी होगा। इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजन होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। उद्यमी चाहते हैं कि उनके उत्पादों पर लगने वाला जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया जाए ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में डटे रह सकें। उद्योग को सस्ती दर पर कर्ज मुहैया कराने, ईज आफ डूइंग बिजनेस को सही तरीके से प्रोत्साहित करने और उद्योग को जीएसटी रिफंड समय पर मिलने का इंतजाम किया जाए।


देश में ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग की स्थिति57 अरब डॉलर के आसपास है घरेलू ऑटो उपकरण उद्योग का कुल कारोबार।
21.2 अरब डॉलर के ऑटो उपकरणों का होता है निर्यात, 50 लाख लोग कार्यरत हैं।
7.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है देश की जीडीपी में आटो उपकरण उद्योग की।
200 अरब डॉलर का हो जाएगा आटो उपकरण उद्योग 2026 तक।
 सभी के लिए आवास : मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की 7 आवासीय परियोजनाओं का किया शुभारम्भ

सभी के लिए आवास : मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की 7 आवासीय परियोजनाओं का किया शुभारम्भ

 सभी के लिए आवास : मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की 7 आवासीय परियोजनाओं का किया शुभारम्भ

सभी के लिए आवास

अटल विहार योजना से जरूरतमंदों को किफायती दर पर आवास होगा उपलब्ध: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा बनाए जाएंगे 1650 आवास

ई.डब्ल्यू.एस. भवनों में 80,000 रुपए एवं एल.आई.जी. भवनों में 40,000 रुपए की सब्सिडी  राज्य शासन द्वारा मिलेगी

अटल विहार योजना से जरूरतमंदों को किफायती दर पर आवास होगा उपलब्ध: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 'सभी के लिए आवास' की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में  "अटल विहार योजना" के अंतर्गत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की 7 आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार के एक वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा अटल विहार योजना प्रारंभ की जा रही है ताकि जरूरतमंदों को विशेष रूप से शहरी क्षेत्र के लोगों को किफायती दर पर मकान उपलब्ध कराए जा सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जिन आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया उनके तहत 07 विभिन्न स्थानों पर भूरकोनी -रायपुर, पथर्रा - राजिम, खरतुली - धमतरी, सिहाद - धमतरी, पुलगांव - दुर्ग, गुरूर - बालोद, एवं कोकड़ापारा - बीजापुर में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के आवास बनाए जाएंगे। लगभग 300 करोड रुपए की लागत की इन परियोजनाओं के तहत 1650 मकान बनाए जाएंगे, इनमें ई.डब्ल्यू.एस. और एल.आई.जी. श्रेणी के 1452 आवास तथा एम.आई.जी. श्रेणी के 200 आवास बनाए जाएंगे। हितग्राही भवनों का ऑनलाईन पंजीयन वेबसाईट(www.cghb.gov.in)के माध्यम से घर बैठे कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हर शहरी गरीब परिवारों को आवास मिले, इस उद्द्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है। इससे प्रेरणा लेते हुए हमारी राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों एवं विकासखंड में रह रहे आवासहीन अथवा कच्चे भवन के स्थान पर किफायती एवं पक्के छत युक्त आवास उपलब्ध कराने के लिए  "अटल विहार योजना" प्रारंभ की है, जिसके तहत हाउसिंग बोर्ड द्वारा 50,000 भवनों का निर्माण कर आबंटन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल विहार योजना के लिए हाउसिंग बोर्ड को एक रूपये प्रति वर्ग फुट पर शासकीय भूमि उपलब्ध कराई जा रही है इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये है। इस योजना में पूर्व में घोषित अनुदान को जारी रखते हुए ई.डब्ल्यू.एस. भवनों में 80,000 रुपए एवं एल.आई.जी. भवनों में 40,000 रुपए अनुदान राज्य शासन द्वारा दिया जा रहा है।

वित्त तथा आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि अटल विहार योजना के तहत आवासों का निर्माण गुणवत्ता के साथ किया जाएगा। इस योजना के तहत राजधानी रायपुर के साथ - साथ दूरस्थ बीजापुर जिले में भी मकान बनाए जाएंगे। जल्द ही यह योजना सभी जिलों में शुरू होगी।

हाउसिंग बोर्ड द्वारा नियमित भवनों को फ्री-होल्ड करने की योजना वर्ष 2012 में प्रारंभ की गई। इस योजना में राज्य के लोगों की मांग को प्राथमिकता देते हुए हमारी सरकार द्वारा अभी हाल ही में 26 नवम्बर 2024 को आयोजित कैबिनेट की बैठक में फ्री-होल्ड किये जा रहे भवनों में डायवर्सन शुल्क एवं पेनाल्टी में शत प्रतिशत छूट प्रदान की गई है, इससे हाउसिंग बोर्ड के लगभग 80 हजार हितग्राहियों को राहत मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव श्री बसव राजू एस., आयुक्त छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल श्री कुंदन कुमार सहित छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।