डीजल में एथनॉल मिलाने का प्रस्ताव नहीं, यह अभी केवल प्रायोगिक स्तर पर- हरदीप पुरी
पुरी से पूछा गया था कि क्या सरकार डीजल में एथनॉल मिलाने को अनिवार्य करने की योजना बना रही है और यदि ऐसा है तो डीजल में कितने प्रतिशत एथनॉल मिलाने का प्रस्ताव है। पुरी ने उच्च सदन को बताया कि तेल विपणन कंपनियों ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और चुनिंदा ऑटो कंपनियों के साथ मिलकर डीजल में सात प्रतिशत तक एथनॉल मिलाने का परीक्षण किया है।

HIGHLIGHTSफिलहाल डीजल में एथनॉल मिलाने को अनिवार्य करने की कोई प्लान नहीं
डीजल में एथनॉल मिलाने का मुद्दा अभी प्रायोगिक स्तर पर- हरदीप पुरी
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को संसद में बताया कि फिलहाल डीजल में एथनॉल मिलाने को अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में कहा, डीजल में एथनॉल मिलाने का मुद्दा अभी प्रायोगिक स्तर पर है और मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि फिलहाल इसे अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है।'
दरअसल, पुरी से पूछा गया था कि क्या सरकार डीजल में एथनॉल मिलाने को अनिवार्य करने की योजना बना रही है, और यदि ऐसा है तो डीजल में कितने प्रतिशत एथनॉल मिलाने का प्रस्ताव है। पुरी ने उच्च सदन को बताया कि तेल विपणन कंपनियों ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और चुनिंदा ऑटो कंपनियों के साथ मिलकर डीजल में सात प्रतिशत तक एथनॉल मिलाने का परीक्षण किया है।
फर्जी आइटीसी दावों की संख्या 51 प्रतिशत बढ़ी
2023-24 में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) दावों की संख्या 51 प्रतिशत बढ़कर 36,374 करोड़ रुपये हो गई। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2022-23 के दौरान, 7,231 मामलों में 24,140 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी का पता चला था। इसमें 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 2,484 करोड़ रुपये का कर स्वेच्छा से जमा किया गया।
2023-24 के दौरान, केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों द्वारा 9,190 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 36,374 करोड़ रुपये का फर्जी आइटीसी शामिल था। इसमें 182 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 3,413 करोड़ रुपये स्वैच्छिक रूप से जमा किए गए।
185 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा सरकार का कर्ज
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि मौजूदा विनिमय दर और अन्य देनदारियों के चलते सरकार का कर्ज चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 185 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 56.8 प्रतिशत हो जाएगा। मार्च, 2024 के अंत में कुल कर्ज 171.78 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 58.2 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी 2023-24 में पहले ही 3.57 ट्रिलियन डालर तक पहुंच चुकी है।