बेटे-बहू को हवाईअड्डे पर विदा किया, घर पहुंचते ही मिला जिंदगीभर का गम

 बेटे-बहू को हवाईअड्डे पर विदा किया, घर पहुंचते ही मिला जिंदगीभर का गम


अहमदाबाद में एक दुखद विमान दुर्घटना में अनिल पटेल के बेटे और बहू सहित 242 लोगों की जान चली गई। हर्षित और पूजा जो अचानक अपने पिता से मिलने आए थे उस विमान में सवार थे जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रमेश चंद्र पटेल एक ब्रिटिश नागरिक भी इस दुर्घटना में मारे गए जो भारत में अपने पसंदीदा फल खाने आए थे।
Air India Plane Crash: अहदाबाद विमान हादसे में 270 लोगों की मौत।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)


अनिल पटेल अपने बेटे और बहू को अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर छोड़ते समय बेहद खुश थे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था वे बेटे बहू को आखिरी बार देख रहे हैं। अनिल के बेटे और बहू बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के उनसे मिलने आए थे। मकसद था अचानक उन्हें देखकर पिता के चेहरे पर आई खुशियों को देखना, लेकिन पिता की खुशियां जिंदगी भर के गम में बदल गईं


अनिल के बेटे हर्षित और बहू पूजा उन 242 लोगों में शामिल थे, जो लंदन जाने वाले एअर इंडिया के विमान में सवार थे। एअर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज के हास्टल के भवन से टकराते हुए मेस पर जा गिरा था। हर्षित ब्रिटेन में ई-कामर्स कंपनी में काम करते थे।


पसंदीदा फल खाने आए थे, लेकिन परिवार के पास लौट न सकेएएनआइ के अनुसार अहमदाबाद विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले ब्रिटिश नागरिक रमेश चंद्र पटेल भारत से गहराई से जुड़े हुए थे। उनकी बेटी, प्रीति पांड्या, ने बताया, वह चार जून को भारत आए थे। वह भारत में जामबुरा फल खाना चाहते थे, लेकिन वह वापस नहीं लौटे। वह हर साल भारत आते थे। रमेश का शव लेने के लिए उनका परिवार भारत आया है।

एअर इंडिया द्वारा एक करोड़ रुपये के मुआवजे की पेशकश पर प्रीति ने कहा, मुआवजा पिता को वापस नहीं लाएगा। रमेश की बहू काजल ने कहा, हमने डैड को जाने से रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन्होंने कहा, मैं जाना चाहता हूं। फिर मैने कहा, ठीक है आप जाइए। अपनी इच्छा पूरी करिए। मैं नहीं जानती थी वह कभी नहीं लौटेंगे। मुआवजे के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मैं तुम्हें पैसे देती हूं, मेरे डैड को दे दो, लेकिन वह वापस नहीं आने वाले हैं।

विमान दुर्घटना के मृतकों के लिए ताबूत बनाने में जुटे वडोदरा के ईसाई वालंटियर वडोदरा के ईसाई समुदाय के वालंटियर विमान दुर्घटना के मृतकों के शवों को उनके परिवारों तक सम्मानजनक तरीके से पहुंचाने के लिए 120 ताबूत बनाने के लिए दिन रात एक कर काम कर रहे हैं। ताबूत बनाने वाले पिता-पुत्र, अरदेश और मेल्विन राजवाड़ी के नेतृत्व में, टीम ने शनिवार शाम तक 25 ताबूतों को बना लिया है।

वॉलंटियर अपने पैसे से सामग्री खरीद रहे हैं और उत्पादन लागत से एक रुपया भी अधिक नहीं लेंगे। अरदेश ने कहा, एअर इंडिया ने हमसे संपर्क किया और विमान दुर्घटना के पीडि़तों के शवों के परिवहन के लिए 120 ताबूतों का आदेश दिया।


विमान दुर्घटना के कारण मेडिकल के चार छात्रों की मौतबीजे मेडिकल कालेज की जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने शनिवार को कहा कि चार एमबीबीएस छात्रों को उस समय जान गंवानी पड़ी जब लंदन जाने वाला विमान अहमदाबाद हवाईअड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद मेडिकल कालेज के हास्टल में टकरा गया।

जब यह दुर्घटना हुई छात्र मेस में दोपहर का भोजन कर रहे थे। इस दुर्घटना में एमबीबीएस के 20 छात्र घायल हो गए। सुपरस्पेशियलिटी डाक्टरों के चार परिवार के सदस्यों की भी मृत्यु हो गई। इसके अलावा एक रेजिडेंट डाक्टर की पत्नी घायल हो गई हैं।

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