मौलवी मिस्बाह-उद्दीन साहब रह. को हज़ारो लोगो ने नम आँखों से किया सुपुर्दे-ख़ाक...

December 24, 2021


 JKA 24न्यूज़ (जनजन का आसरा) भोपाल-मध्यप्रदेश...

भोपाल@ हर दिल अज़ीज़, भोपाल की अज़ीम शख़्सियत, अल्लाह के नेक बन्दे, बुज़ुर्ग-हस्ती, मध्यप्रदेश तब्लीगी जमात के अमीर और भोपाल-मरकज़-शूरा के अहम ज़िम्मेदार, मरहूम बड़े सईद भाई भोपाली के साहबज़ादे मौलवी मिस्बाह-उद्दीन साहब रह. को आज सुबह हज़ारो लोगो की मौजूदगी में हमारो लोगो ने आँखों मे आँसू लिए हज़रत को सुपुर्दे-ख़ाक कर दिया, हज़रत के इंतकाल से दावत और तब्लीगी के काम को जो नुकसान हुआ हैं उसकी भरपाई करना मुश्किल हैं।

कल शाम जैसे ही मौलवी मिस्बाह साहब के इन्तेकाल की खबर लोगो को लगी मानो जैसे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई हो, हर एक कि आँखों में आँसू थे और दिल रो रहा था और लोग अफसोस करते हुए एक दूसरे को मौलवी मिस्बाह साहब के इन्तकाल की खबर देते रहे। आज सुबह ताजुल-मसाज़िद में मौलवी मिस्बाह साहब की जनाज़े की नमाज़ 7 बजकर 35 मिनट पर हज़ारो लोगो की मौजूदगी में अदा की गई। जनाज़े की नमाज़ मुफ़्ती जसीम दाद साहब ने अदा करवाई इस दौरान शहर-काज़ी मुश्ताक साहब, नायाब काज़ी अली-कदर हुसैनी, शहर मुफ़्ती अबुल-कलाम, भोपाल मरकज़ के जिम्मेदारों के साथ ही भोपाल और आसपास के दूसरे शहरों के ज़िम्मेदार भी मौजूद थे। हज़ारो की संख्या में हर खास और आम ने जनाज़े की नमाज़ अदा की, उसके बाद मौलवी साहब की मय्यत को भोपाल के बड़े बाग़ कब्रस्तान में सुपुर्दे-ख़ाक किया गया।

मौलवी मिस्बाह साहब की बचपन से ही दावत और तब्लीग के काम से मुनासिबत थी आपके वालिद बड़े सईद भाई भोपाली भी दावत और तबलीग के काम करने वालो में बहुत पुराने साथी थे मौलवी साहब उस्तादों से क़ुरआन और दीन का इल्म हासिल करने के बाद पूरी शिद्दत, लगन और मेहनत के साथ तबलीग के काम मे लग गए थे और इस काम को करने में जो कुर्बानियां, मुजाहदे, तकलीफें आई उसको खुशी से बर्दाश्त करके अल्लाह की रज़ा के लिए मौत तक लगे रहे। इस दौरान मौलवी मिस्बाह साहब ने तब्लीग के काम के सिलसिले में कई मुल्कों का सफर किया और अपने इल्म और अमल के ज़रिए लोगो को तब्लीग के काम मे जोड़ने की फिक्र और मेहनत करते रहे। तब्लीग में लगा हर साथी मौलवी साहब से बहुत मोहब्बत करता था और उनके फैज़ से नफ़ा उठाता था कल मस्ज़िद-बेतुलहम्द में तब्लीग के एक जोड़ में आप मौजूद थे वही आपकी तबियत बिगड़ गई और आपको अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अल्लाह को कुछ और ही मंजूर था और अल्लाह ने अपने इस नेक बन्दे को अपने पास बुला लिया।

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