Showing posts with label dharmik. Show all posts
Showing posts with label dharmik. Show all posts

भोपाल हज कमेटी की लापरवाही के कारण हज-यात्री होते रहे परेशान, हाजियो में दिखा गुस्सा और नाराज़गी...



 भोपाल / भोपाल हज-कमेटी द्वारा हाजियों के लिए जो सुविधाएं देना चाहिए थी वो हज-कमेटी के कर्मचारी नही दे पाए कमेठी की लापरवाही की वजह से नतीजा ये हुआ की हाजियो और हाजियो के साथ आए उनके परिजनों को हज-हाउस में हर चीज़ के लिए परेशान होना पड़ा।

देश के अन्य शहरों के मुकाबले भोपाल हज-कमेटी ने हर हाजी से जो हज करने जा रहे है उनसे 68 हज़ार रुपए अतिरिक्त ले लिए गए है और इसके बदले हज-हाउस में भोपाल से उड़ान भरने वाले हाजियो को मिला क्या बद-इन्तज़ामी और परेशानी। क्या भोपाल हज-कमेटी ने 68 हज़ार रुपए भोपाल के हाजियो को परेशान करने के लिए है। हज-हाउस की बिल्डिंग में ना तो खाने की सही व्यवस्था है और ना पीने और नहाने के पानी का इंतज़ाम। लगातार हो रही बद-इन्तज़ामी की वजह से हाजियो और उनके परिजनों में खासी नाराज़गी और गुस्सा देखने को मिला। कई हाजी पानी के टैंकर के नीचे नहाते नज़र आए और  अस्थाई तौर पर बने टॉयलेट में अपनी हाजत से फारिग होते नज़र आए। और तो और हज-हाउस की बिल्डिंग में लगी लिफ्ट अचानक चलते-चलते बन्द हो गई जिससे लिफ्ट में कई हाजी फंस गए थे लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर हाजियो को लिफ्ट से निकाला गया। लिफ्ट हाजियो के भरोसे चल रही थी कोई लिफ्टमैन वहाँ मौजूद नही था ऐसी घोर लापरवाही की वजह से हाजियो को अगर कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। वहीं खराब व्यवस्था के चलते हाजियो के परिजनों का हज कमेटी के कर्मचारियों से गर्मा-गरम बहस और नोकझोक हो गई थी वो तो भला हो हाजियो की खिदमत में बे-गरज होकर लगे तब्लीगी जमात के साथियों का जिन्होंने सारी व्यवस्थाओ को संभालने की पुरजोर कोशिश की और अपनी तरफ से हाजियो को नाश्ता-पानी और खाने की व्यवस्था की। वहीं दूसरी तरफ भोपाल हज-कमेटी द्वारा अतिरिक्त लिए गए 68 हज़ार रुपए किस वजह से लिए गए इसका भी हज कमेटी कोई हिसाब नही दे रही है आखिर ये अतिरिक्त पैसा किसकी जेब मे गया कौन देगा इसका हिसाब ये जाँच का विषय है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरनाथ-यात्रा के लिए बुज़ुर्ग हिन्दू तीर्थ-यात्रियों के लिए निशुल्क हवाई-जहाज़ की यात्रा की व्यवस्था करवाई वही दूसरी तरफ हज-यात्रियों द्वारा निर्धारित रकम से ज्यादा अतिरिक्त 68 हज़ार रुपए देने के बावजूद हज-हाउस में कमेटी की लापरवाही की वजह से हाजी और उनके परिजन परेशान होते रहे और सभी सुविधाएं सुविधाएं नदारद थी।

सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड भोपाल में महिलाओ के लिए इस्लाहे-मुआशरा कार्यक्रम आयोजित किया गया...




भोपाल। आरिफ मसूद फैंस क्लब ने राजधानी भोपाल के सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड में आज सुबह 10ः00 बजे से महिलाओं के लिए इस्लाहे मुआशरा कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र कुरान की तिलावत से किया गया। 

विधायक आरिफ मसूद द्वारा रखे गए इस्लाहे मुआशरा कार्यक्रम पर भोपाल आए मुस्लिम धर्मगुरू विद्वान हज़रत मौलाना खलील उर रहमान सज्जाद नौमानी सा मुख्य अतिथि थे, वहीं क़ाज़ी-ए-शहर सै. मुश्ताक़ अली नदवी और मुफ्ती-ए-शहर हज़रत मौलाना अबुल कलाम क़ासमी भी मंच पर मौजूद थे।

