बेंगलुरु / 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मेगा-शो दिखा दिया। और देश की जनता को ये बता दिया की अगर भाजपा को कोई पटखनी दे सकता है तो वो है देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी। कर्नाटक में कांग्रेस की बम्पर जीत हुई। 224 सीटों वाले कर्नाटक में 10 मई को मतदान हुआ था और आज 13 मई को मतो की गिनती हुई और इस चुनाव में कांग्रेस ने अकेले 135 से 140 सीटों पर जीत दर्ज करके राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 2018 में हुए चुनाव के नतीजे कांग्रेस के आशानुरूप नही थे और 80 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी। और 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 137 सीटों पर जीत दर्ज की है और उसे 57 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं 2018 के चुनाव में 104 सीटे जीतने वाली सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार 64 सीटो पर जीत दर्ज की है और उसे 40 सीटों का नुकसान हुआ है। इसी तरह जनता-दल सेक्युलर का इस चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन रहा है पिछले विधानसभा चुनाव में 37 सीटे जीतने वाली जदयू इस बार 20 सीटों पर सिमटकर रह गई। उसे 17 सीटो का नुकसान उठाना पड़ा।
कर्नाटक में इस बार हिजाब, टीपू-सुल्तान, कम्युनल-वायलेंस, करप्शन-कर्नाटक, 4% मुस्लिम-आरक्षण खत्म, और बजरंग-दल बैन जैसे मुद्दे छाए रहे और इन्ही मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया था लेकिन जनता ने इन मुद्दों को सिरे से नकार दिया। भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेगा रोड-शो किए थे और ताबड़तोड़ रैली और सभाए करके दोबारा सत्ता में बने रहने की कोशिश की लेकिन जनता ने किसी की एक ना सुनी और तख्ता पलटकर कांग्रेस को सत्ता की चाबी सौंप दी। दोपहर 1 बजे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी और जनता के फैसले को कुबूल कर लिया था। वही कांग्रेस की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जीत की बधाई दी है। दूसरी और राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओ और कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा की कर्नाटक की जनता का दिल से आभार जिन्होंने मोहब्बत की दुकान चुनी ये कर्नाटक की गरीब जनता की जीत है।
भाजपा के चुनावी मुद्दे इस बार बिल्कुल हवा हो गए भारत के गृहमंत्री ने बहुसंख्यक समुदाय को खुश करने के लिए भरे मंच से कहा था की अगर कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनी तो 4% मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे। ये बात कर्नाटक की जनता को पसंद नही आई और राज्य से जनता ने भाजपा को ही खत्म कर दिया। इसी तरह टीपू-सुल्तान का मुद्दा, हिजाब और हलाला का मुद्दा ये सबके सब बेअसर रहे। दूसरी तरफ कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद के दावेदार डीके शिवकुमार ने कहा यहाँ हिजाब और हलाला नही चलेगा हम प्योर कन्नड़ है और यहां बाहरी नही चाहिए। कल कांग्रेस की विधायक-दल की बैठक होगी डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।

