हममें नहीं न्याय में भगवान देखें...' सुप्रीम कोर्ट के जज ने वकील से क्यों कहा ऐसा?
सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान जस्टिस सुंदरेश ने एक वकील को नसीहत दी। वकील ने कहा कि उसे जजों में भगवान दिखते हैं जिसके जवाब में जस्टिस ने कहा कि जजों में नहीं न्याय में भगवान को देखना बेहतर है। उन्होंने कहा कि जज केवल विनम्र सेवक हैं और न्याय में आस्था रखना जरूरी है। कोर्ट यूपी के एक मंदिर से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी।

सुप्रीम कोर्ट अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहता है। वहीं, बीते दिन एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने वकील को गजब की नसीहत दे डाली। एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज ने वकील से कहा कि न्यायाधीश की बजाए न्याय में भगवान दिखें, तो ज्यादा बेहतर होगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा था कि जज में उन्हें भगवान दिखते हैं, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने वकील पर टिप्पणी की।
वकील ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन उत्तर प्रदेश में एक मंदिर से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले की पैरवी करने वाले वकील ने अदालत से आग्रह किया कि उनका मुवक्किल ही उनपर जजों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगा रहा है।
वकील ने कोर्ट में कहा-
यह मेरे लिए बेहद अवमाननापूर्ण बात है। मेरा मुवक्किल मेरी बात नहीं मान रहा है। मैं खुद को इस केस से अलग करना चाहता हूं। हम तो जजों में हमेशा भगवान को देखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी
वकील की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस सुंदरेश ने कहा, "जजों में भगवान देखने की बजाए न्याय में भगवान को देखें। हम सिर्फ एक विनम्र सेवक हैं। जजों में नहीं न्याय में आस्था रखना जरूरी है। आप भावुक न हों। ऐसी बातें परेशान नहीं करती हैं।" इसके बाद जस्टिस सुंदरेश ने वकील को केस से अलग होने की अनुमति दे दी।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा था कि जज में उन्हें भगवान दिखते हैं, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने वकील पर टिप्पणी की।
वकील ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन उत्तर प्रदेश में एक मंदिर से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले की पैरवी करने वाले वकील ने अदालत से आग्रह किया कि उनका मुवक्किल ही उनपर जजों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगा रहा है।
वकील ने कोर्ट में कहा-
यह मेरे लिए बेहद अवमाननापूर्ण बात है। मेरा मुवक्किल मेरी बात नहीं मान रहा है। मैं खुद को इस केस से अलग करना चाहता हूं। हम तो जजों में हमेशा भगवान को देखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी
वकील की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस सुंदरेश ने कहा, "जजों में भगवान देखने की बजाए न्याय में भगवान को देखें। हम सिर्फ एक विनम्र सेवक हैं। जजों में नहीं न्याय में आस्था रखना जरूरी है। आप भावुक न हों। ऐसी बातें परेशान नहीं करती हैं।" इसके बाद जस्टिस सुंदरेश ने वकील को केस से अलग होने की अनुमति दे दी।