इस मौके पर जलसे को संबोधित करते हुए हज़रत मौलाना सज्जाद नौमानी साहब ने कहा कि नमाज पढ़ना, रोजा रखना या ज़कात का देना पूरा इस्लाम नहीं है, बल्कि अल्लाह के हुक्मों पर चलना और अल्लाह के रसूल स.अ.व. के बताए गए रास्तों पर चलना पूरा इस्लाम है। यह दुनिया विश्राम का स्थान नहीं बल्कि परीक्षा का स्थान है। हज़रत ने कहा कि इस्लाम को पुरुषों की तुलना में महिलाओं द्वारा अधिक समझा गया है, माताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से ही वली अल्लाह और धार्मिक विद्वानों का जन्म हुआ है इसलिए अपने बच्चों को अच्छी तरह से तरबियत करें, उन्हें समय की परिस्थितियों से अवगत कराएं, ताकि वे सही और बड़े फैसले ले सकें। पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपने पति और परिवार का ख्याल रखें। अपने घरों को धर्म का पालना बनाएं, अपने दैनिक कार्यों से कुछ समय निकालें और क़ुरान की आयतों और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें। अपनी ज़िम्मेदारियों को सही ठग से निभाएं और इज़्ज़त और विक़ार के साथ अपने काम करें। 

आगे मौलाना ने कहा कि आज का दौर बहुत नाजु़क है, सिर्फ अच्छे खाने-पहनने पर खर्च करना ही काफी नहीं है, बल्कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और तालीम देना भी बहुत ज़रूरी है। हज़रत ने कहा कि जलसे में आईं सभी माताओं, बहनों को यह संकल्प लेना चाहिए कि आज से हम अल्लाह के हुकमों  और अल्लाह के रसूल के दिखाए रास्ते पर चलेंगे। इस मौके पर मौलाना सज्जाद नौमानी साहब ने कहा कि शादियां आसान बनानी चाहिए, दहेज और बेजा प्रथा से बचना चाहिए। सामूहिक दुआ के साथ जलसे का समाप्त हुआ। 

इस्लाहे मुआशरा कार्यक्रम के आयोजक विधायक आरिफ मसूद ने मौजूदा हालात के बारे में कहा कि हमें खुद को मानसिक रूप से मज़बूत करना चाहिए ताकि अल्लाह की खुशी और अल्लाह की मोहब्बत और रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की मोहब्बत हमारे दिलों में बनी रहे। फिर कैसा भी समाज आ जाए, हम भटकेंगे नहीं। बच्चों के स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पर कहा कि हमें अच्छे स्कूल और कॉलेज का चुनाव करना चाहिए, अगर स्कूल और कॉलेज अच्छे होंगे तो उनका रिजल्ट भी अच्छा आएगा।

आगे आरिफ मसूद ने कहा कि मैं सभी से गुज़ारिश करता हूं जलसे में आने वाली सभी महिलाएं अपने बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ साथ दीन की तालीम से भी लैस करें ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो। जलसे के समापन अवसर पर विधायक आरिफ मसूद ने बैठक में भाग लेने वाली सभी महिलाओं माता, बहनों को धन्यवाद दिया। जलसे में हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल थीं।


देशभर में मिठास और खुशियों का त्यौहार ईद उल फित्र अकीदत के साथ मनाया गया...



 भोपाल / देशभर में इस्लाम का मिठास से भरा खुशियों से सराबोर प्रमुख त्यौहार ईद उल फित्र अकीदत और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। 

कल शुक्रवार को चाँद दिखने की तस्दीक करते हुए भोपाल शहर काज़ी सै. मुश्ताक अली नदवी ने शनिवार को ईद उल फित्र का त्यौहार मनाने का ऐलान किया था। रमज़ान के पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते है विशेष तरावीह की नमाज़ पढ़ते है, कुरआन की तिलावत, ज़िक्र, सदकात, खैरात,ज़कात और सदक़ा-ए-फित्र निकालकर जो मुस्तहिक़ और ज़रूरतमंद होते है उनको पहुँचाकर गरीबो, मिस्कीनों और यतीमो को भी ईद की खुशियों में शामिल करने की थोड़ी सी कोशिश करते है। सदक़ा-ए-फित्र फी नफ़र 50 रुपए रखा गया था जो हर साहिबे-निसाब पर उसकी औलाद की तरफ से ईद की नमाज़ से पहले-पहले अदा करना वाजिब है। ईद की विशेष नमाज़ शहर की हर बड़ी मस्ज़िद में अदा की गई। भोपाल की ऐतिहासिक ईदगाह में ईद की नमाज़ का वक्त 7 बजे रखा गया था ताजुल-मसाज़िद में 7-15 बजे, ज़ामा-मस्ज़िद में 7-30 बजे, मोती-मस्ज़िद में 7-45 बजे और बड़ी मस्ज़िद बाग फरहत अफज़ा में 9 बजे ईद की नमाज़ अदा की गई। वहीं दुआ में हर शख्स के लिए खुशहाली, अमन, चैन, आपसी भाईचारे और सद्भाव कायम करने की अल्लाह से दुआ की गई। नमाज़ की अदायगी के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगो ने आपस मे गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इस दौरान हर शख्स के चेहरे पर खुशियां साफ झलक रही थी। आज हर शख्स खुश था किसी को कोई गम, दुख और दर्द नही था। और खुश क्यों ना हो आखिर अल्लाह से महीने भर के रोज़े, तरावीह, नमाज़, तिलावत, ज़िक्र, सदकात, खैरात और ज़कात देने का ईनाम जो मिला है। 

