रमज़ान का चाँद दिखा, इस्लाम का मुकद्दस और पाक महीना हुआ शुरू...

March 23, 2023


 भोपाल / आज सूरज ढलते ही इस्लाम का मुबारक और मुकद्दस महीना रमज़ान शुरू हो गया है। इस्लाम में ये महीना बड़ा पाक और बा-बरकत माना जाता है। इस महीने मुस्लिम समुदाय पूरे 29 या 30 रोज़े रखते है। और नमाज़, तिलावत, ज़िक्र, खैरात-सदक़ात, के अलावा तरावीह की विशेष (खास) नमाज़ पूरे महीने पढ़ते है। सुबह सादिक से लगभग आधा घण्टा पहले मुस्लिम समुदाय के लोग खाना खाते है जिसे सेहरी कहते है। और सूरज के ढलते ही रोज़ा-इफ्तार करते है। इसी के साथ बाज़ारों में सेहरी में खाई जाने वाली चीज़े शीरमाल, पराठे, बिस्किट,फैनी, बाकर-खानी, आदि चीज़ों से बाज़ार सज गए है बाज़ारो में चहल-पहल बढ़ गई है और मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए और गले मिलते हुए नज़र आ रहे है। हर मुसलमान चाहे वो मर्द हो, औरत हो, बुज़ुर्ग हो या बच्चे हो सबके चेहरे पर मुस्कान और दिल मे रमज़ान के आने की खुशी साफ झलक रही है।

इस्लाम के इस मुकद्दस और पाक महीने की फ़ज़ीलत कुरआन और हदीस की कई किताबो में मिलती है। चुनांचे रिवायत में आया है की हज़रत सलमान फारसी रज़ि. इर्शाद फरमाते है की शाबान की आखिरी तारीख में अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद सल्ल. ने हमसे इर्शाद फ़रमाया की तुम्हारे ऊपर एक महीना आ रहा है जो बड़ा बा-बरकत और फ़ज़ीलतो वाला है इस महीने में एक रात है जिसे लेलातुल-कद्र कहा जाता है जो हज़ार महीनों से अफ़ज़ल है अल्लाह ने इस महीने के रोज़े को फ़र्ज़ फ़रमाया है और रात के क़याम यानी तरावीह को सवाब की चीज़ बनाया है जो इस महीने एक नफिल अदा करता है उसको एक फ़र्ज़ के बराबर सवाब मिलता है और जो एक फ़र्ज़ अदा करता है उसको 70 फ़र्ज़ों के बराबर सवाब मिलता है ये महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है ये महीना लोगो के साथ गमख़्वारी करने का है इस महीने में मोमिन का रिज़्क़ बड़ा दिया जाता है और जो शख्स किसी रोज़ादार को इफ्तार कराए या एक घूंट पानी पिलाने या एक घूंट लस्सी पिलाए तो उसे रोज़ा रखने वाले के बराबर सवाब मिलता है इसका अव्वल हिस्सा रहमत है, दूसरा हिस्सा मग़फ़िरत है और तीसरा हिस्सा आग से खलासी है।

मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने कसरत से अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते है नमाज़, रोज़ा, तरावीह, ज़िक्र, और कुरआन की तिलावत का खास एहतमाम करते है और हर बुराई, जैसे शराब, ज़िना, चोरी, जुआ,लड़ाई-झगड़ा, बदकलामी, गाली, ग़ीबत, चुगलखोरी, और झूठ से बचते है और बचने की कोशिश करते है।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »