काशी विश्वनाथ से लेकर बाबा बैद्यनाथ तक, मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब
Sawan Somwar 2023: आज सोमवती अमावस्या और सावन का दूसरा सोमवार है। इस मौके पर शिव मंदिरों और देवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लोग भगवान शंकर को जल और बेल पत्र चढ़ाने को लेकर ललायित दिखे। मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं।
Haridwar: गंगा नदी में श्रद्धालुओं ने किया स्नान
उत्तराखंड के हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पावन स्नान किया। इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम देखने को मिले।
Ujjain: महाकालेश्वर मंदिर में की जा रही पूजा-अर्चना
सावन महीने के दूसरे सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है। भगवान महाकाल की आरती को देखने को लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
Varanasi: काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में लोगों ने पूजा-अर्चना की। बड़ी संख्या में लोग भगवान विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचे हैं।
Deoghar: बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों ने की पूजा-अर्चना
सावन के दूसरे सोमवार पर झारखंड के देवघर में भी बड़ी संख्या में कांवड़िए और शिव भक्त पहुंचे। उन्होंने बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में जुटे भक्त
सावन माह के दूसरे सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान पूरा माहौल शिवमय हो गया।
Kanpur: आनंदेश्वर शिव मंदिर में भक्तों ने की पूजा
उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित आनंदेश्वर शिव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार पर बड़ी संख्या में भक्त जुटे। उन्होंने मंदिर में पूजा- अर्चना की और मनोकामना मांगी।
Gorakhpur: मुक्तेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
सावन के दूसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित मुक्तेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में लीन दिखे।
भगवान शिव को समर्पित है सावन
बता दें, सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। यह महीना उन्हीं को समर्पित है। लोग सावन में भगवान शिव की आराधना करते हैं। उन्हें जल और बेल पत्र चढ़ाते हैं। सावन हिंदू पंचांग के अनुसार पांचवां महीना है। यह चैत्र, बैशाख, जेठ और आषाढ़ के बाद आता है। इस महीने कांवड़िए गंगा का जल लेकर भगवान भोलेनाथ को चढ़ाने पैदल सफर करते हैं।
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