मानसून में परेशानी की वजह बन सकती हैं Pink Eye, बचाव करने के लिए अपनाएं ये तरीके

मानसून में परेशानी की वजह बन सकती हैं Pink Eye, बचाव करने के लिए अपनाएं ये तरीके

बरसात के दिनों अक्सर कई बीमारियां और संक्रमण लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। conjunctivitis इन्हीं में से एक है जो मानसून में तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाती है। इसे Pink Eye के नाम से भी जाना जाता है जिसमें आंखों के कंजंक्टिवा यानी आंखों के सफेद भाग का संक्रमण के कारण लाल हो जाता है। जानते हैं इससे बचने के कुछ उपाय।

 पिंक आई, जिसे एडिनोवायरस कंजंक्टिवाइटिस भी कहते हैं, आमतौर पर फैलने वाला एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसमें कंजंक्टिवा (आंखों के सफेद भाग) का संक्रमण होने के कारण आंखें लाल हो जाता है, जिसे पिंक आई भी कहते हैं। आमतौर पर पिंक आई एक आंख में शुरू होती है और फिर कुछ दिनों बाद दूसरे आंख में शुरू होती है। मानसून आते ही पिंक आई होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे तो आमतौर पर ये 4 से 6 दिन में ये खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन असल में बचाव ही इसका उचित इलाज है।

पिंक आई के लक्षणआंखों से पानी आना
आंखों में चुभन होना
आंखों में खुजली
पलकों में सूजन
पलकों का चिपकना
कान और जबड़े के आसपास मौजूद लिम्फ नोड्स में सूजन

पिंक आई को फैलने से रोकने में एक अच्छी हाइजीन का बहुत जरूरी है। मानसून में पिंक आई से ऐसे करें बचाव-
छूने से बचें

आंखों को बार-बार न छुएं। जरूरत पड़ने पर टिश्यू का इस्तेमाल करें। छूने से पिंक आई फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

सफाई रखें

टॉवल, पिलो कवर और बेडशीट को प्रतिदिन धुल कर साफ रखें। खास तौर से आंखों को छूने के बाद और खाना खाने से पहले हाथ जरूर धो लें।
टी-बैग कंप्रेस

कैमोमाइल, ब्लैक टी या ग्रीन टी बैग से आंखों को कंप्रेस करने से आंखों पर इसके एंटी वायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव पड़ते हैं, जिससे दर्द और रेडनेस से राहत मिलती है।

कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल न करें

इन्फेक्शन के दौरान कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के लिए अपने डॉक्टर की राय लें और संभव हो तो इन्फेक्शन खत्म होने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
तुलसी पानी से कंप्रेस

तुलसी की पत्तियां दस मिनट के लिए पानी में उबालें और इस पानी से आंखों पर वॉर्म कंप्रेस करें।

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