ब्रेक में लगातार 'ब्रेक' हो रहे विकेट, भारत को कहीं हो न जाए नुकसान
इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम की एक परेशानी उसकी सबसे बड़ी समस्या साबित हो रही है औऱ ये है ब्रेक के आस-पास विकेट खो देना। हेडिंग्ले एजबेस्टन और लॉर्ड्स के बाद ये समस्या मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन भी देखने को मिली।

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम की समस्या ब्रेक के आसपास विकेट गंवाना रहा है और वही दिक्कत मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में स्टेडियम में बुधवार से शुरू हुए चौथे टेस्ट के पहले दिन भी दिखाई दी। दूर से हरी और नमी वाली दिख रही इस पिच पर इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया लेकिन भारतीय ओपनरों केएल राहुल (46) और यशस्वी जायसवाल (58) ने पहले सत्र में कोई विकेट नहीं गिरने दिया।
जब हम लोग टॉस के बाद दूसरी मंजिल पर बने प्रेस बॉक्स में जा रहे थे तो उसी लिफ्ट में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग भी थे। वह पिच को पास से देखकर आए थे और उन्होंने कहा कि पिच काफी सूखी है। उन्होंने भारतीय टीम में दो स्पिनर खिलाने का समर्थन किया लेकिन उनका मानना था कि वॉशिंगटन की जगह कुलदीप यादव अंतिम एकादश में होने चाहिए।
पहले दिन के दो सत्र खत्म होने के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान की बात सही होती भी नजर आई क्योंकि तब तक भारत ने तीन विकेट पर 149 रन बना लिए थे। कप्तान शुभमन गिल 12 रन बनाकर आउट हुए। करुण नायर की जगह तीसरे नंबर पर खेलने उतरे साई सुदर्शन 26 रन पर और उपकप्तान ऋषभ पंत तीन रन बनाकर नाबाद थे।
ब्रेक के आसपास विकेट खोने का पैटर्न
इस सीरीज में अब तक भारतीय खेल के ब्रेक से ठीक पहले या ठीक बाद में विकेट गंवा रही। लीड्स, बर्मिंघम और लॉर्ड्स के बाद यह पैटर्न मैनचेस्टर में भी देखा गया। राहुल और जायसवाल 94 रन की साझेदारी करके आराम से खेल रहे थे लेकिन लंच ब्रेक के बाद दूसरे सत्र के चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर राहुल आउट हो गए। वोक्स ने उन्हें स्लिप पर क्राउली के हाथों कैच आउट कराया।
इस ओवर में शुरू से वोक्स ने राहुल को ऑफ स्टंप के बाहर गेंद फेंककर ललचाया और आखिरी गेंद में भारतीय ओपनर उस लालच में फंस ही गए। इसके बाद यशस्वी और साई आराम से पारी को आगे बढ़ा रहे थे। दूसरे सत्र की ड्रिंक 38 ओवर के बाद हुई। इसके एक ओवर बाद 40वें ओवर की पहली ही गेंद पर दूसरे ओपनर जायसवाल ने अपना विकेट गंवा दिया। आठ साल बाद इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच खेल रहे लियाम डॉसन ने अपने दूसरे ओवर में ही यशस्वी को स्लिप में कैच आउट करा दिया।
कप्तान गिल को उनके समकक्ष बेन स्टोक्स ने पगबाधा किया। स्टोक्स की अपील के बाद अंपायर ने देर से गिल को आउट दिया। भारतीय कप्तान ने रिव्यू लिया लेकिन डीआरएस में पता चल रहा था कि गेंद विकेट पर लग रही थी। इस मैच में भारत ने तीन परिवर्तन किए। गिल ने इस मैच में करुण की जगह साई, चोटिल नीतीश की जगह शार्दुल और आकाशदीप की जगह अंशुल कंबोज को शामिल किया। हरियाणा के अंशुल ने इस मैच के जरिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
तीन टेस्ट मैचों भी दिखा ये पैटर्न
ब्रेक के आसपास विकेट गंवाने का पैटर्न लीड्स के हेडिंग्ले स्टेडियम से शुरू हुआ। पहले टेस्ट के पहले दिन के पहले सत्र में लंच से ठीक पहले केएल राहुल और पदार्पण कर रहे साई सुदर्शन पांच गेंदों के अंतर में आउट हो गए। यशस्वी टी ब्रेक के बाद दूसरे ओवर में आउट हुए। दूसरे दिन भारतीय टीम 447/4 से लड़खड़ाकर 471 रन पर ऑलआउट हो गई।
यानी लंच से पहले और बाद में कुल छह विकेट गिरे। तीसरे दिन की शाम खेल खत्म होने से तीन ओवर पहले साई सुदर्शन आउट हुए और अगली सुबह के पहले पूर्ण ओवर में गिल को ब्रायडन कार्स ने बोल्ड कर दिया। हालांकि इनमें से कई विकेट इंग्लैंड की गेंदबाजी योजनाओं की सफलता का नतीजा था। लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में पंत का रन आउट चर्चा का विषय बना।
लंच से पहले राहुल 97 रन पर थे और वह शतक पूरा करना चाहते थे। इसी जल्दबाजी में लंच से ठीक पहले के ओवर में पंत रन आउट हो गए। उसी दिन टी ब्रेक के 3.3 ओवर बाद नितीश कुमार रेड्डी आउट हुए और अंतिम ड्रिंक्स ब्रेक के 3.2 ओवर बाद रवींद्र जडेजा को विकेट के पीछे जेमी स्मिथ ने लपक लिया। जडेजा का विकेट गिरने के बाद भारत की पारी लड़खड़ा गई और अंतिम चार विकेट केवल 11 रन पर गिर गए।
