टोक्यो-ओलंपिक में किया भारत ने अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन, जीते 7 पदक...

August 07, 2021


 JKA 24न्यूज़ (जनजन का आसरा) भोपाल-मध्यप्रदेश...

टोक्यो@ ओलंपिक के इतिहास में भारत ने टोक्यो में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 7 पदक अपने नाम किए। 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते थे टोक्यो में भारत ने अपने ही रिकार्ड को तोड़ते हुए कुल 7 पदक जीते। भारत ने 1900 में ओलंपिक में पहली बार भाग लिया था 120 के ओलंपिक इतिहास में भारत ने अभी तक 35 पदक जीते हैं जिसमे 8 स्वर्ण-पदक तो सिर्फ पुरुष हॉकी में जीते हैं एक स्वर्ण-पदक अभिनय बिंद्रा ने शूटिंग में जीता था और कल भारत के नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण-पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। भारत ने पहली बार एथलेटिक्स भाला फेंक (जेवलिन-थ्रो) में स्वर्ण-पदक जीता है कुछ खेल में भारत नज़दीकी मुकाबले हार गया, नही तो पदकों की संख्या और ज़्यादा होती। फिर भी भारत के प्रदर्शन में ओलंपिक दर ओलंपिक में निखार आ रहा हैं और भारत के खिलाड़ी भारत के लिए खेल कर और जीत कर पदकों की संख्या बड़ा रहे हैं ये हर भारतवासी के लिए गौरव की बात हैं।

टोक्यो-ओलंपिक में सबसे पहला पदक मीरा बाई चानू ने भारत के लिए जीता। और ये पदक ओलंपिक के पहले दिन ही भारत के खाते में आया। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग (वेटलिफ्टिंग) के फाइनल मुकाबले में हारकर रजत-पदक जीता था। इसके बाद भारत की बॉक्सर लबनीना बोरगोहेंन ने वेल्टरवेट बॉक्सिंग में 69 किलोग्राम वर्ग में चीनी ताइपे की निएन चीन चेन से हराकर कांस्य-पदक हासिल किया। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कांस्य-पदक जीता। पीवी सिंधु ने चीन की बिंगजियाआ को 21-13 और 21-15 से हराकर कांस्य-पदक अपने नाम किया। पीवी सिंधु ओलंपिक में व्यक्तिगत तौर पर 2 पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी है।

वही पहलवान रवि कुमार दहिया ने भी ओलंपिक में कमाल का प्रदर्शन करते हुए रजत-पदक पे कब्ज़ा किया। रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम वर्ग की फ़्री-स्टाइल कुश्ती के फाइनल मुकाबले में आरओसी के दो बार के चैम्पियन जाबुर उगुएल से हार गए और उन्हें रजत-पदक से संतोष करना पड़ा। वही 65 किलोग्राम वर्ग की फ्री-स्टाइल कुश्ती में भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने कजाकिस्तान के पहलवान डोलेट नियज़्बेकोय को हराकर कांस्य-पदक जीता। अब बात करते है हॉकी की, हॉकी में भारत ने शुरू से लेकर आखिर तक अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अफसोस भारत को स्वर्ण-पदक न मिल सका। फिर भी भारत ने अपने खेल के दम पर 41 साल बाद पदक के सूखे को खत्म करते हुए हैं कांस्य-पदक जीता। भारत ने आखिरी बार हॉकी में 1980 मास्को ओलंपिक में कांस्य-पदक जीता था और 41 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 गोल से हराकर कांस्य-पदक जीता।

भारत के नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक के इतिहास में स्वर्ण जीतकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया हैं 120 साल के ओलंपिक इतिहास में  पहली बार भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण-पदक जीता हैं नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक के  भाला फेंक (जेवलिन-थ्रो) में 87.58 मीटर तक भाला फेंक अपना नाम ओलंपिक में दर्ज करवा लिया। नीरज चोपड़ा की इस ऐतिहासिक सफलता पर हर भारतवासी को गर्व हो रहा हैं।

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