रमज़ान का चाँद दिखा, इस्लाम का मुकद्दस और पाक महीना हुआ शुरू...


 भोपाल / आज सूरज ढलते ही इस्लाम का मुबारक और मुकद्दस महीना रमज़ान शुरू हो गया है। इस्लाम में ये महीना बड़ा पाक और बा-बरकत माना जाता है। इस महीने मुस्लिम समुदाय पूरे 29 या 30 रोज़े रखते है। और नमाज़, तिलावत, ज़िक्र, खैरात-सदक़ात, के अलावा तरावीह की विशेष (खास) नमाज़ पूरे महीने पढ़ते है। सुबह सादिक से लगभग आधा घण्टा पहले मुस्लिम समुदाय के लोग खाना खाते है जिसे सेहरी कहते है। और सूरज के ढलते ही रोज़ा-इफ्तार करते है। इसी के साथ बाज़ारों में सेहरी में खाई जाने वाली चीज़े शीरमाल, पराठे, बिस्किट,फैनी, बाकर-खानी, आदि चीज़ों से बाज़ार सज गए है बाज़ारो में चहल-पहल बढ़ गई है और मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए और गले मिलते हुए नज़र आ रहे है। हर मुसलमान चाहे वो मर्द हो, औरत हो, बुज़ुर्ग हो या बच्चे हो सबके चेहरे पर मुस्कान और दिल मे रमज़ान के आने की खुशी साफ झलक रही है।

इस्लाम के इस मुकद्दस और पाक महीने की फ़ज़ीलत कुरआन और हदीस की कई किताबो में मिलती है। चुनांचे रिवायत में आया है की हज़रत सलमान फारसी रज़ि. इर्शाद फरमाते है की शाबान की आखिरी तारीख में अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद सल्ल. ने हमसे इर्शाद फ़रमाया की तुम्हारे ऊपर एक महीना आ रहा है जो बड़ा बा-बरकत और फ़ज़ीलतो वाला है इस महीने में एक रात है जिसे लेलातुल-कद्र कहा जाता है जो हज़ार महीनों से अफ़ज़ल है अल्लाह ने इस महीने के रोज़े को फ़र्ज़ फ़रमाया है और रात के क़याम यानी तरावीह को सवाब की चीज़ बनाया है जो इस महीने एक नफिल अदा करता है उसको एक फ़र्ज़ के बराबर सवाब मिलता है और जो एक फ़र्ज़ अदा करता है उसको 70 फ़र्ज़ों के बराबर सवाब मिलता है ये महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है ये महीना लोगो के साथ गमख़्वारी करने का है इस महीने में मोमिन का रिज़्क़ बड़ा दिया जाता है और जो शख्स किसी रोज़ादार को इफ्तार कराए या एक घूंट पानी पिलाने या एक घूंट लस्सी पिलाए तो उसे रोज़ा रखने वाले के बराबर सवाब मिलता है इसका अव्वल हिस्सा रहमत है, दूसरा हिस्सा मग़फ़िरत है और तीसरा हिस्सा आग से खलासी है।

मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने कसरत से अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते है नमाज़, रोज़ा, तरावीह, ज़िक्र, और कुरआन की तिलावत का खास एहतमाम करते है और हर बुराई, जैसे शराब, ज़िना, चोरी, जुआ,लड़ाई-झगड़ा, बदकलामी, गाली, ग़ीबत, चुगलखोरी, और झूठ से बचते है और बचने की कोशिश करते है।

14 शाबान 1444 हिज़री को जामिया-हिफ्ज़ुल कुरआन चन्दन नगर भानपुर में सालाना जलसा आयोजित हुआ...



