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 नैंसी पेलोसी के पति पर हथौड़े से वार करने वाले आरोपी को हुई 30 साल की जेल, घर में घुसकर किया था हमला

नैंसी पेलोसी के पति पर हथौड़े से वार करने वाले आरोपी को हुई 30 साल की जेल, घर में घुसकर किया था हमला

May 18, 2024 Add Comment

 नैंसी पेलोसी के पति पर हथौड़े से वार करने वाले आरोपी को हुई 30 साल की जेल, घर में घुसकर किया था हमला


पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के घर में घुसकर उनके पति पर हथौड़े से हमला करने के मामले में आरोपी को शुक्रवार को 30 साल जेल की सजा सुनाई गई । आरोपी डेविड डेपेप ने 28 अक्टूबर 2022 को सुबह-सुबह सैन फ्रांसिस्को में पेलोसी के घर में जबरन घुसकर उनके पति पर हथौड़े से हमला किया था। ये घटना कांग्रेस चुनावों से ठीक एक सप्ताह पहले हुई थी।
अमेरिकी पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति

 अमेरिकी संसद की तत्कालीन अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के घर में घुसकर उन्हें बंधक बनाने और उनके पति पर हथौड़े से हमला करने वाले व्यक्ति को शुक्रवार को 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई। न्यायाधीश जैकलीन स्कॉट कॉर्ली ने 44 वर्षीय डेविड डेपेप को सजा सुनाई है।
पिछले नवंबर जूरी सदस्यों ने आरोपी डेविड को इस मामले में दोषी पाया गया था। अभियोजकों ने 40 साल की जेल की सजा मांगी थी। उस समय 82 वर्षीय पॉल पेलोसी पर हमला 2022 के मध्यावधि चुनावों से कुछ दिन पहले हुआ था और घटना का पूरा वीडियो पुलिस बॉडी कैमरा पर कैद हो गया था, जिससे राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी थी।
पॉल पेलोसी के सिर पर आई थी दो चोटें

पॉल पेलोसी के सिर पर दो घाव हुए थे। उनका दाहिना हाथ और हाथ भी घायल हो गया। जज जैकलीन स्कॉट कॉर्ली ने डेपेप को अपहरण के प्रयास के लिए 20 साल और हमले के लिए 30 साल की सजा सुनाई, जो दोनों मामलों में अधिकतम है। सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अदालत में दोपहर के अपने प्रस्ताव में, अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय ने कहा कि डेपेप को सजा सुनाए जाने से पहले अदालत ने बोलने का मौका नहीं दिया और यह एक मुद्दा बन सकता है।


बता दें कि डेविड ने पुलिस के सामने हथौड़े से हमला करने की बात भी स्वीकारी थी। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि एक संघीय अधिकारी के घर में घुसकर हमला करना देश के इतिहास में एक अभूतपूर्व कृत्य है।
बीजिंग की यात्रा के दौरान पुतिन ने को याद किया 75 साल पुराना गीत, बोले- रूस और चीन हमेशा रहे हैं भाई

बीजिंग की यात्रा के दौरान पुतिन ने को याद किया 75 साल पुराना गीत, बोले- रूस और चीन हमेशा रहे हैं भाई

May 18, 2024 Add Comment

 बीजिंग की यात्रा के दौरान पुतिन ने को याद किया 75 साल पुराना गीत, बोले- रूस और चीन हमेशा रहे हैं भाई


चीन के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को यात्रा के अंतिम दिन चीन के लोगों से भावनात्मक संबंध स्थापित करते हुए कहा कि रूसी और चीनी हमेशा से भाई रहे हैं। रूस-चीन संबंधों की तुलना उन्होंने 1940 के दशक के एक गीत से की। पुतिन ने कहा कि पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच हार्दिक संबंध आगे भी जारी रहेंगे।
बीजिंग की यात्रा के दौरान पुतिन ने को याद किया 75 साल पुराना गीत

