गोपाल भार्गव के लिए ब्राह्मण समाज एकजुट: भाजपा नेतृत्व से करेंगे मंत्री बनाए जाने की मांग, सागर में 35 जिलों से पहुंचे पदाधिकारी

 गोपाल भार्गव के लिए ब्राह्मण समाज एकजुट: भाजपा नेतृत्व से करेंगे मंत्री बनाए जाने की मांग, सागर में 35 जिलों से पहुंचे पदाधिकारी



MP Politics: मध्य प्रदेश विधानसभा में गोपाल भार्गव सबसे सीनियर विधायक हैं। सागर की रहली सीट से वह 9वीं बार MLA निर्वाचित हुए हैं, लेकिन मोहन मंत्रिमंडल में जगह न मिलन से ब्राह्मण समाज में नाराजगी है। रविवार को महासभा कर भाजपा नेतृत्व से मुलाकात का निर्णय लिया है।



Gopal Bhargava

MP Politics: मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव को मंत्री न बनाए जाने से ब्राह्मण समाज में नाराजगी है। रविवार को सागर में इसके लिए हुई महासभा में 35 जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए। जिसमें एकजुटता का परिचय देते हुए सभी ने समाज को सशक्त करने का संकल्प लिया। कहा, गोपाल भार्गव की उपेक्षा ठीक नहीं है। इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलकात की जाएगी।

गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली सीट से 9 बार के विधायक हैं। मप्र विधानसभा में इस समय वह मोस्ट सीनियर विधायक हैं। मध्य प्रदेश की विभिन्न सरकारों में वह मंत्री और कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, लेकिन पहला मौका है, जब उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।

  सागर में आयोजित ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते पूर्व मंत्री गोपल भार्गव।

श्री भृगु भार्गव ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि भाजपा आलाकामन से मिलकर ब्राह्मण समाज से मनमुटाव की वजह पूछेंगे। बताया, ब्राह्मणों ने हमेशा सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से काम किया है, पिछले कुछ समय से उनके साथ द्वेष भावना रखी जा रही है। जिसे लेकर ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित महसूस करता है।

भार्गव बोले-संगठित हैं तभी होगी पूछ परख कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद रहे। उन्होंने समाज को एकता का पाठ पढ़ाते हुए कहा, संगठन में ही शक्ति है। आज जो समाज संगठित है, उसी की पूछ-परख है।
गोपाल भार्गव ने समाज के युवाओं से राजनीति में आने आह्वान किया। कहा, कुछ लोग कहते हैं कि राजनीति में अच्छे लोग नहीं बचे, इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। नई पीढ़ी आगे नहीं आई तो राजनीति सच में दूषित हो जाएगी।
गोपाल भार्गव ने ब्राह्मण समाज के लोगों से आह्वान किया परिपर में दो संतानें हैं तो एक को नौकरी में भेजो और दूसरे से राजनीति कराओ। जरूर नहीं कि राजनीति पूर्णकालिक हो, लेकिन उसमें दखल जरूर होना चाहिए। पूर्व मंत्री भार्गव ने कहा, परमार्थ के काम में व्यस्त रहेंगे तो आप सफल होंगे। सदमार्ग पर चलेंगे तो प्रभाव बढ़ेगा।

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