ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक को उम्रकैद की सजा, आतंकी संगठन को चलाने का था आरोप
ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक अंजेम चौधरी को आतंकी संगठन चलाने का दोषी ठहराया गया। उन्हें अलमुहाजिरौन (एएलएम) को निर्देशित करने के लिए दोषी ठहराया गया था। जज मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके तहत उन्हें 28 साल से पहले पैरोल तक नहीं मिल पाएगी। सबूत के अनुसार चौधरी अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन भाषणों के जरिए न्यूयॉर्क में एएलएम को चला रहा था।

पाकिस्तानी उपदेशक अंजेम चौधरी को आतंकवादी संगठन को निर्देशित करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बता दें कि 57 साल के अंजेम चौधरी को पिछले हफ्ते अल-मुहाजिरौन (एएलएम) को निर्देशित करने के लिए दोषी ठहराया गया था। एएलएम पर एक दशक पहले प्रतिबंध लगा दिया गया था।
न्यायाधीश मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक के लिए आजीवन कारावास की सजा का एलान किया,जिसकी न्यूनतम अवधि 28 साल होगी। इसके मुताबिक, उन्हें 28 साल से पहले पैरोल तक नहीं मिल पाएगी। जज ने चौधरी से लंदन के वूलविच क्राउन कोर्ट में कहा कि एएलएम जैसे संगठन ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से हिंसा को सामान्य बनाते हैं।
हिंसा फैलाते हैं अंजीम चौधरी
जज ने संगठन को लेकर आगे कहा, "उनका मकसद उन लोगों को कार्य करने के लिए साहस देना है, जो उनके सदस्य हैं। वे उन लोगों के बीच दरार पैदा करते हैं, जो आपस में एकता बनाकर रहते हैं और जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में एक साथ रह सकते थे और रहेंगे।" अभियोजक टॉम लिटिल के अनुसार, जब संगठन के लीडर को 2014 में लेबनान की जेल में डाल दिया गया, उसके बाद अंजेम चौधरी इस संगठन का केयरटेकर अमीर बन गया।
पुलिस ने सयुंक्त जांच के बाद इकट्ठा किया सबूत
ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की पुलिस ने एक संयुक्त जांच के बाद सबूत इकट्ठा किया। सबूत के मुताबिक, चौधरी न्यूयॉर्क में स्थित अनुयायियों के साथ ऑनलाइन भाषषों के माध्यम से न्यूयॉर्क में एएलएम चला रहे थे और निर्देशित कर रहे थे। अभियोजकों ने कहा कि समूह ने कई नामों के तहत काम किया है, इस समूह ने न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी समेत कई नामों के साथ काम किया।
न्यायाधीश मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक के लिए आजीवन कारावास की सजा का एलान किया,जिसकी न्यूनतम अवधि 28 साल होगी। इसके मुताबिक, उन्हें 28 साल से पहले पैरोल तक नहीं मिल पाएगी। जज ने चौधरी से लंदन के वूलविच क्राउन कोर्ट में कहा कि एएलएम जैसे संगठन ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से हिंसा को सामान्य बनाते हैं।
हिंसा फैलाते हैं अंजीम चौधरी
जज ने संगठन को लेकर आगे कहा, "उनका मकसद उन लोगों को कार्य करने के लिए साहस देना है, जो उनके सदस्य हैं। वे उन लोगों के बीच दरार पैदा करते हैं, जो आपस में एकता बनाकर रहते हैं और जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में एक साथ रह सकते थे और रहेंगे।" अभियोजक टॉम लिटिल के अनुसार, जब संगठन के लीडर को 2014 में लेबनान की जेल में डाल दिया गया, उसके बाद अंजेम चौधरी इस संगठन का केयरटेकर अमीर बन गया।
पुलिस ने सयुंक्त जांच के बाद इकट्ठा किया सबूत
ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की पुलिस ने एक संयुक्त जांच के बाद सबूत इकट्ठा किया। सबूत के मुताबिक, चौधरी न्यूयॉर्क में स्थित अनुयायियों के साथ ऑनलाइन भाषषों के माध्यम से न्यूयॉर्क में एएलएम चला रहे थे और निर्देशित कर रहे थे। अभियोजकों ने कहा कि समूह ने कई नामों के तहत काम किया है, इस समूह ने न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी समेत कई नामों के साथ काम किया।