चीन के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को यात्रा के अंतिम दिन चीन के लोगों से भावनात्मक संबंध स्थापित करते हुए कहा कि रूसी और चीनी हमेशा से भाई रहे हैं। रूस-चीन संबंधों की तुलना उन्होंने 1940 के दशक के एक गीत से की।

पुतिन ने कहा कि पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच हार्दिक संबंध आगे भी जारी रहेंगे। चीन और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए पुतिन ने कहा कि यह दो देशों के बीच अंतरसांस्कृतिक संबंधों की शुरुआत है।

साथ ही कहा, उस समय एक गीत बहुत प्रसिद्ध हुआ था। उसकी पंक्ति 'रसियन एंड चाइनीज आर ब्रदर्स फॉरइवर' यानी रूसी और चीनी सदैव भाई हैं, आज भी प्रासंगिक है। तास एजेंसी के अनुसार, उन्होंने रूस-चीन साझेदारी और भाईचारा को और बढ़ाने की बात कही। कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि यह भाईचारा कायम रहेगा।
पुतिन ने छात्रों से की मुलाकात

वहीं, हार्बिन में चीन-रूस एक्सपो में पुतिन का फोकस सांस्कृतिक एवं व्यापारिक आदान-प्रदान पर रहा। वह इस दौरान हार्बिन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के छात्रों से भी मिले। उन्होंने छात्रों से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से निकटता से जुड़कर काम करने को कहा। इसके साथ ही पुतिन ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि चीन निर्मित इलेक्टि्रक वाहनों पर अमेरिकी टैरिफ एक अनुचित प्रतिस्पर्धा का उदाहरण है।

वहीं, विश्लेषकों ने पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध के बीच रूस और चीन के बीच ये गलबहियां इसी तरह नहीं रह सकेंगी। यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस पर चीन से नजदीकियों से चुनौती और बढ़ सकती है।
पश्चिमी देशों या रूस में से एक को ही चुन सकता है चीन: अमेरिका

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के चीन दौरे के बीच अमेरिका ने चीन के रूस से संबंधों को लेकर हिदायत दी है। कहा, चीन यूरोप और रूस दोनों का एक साथ समर्थन नहीं कर सकता। उसे दो में से एक को चुनना होगा।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेसवार्ता में कहा कि आप यूरोप से अच्छे और मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं, लेकिन उसी यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा बने देश से भी साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं। ऐसा नहीं हो सकता। कहा, यह अमेरिका की ही भावना नहीं है, यह जी-7 देशों, नाटो और यूरोपीय संघ के देशों का भी रुख है।
 चीन के साथ कारोबार में राष्ट्रीय हितों का रखें ख्याल, जयशंकर ने असंतुलन कम करने में इंडिया इंक से मांगी मदद

चीन के साथ कारोबार में राष्ट्रीय हितों का रखें ख्याल, जयशंकर ने असंतुलन कम करने में इंडिया इंक से मांगी मदद

May 18, 2024 Add Comment

 चीन के साथ कारोबार में राष्ट्रीय हितों का रखें ख्याल, जयशंकर ने असंतुलन कम करने में इंडिया इंक से मांगी मदद


विदेश मंत्री का बयान यह बताता है कि जिस तरीके से चीन से होने वाले आयात में लगातार वृद्धि हुई है उससे सरकार बहुत सहज नहीं है। अगर सरकार के आंकड़ों को ही देखा जाए तो वर्ष 2019-20 के बाद से चीन से होने वाले आयात में 44 फीसद का इजाफा 102 अरब डॉलर का हो चुका है जबकि चीन को होने वाला निर्यात तकरीबन स्थिर (16.7 अरब डॉलर) है।


