हाईकोर्ट के तीखे सवाल : सरकार से पूछा-हादसे रोकने के लिए क्या कर रहे हैं शपथ पत्र दें, रोड शेफ्टी सेल बनाएं

 हाईकोर्ट के तीखे सवाल : सरकार से पूछा-हादसे रोकने के लिए क्या कर रहे हैं शपथ पत्र दें, रोड शेफ्टी सेल बनाएं



कवर्धा में हुए सड़क हादसे में 19 मौतों को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका माना है।



बिलासपुर हाईकोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए सड़क हादसे में 19 मौतों को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका माना है। डिवीजन बेंच ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य शासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सड़क सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश पर अब तक की गई कार्रवाई पर भी रिपोर्ट मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होनी है।

उल्लेखनीय है कि, 20 मई की दोपहर को कवर्धा जिले में भीषण सड़क हादसा हो गया। एक तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप के खाई में गिरने से 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 4 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं 10 लोग घायल हैं जिनका इलाज जारी है। शुक्रवार को इस केस की शुरुआती सुनवाई के दौरान चीफ जस्टीस की डिवीजन बेंच ने कहा कि पिकअप ओवरलोड था और यह हादसा हो गया। यह घटना गंभीर है। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए राज्य शासन, एनएचआई, परिवहन विभाग और कलेक्टर सहित पक्षकार क्या कर सकते हैं शपथ पत्र दें।

गाइडलाइन पर कितना अमल- कोर्ट

मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि, देश में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। इन हादसों को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है। इस पर राज्य शासन ने कितना अमल किया है इसकी भी रिपोर्ट पेश करें।

हादसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश

देशभर में हो रहे हादसों को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने रोड सेफ्टी सेल का गठन करने का आदेश दिया है। इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर सभी जिलों में कमेटी बनाएं। सड़क हादसों को रोकने के लिए और बचाव के लिए सख्त कदम उठाए जाने के लिए देश के हर जिले में एक जैसी सुरक्षा समिति का होना जरूरी है। जो न सिर्फ हादसों की समीक्षा करेगी बल्कि उन्हें रोकने के लिए भी कदम उठाएगी। इसके अलावा ये समिति इन हादसों से केंद्र-राज्य सरकार को अवगत भी कराएगी। वहीं हादसों से जुड़ी रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करेगी। निगरानी के साथ ही हादसों के रोकथाम के लिए भी योजना बनाएगी।

कलेक्टर देंगे हर 15 दिन की रिपोर्ट

सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही लोक निर्माण विभाग और राजमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। शहरी सीमाओं के लिए नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी और एनजीओ के सदस्य भी इस समिति में शामिल होंगे। आदेश के अनुसार, कलेक्टर हर 15 दिन में समिति की ऑनलाइन मीटिंग लेंगे। साथ ही हर महीने प्रत्यक्ष मीटिंग भी लेंगे। इस मीटिंग में महीने भर में जिले में हुए सड़क हादसों की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। मीटिंग और सड़क हादसों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ऑनलाइन सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इस तरह से हादसों को रोकने के लिए काम किया जाएगा।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »