एक नए शोध में पाया गया है कि कॉपर युक्त भोजन दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार कॉपर से भरपूर भोजन का सेवन करने वाले अमेरिकी लोग याददाश्त से जुड़ी समस्याओं को समझने में अधिक सफल रहे। कॉपर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और दिमाग की कोशिकाओं को बचाता है।

अच्छा खानपान न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी जरूरी होता है। इसी से जुड़ा एक नया शोध सामने आया है, जिसमें ये बात सामने आई है कि कॉपर युक्त भोजन दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। ‘नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में इस रिसर्च को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में ये पाया गया कि जो अमेरिकी लोग ज्यादा कॉपर से भरपूर भोजन का सेवन कर रहे थे, वो याददाश्त से जुड़ी समस्याओं को समझने और उन्हें पहचानने में ज्यादा सफल रहे।
वैज्ञानिकों ने बताया कि जो लोग कॉपर से भरपूर चीजें जैसे सी फूड्स, डार्क चॉकलेट और नट्स ज्यादा मात्रा में खाते हैं, उन्होंने डिमेंशिया (बुढ़ापे में भूलने की बीमारी) से जुड़ी जांचों में अच्छा प्रदर्शन किया। प्रमुख शोधकर्ता ईफ होगर्वोर्स्ट ने बताया कि शोध में ये भी देखा गया कि इन लोगों के खाने में कॉपर के साथ-साथ जिंक, आयरन और सेलेनियम जैसे अन्य पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में मौजूद थे।
पहले भी हुए हैं ऐसे कई शोध
इससे पहले भी कुछ शोधों में ये बात सामने आई थी कि जिन लोगों की डाइट में कॉपर की मात्रा कम थी, उनके सोचने और याद रखने की क्षमता समय के साथ घटती चली गई। एक और रिसर्च में वैज्ञानिकों ने जब मस्तिष्क के ऊतकों में कॉपर की मात्रा को मापा, तो पाया कि जिनके दिमाग में कॉपर की मात्रा ज्यादा थी, उनमें अल्जाइमर से जुड़ी हानिकारक चीजें (जैसे- अमाइलॉइड पट्टियां) कम थीं और दिमाग की सेहत बेहतर थी।
कॉपर कैसे करता है दिमाग की मदद?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कॉपर एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो दिमाग की कोशिकाओं को खराब होने से बचाता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर (दिमाग में संदेश भेजने वाले केमिकल) को बनाने में मदद करता है और दिमाग को ऊर्जा भी देता है। कॉपर की कमी बहुत आम नहीं होती, लेकिन जब होती है तो इसके असर साफ दिखते हैं।
इन लक्षणों पर दें ध्यान
अगर कोई व्यक्ति बार-बार थकावट महसूस करता है, कमजोर रहता है और आयरन या विटामिन B12 लेने पर भी उसका एनीमिया ठीक नहीं होता, तो यह कॉपर की कमी हो सकती है। इसके अन्य लक्षणों में जल्दी-जल्दी बीमार होना, हड्डियों का कमजोर होना और समय के साथ नसों की कमजोरी शामिल हैं।
क्या खाएं?
वैज्ञानिकों ने कहा है कि कॉपर का सप्लीमेंट लेने से पहले सावधानी जरूरी है, क्योंकि शरीर को सभी मिनरल्स का एक संतुलन चाहिए। बहुत ज्यादा आयरन या जिंक लेने से शरीर में कॉपर की मात्रा कम हो सकती है। वहीं बहुत ज्यादा कॉपर या आयरन लेने से दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। कॉपर प्राकृतिक रूप से बीफ, समुद्री भोजन, नट्स, बीज, मशरूम, साबुत अनाज और डार्क चॉकलेट में पाया जाता है। कुछ अनाजों में भी इसे मिलाया जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, रोजाना करीब 1.22 से 1.65 मिलीग्राम कॉपर दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।