'मालेगांव केस में पीएम मोदी और मोहन भागवत का नाम लेने के लिए डाला जा रहा था दबाव', प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा दावा

 'मालेगांव केस में पीएम मोदी और मोहन भागवत का नाम लेने के लिए डाला जा रहा था दबाव', प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा दावा


पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने मालेगांव विस्फोट मामले में दावा किया कि जांच अधिकारियों ने उन पर नरेंद्र मोदी योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत का नाम लेने का दबाव डाला था। यह बयान NIA कोर्ट द्वारा प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों को बरी किए जाने के बाद आया है।

प्रज्ञा ठाकुर का दावा मालेगांव विस्फोट मामले में मोदी, योगी का नाम लेने का दबाव (फाइल फोटो)


HIGHLIGHTSNIA कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और छह अन्य को मालेगांव केस में बरी कर दिया।
मामले में 16 साल बाद आया बड़ा फैसला, सबूतों के अभाव में बरी हुए आरोपी।


 पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में एक बड़ा बयान दिया है।
प्रज्ञा ठाकुर का दावा

उन्होंने दावा किया है कि जांच के दौरान अधिकारियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का नाम लेने का दबाव डाला था।

आरोपी किए गए बरी

यह बयान तब आया है जब NIA की विशेष अदालत ने उन्हें और छह अन्य आरोपियों को इस केस में बरी कर दिया है। NIA कोर्ट ने गुरुवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और पांच अन्य को सभी आरोपों से बरी कर दिया।


बता दें, मालेगांव में हुए बम विस्फोट केस में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी बताया है कि गवाह अपने पहले के बयानों से पलट गए थे।

गवाहों ने क्या दावा किया?

प्रज्ञा ठाकुर के अलावा कुछ गवाहों ने भी कोर्ट में दावा किया है कि उन पर दबाव डालकर बयान लिए गए थे। एक गवाह ने कहा कि उससे जबरन सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस नेताओं के नाम बोलने को बोला गया था।

पूर्व ATS अधिकारी का बड़ा आरोप

पूर्व ATS अधिकारी मेहबूब मुजावर ने तो यहां तक कह दिया था कि उन्हें RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह पूरी कोशिश 'भगवा आतंकवाद' का झूठा चित्रण बनाने के लिए की गई थी।

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