कोच गौतम गंभीर गेंदबाजों से क्या करवाना चाहते हैं? सिराज की इस हरकत ने खोला राज

कोच गौतम गंभीर गेंदबाजों से क्या करवाना चाहते हैं? सिराज की इस हरकत ने खोला राज

अपने सख्त रवैये के लिए मशहूर हेड कोच गौतम गंभीर हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में हर रन के महत्व के बारे में बात कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक पुछल्ले बल्लेबाजों के प्रदर्शन के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है लेकिन लगता है कि यह संदेश अंदरूनी तौर पर दिया जा चुका है। सिराज इसका उदाहरण बने।

कोचिंग स्टाप से बात करते गौतम गंभीर। फोटो- BCCI


 इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम एजबेस्टन, बर्मिंघम पहुंच गई है, जहां भारतीय टीम ने नेट सेशन में हिस्सा लिया। इस दौरान एक हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला। मोहम्मद सिराज को बल्लेबाजी कोच के साथ काफी समय तक बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करते देखा गया।


ट्रेनिंग सेशन में जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा दोनों के अनुपस्थित रहने के कारण सभी की निगाहें मैदान पर उतरे भारतीय तेज गेंदबाजों पर थीं। इस दौरान मोहम्मद सिराज सबसे अलग दिखाई दिए। वह गेंदबाजी की जगह बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करते नजर आए।





बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करते सिराज। फोटो- स्क्रीन ग्रैब


गंभीर ने बनाई है खास रणनीतिइसे देखकर फैंस के मन में सवाल उठने लगे कि हेड कोच गौतम गंभीर अपने तेज गेंदबाजों से आखिर क्या चाहते हैं? बता दें कि पहले टेस्ट की दोनों पारियों में भारत की पुछल्ले बल्लेबाजी दबाव में दिखी थी। भारत ने सिर्फ 72 रन पर 13 विकेट खो दिए।

निचले क्रम के बल्लेबाजों में बल्लेबाजी की कमी ने भारत की परेशानी को और बढ़ा दिया था। इससे देखते हुए गौतम गंभीर और टीम प्रबंधन ने सुधार की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। जिसके नतीजा ये है कि गेंदबाजों से भी बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कराई गई।


पुछल्ले बल्लेबाजों से करवाना चाहते हैं बल्लेबाजीअपने सख्त रवैये के लिए मशहूर हेड कोच गौतम गंभीर हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में हर रन के महत्व के बारे में बात कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक पुछल्ले बल्लेबाजों के प्रदर्शन के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है लेकिन, लगता है कि यह संदेश अंदरूनी तौर पर दिया जा चुका है।



सिराज की बल्लेबाजी प्रैक्टिस इस बात का मजबूत संकेत है। भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उनके नंबर 9, 10 और 11 नंबर के बल्लेबाज सिर्फ औपचारिक खेल ना खेलें। बल्कि जरूरत पड़ने पर कमाल कर सकें।

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