13 साल में पहली बार... मुथुसामी और मार्को यानसेन ने ताजा किया भारत का दर्द, बना दिया बड़ा रिकॉर्ड

 13 साल में पहली बार... मुथुसामी और मार्को यानसेन ने ताजा किया भारत का दर्द, बना दिया बड़ा रिकॉर्ड



साउथ अफ्रीका ने गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ विशाल स्कोर बनाया है। इसका सबसे बड़ा कारण सेनुरान मुथुसामी और मार्को यानसेन की जोड़ी रही है जिसने भारत को परेशान कर दिया है और रिकॉर्ड भी बना दिया है।




मुथुसामी और मार्को यानसेन ने भारत को किया परेशान



साउथअफ्रीका के सेनुरानमुथुसामी और मार्कोयानसेन ने गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत को परेशानी में डाल दिया है। पहले दिन अपने गेंदबाजों के दम पर वापसी करने वाली टीम इंडिया से उम्मीद थी कि दूसरे दिन वह साउथअफ्रीका को जल्दी ढेर कर देगी, लेकिन मुथुसामी और यानसेन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।


मुथुसामी ने तो इस मैच में शतक जमा दिया है। उनका ये टेस्ट में पहला शतक है। वहीं दूसरा सेशन खत्म होने तक यानसेन ने भी अपना शतक पूरा कर लिया है। इसी के साथ इन दोनों ने भारत में वो काम कर दिया है जो 13 साल पहले हुआ था। किसी भी मेहमान टीम के लिए ये काम कर पाना आसान नहीं होता है।



13 साल बाद हुआ ऐसा

मुथुसामी दूसरा सेशन खत्म होने तक 107 रन बनाकर नाबाद हैं। वहीं यानसेन 51 रन बनाकर खेल रहे हैं। मुथुसामी ने सातवें नंबर पर आकर शतक जमाया है तो वहीं यानसेन ने आठवें नंबर पर आकर अर्धशत ठोका है। 13 साल में ये पहली बार हुआ है जब भारत में किसी विदेशी टीम के सातवें या उससे नीचे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले दो बल्लेबाजों ने अर्धशतक से ज्यादा रन बनाए हों। इससे पहले साल 2016 में चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में इंग्लैंड के लियामडॉसन और आदिल रशीद ने ये काम किया था। उस मैच में डॉसन ने नाबाद 66 रनों की पारी खेली थी। वहीं रशीद ने 60 रन बनाए थे। इस जोड़ी ने उस मैच में भारत को काफी परेशान किया था और कुछ यही काम मुथुसामी और रशीद ने किया है।


ये वही टेस्ट मैच था जिसमें करुण नायर ने अपने पहले टेस्ट शतक को तिहरे शतक में तब्दील किया था और इतिहास रचा था।
मुथुसामी ने किया अनोखा काम

अपने पहले टेस्ट शतक से मुथुसामी ने अपना नाम एक खास लिस्ट में लिखवा दिया है। वह भारत के खिलाफ टेस्ट में नंबर-7 पर शतक जमाने वाले अपने देश के सिर्फ तीसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले ये काम क्विंटनडिकॉक ने साल 2019 में विशाखापट्टनम में और लांसक्लूजनर ने 1997 में केपटाउन में किया था। मुथुसामी की ये पारी भारत के लिए हैरान करने वाली साबित हुई है क्योंकि उनसे किसी ने इस तरह की बैटिंग की उम्मीद नहीं की थी।

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