 भोपाल / 07 मार्च 2023 बरोज मंगल 14 शबान 1444 हिजरी को जामिया हिफ्ज़ुल क़ुरआन चन्दन नगर भानपुर भोपाल का सालाना जलसा हुआ जिसमे मदरसे के नाज़िम हाफिज इस्माईल बैग साहब सदर जमीअत उलमा ज़िला भोपाल ने बताया कि हर साल 14 शाबान को मदरसे का सालाना जलसा होता है जिसमे मदरसे से फारिग होने वाले बच्चो की दस्तारबन्दी होती है इनामात दिए जाते है। बच्चो का प्रोग्राम होता है नात, तकरीरे, बयानात होते, उलेमाओं का भी एक बड़ा मज़मा होता है बड़ी दाताद में लोग आते है अल्हम्दुलिलाह हर साल की तरह इस साल भी मुकम्मल ओर कामयाब प्रोग्राम हुआ।

जिसमे मेहमान ए ख़ुसूसी शेखुल हदीस मदरसा इस्लामिया अरविया तलुज़ा नई मुंबई  मुफ़्ती इस्हाक़ अब्दुल रज़्ज़ाक़ पटेल साहब हुसैनी मज़ाहिरी ने शिरकत की मुफ़्ती साहब ने अपनी अहम नसीहतों से नवाजा दीन की मोटी मोटी और ज़रूरी बातें आम हालात को मद्दे नज़र रखते हुए बयान फ़रमाया। और मदरसे के बच्चो के नात, तकरीरे , तिलावत से बड़े खुश हुए और बच्चो को दुआओ ओर इनामात से नवाजा। 

जलसे की सदारत जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के सदर और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हाजी मुहम्मद हारून साहब ने की हाजी साहब ने मदरसे के बच्चो  की नात, तकरीरों, की बहुत तारीफ की ओर हौसला अफ़ज़ाई भी की ओर जलसे में आये हुए हजरातों को दौरे हाज़िर के हालात से रूबरू कराया। हाजी साहब ने  अपने बेबाक अंदाज में दीन की बहुत खास ओर अहम बातों को बयान किया। मेहमाने मुकर्रम खतीब बे मिसाल शहर के नामी शख्सियत मोलाना यूसुफ साहब सिद्दीकी नदवी साहब ने अपने तफसीली बयान से जलसे में आये तमाम हजरात को अपनी कीमती नसीहतों  से दिलो को रोशन किया और दीन की बहुत अहम बातों से रूबरू कराया। 

मेहमान जी वकार हजरत मोलाना माज़ नोमानी साहब नदवी भोपाल ने भी अपने बयान से सबको दीन की अहम बातों ओर शब ए बारात की फजीलत बताई कि शब  बरात की मुबारक रात में किन लोगों की मगफीरत होती हे और वोह कौनसे लोग हैं जिन की इस मुबारक रात में भी मगफीरत नहीं होती जलसे में आये वार्ड 73 के पार्षद जनाब राजू राठौर साहब ओर पार्षद पति मसूद साहब  का भी मदरसे के नाज़िम हाफिज ईस्माइल बैग साहब  ने शाल ओढ़ाकर  इस्तक़बाल किया जलसे की निज़ामत मौलाना अज़हर बैग साहब नदवी मोहतमिम जामिया हिफ्ज़ुल क़ुरान चन्दन नगर भानपुर ने की जलसे मे आये शहर भोपाल के ओर आस पास के इमामो, मुअज़्ज़िन हजरातों का भी ख़ैर मकदम किया गया और दीगर मज़हब से आए हुए गैर मुस्लिमों  का भी शुक्रिया अदा किया।

हाजी मुहम्मद हारून साहब , मुफ़्ती इस्हाक़ अब्दुल रज़्ज़ाक साहब, मोलाना यूसुफ साहब, मोलाना, माज़ साहब,  ने फारिग हुए बच्चो को झुब्बा  ( मिशलाह) पहनाकर ओर टोपी रुमाल देकर एज़ाज़ ओर इकराम किया। मदरसे के नाज़िम ओर जमीअत उलमा ज़िला भोपाल के सदर हाफिज इस्माईल बैग साहब ने जलसे में मेहमानों का ओर उलेमाओं का शाल ओढ़ा कर इस्तक़बाल किया और मदरसे के उस्ताद का भी टोपी रुमाल वगैरह से इस्तक़बाल किया गया और  सबका शुक्रिया अदा किया इस मोक़े मोजूद  प्रसासन का, नगर निगम का, भी शुक्रिया अदा किया।