क्या कांग्रेस राजधानी भोपाल में बड़ा पाएगी अपनी सीटो की संख्या...



 भोपाल / मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विधानसभा की 7 सीटे है और इन सीटों में 4 पर भाजपा का कब्ज़ा है और 3 सीट पर कांग्रेस विराजमान है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम भाजपा से छीन ली थी। भोपाल मध्य से कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद ने भाजपा के विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह (मम्मा) को हराया था वहीं दूसरी तरफ भोपाल दक्षिण-पश्चिम से कांग्रेस के पीसी शर्मा ने मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री उमाशंकर गुप्ता को हराकर इस महत्ववपूर्ण सीट पर कब्ज़ा किया था।

इसी तरह राजधानी भोपाल की  नरेला, गोविंदपुरा, हुज़ूर और बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कब्ज़ा बरकरार है। भाजपा संगठन का पूरा फोकस भोपाल मध्य, भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट के साथ भोपाल-उत्तर विधानसभा सीट पर है जिसमे भोपाल-उत्तर विधानसभा सीट अपने कब्जे में करने के लिए भाजपा को पसीने आ गए है भाजपा ने भोपाल-उत्तर सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी फिर भी भाजपा के हाथ सिर्फ मायूसी लगी। आरिफ अकील पूरी भाजपा के सामने चट्टान की तरह खड़े रहे भाजपा आरिफ अकील रूपी चट्टान को हिला तक नही सकी।

इसी तरह कांग्रेस भी भोपाल में अपनी सीटों की संख्या को बढ़ाने की जद्दोजहद में लगी हुई है कांग्रेस भोपाल की नरेला, गोविंदपुरा, हुज़ूर और बैरसिया विधानसभा सीट जीतने के लिए विशेष रणनीति बना रही है। 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस सिर्फ भोपाल-उत्तर विधानसभा सीट पर ही अपना कब्जा बरकरार रख पाई थी 2018 के चुनाव में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी सुधरी और कांग्रेस ने भोपाल- मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट पर भाजपा को हराकर कब्ज़ा जमाया था। अब 2023 के विधानसभा चुनाव में बाकी बची 4 सीटों को जीतकर कांग्रेस क्लीन-स्वीप करने की मेहनत में लगी हुई है लेकिन कांग्रेस के लिए ये इतना आसान नही है क्योंकि गोविंदपुरा, नरेला, हुजरु और बैरसिया विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है और कांग्रेस के लिए भाजपा के इस मजबूत किले में सेंध लगाना आसान नही होगा।

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