जयशंकर ने असंतुलन कम करने में इंडिया इंक से मांगी मदद

 चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बावजूद वहां से आयात में हो रही लगातार वृद्धि पर पहली बार किसी केंद्रीय मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को ही आड़े हाथ लिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को उद्योग चैंबर सीआईआई की तरफ से आयोजित सालाना वार्षिक सम्मेलन में उद्योग जगत को चीन के साथ कारोबार करने को लेकर किसी तरह की रोक लगाने की बात नहीं कही लेकिन बहुत ही स्पष्ट तरीके से यह सीख दी कि उन्हें राष्ट्रीय हितों से जुड़ी संवेदनाओं का ख्याल रखना होगा।

इसके लिए उन्होंने जहां तक संभव हो भारत निर्मित उत्पादों की आपूर्ति करने की सलाह दी। सम्मेलन में उपस्थित भारत के उद्योग जगत के सैकड़ों प्रतिनिधियों की तरफ इशारा करते हुए जयशंकर ने पूछा कि, “क्या आप उसके साथ कारोबार करेंगे जो आपकी ड्राइंग रूप में घुस गया हो और आपके घर को तहस-नहस कर दिया हो।'' उनका इशारा चीन की सैनिकों का भारत के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चार वर्ष पहले की गई घुसपैठ से है जिसके बाद द्विपक्षीय रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं।

चीन से होने वाले आयात में हुआ भारी इजाफा

विदेश मंत्री का बयान यह बताता है कि जिस तरीके से चीन से होने वाले आयात में लगातार वृद्धि हुई है उससे सरकार बहुत सहज नहीं है। अगर सरकार के आंकड़ों को ही देखा जाए तो वर्ष 2019-20 के बाद से चीन से होने वाले आयात में 44 फीसद का इजाफा 102 अरब डॉलर का हो चुका है जबकि चीन को होने वाला निर्यात तकरीबन स्थिर (16.7 अरब डॉलर) है। इस वजह से व्यापार संतुलन चीन की तरफ है।
चीन के साथ कारोबार संतुलन एक बड़ा मुद्दा

जयशंकर ने कहा कि, चीन के साथ कारोबार संतुलन एक बड़ा मुद्दा है। यह पिछले 20 वर्षों में पैदा हुआ है। यहां स्पष्ट तौर पर हमें देश के कारोबारी जगत के साथ समस्या है। भारत का उद्योग जगत कीमतों के आधार पर फैसला कर रहा है। कारोबार की अपनी जरूरते हैं लेकिन लंबी अवधि के लिए हमें घरेलू सोर्सिंग व उत्पादन को बढ़ावा देना होगा और इसी आधार पर हमें फैसला करना होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा की संवेदनाशीलता का रखना होगा ध्‍यान

जयशंकर ने कहा कि, हमें चीन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की संवेदनाशीलता को भी ध्यान में रखना होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि हम चीन से कुछ भी नहीं खरीद सकते। लेकिन हम जो भी खरीदें उसके लिए राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखें। चीन के मामले में हम इस देश के लोगों को कहना चाहेंगे कि जहां तक संभव हो भारत में बनायें, भारत में खरीदें। हम चीन से खरीदने पर रोक नहीं लगाएंगे। लेकिन जो राष्ट्रीय हित में है वह लंबी अवधि में कारोबार के हित में भी होगा।
सीमा पर समस्‍या पैदा कर रहा चीन

उन्होंने चीन पर आरोप लगाया कि वह सीमा पर समस्या पैदा कर रहा है और उसे लिखित समझौते से पीछे हटा है। हम यह नहीं कर सकते कि कारोबार सामान्य रहे लेकिन बाकी चीजें सामान्य नहीं रहेंगी। कारोबार खत्म करने को नहीं कह रहे। आंकड़े बताते हैं कि कारोबार खत्म नहीं हुई। देश के कारोबार जगत ने चीन को नजरअंदाज नहीं किया है। वह चीन से सामान खरीद रहा है। लेकिन हमें सतर्कता रखनी होगी।
 'भारत रूस और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच खेलता रहा है, अब सिर्फ हमारे साथ मजबूत दोस्‍ती रखे', अमेरिकी सांसद ने ऐसा क्‍यों कहा?

