दैनिक जागरण की पहल कितने सुरक्षित हैं स्कूल? के बाद शिक्षा विभाग ने जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के निर्देश दिए हैं। शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने जिला कलेक्टरों को मरम्मत कराने और जर्जर भवनों में कक्षाएं न चलाने का आदेश दिया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के लगभग 8106 सरकारी स्कूल जर्जर हैं जिनमें से 3789 की हालत बेहद खराब है।

राजस्थान झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सरकारी स्कूलों की बदहाल हालत पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर बारिश के महीने में सरकारी स्कूलों के भवनों में सीलन, छत से पानी टपकने और जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है। हालांकि दैनिक जागरण की पहल 'कितने सुरक्षित हैं स्कूल?' के बाद छत्तीसगढ़ प्रशासन की नींद खुली है।
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने आखिरकार राज्य के जर्जर स्कूल भवनों की सुध ली है। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को सरकारी स्कूलों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है।
सिद्धार्थ सिंह ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है-
जिन स्कूल भवनों को मरम्मत की जरूरत है, उनकी तत्काल मरम्मत करवाई जाए। साथ ही जिन भवनों की स्थित बहुत ज्यादा जर्जर है, वहां कक्षा न चलाई जाए। इसकी बजाए किसी सुरक्षित स्थान से कक्षा संचालित की जाए।
किन स्कूलों की होगी मरम्मत?
दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया में प्रकाशित विशेष रिपोर्ट में स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति और बच्चों पर मंडराते हुए खतरे को उजागर किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे प्रदेश के सैकड़ों स्कूल ऐसे खतरनाक भवनों में संचालित हो रहे हैं जहां-
दिवारें जर्जर हैं।
छत से पानी टपक रहा है।
फर्श फिसलन भरा हो।
8 हजार ज्यादा स्कूल जर्जर
वर्तमान में छत्तीसगढ़ के लगभग 8,106 सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं। इनमें से 3789 बेहद भवन खराब स्थिति में हैं। सिद्धार्थ सिंह ने सभी स्कूलों की पहचान जल्द से जल्द उनकी मरम्मत करवाने के निर्देश दिए हैं। मरम्मत के लिए डीएमएफ, सीएसआर और एसीए फंड राशि आबंटित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने आखिरकार राज्य के जर्जर स्कूल भवनों की सुध ली है। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को सरकारी स्कूलों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है।
सिद्धार्थ सिंह ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है-
जिन स्कूल भवनों को मरम्मत की जरूरत है, उनकी तत्काल मरम्मत करवाई जाए। साथ ही जिन भवनों की स्थित बहुत ज्यादा जर्जर है, वहां कक्षा न चलाई जाए। इसकी बजाए किसी सुरक्षित स्थान से कक्षा संचालित की जाए।
किन स्कूलों की होगी मरम्मत?
दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया में प्रकाशित विशेष रिपोर्ट में स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति और बच्चों पर मंडराते हुए खतरे को उजागर किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे प्रदेश के सैकड़ों स्कूल ऐसे खतरनाक भवनों में संचालित हो रहे हैं जहां-
दिवारें जर्जर हैं।
छत से पानी टपक रहा है।
फर्श फिसलन भरा हो।
8 हजार ज्यादा स्कूल जर्जर
वर्तमान में छत्तीसगढ़ के लगभग 8,106 सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं। इनमें से 3789 बेहद भवन खराब स्थिति में हैं। सिद्धार्थ सिंह ने सभी स्कूलों की पहचान जल्द से जल्द उनकी मरम्मत करवाने के निर्देश दिए हैं। मरम्मत के लिए डीएमएफ, सीएसआर और एसीए फंड राशि आबंटित की जाएगी।