हमारी लाइफस्टाइल ऐसी बन चुकी है कि कोई भी स्ट्रेस से बचा हुआ नहीं है। हर किसी को किसी न किसी चीज का स्ट्रेस है। लेकिन कई बार यह स्ट्रेस बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसका संकेत (Signs of High Stress) हमारी बॉडी हमें देना शुरू कर देती है। इन लक्षणों को पहचान कर आप स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दे सकते हैं जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होगा।

आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में तनाव (Stress) एक आम समस्या बन चुका है। काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, आर्थिक चिंताएं और सामाजिक तनाव हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं (Effects of High Stress)।
कई बार हम यह नहीं समझ पाते कि हम तनाव में हैं, लेकिन हमारा शरीर इसके संकेत (Symptoms of High Stress) देने लगता है। यदि आप इन संकेतों (Signs of High Stress) को पहचान लें, तो समय रहते स्ट्रेस मैनेजमेंट की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं।
स्ट्रेस बढ़ने के लक्षण (Signs your stress level is too high)
सिरदर्द और माइग्रेनतनाव के कारण मांसपेशियां तन जाती हैं, जिससे सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या हो सकती है। अगर आपको बिना किसी खास वजह के लगातार सिरदर्द हो रहा है, तो यह आपके बढ़े हुए स्ट्रेस लेवल का संकेत हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
तनाव का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। गैस, एसिडिटी, कब्ज या डायरिया जैसी समस्याएं अक्सर स्ट्रेस के कारण होती हैं। कुछ लोगों को तनाव में भूख नहीं लगती, जबकि कुछ लोग ज्यादा खाने लगते हैं।
नींद न आना या ज्यादा नींद आना
ज्यादा तनाव में व्यक्ति को नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को रात भर नींद नहीं आती (इनसोम्निया), जबकि कुछ लोग सारा दिन सोने की इच्छा महसूस करते हैं। यदि आपकी नींद का पैटर्न बिगड़ गया है, तो यह स्ट्रेस का संकेत हो सकता है।
मांसपेशियों में दर्द और जकड़नतनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द हो सकता है। खासकर गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द होना स्ट्रेस का एक आम लक्षण है।
बार-बार बीमार पड़नातनाव हमारी इम्युनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर इन्फेक्शन से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है। यदि आपको बार-बार सर्दी-ज़ुकाम, बुखार या अन्य इन्फेक्शन हो रहे हैं, तो यह आपके बढ़े हुए स्ट्रेस लेवल के कारण हो सकता है।
हार्ट बीट तेज होना या सीने में दर्दज्यादा स्ट्रेस में हार्ट बीट बढ़ सकती है और कभी-कभी सीने में हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है। लंबे समय तक तनाव रहने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है।
स्किन से जुड़ी समस्याएंतनाव का असर हमारी त्वचा पर भी दिखाई देता है। एक्ने, रैशेज, सोरायसिस या एक्जिमा जैसी समस्याएं अक्सर स्ट्रेस के कारण बढ़ जाती हैं। कुछ लोगों को तनाव में खुजली या त्वचा का रूखा होना भी महसूस होता है।
वजन में बदलावतनाव के कारण कुछ लोगों का वजन तेजी से बढ़ने लगता है, जबकि कुछ लोगों का वजन अचानक कम हो जाता है। यह शरीर में हार्मोनल असंतुलन और खान-पान की आदतों में बदलाव के कारण होता है।
मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापनतनाव का सीधा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। बेवजह गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन, उदासी या फिर फोकस की कमी जैसे लक्षण स्ट्रेस के कारण हो सकते हैं।
बालों का झड़नातनाव के कारण बालों का झड़ना बढ़ सकता है। कुछ लोगों में स्ट्रेस के कारण स्कैल्प की समस्याएं भी देखी जाती हैं।