'भारत रूस और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच खेलता रहा है, अब सिर्फ हमारे साथ मजबूत दोस्‍ती रखे', अमेरिकी सांसद ने ऐसा क्‍यों कहा?

May 17, 2024 Add Comment

 'भारत रूस और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच खेलता रहा है, अब सिर्फ हमारे साथ मजबूत दोस्‍ती रखे', अमेरिकी सांसद ने ऐसा क्‍यों कहा?


भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि मानवाधिकारों पर भारत को व्याख्यान देने से काम चलने की संभावना नहीं है। कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और कांग्रेसी रो खन्नाने तीन अन्य भारतीय अमेरिकी सांसदों - श्री थानेदार प्रमिला जयपाल और डॉ. अमी बेरा के साथ इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट का शिखर सम्मेलन देसी डिसाइड्स के दौरान एक पैनल चर्चा के गुरुवार को दौरान इस मामले पर बात की।

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि मानवाधिकारों पर भारत को व्याख्यान देने से काम चलने की संभावना नहीं है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि वे इस मुद्दे पर चिंताएं व्‍यक्‍त करने के लिए महत्वपूर्ण देश के नेतृत्व के साथ बातचीत करने के पक्ष में हैं।

कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और कांग्रेसी रो खन्नाने तीन अन्य भारतीय अमेरिकी सांसदों - श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और डॉ. अमी बेरा के साथ इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट का शिखर सम्मेलन 'देसी डिसाइड्स' के दौरान एक पैनल चर्चा के गुरुवार को दौरान इस मामले पर बात की।

डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े सांसदों ने दोहराया कि वे अपने नेतृत्व के साथ भारत में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाना जारी रखेंगे। भारत में 100 से अधिक वर्षों तक उपनिवेश रहा है।

इसलिए, जब हम मानवाधिकारों के बारे में बातचीत कर रहे हैं, और आप विदेश मंत्री एस जयशंकर या किसी अन्य के साथ बातचीत कर रहे हैं तो आपको यह समझना होगा कि आप सिर्फ भारत को उपदेश देने के नजरिए से आ रहे हैं। खन्ना ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों से कहा,

जब वे कहते हैं कि औपनिवेशिक शक्तियों ने हमें सैकड़ों वर्षों तक उपदेश दिया है तो यह फायदेमंद नहीं होगा।

पैनल चर्चा का संचालन करते हुए एबीसी के राष्ट्रीय संवाददाता जोहरीन शाह ने खन्ना से मुस्लिम समुदाय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों के बारे में पूछा तो उन्‍होंने कहा क‍ि भारत के साथ बातचीत करना, यहां हमारे लोकतंत्र में खामियां हैं, आपके लोकतंत्र में क्या खामियां हैं और हम सामूहिक रूप से लोकतंत्र और मानवाधिकारों को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, मुझे लगता है कि यह अधिक रचनात्मक दृष्टिकोण है।

खन्‍ना के उक्‍त कथन पर बेरा सहमति‍ जताते हुए कहा क‍ि उन्‍होंने भारतीय विदेश मंत्री से भी यही कहा है। यदि भारत अपना धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र खो देता है, तो बाकी दुनिया का भारत के प्रति नजर‍िया बदल सकता है।

डेमोक्रेट श्री थानेदार ने कहा कि वह मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों के पक्षधर हैं। हमें एक मजबूत अमेरिकी-भारतीय रिश्ते की जरूरत है। भारत ऐतिहासिक रूप से रूस और अमेरिका दोनों पक्षों से खेलता रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत दोस्ती के लिए प्रतिबद्ध हो और यह ऐसी चीज है जिस पर मैं काम करना चाहता हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका को भारत की आर्थिक शक्ति को पहचानना होगा और चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए भारत ही सबसे अच्छा समाधान है। इसलिए, मैं सिर्फ मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों पर काम कर रहा हूं।
 नेपाल की संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई, इस मुद्दे को लेकर हुआ हंगामा

नेपाल की संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई, इस मुद्दे को लेकर हुआ हंगामा

