JKA 24न्यूज़ (जनजन का आसरा) भोपाल-मध्यप्रदेश...
भोपाल@ हज़रत इब्राहिम अलै. की याद में मनाया जाने वाला त्यौहार ईद-उल-अज़ा (कुर्बानी) का त्यौहार आज सादगी और अक़ीदत के साथ मनाया जा रहा हैं।
इस्लाम के जनक और अंतिम पैगम्बर हज़रत मोहम्मद (सल्ल.) ने अपने सहाबा (अनुयायियों) को ईद-उल-अज़ा का महत्व समझाते हुए कहाकि अल्लाह ने क़ुरआन में हमे ये बताया की हमने अपने ख़ास दोस्त इब्राहिम अलै. को बहुत से हालात और परेशानी में डाला, और इब्राहिम उन परेशानियों को मेरे रज़ा के लिए बर्दाश्त करते रहे। और जब हमने उनसे उनकी औलाद हज़रत इस्माईल की कुर्बानी माँगी तो इब्राहिम अलै. ने उस इम्तिहान को भी बखूबी पूरा करके दिखाया।
हज़रत मोहम्मद (सल्ल.) ने अपने मानने वाले सहाबा (अनुयायियो) को क़ुरआन के हवाले से बताया की इब्राहिम अलै. ने एक ख़्वाब देखा जिसमे वो अपने बेटे इस्माईल को ज़िब्ह कर रहे हैं पहले इब्राहिम अलै. ने सौ (100) ऊंट ज़िब्ह किए तो अल्लाह ने इर्शाद फरमाया हमारे लिए उसको कुर्बान करो जो तुमको ज़्यादा मेहबूब (पसंद) हो, इब्राहिम अलै. समझ गए कि अल्लाह मुझसे क्या चाहते हैं उन्होंने अपने बेटे इस्माईल से कहा की मैंने एक ख्वाब देखा हैं जिसमे में तुम्हें ज़िब्ह कर रहा हूँ। इस पर इस्माईल अलै, ने कहा अब्बाजान आप कर डालिए जिसका आपको हुक्म दिया गया हैं इंशाअल्लाह आप मुझे सब्र करने वालो में से पाएंगे, उस वक्त इस्माईल अलै, की उम्र 10-12 साल थी। इब्राहिम अलै, अपने बेटे इस्माईल अलै, को अरब के एक इलाके मिना में लेकर गए और अल्लाह के हुक्म के मुताबिक इस्माईल अलै, के गले पर छुरी चलाना शुरू की, छुरी के काटने की सिफत (खूबी) को अल्लाह ने अपने हुक्म से रोक दिया। ऊपर आसमान में फरिश्तों में कोहराम मच गया कि ये क्या हो रहा हैं कोई बाप अपने बेटे के गले पर छुरी कैसे चला सकता हैं फिर अल्लाह ने जिब्रील अलै, को हुक्म दिया कि जल्दी जन्नत से दुम्बा लेकर जाओ और इस्माईल को अलग कर दो। जिब्रील अलै, दुम्बा लेकर आते हैं इस्माईल अलै, को अलग करके उनकी जगह दुम्बा रख देते हैं और इस तरह इस्माईल अलै, की जगह दुम्बे की कुर्बानी हो जाती हैं और अल्लाह इर्शाद फरमाता हैं इब्राहिम तूने अपने ख्वाब को सच्चा कर दिखाया।
सहाबा (नबी के अनुयायी) पूछते हैं ए अल्लाह के रसूल ये कुर्बानी क्या है तो आप (सल्ल.) ने इर्शाद फरमाया ये तुम्हारे बाप हज़रत इब्राहिम अलै, की सुन्नत हैं सहाबा ने फिर पूछा कुर्बानी करने से हमे क्या मिलेगा, तो आप (सल्ल.) ने इर्शाद फरमाया हर बाल के बदले में एक नेकी, सहाबा ने फिर दरयाफ्त किया कि अगर जानवर ऊन वाला हो तो, आप (सल्ल.) ने फिर इर्शाद फरमाया हर ऊन के बदले में एक नेकी मिलेगी।
इस्लाम मे ईद-उल-अज़ा का त्यौहार दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार हैं ईद की नमाज़ में कोरोना-गाइडलाइन के मुताबिक 50 लोग मस्ज़िदों में नमाज़ अदा करने गए, बाकी लोगो ने अपने घरों पर ही नमाज़ अदा की। एवं ईद की मुबारकबाद मोबाईल के ज़रिए बात करके और मोबाईल से संदेश भेजकर दी। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के साथ नगर-निगम ने अस्थाई पशुवध और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की थी। भोपाल में नगर-निगम ने 42 अस्थाई स्लाटर-हाऊस बनाए हैं और तकरीबन 30 नगर-निगम की गाड़ियां कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष शहर से दूर लेकर जाने के लिए लगाई गई हैं भोपाल में इस साल 80 करोड़ रुपए के कुर्बानी के जानवर बिके हैं जिससे भारी मात्रा में जानवरों के बचे हुए अवशेष निकलेंगे।