मैच के चौथे दिन की दोपहर में अंतिम घंटे में भारत ने दूसरी पारी में 31 गेंदों में तीन विकेट गंवाए और स्कोर 41/1 से गिरकर 58/4 हो गया। इसी तरह अगली सुबह पहले घंटे में ही 23 गेंदों में तीन और विकेट गिर गए। फिर लंच से ठीक चार गेंद पहले रेड्डी आउट हो गए, जब वह जडेजा के साथ एक साझेदारी बनाते दिख रहे थे।
जब हम लोग टॉस के बाद दूसरी मंजिल पर बने प्रेस बॉक्स में जा रहे थे तो उसी लिफ्ट में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग भी थे। वह पिच को पास से देखकर आए थे और उन्होंने कहा कि पिच काफी सूखी है। उन्होंने भारतीय टीम में दो स्पिनर खिलाने का समर्थन किया लेकिन उनका मानना था कि वॉशिंगटन की जगह कुलदीप यादव अंतिम एकादश में होने चाहिए।
पहले दिन के दो सत्र खत्म होने के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान की बात सही होती भी नजर आई क्योंकि तब तक भारत ने तीन विकेट पर 149 रन बना लिए थे। कप्तान शुभमन गिल 12 रन बनाकर आउट हुए। करुण नायर की जगह तीसरे नंबर पर खेलने उतरे साई सुदर्शन 26 रन पर और उपकप्तान ऋषभ पंत तीन रन बनाकर नाबाद थे।
ब्रेक के आसपास विकेट खोने का पैटर्न
इस सीरीज में अब तक भारतीय खेल के ब्रेक से ठीक पहले या ठीक बाद में विकेट गंवा रही। लीड्स, बर्मिंघम और लॉर्ड्स के बाद यह पैटर्न मैनचेस्टर में भी देखा गया। राहुल और जायसवाल 94 रन की साझेदारी करके आराम से खेल रहे थे लेकिन लंच ब्रेक के बाद दूसरे सत्र के चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर राहुल आउट हो गए। वोक्स ने उन्हें स्लिप पर क्राउली के हाथों कैच आउट कराया।
इस ओवर में शुरू से वोक्स ने राहुल को ऑफ स्टंप के बाहर गेंद फेंककर ललचाया और आखिरी गेंद में भारतीय ओपनर उस लालच में फंस ही गए। इसके बाद यशस्वी और साई आराम से पारी को आगे बढ़ा रहे थे। दूसरे सत्र की ड्रिंक 38 ओवर के बाद हुई। इसके एक ओवर बाद 40वें ओवर की पहली ही गेंद पर दूसरे ओपनर जायसवाल ने अपना विकेट गंवा दिया। आठ साल बाद इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच खेल रहे लियाम डॉसन ने अपने दूसरे ओवर में ही यशस्वी को स्लिप में कैच आउट करा दिया।
कप्तान गिल को उनके समकक्ष बेन स्टोक्स ने पगबाधा किया। स्टोक्स की अपील के बाद अंपायर ने देर से गिल को आउट दिया। भारतीय कप्तान ने रिव्यू लिया लेकिन डीआरएस में पता चल रहा था कि गेंद विकेट पर लग रही थी। इस मैच में भारत ने तीन परिवर्तन किए। गिल ने इस मैच में करुण की जगह साई, चोटिल नीतीश की जगह शार्दुल और आकाशदीप की जगह अंशुल कंबोज को शामिल किया। हरियाणा के अंशुल ने इस मैच के जरिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
तीन टेस्ट मैचों भी दिखा ये पैटर्न
ब्रेक के आसपास विकेट गंवाने का पैटर्न लीड्स के हेडिंग्ले स्टेडियम से शुरू हुआ। पहले टेस्ट के पहले दिन के पहले सत्र में लंच से ठीक पहले केएल राहुल और पदार्पण कर रहे साई सुदर्शन पांच गेंदों के अंतर में आउट हो गए। यशस्वी टी ब्रेक के बाद दूसरे ओवर में आउट हुए। दूसरे दिन भारतीय टीम 447/4 से लड़खड़ाकर 471 रन पर ऑलआउट हो गई।
यानी लंच से पहले और बाद में कुल छह विकेट गिरे। तीसरे दिन की शाम खेल खत्म होने से तीन ओवर पहले साई सुदर्शन आउट हुए और अगली सुबह के पहले पूर्ण ओवर में गिल को ब्रायडन कार्स ने बोल्ड कर दिया। हालांकि इनमें से कई विकेट इंग्लैंड की गेंदबाजी योजनाओं की सफलता का नतीजा था। लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में पंत का रन आउट चर्चा का विषय बना।
लंच से पहले राहुल 97 रन पर थे और वह शतक पूरा करना चाहते थे। इसी जल्दबाजी में लंच से ठीक पहले के ओवर में पंत रन आउट हो गए। उसी दिन टी ब्रेक के 3.3 ओवर बाद नितीश कुमार रेड्डी आउट हुए और अंतिम ड्रिंक्स ब्रेक के 3.2 ओवर बाद रवींद्र जडेजा को विकेट के पीछे जेमी स्मिथ ने लपक लिया। जडेजा का विकेट गिरने के बाद भारत की पारी लड़खड़ा गई और अंतिम चार विकेट केवल 11 रन पर गिर गए।
मैच के चौथे दिन की दोपहर में अंतिम घंटे में भारत ने दूसरी पारी में 31 गेंदों में तीन विकेट गंवाए और स्कोर 41/1 से गिरकर 58/4 हो गया। इसी तरह अगली सुबह पहले घंटे में ही 23 गेंदों में तीन और विकेट गिर गए। फिर लंच से ठीक चार गेंद पहले रेड्डी आउट हो गए, जब वह जडेजा के साथ एक साझेदारी बनाते दिख रहे थे।