Ravi Shastri ने तेंदुलकर, कोहली और एमएस धोनी की कमाई का खुलासा किया, दंग रह गए इंग्‍लैंड के दिग्‍गज खिलाड़ी

 Ravi Shastri ने तेंदुलकर, कोहली और एमएस धोनी की कमाई का खुलासा किया, दंग रह गए इंग्‍लैंड के दिग्‍गज खिलाड़ी


रवि शास्‍त्री ने पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर्स के साथ बातचीत में भारतीय क्रिकेटर्स की कमाई के बारे में खुलासा किया जिसने सबको चौंका दिया। शास्‍त्री ने सचिन तेंदुलकर विराट कोहली और एमएस धोनी की कमाई की जानकारी दी। शास्‍त्री ने बताया कि क्रिकेट के अलावा ब्रांड एंडोर्समेंट के जर‍िये भारतीय क्रिकेटर्स काफी मोटी कमाई करते हैं। जानें शास्‍त्री ने क्‍या कहा।

रवि शास्‍त्री ने तेंदुलकर, कोहली और धोनी की कमाई का खुलासा किया

 क्रिकेट भले ही वैश्विक खेल नहीं हो, लेकिन इसने कुछ खिलाड़‍ियों को दुनियाभर में मशहूर जरूर किया है। सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे लोकप्रिय खिलाड़ी भारत की देन हैं।


इस तीनों खिलाड़‍ियों ने खूब लोकप्रियता हासिल की। यही वजह है कि इनकी कमाई केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं। ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिये भी ये मोटी कमाई करते हैं। भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्‍त्री ने पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर्स के साथ बातचीत में कुछ खिलाड़‍ियों की कमाई का खुलासा किया।


इंग्‍लैंड के पूर्व कप्‍तान माइकल वॉन ने शास्‍त्री से सीधा सवाल किया- कुछ भारतीय खिलाड़ी कितना कमा लेते हैं? शास्‍त्री के जवाब ने सभी को दंग कर दिया। पूर्व भारतीय हेड कोच ने कहा, 'वो काफी ज्‍यादा कमाई करते हैं। एंडोर्समेंट के जरिये निश्चित ही काफी कमाई करते हैं और इसका आंकड़ा 100 करोड़ के पार चला जाता है।'

हैरान रह गए इंग्लिश क्रिकेटर्स

यह पूछने पर कि 100 करोड़ मतलब कितना? इस पर शास्‍त्री ने जवाब दिया, 'कह सकते हैं कि 10 मिलियन पाउंड।' एक खिलाड़ी ने जवाबी प्रतिक्रिया में कहा- वाह!'

शास्‍त्री अपनी बात जारी रखते हुए कहते हैं, 'हां 10 मिलियन पाउंड्स। मैं सौ रुपये को एक पाउंड गिनकर चल रहा हूं। तो आप पीछे काम करें और इसके कारण आगे बढ़ते चले।'
कार्यक्रम एकदम टाइट

शास्‍त्री ने यह भी खुलासा किया कि एमएस धोनी, विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर अपने प्राइम पर ज्‍यादा विज्ञापन कर सकते थे, लेकिन व्‍यस्‍त कार्यक्रम के कारण तारीख निकालने में संघर्ष करते थे।

रवि शास्‍त्री ने कहा, 'एमएस धोनी, विराट या सचिन जब अपने प्राइम पर थे, तो 15-20 विज्ञापन करते थे। प्रति दिन के हिसाब से रुपये मिलते थे। तब उनके पास समय की कमी थी। जितनी क्रिकेट खेली जा रही है, उसमें ज्‍यादा विज्ञापन की शूटिंग मुश्किल पड़ती थी। तो जो भी समय मिलता, उसका वो शूटिंग के साथ आनंद उठाते थे।'

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