चालू वित्त वर्ष में 7 से 7.5 फीसदी के करीब रह सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक भारत में स्थिर उपभोग मांग और लगातार सुधरती निवेश मांग के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक और संभवत 7.5 प्रतिशत रह सकती है।

सामान्य मानसून और राजनीतिक स्थिरता के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7-7.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है। आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा (एमईआर) के जुलाई, 2024 के अंक में कहा कि स्थिर उपभोग मांग और लगातार सुधरती निवेश मांग के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, ''सामान्य मानसून, अपेक्षाकृत सौम्य वैश्विक दृष्टिकोण और भारत और बाकी दुनिया में चुनावी अनिश्चितता में कमी के आधार पर, विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक और संभवत: 7.5 प्रतिशत के करीब रहने की संभावना है।'' गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 उम्मीदों पर खरा उतरा है। बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 प्रतिशत और पूंजीगत व्यय जीडीपी का 2.4 प्रतिशत रखा गया है।
IMF ने भी भारत के विकास अनुमान को किया संशोधित
एनसीएईआर-एनएसई बिजनेस कांफिडेंस (बीसीआई) वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में बढ़कर 149.8 हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 138.2 था। यह कारोबारी भावनाओं में सुधार का संकेत देता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भारत के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया जबकि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जुलाई 2024 तक अपने अनुमान को सात प्रतिशत पर बनाए रखा है।
राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर रखा गया

चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए अनुमानों की सीमा 6.6 से 7.2 प्रतिशत के बीच है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में राजकोषीय विवेक और पूंजीगत व्यय पर जोर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में नॉमिनल जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जबकि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर बजट में रखा गया है।
एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, ''सामान्य मानसून, अपेक्षाकृत सौम्य वैश्विक दृष्टिकोण और भारत और बाकी दुनिया में चुनावी अनिश्चितता में कमी के आधार पर, विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक और संभवत: 7.5 प्रतिशत के करीब रहने की संभावना है।'' गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 उम्मीदों पर खरा उतरा है। बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 प्रतिशत और पूंजीगत व्यय जीडीपी का 2.4 प्रतिशत रखा गया है।
IMF ने भी भारत के विकास अनुमान को किया संशोधित
एनसीएईआर-एनएसई बिजनेस कांफिडेंस (बीसीआई) वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में बढ़कर 149.8 हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 138.2 था। यह कारोबारी भावनाओं में सुधार का संकेत देता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भारत के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया जबकि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जुलाई 2024 तक अपने अनुमान को सात प्रतिशत पर बनाए रखा है।
राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर रखा गया

चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए अनुमानों की सीमा 6.6 से 7.2 प्रतिशत के बीच है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में राजकोषीय विवेक और पूंजीगत व्यय पर जोर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में नॉमिनल जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जबकि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर बजट में रखा गया है।