पाकिस्तानी पुलिस ने अहमदी समुदाय के मस्जिद की मीनार को किया ध्वस्त, TLP की ओर से दी गई थी चेतावनी
Pakistan News पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की चेतावनी के बाद पुलिस ने अहमदी समुदाय के मस्जिद की एक मीनार को ध्वस्त कर दिया है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2014 में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल के गठन का आदेश दिया था।अहमदी समुदाय के मस्जिद के मीनार को पुलिस ने किया ध्वस्त
HIGHLIGHTSपुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की एक मस्जिद की मीनारों को किया ध्वस्त
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने शुक्रवार को पुलिस को दी चेतावनी
पुलिस की एक टीम ने अहमदी के पूजा स्थल पर छापा मारकर किया ध्वस्त
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी द्वारा हमले की धमकी के बाद पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की एक मस्जिद की मीनारों को ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है।
टीएलपी की ओर से मिली चेतावनी
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने शुक्रवार को पुलिस को चेतावनी दी कि या तो वह लाहौर से लगभग 225 किलोमीटर दूर पंजाब के जेहलम जिले के काला गुजरान में अहमदियों के पूजा स्थल की मीनारों को ध्वस्त कर दे या वह उनपर हमला कर देगी। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
खुद ध्वस्त करने की चेतावनी
अधिकारी ने कहा, "पुलिस ने इलाके के अहमदी नेताओं को बुलाया और उनसे अपने पूजा स्थल की मीनारों को ध्वस्त करने के लिए कहा। साथ ही कहा कि अगर पुलिस ने ऐसा नहीं किया तो वे खुद ही उस जगह को ध्वस्त कर देंगे।"
उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात पुलिस की एक टीम ने अहमदी के पूजा स्थल पर छापा मारा और उसे ध्वस्त कर दिया।
अहमदी पूजा स्थलों को नष्ट करने का अभियान
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान पंजाब के अधिकारी अमीर महमूद ने बताया कि टीएलपी नेता असीम अशफाक रिजवी द्वारा जेहलम में अहमदी पूजा स्थलों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था।
मुहर्रम तक नष्ट करने को कहा
महमूद ने कहा कि रिजवी ने विभिन्न सार्वजनिक बैठकों में धमकी दी थी कि अगर पुलिस ने 10वीं मुहर्रम (जुलाई के अंत) तक जेहलम में अहमदी स्थानों को नष्ट नहीं किया, तो वे उन पर हमला करेंगे।
रिजवी ने धमकी दी थी कि कट्टरपंथी इस्लामवादी अहमदी पूजा स्थलों की ओर मार्च करेंगे और उन्हें नष्ट कर देंगे।
अहमदी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन
महमूद ने कहा, "अहमदियों की रक्षा करने के बजाय, पुलिस ने नफरत फैलाने वालों और चरमपंथी तत्वों को खुश करने के लिए अहमदियों के पूजा स्थल की मीनारों को गिरा दिया। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है और अहमदी समुदाय के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।"
मेहमूद ने कहा कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2014 में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल के गठन का आदेश दिया था।
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