May 17, 2024 Add Comment

 नेपाल की संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई, इस मुद्दे को लेकर हुआ हंगामा


सहकारी धोखाधड़ी के मामले में नेपाल के गृहमंत्री रबी लामिछाने के खिलाफ जांच समिति के गठन को लेकर नेपाली संसद के निचले सदन में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई हो गई। गुरुवार शाम को स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब सदन के अध्यक्ष देवराज घिमिरे ने नेपाली कांग्रेस के विरोध के बीच नेपाल के उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री लामिछाने को मंच पर आमंत्रित किया।
नेपाल की संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई

 सहकारी धोखाधड़ी के मामले में नेपाल के गृह मंत्री रबी लामिछाने के खिलाफ जांच समिति के गठन को लेकर नेपाली संसद के निचले सदन में विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के बीच हाथापाई हो गई। गुरुवार शाम को स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब सदन के अध्यक्ष देवराज घिमिरे ने नेपाली कांग्रेस के विरोध के बीच नेपाल के उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री लामिछाने को मंच पर आमंत्रित किया और बैठक को संबोधित किया।

गृह मंत्री लामिछाने पर उठ रहे सवाल

नेपाली कांग्रेस के सांसद सहकारी धोखाधड़ी की जांच और पीड़ितों के लिए न्याय के लिए एक संसदीय समिति के गठन की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे। हफ्तों से सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे थे। कांग्रेस लाखों नेपाली रुपये की धोखाधड़ी में गृह मंत्री लामिछाने की संलिप्तता की जांच के लिए समिति बनाने की मांग कर रही है।

विपक्षी सांसद सदन में हंगामा मचाने लगे

सदन के अध्यक्ष द्वारा गृह मंत्री लामिछाने को संबोधन के लिए मंच पर आमंत्रित करने की घोषणा के बाद विपक्षी सांसद सदन में हंगामा मचाने लगे। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और कांग्रेस उपाध्यक्ष धनराज गुरुंग के बीच तीखी बहस भी हुई। बाद में दोनों पक्षों के अन्य सांसद भी इस विवाद में शामिल हो गए। उनके विरोध के बीच अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रपति कार्यालय से प्राप्त पत्रों को पढ़े जाने के बाद कांग्रेस विधायक काफी नाराज दिखे।
गृह मंत्री को अपनी सीट पर बैठने को कहा

इसके बाद अध्यक्ष ने गृह मंत्री को अपनी सीट पर बैठने को कहा और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। अगली कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे बुलाई गई है। मुख्य विपक्ष 10 मई को शुरू हुए सत्र के पहले दिन से ही संसद के बजट सत्र में बाधा डाल रहा है। हालांकि, विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को पेश करने की अनुमति दी थी।
 बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 50 दिन बाद भी शिप पर फंसे हैं 20 भारतीय, जानिए क्या है वजह

बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 50 दिन बाद भी शिप पर फंसे हैं 20 भारतीय, जानिए क्या है वजह

May 16, 2024 Add Comment

 बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 50 दिन बाद भी शिप पर फंसे हैं 20 भारतीय, जानिए क्या है वजह


Baltimore Bridge Collapse बाल्टीमोर में ब्रिज गिरने के बाद अभी भी जहाज वहीं फंसा हुआ है। जहाज के साथ साथ शिप के क्रू मेंबर भी जहाज पर फंसे हुए हैं। इस क्रू मेंबर में 20 भारतीय और एक श्रीलंका का नागरिक है। बाल्टीमोर में पताप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ एक मालवाहक जहाज के पुल से टकराने के कारण ढह गया था।

 अमेरिका के बाल्टीमोर में इसी साल 26 मार्च को एक पुल हादसा हुआ था। इस हादसे के बाद अभी भी जहाज के चालक दल वहीं फंसे हुए हैं। बता दें कि हादसे में बाल्टीमोर में पताप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ उस समय ढह गया था जब श्रीलंका जा रहा सिंगापुर के झंडे वाला 984 फुट लंबा मालवाहक जहाज पुल के एक खंभे से टकरा गया।

इस भीषण हादसे में छह लोगों की मौत हुई है। इस पोत पर सवार चालक दल के सदस्यों में 20 भारतीय और एक श्रीलंकाई नागरिक है। दुर्घटना के बाद से ही चालक दल उसी पोत पर है और जांच में सहयोग कर रहा है
मलबे के कारण अभी भी फंसा जहाज

अमेरिका का संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) इस घटना की जांच कर रहा है। क्रू सदस्यों को मुक्त कराने के प्रयास में पुल के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया है। बता दें कि घटना के बाद मलबे में शिप फंस गया था और भारी दबाव के कारण जहाज में फंसे लोगों को निकालने में परेशानी आ रही थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे चालक दल को मीलों दूर अपने परिवारों के साथ फिर से पहुंचने में मदद मिलेगी। ये लोग जहाज पर ही रुके हैं क्योंकि जहाज अभी भी पुल के मलबे के चलते फंसा है।


अब, मंगलवार को जारी संघीय जांचकर्ताओं की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि आपदा से पहले 'द डाली' को दो बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की रिपोर्ट में बाल्टीमोर छोड़ने से लगभग दस घंटे पहले दो ब्लैकआउट का भी विवरण दिया गया है।
भारतीय चालक दल के सदस्य फंसे जहाज पर

बता दें कि वीजा प्रतिबंधों और एनटीएसबी और एफबीआई की जांच के कारण चालक दल जहाज से उतरने में असमर्थ है। दुर्घटनाग्रस्त कार्गो जहाज का नाम 'द डाली' है। द डाली के मालिक ग्रेस ओसियन प्राइवेट लिमिटेड के प्रवक्ता जिम लॉरेंस ने हाल ही में आईएएनएस को बताया कि भारतीय चालक दल के सदस्य जहाज पर हैं और अच्छी स्थिति में हैं।

लॉरेंस ने कहा, "जहाज पर सामान्य कार्य करने के अलावा, वे जांच और चल रहे बचाव कार्य में भी सहायता कर रहे हैं।"

अप्रैल में, एफबीआई ने जहाज को निशाना बनाते हुए एक आपराधिक जांच शुरू की, जिसके एजेंट जांच के हिस्से के रूप में द डाली पर सवार हुए। बाल्टीमोर इंटरनेशनल सीफर्स सेंटर के कार्यकारी निदेशक रेव जोशुआ मेसिक ने पीटीआई को बताया कि चालक दल का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग बंद हो गया है क्योंकि जांच के तहत एफबीआई ने उनके सेलफोन जब्त कर लिए हैं।
बिना सिम कार्ड और डेटा के दिए गए फोन

मेसिक ने बीबीसी को बताया कि चालक दल को डेटा शामिल किए बिना सिम कार्ड और अस्थायी सेल फोन दिए गए हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें विभिन्न सामुदायिक समूहों से देखभाल पैकेज भी मिले - जिसमें भारतीय नाश्ता और भोजन भी शामिल था।

एनटीएसबी ने कहा कि डाली पुल से सिर्फ 0.6 मील की दूरी पर थी जब बिजली के ब्रेकर जो जहाज के अधिकांश उपकरणों और प्रकाश व्यवस्था को संचालित करते थे, अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए, जिससे पहला ब्लैकआउट हुआ। इसने प्रणोदन और संचालन (propulsion and steering) खो दिया और दिशा से भटकने लगा। चालक दल थोड़ी देर के लिए बिजली बहाल करने में कामयाब रहा, लेकिन जब डाली पुल से केवल 0.2 मील दूर थी, तो रोशनी फिर से बंद हो गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले महीने पुल के पुनर्निर्माण का वादा किया था और कहा था कि शिपिंग यातायात के लिए एक नया चैनल मई के अंत तक खुल जाएगा।