'अब यह प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट नहीं रहा', नीट मामले में NCERT पर बरसी कांग्रेस; कहा- ये BJP का राजनीतिक उपकरण बना
NEET UG Row कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress Leader Jairam Naresh) ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) की 2024 की परीक्षाओं में ग्रेस मार्क्स की गड़बड़ी के लिए एनसीईआरटी को दोषी ठहराए जाने पर संस्थाओं की आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि दोषारोपण का खेल केवल एनटीए द्वारा अपनी घोर विफलताओं से ध्यान हटाने के प्रयास के रूप में काम करता है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की आलोचना की और कहा कि यह 'अब पेशेवर संस्थान नहीं रहा' बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव की यह टिप्पणी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की 2024 की परीक्षाओं में 'ग्रेस मार्क्स' की गड़बड़ी के लिए एनसीईआरटी को दोषी ठहराए जाने के मद्देनजर की गई। जयराम रमेश ने कहा कि दोषारोपण का खेल केवल एनटीए द्वारा अपनी 'घोर विफलताओं' से ध्यान हटाने के प्रयास के रूप में काम करता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने की NCERT की आलोचना
कांग्रेस नेता ने एक पोस्ट में कहा, "हालांकि, यह सच है कि एनसीईआरटी अब एक पेशेवर संस्थान नहीं रह गया है। यह 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रहा है। अभी हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि इसकी संशोधित कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना करती है और साथ ही इस संबंध में राजनीतिक दलों की नीतियों की भी आलोचना करती है।"
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव की यह टिप्पणी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की 2024 की परीक्षाओं में 'ग्रेस मार्क्स' की गड़बड़ी के लिए एनसीईआरटी को दोषी ठहराए जाने के मद्देनजर की गई। जयराम रमेश ने कहा कि दोषारोपण का खेल केवल एनटीए द्वारा अपनी 'घोर विफलताओं' से ध्यान हटाने के प्रयास के रूप में काम करता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने की NCERT की आलोचना
कांग्रेस नेता ने एक पोस्ट में कहा, "हालांकि, यह सच है कि एनसीईआरटी अब एक पेशेवर संस्थान नहीं रह गया है। यह 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रहा है। अभी हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि इसकी संशोधित कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना करती है और साथ ही इस संबंध में राजनीतिक दलों की नीतियों की भी आलोचना करती है।"