50 घंटे चली गोलीबारी, अबूझमाड़ मुठभेड़ में ढेर हुए 27 माओवादियों का कैसे हुआ खात्मा?
नारायणपुर के अबूझमाड़ में मुठभेड़ में मारे गए 27 माओवादियों की पहचान हो गई है जिन पर कुल 12 करोड़ 33 लाख रुपये का इनाम था। इनमें संगठन के महासचिव बसव राजू भी शामिल है जिस पर 10 करोड़ का इनाम था। मारे गए माओवादियों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के भी सदस्य थे। सुरक्षा बलों ने घने जंगलों में यह अभियान चलाया।

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ मुठभेड़ में मारे गए 27 माओवादियों की पहचान हो चुकी है। उन पर 12 करोड़ 33 लाख रुपये का इनाम था। संगठन के महासचिव और शीर्ष माओवादी बसव राजू पर 10 करोड़ रुपये का इनाम था।
अकेले छत्तीसगढ़ सरकार ने उस पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया था। मारे गए माओवादियों में से दो आंध्र प्रदेश और तीन तेलंगाना के थे। घने जंगलों में सुरक्षा बलों की ओर से 18 से 21 मई तक चलाए गए अभियान से माओवादियों को बड़ा झटका लगा है।
पुलिस के अनुसार 25 लाख का इनामी जंगू नवीन उर्फ मधु भी मारा गया है। 45 वर्षीय मधु आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का निवासी था। इसके साथ ही मारे गए माओवादियों संगीता, भूमिका, रोशन, सोमली पर 10-10 लाख रुपये का इनाम था। उगेन्द्र उर्फ विवेक, उंगा उर्फ नवीन, बुच्ची उर्फ बसंती, बीमे उर्फ भीमे, रवि वंडो, गीता, जुगो, विज्जा, छोटी, कोसी, ईडमे, सूर्या, कोसा, राजू, बदरू, मंडको, राजेश सहित 21 माओवादियों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इस अभियान में एक महासचिव, पोलित ब्यूरो सदस्य, एक डीकेएसजेडसीएम, चार सीवाइपीसीएम, तीन पीपीसीएम और 18 पीएम पीएलजीए कंपनी नंबर- सात के सदस्य ढेर हुए हैं। इन पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुल ₹3.33 करोड़ का इनाम घोषित था।
इस बड़े अभियान में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के सुरक्षाबलों ने हिस्सा लिया था। तलाशी अभियान के दौरान 27 माओवादियों के शव बरामद के साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ। इसमें तीन एक-47, चार एसएलआर, छह इंसास, एक कार्बाइन, बीजीएल लांचर, दो राकेट लांचर, दो 12 बोर, एक देशी पिस्तोल और दो भरमार मिली हैं।
खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ अभियान
बताया गया है कि सीपीआई (माओवादी) महासचिव बसव राजू और डीकेएसजेडसी व पीएलजीए (पीपुल्स लिबरिला गुरिल्ला आर्मी) के अन्य वरिष्ठ कमांडरों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद डीआरजी टीमों ने अबूझमाड़ के जंगलों में यह अभियान शुरू किया।
लगभग 5000 वर्ग किमी में फैला अबूझमाड़ क्षेत्र नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में स्थित है। यह इलाका अपनी दुर्गम और ऊबड़-खाबड़ प्रकृति के कारण माओवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना रहा है। पिछले ढाई वर्षों में सुरक्षा शिविरों की स्थापना और लगातार माओवादी विरोधी अभियानों के कारण माओवादियों का यह गढ़ काफी कमजोर हुआ है।
बसवराज से जुड़े प्रमुख हमले2004- कोरापुट शस्त्रागार लूट: तीन लोग मारे गए थे और लगभग ₹50 करोड़ के अत्याधुनिक हथियार लूटे गए थे।
2005- जहानाबाद जेल ब्रेक: इस घटना में माओवादियों और कुख्यात अपराधियों सहित 389 कैदी फरार हो गए थे।
2010- दंतेवाड़ा हमला: इस हमले में 76 सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) जवान बलिदान हो गए थे।
2013- बस्तर का झीरम घाटी हमला: छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे।
2018 आंध्र प्रदेश के विधायकों की हत्या: इसमें तेलुगु देशम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव की हत्या की गई थी।