पाकिस्तान ने चली नई चाल; अमेरिकी जनरल को दिया 'निशान-ए-इम्तियाज', क्या है पड़ोसी मुल्क का मकसद?

 


पाकिस्तान ने चली नई चाल; अमेरिकी जनरल को दिया 'निशान-ए-इम्तियाज', क्या है पड़ोसी मुल्क का मकसद?

पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला की पाकिस्तान यात्रा और उन्हें निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया जाना इसी कड़ी का हिस्सा है। पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बचने और अमेरिका से रक्षा क्षेत्र में मदद पाने के लिए ऐसा कर रहा है। पाकिस्तान अमेरिका को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

पाकिस्तान दौरे पर अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला। फोटो- सोशल मीडिया

HIGHLIGHTSअमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला पाकिस्तान दौरे पर।
पाकिस्तान ने जनरल कुरिल्ला को दिया सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज'।
FATF से बचने के लिए अमेरिका को खुश करने में जुटा पड़ोसी मुल्क।


अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। IMF से कर्ज हासिल करने और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर के व्हाइट हाउस दौरे के बाद इस्लामाबाद से एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला पाकिस्तान पहुंच गए हैं।


पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में जनरल कुरिल्ला का भव्य स्वागत किया गया। यही नहीं, पड़ोसी मुल्क ने उन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' से भी नवाजा है। जाहिर है, पाकिस्तान बिना किसी मकसद के यह सब नहीं करेगा। इस खातिरदारी के पीछे भी पड़ोसी मुल्क का बड़ा मकसद छिपा है।


इस्लामाबाद से तस्वीरें वायरल

पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में जनरल कुरिल्ला के लिए हाई प्रोफाइल सेरेमनी रखी गई और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' दिया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। वहीं, बाद में जनरल कुरिल्ला पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर के साथ सैल्यूट करते भी नजर आए।


पाकिस्तान का मकसद?

दरअसल जरनल कुरिल्ला को यह सम्मान देकर पाकिस्तान, अमेरिका के प्रति अपनी वफादारी साबित करना चाहता है। वो रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका से मदद चाहता है। हालांकि, इससे भी बड़ा एक मकसद है FATF (Financial Action Task Force)
पाक पर लटक रही FATF की तलवार

जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में था। FATF आतंकवाद के खिलाफ बनाया गया एक वैश्विक संगठन है, जो आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर शिकंजा कसता है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में पनप रहा आतंकवाद एक बार फिर उजागर हो गया है। ऐसे में पाकिस्तान पर FATF की लिस्ट में शामिल होने की तलवार लटक रही है।

क्या होगा असर?

वहीं, पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान IMF समेत अलग-अलग कर्जों पर निर्भर है। अगर FATF ने पाक का नाम लिस्ट में डाल दिया, तो उसके लिए कर्ज लेना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि पाकिस्तान अमेरिका को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

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